राजस्थान में दलितों पर अत्याचार को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ विपक्ष जोर-शोर से हमलावर है। इसके साथ ही सीएम के खिलाफ दलितों पर अत्याचार को लेकर कांग्रेस और सरकार से भी विरोध के स्वर उठ रहे हैं। दलित छात्र के मर्डर को लेकर प्रदेश के कई जिलों में सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं। कांग्रेस विधायक पानाचंद मेघवाल भी सीएम तो चिट्ठी लिखकर इस्तीफा दे ही चुके हैं। गहलोत वर्सेज पायलट की राजनीति में हाल ही में सीएम ने सचिन पर परोक्ष रूप से कटाक्ष किया था। अब बारी पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट की थी और उन्होंने दलितों के मुद्दे पर अपनी ही सरकार को कठघरे में ले लिया। उन्होंने कहा कि यह सरकार के लिए आत्मचिंतन का विषय है कि इस तरह का भेदभाव क्यों हो रहा है? कांग्रेस सरकार में है, इसलिए हमारी जिम्मेदारी है। पायलट ने याद दिलाया कि इससे पहले भी मार्च में पाली में कथित तौर पर मूंछ रखने को लेकर एक दलित व्यक्ति की हत्या कर दी गई थी। और अब जालोर में दलित बच्चे की हत्या कई सवाल पैदा करती है।गहलोत सरकार के खिलाफ दलित छात्र की हत्या के विरोध में कई जिलों में हो रहे प्रदर्शन
जालोर जिले में सरस्वती विद्या मंदिर के टीचर द्वारा पानी का मटका छूने पर नौ साल के दलित छात्र इंद्र मेघवाल की पीट-पीटकर ‘हत्या’ किए जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। प्रदेश के कई जिलों में दलित छात्र के मर्डर और कांग्रेस राज में दलितों पर हो रहे अत्याचार को लेकर गहलोत सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं. इस दौरान राजस्थान के कई संगठनों ने पीड़ित परिवार को 50 लाख का मुआवजा और किसी एक परिजन को सरकारी नौकरी देने की मांग की है। प्रदर्शनकारियों का मानना है कि सरकार ने अब तक जो आर्थिक मदद की है, वह ऊंट के मुंह में जीरे के समान है। कई संगठनों के दबाव के बीच प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को घोषणा करनी पड़ी कि पीड़ित परिवार की 20 लाख रुपये से आर्थिक मदद की जाएगी। लेकिन सरकारी नौकरी देने से सवाल को वो भी गोल-गोल घुमा गए।
पहले पाली में मूंछ रखने पर और अब जालोर में मटके से पानी पीने पर दलित की हत्या-पायलट
जालोर जिले के सुराणा में छात्र इंद्र मेघवाल की मौत के मामले को लेकर राजस्थान की राजनीति भी उफान पर है। पक्ष-विपक्ष के नेता पीड़ित परिवार के सदस्यों से मिलने जा रहे हैं, लेकिन सरकार के नुमाइंदे ये नहीं बता पा रहे हैं कि राज्य में दलितों पर लगातार हो रहे अत्याचारों को रोकने के लिए सरकार की क्या रणनीति है? शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने इतना ही कहा कि स्कूल की मान्यता निरस्त करने की कार्रवाई की जा रही है। वहीं, पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने भी अपनी सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि ‘‘राज्य में आजादी के 75 साल बाद भी हमारी व्यवस्था में इस तरह का भेदभाव हो रहा है. यह आत्मचिंतन का विषय है.” उन्होंने मार्च में पाली में कथित तौर पर मूंछ रखने को लेकर एक दलित व्यक्ति की हत्या का भी जिक्र किया।
राज्य में कांग्रेस की सरकार है, दलितों पर अत्याचार तो हमारी जिम्मेदारी बनती है
