प्रयागराज महाकुंभ और बाबा भोलेनाथ की नगरी काशी में श्रद्धा का सैलाब उमड़ रहा है। महाकुंभ में जहां महाशिवरात्रि तक 62 करोड़ करोड़ के ज्यादा आस्थावान संगम में डुबकी लगाने का पुण्य प्राप्त कर लेंगे। वहीं इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र काशी में शिवभक्तों को लगातार 46 घंटे तक बाबा विश्वनाथ के दर्शन होंगे। काशी में भक्तों की भीड़ के सारे रिकॉर्ड टूट जाने के कारण 43 साल में पहली बार ऐसा होगा कि इस बार शिव बारात भी अगले दिन निकाली जाएगी। इस बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में महाकुंभ के आलोचकों पर जबरदस्त पलटवार किया। उन्होंने कहा के एक ओर महाकुंभ में एक के बाद एक कई विश्व रिकॉर्ड बन रहे हैं। लेकिन दूसरी ओर समाजवादी और वामपंथियों को कुछ भी अच्छा नजर नहीं आ रहा है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि किसी ने सच कहा है कि महाकुंभ में जिसने जो तलाशा, उसको वही मिला। गिद्धों को केवल लाश मिली, सूअरों को गंदगी मिली। संवेदनशील लोगों को रिश्तों की खूबसूरत तस्वीर मिली। आस्थावान को पुण्य मिला। सज्जनों को सज्जनता मिली और भक्तों को भगवान मिले। समाजवादी और वामपंथियों को सनातन की सुंदरता कैसे नजर आएगी?
महाकुंभ में बन रहे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के कीर्तिमान
प्रयागराज महाकुम्भ की 26 फरवरी को महाशिवरात्रि पर पूर्णाहुति हो जाएगी। कुम्भ में 62 करोड़ से अधिक लोग स्नान कर चुके हैं। इस बार मेला प्राधिकरण ने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में चार कीर्तिमानों के लिए दावा किया है। इनमें पहला रिकॉर्ड 14 फरवरी को एक साथ 329 लोगों ने नदी सफाई करके बनाया। पहली बार ऐसा रिकॉर्ड बना है। सोमवार को दूसरे वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए मेला क्षेत्र में एक साथ सबसे ज्यादा लोगों ने सफाई की। गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के कंसल्टेंट वर्ल्ड रिकॉर्ड अटेम्ट निश्चल वारोट के मुताबिक 21 हजार लोगों ने 10 किमी एरिया में एक साथ झाड़ू लगाई। गणना के लिए प्रतिभागियों को क्यूआर कोड दिए गए थे। इवेंट शुरू होने से पहले इन्हें स्कैन किया गया। कम से कम एक मिनट झाड़ लगानी थी, लेकिन यहां 5 मिनट झाडू लगाई गई।
आज सबसे बड़ी हैंड पेंटिंग, हाथ की छाप से समुद्र मंथन का दृश्य बनाएंगे
वर्ष 2019 अर्धकुम्भ में 10 हजार लोगों ने एक साथ झाडू लगाकर रिकॉर्ड बनाया था। इस बार उससे दोगुने से ज्यादा लोगों ने रिकॉर्ड बनाया है। प्रयागराज महाकुंभ में मंगलवार (25 फरवरी) सुबह 10 से शाम 6 बजे के बीच मेला क्षेत्र स्थित गंगा पंडाल में सबसे बड़ी हैंड प्रिंट प्रिंटिंग बनाई जाएगी। प्रतिभागी हाथ की छाप से समुद्र मंथन का दृश्य बनाएंगे। इसके अलावा मेले में आए करोड़ों श्रद्धालुओं के सम्मान में मेला प्राधिकरण 27 फरवरी को 550 बसों की परेड कराएगा। वारोट के मुताबिक दो रिकॉर्ड बन गए हैं। श्रद्धालुओं की सर्वाधिक संख्या समेत दो रिकॉर्ड आगे बनने हैं। इनके प्रमाण पत्र मेले के समापन पर 27 फरवरी को एक साथ दिए जाएंगे।
महाकुंभ को लेकर विपक्ष के अनर्गल दुष्प्रचार में तनिक भी सच्चाई नहीं
इस बीच लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बजट सत्र के दौरान महामहिम राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लिया। इस दौरान उन्होंने विपक्ष द्वारा महाकुंभ का दुष्प्रचार करने पर आड़े हाथों लिया। सीएम योगी ने कहा कि विपक्ष द्वारा महाकुंभ को लेकर कई तरह के अनर्गल प्रचार किए जा रहे हैं। इनमें लेशमात्र भी सच्चाई नहीं है। एकता के महाकुंभ में किसी जाति विशेष के श्रद्धालुओं को रोका नहीं गया है। हमने कहा था कि महाकुंभ में जो सद्भावना से जाएगा उसका स्वागत है। वह सम्मान से कुंभ में आ सकते हैं, लेकिन जो सद्भावना से नहीं दुर्भावना से जाएगा तो उसके दुर्गति भी होगी। महाकुंभ में अगर किसी ने अव्यवस्था पैदा करने का प्रयास किया, तो उसके खिलाफ सख्ती से निपटा जाएगा। सरकार ने विपक्ष की तरह आस्था के साथ खिलवाड़ नहीं किया है।
