दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया सीबीआई के चंगुल में फंस चुके हैं। शराब घोटाले और आबकारी नीति में अनियमितता के मामले में सीबीआई रिमांड में लेकर उनसे पूछताछ कर रही है। इसके बाद कोर्ट फैसला करेगा कि मनीष सिसोदिया दोषी है या निर्दोष। लेकिन आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता और नेता सड़क पर प्रदर्शन कर जांच एजेंसियों और कोर्ट पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं सिसोदिया की गिरफ्तारी से आम आदमी पार्टी के गोद में बैठे पत्रकारों पर भी दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। केजरीवाल सरकार के विज्ञापन और पैसे पर पलने वाले ये पत्रकार कठिन समय में पूरी निष्ठा के साथ अपनी वफादारी साबित करने के लिए सीबीआई जैसी जांच एजेंसी पर सवाल खड़े कर रहे हैं। यहां तक कि पत्रकार का मुखौटा लगाकर सोशल मीडिया और अन्य प्लेटफॉर्म पर विलाप करते नजर आ रहे हैं।
सेक्युलर और लिबरल पत्रकारों में शुमार सागरिका घोष को भी मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी से बड़ा झटका लगा है। उनके भीतर का दर्द भी छलक कर बाहर आ रहा है। अब वो समानता की दुहाई देकर ट्विटर पर विलाप कर रही है। वो अपने ट्वीट में सवाल कर रही है,”जैसा मनीष सिसोदिया को हिरासत में भेज दिया जाता है, सवाल उठता है: क्या आज के भारत में कानून के समक्ष समानता है ? नागरिकों के लिए एक संदर्भ होना चाहिए। कानून को बिना किसी डर या पक्षपात के अपना काम करना चाहिए।”
खुद को समाजवादी और लिबरल पत्रकारिता के झंडाबरदार बताने वाले पुण्य प्रसून वाजपेयी को मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी से गहरा सदमा लगा है। उन्होंने इस गिरफ्तारी को विपक्ष के खिलाफ मोदी सरकार का अभियान तक बता डाला। उन्होंने ट्विटर पर विलाप करते हुए लिखा, “सिसोदिया तो एक शुरुआत है..सवाल एक एक सीट का..सवाल एक एक नेता का..सवाल हर फाइल का..सवाल बचेगा कौन..समूचे विपक्ष पर शिंकजा कसने की तैयारी ?” गौरतलब है कि पुण्य प्रसून वाजपेयी और अरविंद केजरीवाल का प्रेम जगजाहिर है। 2014 में केजरीवाल के साथ पुण्य प्रसून वाजपेयी के साथ मीडिया से ‘सेटिंग-गेटिंग’ वाला वीडियो खूब वायरल हुआ था। इसमें केजरीवाल पुण्य प्रसून वाजपेयी से इंटरव्यू के खास हिस्सों को दिखाने की सेटिंग करते दिखे।
सिसोदिया तो एक शुरुआत है..
सवाल एक एक सीट का..
सवाल एक एक नेता का..
सवाल हर फाइल का..
सवाल बचेगा कौन..समूचे विपक्ष पर शिंकजा कसने की तैयारी ? https://t.co/Cejei8unk0 via @YouTube
— punya prasun bajpai (@ppbajpai) February 27, 2023
इस रुदाली गैंग में शामिल होने से भला तथाकथित पत्रकार विनोद कापड़ी कैसे पीछे रहते। उन्होंने अपनी वफादारी साबित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने सिसोदिया का खुलकर बचाव करते हुए अपनी वेदना प्रकट की। आखिरकार उन्हें भी तो ‘आप’ के नमक का हक अदा करना था। उन्होंने बखूबी इसका पालन किया और ट्वीट में लिखा, “हाँ तकलीफ़ है .. तुम्हें भी होनी चाहिए क्योंकि मनीष देश इकलौते ऐसे राजनीतिज्ञ हैं, जिन्होंने स्कूल और शिक्षा पर सबसे ज़्यादा फ़ोकस किया। काश तुम्हें भी अच्छा स्कूल-शिक्षा मिलती तो Zombie बने नहीं घूम रहे होते। और हाँ, ये तस्वीर मेरे घर की है। साथ में मैं हूं। दोबारा बुलाऊंगा।”
हाँ तकलीफ़ है .. तुम्हें भी होनी चाहिए क्योंकि मनीष देश इकलौते ऐसे राजनीतिज्ञ हैं ,जिन्होंने स्कूल और शिक्षा पर सबसे ज़्यादा फ़ोकस किया
काश तुम्हें भी अच्छा स्कूल-शिक्षा मिलती तो Zombie बने नहीं घूम रहे होते
और हाँ ,ये तस्वीर मेरे घर की है।साथ में मैं हूँ।दोबारा बुलाऊँगा। https://t.co/omYyc11Jjm
— Vinod Kapri (@vinodkapri) February 26, 2023
जब पति विलाप कर रहा हो तो पत्नी भला कैसे इससे अलग हो सकती है। पति के साथ कदम से कदम मिलाकर चलना ही पत्नी का कर्तव्य होता है। तथाकथित पत्रकार साक्षी जोशी भी मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद रुदालियों के गैंग में पति विनोद कापड़ी के साथ कदम से कदम मिलाती नजर आईं। उन्होंने तो सीबीआई जैसी जांच एजेंसी पर सवाल खड़ा कर दिया। उन्होंने अपने ट्वीट में सीबीआई को तोता बताते हुए लिखा, ” मनीष सिसोदिया 5 दिन के सीबीआई रिमांड में, सीबीआई को “तोता’ यूं ही नहीं कहा जाता।”
#ManishSisodia 5 दिन की सीबीआई रिमांड में #CBI को ‘तोता’ यूँही नहीं कहा जाता https://t.co/Yd2j3eVuGZ
— Sakshi Joshi (@sakshijoshii) February 27, 2023
किसी सरकार से 3BHK फ़्लैट लेकर उसके पक्ष में खबरें लिखने के लिए मशहूर लिबरल और वामपंथी पत्रकार रोहिणी सिंह भी सिसोदिया की गिरफ्तारी पर विलाप करती हुई नजर आईं। केजरीवाल सरकार से विज्ञापन और अन्य माध्यम से मिली मदद के लिए थोड़ा आंसू बहना था, उन्होंने ऐसा करने में कोई कमी नहीं रखी। आप के संयोजक और दिल्ली के सीएम केजरीवाल को खुश करने के लिए एक बाद एक कई ट्वीट किए। उन्होंने लिखा, ” सबसे बेहतर स्कूल बनाने वाला गिरफ़्तार और सबसे अधिक नफ़रत फैलाने वाला केंद्रीय मंत्री…? ये है आपका नया भारत?”