पायलट ने जोर देकर कहा कि जालोर में दलित बच्चे की हत्या कई सवाल पैदा करती है। राज्य में कांग्रेस की सरकार है, इसलिए हमारी जिम्मेदारी भी बनती है। पायलट ने कहा कि बच्चे के शव को रात में दफना दिया गया और परिवार के सदस्यों का आरोप है कि पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज किया। आश्चर्य है कि जो पीड़ित परिवार पहले से ही इतना गमजदा हो, उस पर पुलिस ऐसे जुल्म कैसे कर सकती है? उन्होंने कहा, ‘वे अनुमंडलाधिकारी और पुलिस उपाधीक्षक का नाम ले रहे हैं और उनके खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए।’
दूसरे राज्यों में भी ऐसी घटनाएं होती हैं…कहकर सरकार बच नहीं सकती
पायलट ने कहा कि इशारों-इशारों में वार करते हुए कहा कि यह कहकर सरकार बच नहीं सकती है कि ऐसी घटनाएं दूसरे राज्यों में भी होती हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसी घटनाओं को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए। हमें कार्रवाई करने के लिए किसी अगली घटना की प्रतीक्षा नहीं करनी चाहिए। हमें ऐसी विचारधारा को हराने के लिए कदम उठाने होंगे। दलितों पर अत्याचार करने के बाद कोई नहीं बच सकता।’ पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा कि कानून का डर होना चाहिए और दलितों में विश्वास की भावना पैदा करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि बच्चे को जिंदा नहीं किया जा सकता लेकिन एक उदाहरण पेश किया जा सकता है।
सीएम गहलोत ने एक बार फिर इशारों-इशारों में सचिन पायलट को आड़े हाथों लिया
दलित राजनीति के उफान के बीच इससे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर सचिन पायलट को आड़े हाथ लिया। सीएम गहलोत ने बिना नाम लिए पायलट पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं को भड़काने का आरोप लगाया। मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि कांग्रेस के कुछ नेता कार्यकर्ताओं को भड़काने का काम कर रहे हैं। वे कार्यकर्ताओं के मान सम्मान की बात करते हैं, लेकिन वे जानते नहीं है कि कार्यकर्ताओं का मान सम्मान क्या होता है। हम कार्यकर्ताओं का मान सम्मान करते-करते ही नेता बने हैं। ग़ौरतलब है कि सचिन पायलट अपने बयानों में राजनीतिक नियुक्तियों में मंत्रिमंडल विस्तार में संगठन में जगह देने के मुद्दे पर समय-समय पर पार्टी के लिए ज़मीनी तौर पर काम करने वाले कार्यकर्ताओं की मान सम्मान की बात करते रहे हैं।
दलित छात्र की हत्या पर राजनीति उफान पर, कांग्रेस विधायक मेघवाल ने दिया इस्तीफा
इस बीच दलित छात्र की मौत पर राजनीति उफान पर है। सत्ताधारी पार्टी के बारां के अटरू से विधायक पानाचंद मेघवाल ने दलितों पर हो रहे लगातार अत्याचार से आहत होकर सीएम को अपना इस्तीफा ही भेज चुके हैं। अपनी सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए उन्होंने लिखा है कि आजादी के 75 साल बाद भी राजस्थान में दलित और वंचित वर्ग पर लगातार अत्याचार हो रहे हैं। दूसरी ओर बीजेपी प्रदेश महामंत्री व रामगंजमंडी से विधायक मदन दिलावर ने वीडियो बयान जारी कर प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा है।
राजस्थान की कांग्रेसी गहलोत सरकार में दलितों पर अत्याचार का मुद्दा गर्माया