बिना भेदभाव के एकसाथ एक घाट पर स्नान करना सच्चा सनातन धर्म
सीएम योगी ने कहा कि महाकुंभ आयोजन सनातन धर्मावलंबियों का था। सभी सनातनियों को खुशी हो रही है, क्योंकि ऐसा आयोजन पहली बार हुआ और दुनिया में ऐसा आयोजन कहीं नहीं होता है। महाकुंभ में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने एक साथ एक मंच पर आ करके अपने अनुसार आयोजन को आगे बढ़ाने में लगातार योगदान दे रहे हैं। यह हमारे लिए गौरव का विषय होना चाहिए। गत वर्ष अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि में प्राण प्रतिष्ठा का भव्य आयोजन हुआ। उसको भी पूरी दुनिया ने देखा। पूरी दुनिया अयोध्या के प्रति ललायित थी। इस वर्ष महाकुंभ के आयोजन के साथ हमें जुड़ने का अवसर प्राप्त हुआ है। महाकुंभ में भेदभाव की बात कहने वालों ने भी देखा होगा कि पूरे महाकुंभ में बिना किसी भेदभाव के सभी एक साथ, एक घाट पर स्नान कर रहे हैं। इससे बड़ी एकात्मता और एकता का संदेश नहीं हो सकता है। यही सच्चा सनातन धर्म भी है।
वामपंथियों और समाजवादियों की वॉल पर सिर्फ देखने को मिला विषवमन-Yogi
समाजवादियों और वामपंथियों पर पलटवार करते हुए सीएम ने विधानसभा में कहा कि सोशल मीडिया हैंडल पर एक सज्जन ने महाकुंभ का विरोध करने वालों पर बहुत ही सटीक टिप्पणी की। उन्होंने लिखा कि पिछले डेढ़ महीने में आप वामपंथियों और समाजवादियों की वॉल खंगाल लीजिए, वहां महाकुंभ को लेकर विषवमन के अलावा कुछ नहीं दिखेगा। उनकी वॉल पर गंदगी, अव्यवस्था, पर्यटकों की परेशानी के अलावा दूसरा कुछ भी नहीं मिलेगा। लेकिन इन सभी से इतर धरातल पर इनकी बजबजाती विचारधारा का कोई असर नहीं है। हज के दौरान अव्यवस्था से होने वाली सैकड़ों मौतें किसी से छुपी नहीं हैं। तब ये चुप्पी साध जाते हैं। वहीं, भारत के वामपंथी, सेकुलर स्कॉलर महाकुंभ की भव्यता पर उल्टी करते नजर आए हैं। हर बार उनकी कोशिश महाकुंभ को बदनाम करने और फेल करने की रही है, लेकिन ऐसे तमाम लोगों की मंशा को दरकिनार करते हुए करोड़ों लोगों ने आस्था की डुबकी लगाकर उनके जले पर नमक छिड़कने का काम किया है।
किसी ने सच कहा है कि महाकुम्भ में जिसने जो तलाशा, उसको वह मिला-
गिद्धों को केवल लाश मिली
सूअरों को गंदगी मिली
संवेदनशील लोगों को रिश्तों की खूबसूरत तस्वीर मिली
आस्थावान को पुण्य मिला
सज्जनों को सज्जनता मिली
भक्तों को भगवान मिले… pic.twitter.com/Z4sXsQCJav— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) February 24, 2025
महाकुंभ में जिसने जो तलाशा उसको वही मिला…
महाकुंभ के दौरान तीर्थयात्री स्नान कर खुशी-खुशी वापस लौटे। रिश्तों के जटिल समीकरण को परिभाषित करता महाकुंभ अब अपने समापन की ओर है, लेकिन यहां से निकला संदेश हर सनातनी के मन में अमिट छाप छोड़ गया, जो वर्षों तक लोगों की बात कही और कहानियों में जीवंत रहेगा। महाकुंभ में अपनी सास को पीठ पर उठाकर कुंभ स्नान करानी वाली बहू को भी लोगों ने देखा होगा, लेकिन सनातन विरोधियों की नजर केवल गंदगी पर पड़ी है। सीएम योगी ने कहा कि किसी ने सच कहा कि महाकुंभ में जिसने जो तलाशा उसको वह मिला है। महाकुंभ में गिद्धों को केवल लाश मिली है, सुअरों को गंदगी मिली, संवेदनशील लोगों को रिश्तों की खूबसूरत तस्वीर मिली, आस्थावान को पुण्य मिला, सज्जनों को सज्जनता मिली, गरीबों को रोजगार मिला, अमीरों को धंधा मिला, श्रद्धालुओं और पर्यटकों को साफ सुथरी व्यवस्था मिली। सद्भावना वाले लोगों को जाति रहित व्यवस्था मिली, भक्तों को भगवान मिले। इससे साफ है कि सब ने अपने स्वभाव और चरित्र के अनुसार चीजों को देखा है। सनातन की सुंदरता आखिर समाजवादी और वामपंथियों को कैसे नजर आएगी। मान्यता यही है कि सोशलिस्ट यानी समाजवादी जब अंतिम पायदान पर खड़ा होता है तो उसे धर्म की याद आती है।
