बिहार में नीतीश कुमार लालू-राबड़ी और आरजेडी के जंगलराज के खिलाफ आवाज बुलंद कर मुख्यमंत्री बने थे। लेकिन अपने सियासी फायदे और कुर्सी के लिए बिहार में एक बार फिर जंगलराज स्थापित कर दिया है। नीतीश और तेजस्वी की सरकार बनते ही बिहार में जंगलराज 2.0 का आगाज हो गया। अब भ्रष्टाचारियों, अपराधियों और अपहरण उद्योग चलाने वालों की बहार आ गई है। जो कानून की नजर में फरार है, उसे नीतीश कुमार के नए मंत्रिमंडल में कानून मंत्री बनाया गया है, वहीं उम्र कैद की सजा काट रहे बहुबली जेल से निकलकर कोर्ट नहीं जा रहे, बल्कि सीधे अपने घर जा रहे हैं। समर्थकों के साथ बैठकें कर रहे हैं। कानून और व्यवस्था की खुलेआम धज्जियां उड़ायी जा रही हैं।
बिहार में कार्तिकेय सिंह ,RJD MLC पर अपहरण के मामले में कोर्ट से वारंट, @NitishKumar ने उसे बनाया कानून मंत्री
कोर्ट की नज़र में वो एक भगोड़ा है
अंधेर नगरी चौपट राजा
जंगल राज की वापसी pic.twitter.com/OOcbjfHMIC
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कानून मंत्री ने कोर्ट में सरेंडर की जगह ली शपथ
नीतीश कुमार आज भ्रष्टाचारियों, अपराधियों और अपहरण उद्योग चलाने वालों के कंधे पर सवार है। इसलिए भ्रष्टाचारी और अपराधी भी अपने कंधे का किराया वसूलना शुरू कर दिया है। वो अपने समर्थन की कीमत वसूल रहे हैं। इसी बीच नीतीश कुमार के कानून मंत्री पर हुए खुलासे से हड़कंप मच गया है। बिहार के नए कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह को अपहरण के एक केस में 16 अगस्त, 2022 को दानापुर कोर्ट में सरेंडर करना था, लेकिन कार्तिकेय सिंह शपथ लेने राज भवन पहुंच गए।
#BreakingNow: नीतीश कुमार सरकार में मंत्री कार्तिकेय सिंह फरार, अपहरण मामले में सरेंडर करने की बजाय लेते दिखे मंत्री पद की शपथ @iamdeepikayadav @Saket82Singh #Bihar #BJP #JDU #NitishKumar pic.twitter.com/qTz0oAuBln
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सरकार बनते ही कार्तिकेय सिंह को मिली राहत
हालांकि कार्तिकेय सिंह अपने ऊपर लग रहे आरोपों को खारिज कर रहे हैं। लेकिन दानापुर कोर्ट के आदेश की कॉपी सामने आई है, जिसमें मोकामा के थाना प्रभारी को आदेश दिया गया है कि कार्तिकेय सिंह के खिलाफ एक सितंबर तक किसी भी प्रकार की दंडात्मक कार्रवाई न की जाए। अदालत का ये आदेश 12 अगस्त का है।
अपहरण के मामले में कार्तिकेय सिंह के खिलाफ वारंट निकला, कोर्ट में सरेंडर करना था.
10 अगस्त को नीतीश-तेजस्वी की सरकार बनी.
12 अगस्त को कोर्ट ने कार्तिकेय सिंह को 1 सितम्बर तक के लिए राहत दे दी.