जालोर जिले में स्कूल टीचर की निर्ममता से की पिटाई से हुई नौ साल के दलित मासूम छात्र की ‘हत्या’ का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। सत्ताधारी पार्टी के बारां के अटरू से विधायक पानाचंद मेघवाल ने दलितों पर हो रहे लगातार अत्याचार और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की इस पर चुप्पी से आहत होकर सीएम को अपना इस्तीफा ही भेज दिया है। अपनी सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए उन्होंने अपने पत्र में साफ लिखा है कि आजादी के 75 साल बाद भी राजस्थान में दलित और वंचित वर्ग पर लगातार अत्याचार हो रहे हैं। अपने ही विधायक के आरोपों के बाद कांग्रेस में खलबली है। दूसरी ओर बीजेपी प्रदेश महामंत्री व रामगंजमंडी से विधायक मदन दिलावर ने वीडियो बयान जारी कर प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा है।
इस मासूम की प्रतिभा अब कभी नजर नहीं आएगी, वीडियो पिटाई से कुछ दिन पहले का ही है जब इंद्र कुमार मेघवाल ने स्कूल में प्रस्तुति दी थी । pic.twitter.com/VugNuF49s2
— Neeraj Mehra Journalist (@NeerajM95532018) August 14, 2022
नौ साल के दलित छात्र की बेहद निर्ममता के पिटाई, बीजेपी ने कहा-यह मौत नहीं हत्या है
राजस्थान सरकार द्वारा लापरवाह रवैया अख्तियार करने के कारण सरकारी स्कूलों में आए दिन बच्चों के साथ मारपीट की घटनाएं सामने आती रही हैं। कई बार मासूम बच्चों की छोटी सी बात पर इतनी पिटाई की जाती है कि उनकी हड्डी तक टूट जाती है। इस बार तो जालौर में अत्याचार की सारी हदें ही पार कर दी गईं। जालोर जिले में स्कूल टीचर की निर्ममता से की पिटाई से नौ साल के दलित मासूम छात्र की मौत ही हो गई। बीजेपी विधायक मदन दिलावर ने कहा एक दलित बच्चे की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई और यह सरकार संवेदनहीन और अनुसूचित जाति के लोगों की दुश्मन बनी हुई है।आज राजस्थान में दलित समाज जितने अत्याचार झेल रहा है उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता
राजस्थान में दलितों पर अत्याचार का यह कोई पहला मामला नहीं है। दलित महिलाओं के साथ दुष्कर्म, दलितों से मारपीट और हत्या के कई मामले प्रदेश के थाने में दर्ज हैं। यहां तक कि कई बार तो दलित समाज के दूल्हों को घोड़ी तक पर नहीं बैठने दिया जाता है। दलितों के खिलाफ प्रदेश के इसी सिस्टम को कटघरे में खड़ा करते हुए दलित कांग्रेस विधायक पानाचंद मेघवाल ने यह लिखित इस्तीफा सीएम को भेजा है। पानाचंद ने कहना है कि ऐसी घटनाओं से मेरा मन काफी आहत है। मेरा समाज आज जिस प्रकार की यातनाएं झेल रहा है। उसका दर्द शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता।
गहलोत सरकार में कहीं घोड़ी पर चढ़ने तो कहीं मूंछ रखने पर दलितों पर घोर यातनाएं
अपने त्याग पत्र में विधायक पानाचंद मेघवाल ने लिखा कि प्रदेश में दलित और वंचितों को मटकी से पानी पीने के नाम पर तो कहीं घोड़ी पर चढ़ने और मूंछ रखने पर घोर यातनाएं देकर मौत के घाट उतारा जा रहा है। जांच के नाम पर फाइलों को इधर से उधर घुमाकर न्यायिक प्रक्रिया को अटकाया जा रहा है। पिछले कुछ सालों से दलितों पर अत्याचार की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि बाबा साहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर ने संविधान में दलितों और वंचितों के लिए जिस समानता के अधिकार का प्रावधान किया था, उसकी रक्षा करने वाला कोई नहीं है।
