कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पाकिस्तानी मीडिया के पोस्टर ब्वॉय बने हुए है। उनका बयान पाकिस्तानी मीडिया में सुर्खियों में छाया हुआ है। वहीं बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने राहुल गांधी सहित विपक्षी दलों के उन 11 नेताओं पर तीखा हमला बोला है, जो बीते शनिवार (24 अगस्त) को कश्मीर के दौरे पर गए थे, लेकिन उन्हें श्रीनगर हवाई अड्डे से ही वापस भेज दिया गया था। मायावती ने इशारों में विपक्षी नेताओं के जम्मू-कश्मीर जाने के फैसले को गलत ठहराया। उन्होंने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के मोदी सरकार के फैसले का समर्थन किया है ।
क्यों किया 370 हटाने का समर्थन ?
मायावती ने ट्वीट करके बताया कि बीएसपी ने आखिर क्यों संसद में अनुच्छेद 370 हटाए जाने का समर्थन किया। ट्वीट में उन्होंने कहा कि बाबा साहेब डॉ. भीमराव आम्बेडकर हमेशा ही देश की समानता, एकता और अखंडता के पक्षधर रहे हैं, इसलिए वह जम्मू-कश्मीर राज्य में अलग से धारा 370 का प्रावधान करने के कतई भी पक्ष में नहीं थे। इसी खास वजह से बीएसपी ने संसद में इस आर्टिकल को हटाए जाने का समर्थन किया।’
1. जैसाकि विदित है कि बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर हमेशा ही देश की समानता, एकता व अखण्डता के पक्षधर रहे हैं इसलिए वे जम्मू-कश्मीर राज्य में अलग से धारा 370 का प्रावधान करने के कतई भी पक्ष में नहीं थे। इसी खास वजह से बीएसपी ने संसद में इस धारा को हटाये जाने का समर्थन किया।
— Mayawati (@Mayawati) August 26, 2019
‘कश्मीर में हालात सामान्य होने में लगेगा थोड़ा वक्त’
मायावती ने आर्टिकल 370 हटाए जाने को लेकर हो रही राजनीति पर कहा कि देश में संविधान लागू होने के लगभग 69 वर्षों के बाद इस आर्टिकल 370 की समाप्ति के बाद अब वहां पर हालात सामान्य होने में थोड़ा समय अवश्य ही लगेगा। इसका थोड़ा इंतजार किया जाए तो बेहतर है, जिसको माननीय कोर्ट ने भी माना है।
2. लेकिन देश में संविधान लागू होने के लगभग 69 वर्षों के उपरान्त इस धारा 370 की समाप्ति के बाद अब वहाँ पर हालात सामान्य होने में थोड़ा समय अवश्य ही लगेगा। इसका थोड़ा इंतजार किया जाए तो बेहतर है, जिसको माननीय कोर्ट ने भी माना है।
— Mayawati (@Mayawati) August 26, 2019
माया की नसीहत, पहले विचार तो कर लेते
विपक्ष पर हमला बोलते हुए मायावती ने लिखा, ‘ऐसे में अभी हाल ही में बिना अनुमति के कांग्रेस और अन्य पार्टियों के नेताओं का कश्मीर जाना क्या केंद्र और वहां के गवर्नर (सत्यपाल मलिक) को राजनीति करने का मौका देने जैसा इनका यह कदम नहीं है? वहां पर जाने से पहले इस पर भी थोड़ा विचार कर लिया जाता, तो यह उचित होता।’
3. ऐसे में अभी हाल ही में बिना अनुमति के कांग्रेस व अन्य पार्टियों के नेताओं का कश्मीर जाना क्या केन्द्र व वहां के गवर्नर को राजनीति करने का मौका देने जैसा इनका यह कदम नहीं है? वहाँ पर जाने से पहले इस पर भी थोड़ा विचार कर लिया जाता, तो यह उचित होता।
— Mayawati (@Mayawati) August 26, 2019