16 अगस्त को कार्तिकेय सिंह बिहार के कानून मंत्री बना दिए गए. pic.twitter.com/OmVhnUcIal
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राजू बिल्डर अपहरण मामले में वारंट, सरेंडर के बजाय शपथ
कार्तिकेय सिंह पटना जिले के बिहटा इलाके में हुए राजू बिल्डर अपहरण कांड में आरोपी हैं। 2014 में राजू सिंह के अपहरण के मामले में बिहटा थाना कांड संख्या 859/2014 दर्ज किया गया था। इस केस में चार्जशीट फाइल हो चुकी है। कार्तिकेय सिंह के खिलाफ इस केस में 14 जुलाई, 2022 को वारंट जारी हुआ था और उन्हें 16 अगस्त 2022 को सरेंडर करना था लेकिन कार्तिकेय सिंह सरेंडर के बजाय शपथ लेने चले गए।
बिहार : सुशील मोदी ने कहा, ‘जिस कार्तिकेय सिंह को कानून मंत्री बनाया गया है, वह अनंत सिंह के दाहिने हाथ हैं। कार्तिकेय किडनैपिंग के मामले में फरार हैं। 16 अगस्त को इनको सरेंडर करना है। इस दिन सरेंडर करने के बजाय कार्तिकेय मंत्री पद की शपथ लेने चले गए।#Bihar #BiharNews #Nitish pic.twitter.com/mC6tdEFGRu
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सब मुख्यमंत्री की जानकारी में हुआ – सुशील मोदी
कार्तिकेय सिंह को कानून मंत्री बनाने पर बिहार की सियासत गर्मा गई है। राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री और बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कार्तिकेय सिंह को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि बिहार के क़ानून मंत्री (कार्तिकेय सिंह) पर 2014 में अपहरण का मामला दर्ज़ है जिसको उन्होंने अपने हलफनामे में भी स्वीकार किया है। उसी मामले में इनको 16 अगस्त को आत्मसमर्पण करना था लेकिन वे शपथ लेने चले गए। यह सब मुख्यमंत्री की जानकारी में था।
बिहार के क़ानून मंत्री (कार्तिकेय सिंह) पर 2014 में अपहरण का मामला दर्ज़ है जिसको उन्होंने अपने हलफनामे में भी स्वीकार किया है उसी मामले में इनको 16 अगस्त को आत्मसमर्पण करना था लेकिन वे शपथ लेने चले गए। यह सब मुख्यमंत्री की जानकारी में था: BJP सांसद सुशील मोदी pic.twitter.com/4c12j3uwd6
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बाहुबली मंत्री और नेताओं को मिलेगी क्लीनचिट- सुशील मोदी
सुशील मोदी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि जिस व्यक्ति को कोर्ट में सरेंडर करना था, उन्हें राजभवन कैसे पहुंचा दिया गया। कार्तिकेय सिंह, बाहुबली अनंत सिंह के दाहिने हाथ हैं। सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार को ये सब रोकना चाहिए। कार्तिकेय के खिलाफ जो वारंट है, वह फर्जी कागज नहीं है। नीतीश कुमार लालू यादव की दया पर सीएम बने हैं। ये जो नए मंत्री बने हैं, इनमें कई लोग बाहुबली हैं। सुशील मोदी ने आरोप लगाया कि कुछ दिनों में ये लोग बाहुबली मंत्री और नेताओं को क्लीनचिट दे देंगे। उन्होंने नीतीश कुमार से इन मंत्रियों को बर्खास्त करने की मांग की।
बीजेपी ने बिहार के कानून मंत्री पर उठाए सवाल, बर्खास्त करने की मांग!@SushilModi pic.twitter.com/KhYwisLChl
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महागठबंधन मंत्रिमंडल में बाहुबलियों की भरमार
पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने आरोप लगाया कि महागठबंधन मंत्रिमंडल में बाहुबलियों की भरमार कर नीतीश कुमार ने बिहार में डरावने दिनों की वापसी सुनिश्चित कर दी है। उन्होंने आरोप लगाया कि सुरेन्द्र यादव, ललित यादव, रामानंद यादव और कार्तिकेय सिंह जैसे विधायक मंत्री बनाये गए जिनके खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं।
महागठबंधन सरकार के मंत्रिमंडल में बाहुबलियों की भरमार कर नीतीश कुमार ने बिहार में डरावने दिनों की वापसी सुनिश्चित कर दी। सुरेन्द्र यादव, ललित यादव, रमाकांत यादव और कार्तिकेय कुमार जैसे विधायक मंत्री बनाये गए, जिनके नाम से इलाके में लोग कांपते हैं। इन लोगों पर आर्म्स ऐक्ट,
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) August 16, 2022
नीतीश ने मामले से पल्ला झाड़ा, जानकारी होने से किया इनकार
सुशील मोदी ने दावा किया है कि कार्तिकेय सिंह के बारे में नीतीश कुमार को सब जानकारी थी, वहीं नीतीश कुमार ने इससे अनभिज्ञता जाहिर की है। जब मीडिया ने कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह पर अपहरण के मुकदमे मामले में सीएम नीतीश से सवाल किया तो उन्होंने इस पूरे मामले से पल्ला झाड़ लिया। उन्होंने कहा कि मुझे इसकी कोई जानकारी नहीं है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या इस सरकार में नीतीश की नहीं चल रही है ? आरजेडी के दबाव में नीतीश कुमार ने अपराधी छवि वाले नेताओं को भी मंत्री बना दिया है।
