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देश को डरा रहा है एक छोटा सा राज्य केरल, देखिए पक्षकारों के केरल मॉडल की सच्चाई

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देश में कोरोना टीकाकरण अभियान तेज रफ्तार से जारी है। देश भर में अब तक 117.63 करोड़ से अधिक कोरोना टीके लगाए जा चुके हैं। पिछले 24 घंटों के दौरान टीके की 71,92,154 खुराकें लगाने के साथ अब तक कुल 1,17,63,73,499 टीके लगाए गए हैं। पिछले 24 घंटों में 12,202 मरीजों के स्वस्थ होने से ठीक होने वाले मरीजों की कुल संख्या 3,39,46,749 हो गई है। इससे रिकवरी दर वर्तमान में 98.32 प्रतिशत पर है। 

पिछले 24 घंटों में कुल 7,579 दैनिक नए मामले दर्ज किए गए हैं। देश में इस समय कोरोना के सक्रिय मामले 1,13,584 है। सक्रिय मामले इस समय देश के कुल पॉजीटिव मामलों का 0.33 प्रतिशत है, जो मार्च 2020 से अपने न्यूनतम स्तर पर है। पिछले 24 घंटों के दौरान कुल 9,64,980 कोरोना जांच की गई हैं। देश में अब तक 63.34 करोड़ से अधिक जांचें की गईं हैं। 

केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अब तक टीके की 131.45 करोड़ से अधिक खुराकें उपलब्ध कराई हैं। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पास अब भी टीके की 21.92 करोड़ से अधिक खुराकें उपलब्‍ध है, जिन्हें लगाया जाना शेष है।

अब केरल की बात करें तो यहां कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। कोरोना काल में यह छोटा सा राज्य देश को डरा रहा है। देश में जहां कोरोना के मामले कम हो रहे हैं, वहीं केरल कोरोना हब बन गया है। पौने चार करोड़ से भी कम की आबादी वाला केरल 51 लाख मामलों के साथ कोरोना के मामले में देश में दूसरे स्थान पर है। केरल में पिछले 24 घंटे में 3,698 नए मामले सामने आने के साथ ही राज्य में कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 51,04,702 हो गई, जबकि 180 और मरीजों की मौत के बाद मृतकों की संख्या 37,675 पर पहुंच गई है। कोरोना से मौत के मामले में यह छोटा सा राज्य देश में तीसरे स्थान पर है।

केरल ने कोरोना मौत के मामले को दबाने की भी कोशिश की। अदालत की सख्ती के बाद केरल ने बैकलॉग जोड़ने शुरू किए। इससे कोरोना से मौत के मामले अचानक काफी बढ़ गए। इस साल अप्रैल में देशभर में कोरोना से हुई मौत में केरल की हिस्सेदारी जहां सिर्फ 1.4 प्रतिशत थी, वो सितंबर में बढ़कर 45.2 प्रतिशत और अक्तूबर में 64.7 प्रतिशत हो गई। टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार आपको यह जानकर हैरानी होगी कि 21 अक्तूबर से लेकर 11 नवंबर के बीच 21 दिनों में सरकारी डेटा में दिखाई गई 7,838 मौतों में सिर्फ 1,257 ताजा मामले हैं। इनमें से 6,581 मौतें पहले के हैं। लेफ्ट सरकार इसी तरह आंकड़े को कम दिखाकर केरल मॉडल पर पक्षकारों से वाहवाही प्राप्त कर अपने पक्ष में माहौल बनाती थी।
कोरोना मामले में आगे होने के बाद भी यहां की वामपंथी सरकार ने मुस्लिम तुष्टिकरण के लिए बकरीद पर प्रतिबंधों में छूट दे दी थी। इससे राज्य में एक बार फिर कोरोना विस्फोट हो गया। तथाकथित सेकुलर, लिबरल पक्षकारों के बल पर केरल मॉडल को लेकर वाहवाही लूटने वाली वामपंथी सरकार कोरोना प्रबंधन में पूरी तरह से फेल साबित हुई है।

इन आंकड़ों से साफ है कि प्रोपगेंडा और लेफ्ट मीडिया के बल पर दुनिया भर में केरल मॉडल का बखान करने वाली केरल सरकार की पोल खुल गई है। बकरीद पर प्रतिबंधों में छूट को लेकर 20 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने केरल सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि ये डरावना है कि ऐसे हालात होने को बावजूद पाबंदियों में इस तरह छूट दी गई। कोरोना के इस हालात में रियायत देना सॉरी स्टेट ऑफ अफेयर है। 

इस सबके बावजूद केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन कोरोना को लेकर कितने गंभीर हैं, इसका नजारा पिछले दिनों प्रधानमंत्री मोदी के साथ छह राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक में देखने को मिला।

सीएम पी विजयन बैठक के दौरान चाय पीते और कुछ खाते दिखाई दिए। ऐसा लग रहा था कि वे सिर्फ बैठक में शामिल होने की औपचारिकता निभा रहे थे। उनकी हरकत से साफ लग रहा था कि बैठक में उनकी कोई दिलचस्पी नहीं थी। देखिए वीडियो-

इतना सब होने के बाद भी लेफ्ट के करीबी पक्षकार केरल के सीएम का पक्ष ले रहे हैं और केरल मॉडल की प्रशंसा करने में जुटे हुए हैं। इसे क्या कहिएगा

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