महाकुंभ ने पीएम मोदी के एक भारत श्रेष्ठ भारत विजन को चरितार्थ किया
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि इनके द्वारा लगातार किए जाने वाले प्रश्न, उनकी नीयत को ही संदेह के दायरे में खड़ी करती है। यह टिप्पणी अचानक नहीं है, यह भारत की टिप्पणी है और भारत की भावनाओं की टिप्पणी है। जो स्वयं कुछ नहीं कर सकते थे, जिन लोगों ने अपने समय में इस पूरे आयोजन को अव्यवस्था और भ्रष्टाचार का शिकार बनाया था। आज वह महाकुंभ पर इस प्रकार की टिप्पणी करके भारत की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने का काम कर रहे हैं। मैं तो केवल इस बारे में एक बात कहना चाहूंगा कि महाकुंभ ने पूरी दुनिया को भारत की सनातन एकता का संदेश दे करके प्रधानमंत्री के एक भारत श्रेष्ठ भारत के विजन को चरितार्थ करके दिखा दिया है।
विपक्ष ने नॉन सनातनी को कुंभ का प्रभारी बनाया था, इसलिए…
योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष को करारा जवाब देते हुए कहा कि हमने समाजवादी पार्टी की तरह आस्था के साथ खिलवाड़ नहीं किया। उनके समय में मुख्यमंत्री को फुर्सत नहीं थी कि वे उस आयोजन को देख सकें। उसकी समीक्षा कर सकें। यही वजह है कि उन्होंने एक नॉन सनातनी को कुंभ का प्रभारी बनाया था, लेकिन यहां मैं स्वयं इसकी समीक्षा लगातार कर रहा था और लगातार कर रहा हूं। यही वजह है कि 2013 के कुंभ में जो भी गया, उसे अव्यवस्था, भ्रष्टाचार और प्रदूषण देखने को मिला। मां गंगा, यमुना और सरस्वती की त्रिवेणी में स्नान करने लायक पानी नहीं था। मॉरिशस के प्रधानमंत्री उसके उदाहरण हैं, जिन्होंने स्नान करने से ही इनकार कर दिया था।
दुनिया के 74 देशों के हेड ऑफ कमिशन भी महाकुंभ में शामिल हुए
वहीं, इस बार देश और दुनिया का कोई ऐसा व्यक्ति नहीं था, जो महाकुंभ में शामिल न हुआ हो और लगातार आ रहे हैं। राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, उपराष्ट्रपति, भूटान के नरेश समेत दुनिया के तमाम देशों से जुड़े 74 देशों के हेड ऑफ कमिशन भी महाकुंभ में शामिल हुए। सभी ने आयोजन में भागीदार बन करके महाकुंभ को सफल बनाया। पहली बार उत्तर, दक्षिण, पूरब, पश्चिम से लोग आयोजन का हिस्सा बने। इस आयोजन में 74 देशों के राजनायिक और कई देशों के मंत्री शामिल हुए। क्या है वैश्विक आयोजन नहीं है। यही वैश्विक आयोजन है, जिसे दुनिया ने देखा है और अभिभूत होकर जा रहे हैं। आपने अमृत स्नान के दिन विभिन्न मीडिया चैनल द्वारा लाइव प्रसारण देखा होगा। उसमें विदेशी, पर्यटकों ने महाकुंभ का साक्षात देखने का अनुभव किया। उनकी बातों को भी सुना होगा, वह कितने प्रफुलित थे।
बारातियों पर छिड़केंगे संगम जल, मिलेगा कुम्भ-काशी का फल
महाशिवरात्रि के बड़े मौके पर प्रयागराज और काशी का भी संगम होगा। काशी की सबसे पुरानी दारानगर की शिव बारात समिति के संस्थापक दिलीप सिंह सिसोदिया के मुताबिक यहां शिव उत्सव की शुरुआत 43 साल पहले हुई। तब से शिवरात्रि पर ही शिव बारात निकलती आई है। लेकिन इस बार यहां रोज 5 से 9 लाख श्रद्धालु दर्शन कर रहे हैं। शिवभक्तों के इसी सैलाब के चलते पहली बार ऐसा होगा कि बारात महाशिवरात्रि के अगले दिन यानी 27 फरवरी को निकाली जाएगी। इस बार बारातियों पर प्रयागराज कुंभ से लाया गया संगम जल छिड़केंगे, ताकि जो लोग प्रयागराज नहीं जा पाए, उन्हें महाकुंभ और काशी का फल एक साथ मिल सके।