बिहारः कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह पर अपहरण के मुकदमे मामले में सीएम नीतीश ने पल्ला झाड़ा, नीतीश ने कहा-मुझे इसकी कोई जानकारी नहीं#Bharat24 #BiharPolitics #KartikeySingh pic.twitter.com/9QNxmHq2Ry
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आरजेडी के बाहुबली अनंत सिंह के बेहद करीबी हैं कार्तिकेय
गौरतलब है कि कार्तिकेय सिंह राष्ट्रीय जनता दल के एमएलसी हैं और आरजेडी के बाहुबली अनंत सिंह के बेहद करीबी माने जाते हैं। उन्हें नीतीश कैबिनेट में राष्ट्रीय जनता दल के कोटे से जगह मिली थी। मोकामा के रहनेवाले कार्तिकेय सिंह पेशे से शिक्षक भी रह चुके हैं। कार्तिकेय के खिलाफ पटना के कोतवाली समेत मोकामा और बिहटा में आपराधिक मामले दर्ज हैं।
नीतीश-तेजस्वी सरकार में बाहुबली आनंद मोहन की बहार
कार्तिकेय सिंह की तरह आरजेडी की सरकार आते ही सहरसा जेल में उम्र कैद की सजा काट रहे बाहुबली आनंद मोहन की बहार आ गई है। सोशल मीडिया पर आनंद मोहन की एक फोटो वायरल हो रही है। इसमें आनंद मोहन अपनी पत्नी लवली आनंद और बेटे चेतन आनंद के साथ दिखाई दे रहे हैं। तस्वीरें वायरल होने के साथ ही बिहार पुलिस और नई-नई महागठबंधन की सरकार पर सवाल खड़े हो रहे हैं। इस मामले में भी बीजेपी ने नीतीश सरकार पर करारा हमला बोलते हुए इसे जंगलराज की वापसी बताया है।
कोर्ट में पेशी की जगह घर पर परिवार और समर्थकों के साथ बैठक
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक आनंद मोहन कोर्ट में पेशी होनी थी। उन्हें पुलिस अभिरक्षा में पेशी के लिए पटना लाया गया था, लेकिन वो अपने लाव-लश्कर के साथ पटना वाले अपने आवास पर पहुंच गए। 12 अगस्त को वो अपने पाटलीपुत्र स्थित आवास पहुंचने के बाद अपने समर्थकों के साथ बैठक भी की। इस दौरान आनंद मोहन के साथ उनकी पत्नी लवली आनंद और राजद से विधायक बेटे चेतन आनंद भी मौजूद रहे। आनंद मोहन की बैठक करने की तस्वीर वायरल होने के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। मामले ने तूल पकड़ना शुरू किया। इसके बाद पुलिस और जेल प्रशासन पर सवाल उठने लगे।
डीएम कृष्णैया हत्याकांड में आनंद मोहन को उम्र कैद की सजा
इस मामले में सहरसा एसपी लिपि सिंह की जांच रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि आनंद मोहन वाकई जेल से बाहर घूमता रहा। आनंद मोहन न सिर्फ खगड़िया के सरकारी गेस्ट हाउस में रुका बल्कि समस्तीपुर के मुशरी घरारी में भी रुका। इतना ही नहीं खगड़िया के गेस्ट हाउस में रुकने के बाद अगली सुबह आनंद मोहन खगड़िया के आरजेडी ऑफिस भी गया। गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी. कृष्णैया हत्याकांड मामले में आनंद मोहन को फांसी की सजा सुनाई गई थी, लेकिन कोर्ट ने फांसी की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया था। तब से वे जेल में बंद हैं।
SP की जांच रिपोर्ट में बड़ा खुलासा.. खगड़िया सर्किट हाउस में रुके थे आनंद मोहन, RJD ऑफिस भी गए @RJDforIndia @BJP4Bihar @Jduonline @INCBihar https://t.co/D7YYTwkvka
— ETVBharat Bihar (@ETVBharatBR) August 17, 2022
बिहार में जंगलराज की पुनः दस्तक
बहुबली आनंद मोहन सिंह के मामले में खुलासे बाद सोशल मीडिया पर भी तीखी प्रतिक्रियाएं व्यक्त की जा रही हैं। लोगों ने कहा कि राजद के प्रिय पूर्व सांसद आनंद मोहन जैसे सजायाफ्ता अपराधी को पटना कोर्ट में पेशी के लिए लाते समय उनका सरकारी गेस्ट हाउस में रुकना व घर जाकर पत्नी से मिलना बिहार में जंगल राज की पुनः दस्तक है। आनंद मोहन कोर्ट में पेशी के लिए जेल से निकले थे, लेकिन अपने घर पहुंच गए।
राजद के प्रिय पूर्व सांसद आनंद मोहन जैसे सजायाफ्ता अपराधी को पटना कोर्ट में पेशी के लिए लाते समय उनका सरकारी गेस्ट हाउस में रुकना व घर जाकर पत्नी से मिलना बिहार में जंगल राज की पुनः दस्तक है @myogiadityanath @brajeshpathakup @narendramodi @AmitShah @BJP4India @sunilbansalbjp pic.twitter.com/ewU163e5uv
— Ajay Shankar Dubey (@ajayshankrdubey) August 17, 2022
बिहार में ‘जंगलराज’ की वापसी ? क़ानून मंत्री के बाद बाहुबली आनंद
– आनंद मोहन कोर्ट में पेशी के लिए जेल से निकले थे, लेकिन अपने घर पहुंच गए।
– इनकी पत्नी पूर्व RJD सांसद हैं। और बेटा RJD विधायक।
– गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी कृष्णैया के हत्या मामले में उम्र कैद की सजा मिली है। pic.twitter.com/vzT3NVUei9— Shubhankar Mishra (@shubhankrmishra) August 17, 2022