अत्याचार से आहत होकर अंतरआत्मा की आवाज सुनकर दे रहा हूं इस्तीफा-मेघवाल
जालोर में दलित छात्र के साथ मारपीट के बाद उसकी मौत की घटना से आहत हुए दलित विधायक पानाचंद मेघवाल ने कहा कि जब हम हमारे समाज के अधिकारों की रक्षा करने और उन्हें न्याय दिलवाने में नाकाम होने लगे तो हमें पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं है। एमएलए ने लिखा’ ‘मैं अपनी अंतरआत्मा की आवाज पर विधायक पद से इस्तीफा देता हूं।’ उन्होंने सीएम से कहा, ‘विधायक पद से मेरा इस्तीफा स्वीकार करें, ताकि मैं बिना पद के ही समाज के वंचित और शोषित वर्ग की सेवा कर सकूं।’
सीएम को चेताया कि दलितों पर अत्याचार के मामलों में जानबूझकर FR लगा दी जाती है
विधायक पानाचंद मेघवाल ने त्यागपत्र लिखकर अपनी ही पार्टी की सरकार पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। एमएलए ने अपने त्यागपत्र में यह लिखते हुए सीएम को चेताया कि दलितों पर अत्याचार के ज्यादातर मामलों में FR लगा दी जाती है। कई बार ऐसे मामलों को जब मैंने विधानसभा में उठाए, उसके बावजूद भी पुलिस प्रशासन हरकत में नहीं आया। बता दें कि मुख्यमंत्री को त्यागपत्र भेजने वाले बारां-अटरू विधानसभा के विधायक पानाचंद मेघवाल खनन मंत्री प्रमोद जैन भाया गुट से आते हैं।
गहलोत सरकार ने राहत देने के नाम पर पीड़ित परिवार के साथ घिनौना मजाक किया
जालौर के सुराणा गांव टीचर की पिटाई से दलित बच्चे की मौत का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। बीजेपी प्रदेश महामंत्री व रामगंजमंडी से विधायक मदन दिलावर ने वीडियो बयान जारी कर प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा है। दिलावर ने कहा सुराणा गांव में एक प्राइवेट स्कूल के अध्यापक ने एक छोटे बच्चे की पीट-पीटकर हत्या कर दी और यह सरकार संवेदनहीन है। यानी सरकार अनुसूचित जाति के लोगों की दुश्मन बनी हुई है। दिलावर ने कहा कि सरकार ने राहत देने के नाम पर पीड़ित परिवार के साथ घिनौना मजाक किया है। 8 लाख 25 हजार तो इंट्रो सिटी में किसी का मर्डर हो जाता है, तो मिलता ही है। 5 लाख चिरंजीव योजना में मिलता है। 13 लाख 25 हजार तो वैसे भी होते हैं। प्रदेश सरकार ने क्या दिया? झुनझुना पकड़ा दिया गरीब परिवार को जानकारी नहीं इसलिए बेवकूफ बना रहे हैं।कांग्रेस दलितों की दुश्मन, महिलाओं से रेप होते हैं तो ये बलात्कारियों के साथ हो जाते हैं- दिलावर
सरकार ने नियमों से हटकर कोई भी राहत नहीं दी। इसका सीधा-सीधा अर्थ है यदि कोई बड़े आदमी का बेटा मरता है, या किसी हस्ती के साथ ये घटना होती तो शायद 25-50 लाख तक दे देते लेकिन वह गरीब का बेटा, अनुसूचित जाति का बेटा है। उसकी हत्या हुई है इसलिए सरकार ने झुनझुना पकड़ा दिया। उन्होंने कहा कि इसीलिए अनुसूचित जाति के लोगों से कहना चाहता हूं ये ऊपर से लेकर नीचे तक कांग्रेस हमारी दुश्मन है। और हमारी हत्या करवाने के बावजूद भी हमारा मजाक बनाती है। हमको नासमझ समझती है। हम सब जानते हैं। अनुसूचित जाति की महिलाओं व बच्चों के साथ रेप होते हैं, तो ये उन बलात्कारियों के साथ खड़े हो जाते हैं।