सबसे बेहतर स्कूल बनाने वाला गिरफ़्तार और सबसे अधिक नफ़रत फैलाने वाला केंद्रीय मंत्री…?
ये है आपका नया भारत?
— Rohini Singh (@rohini_sgh) February 26, 2023
रोहिणी सिंह ने एक आम आदमी पार्टी की कार्यकर्ता की तरह देश की जांच एजेंसी पर सवाल खड़ा किया। उन्होंने अपने एक ट्वीट में लिखा, “यह नया भारत है साहब, यहाँ आँख में आँख डाल कर सिर्फ बात करने वाले विपक्षी नेताओं को माफी नहीं है, फिर आम आदमी पार्टी ने तो एक के बाद एक 3 चुनाव हराए हैं। पहले जो ‘तोता’ था अब ‘बाज़’ बन चुका है। साहब के एक इशारे पर शिकार उड़ा ले जाता है।”
यह नया भारत है साहब, यहाँ आँख में आँख डाल कर सिर्फ बात करने वाले विपक्षी नेताओं को माफी नहीं है, फिर आम आदमी पार्टी ने तो एक के बाद एक 3 चुनाव हराए हैं।
पहले जो ‘तोता’ था अब ‘बाज़’ बन चुका है। साहब के एक इशारे पर शिकार उड़ा ले जाता है। #ManishSisodia
— Rohini Singh (@rohini_sgh) February 26, 2023
कहा जाता है कि दुश्मन का दुश्मन दोस्त होता है। ऐसा पत्रकारिता में भी देखा जाता है। मोदी विरोध के नाम पर पत्रकार भी एकजुट नजर आते हैं। सेक्युलर और लिबरल गैंग की पत्रकार स्वाति चतुर्वेदी भी मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी पर अपनी वेदना रोक नहीं पाई। उनका दर्द भी छलक आया, क्योंकि उन्हें विपक्ष के खत्म होने का डर सता रहा है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, “सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद दूसरे दलों को बीजेपी की ‘बी टीम” बताने वाले नेताओं को समझना चाहिए कि मोदी और बीजेपी स्वभाव से वर्चस्ववादी हैं। धर्मनिरपेक्ष स्टैंड नहीं लेने से आप नहीं बचेंगे, क्योंकि मोदी “विपक्ष मुक्त” भारत चाहते हैं।”
Politically Sisodia’s arrest should make the so called B team of BJP parties understand that Modi & the BJP are hegemonic in nature. Not taking a secular stand won’t spare you as Modi wants a “opposition mukt” Bharat
— Swati Chaturvedi (@bainjal) February 27, 2023
खुद को लिबरल-सेक्युलर पत्रकार बताने वाले इनमें से ज्यादातर पक्षकार यानि पत्रकार पहले कांग्रेस और लेफ्ट के करीबी रहे हैं। अब आम आदमी पार्टी को उभरता देख ये पक्षकार उनकी गोदी में जाकर बैठ गए हैं। दूसरों को गोदी मीडिया बताने वाले इन पक्षकारों की खुद की विश्वनीयता नहीं रही है। मीडिया के लोग तो इनकी सच्चाई जानते ही है, लेकिन अब सोशल मीडिया पर आम आदमी पार्टी के पक्ष में इनके विलाप और वायरल तस्वीरों ने इनकी असलियत आम लोगों के बीच खोल कर रख दी है। आप भी देखिए गोदी मीडिया को गाली देने वाले पक्षकारों की वायरल तस्वीरें-
These are the same “Neutral journalists” who takes high Moral ground and call other journalists as Godi Media. pic.twitter.com/2a8XMcVXW4
— Rishi Bagree (@rishibagree) April 5, 2022
ये वो निष्पक्ष पत्रकार हैं जो दूसरों को गोदी मीडिया कहते हैं 😁 pic.twitter.com/h4NQGkFKQe
— Naweed (@Spoof_Junkey) April 5, 2022
यही अंतर है मीडिया और गोदी-मीडिया में….@msisodia pic.twitter.com/nxItOtzMI9
— Social Tamasha (@SocialTamasha) April 5, 2022