प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज, 25 फरवरी को असम के गुवाहाटी में एडवांटेज असम 2.0 शिखर सम्मेलन का उद्घाटन किया। सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद एक बात निश्चित है, वह है भारत का तीव्र विकास। उन्होंने कहा कि ‘आज हम सभी वैश्विक परिस्थितियों को बहुत बारीकी से देख रहे हैं। ये वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच भी दुनिया के तमाम एक्सपर्ट्स, उनके भीतर एक बात को लेकर निश्चितता है, और वो भरोसा है- भारत की तेज ग्रोथ को लेकर। भारत पर इस भरोसे का बहुत ठोस कारण है। आज का भारत, आने वाले 25 साल की, इस 21वीं शताब्दी के लॉन्ग टर्म विजन को ध्यान में रखते हुए एक के बाद एक कदम उठा रहा है, व्यापक स्तर पर काम कर रहा है। आज दुनिया का भरोसा, भारत की उस गवर्नेंस पर है, जो लगातार रिफॉर्म्स कर रही है। आज भारत, अपनी लोकल सप्लाई चेन को मजबूत कर रहा है। ईस्ट एशिया के साथ हमारी कनेक्टिविटी लगातार सशक्त हो रही है। और नया बन रहा इंडिया-मिड़िल ईस्ट-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर भी अनेक नई संभावनाएं लेकर आ रहा है।’
प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘पूर्वी भारत और नॉर्थ ईस्ट की भूमि आज एक नए भविष्य की शुरुआत करने जा रही है। एडवांटेज असम, पूरी दुनिया को असम की अविश्वसनीय क्षमता और प्रगति से जोड़ने का एक महा अभियान है। इतिहास गवाह है कि पहले भी भारत की इस समृद्धि में पूर्वी भारत का बहुत बड़ा रोल हुआ करता था। आज जब भारत विकसित होने की तरफ बढ़ रहा है तो एक बार फिर पूर्वी भारत, हमारा ये पूर्वोत्तर अपना सामर्थ्य दिखाने जा रहा है।’
उन्होंने कहा कि ‘भारत की ग्रोथ में, असम का कंट्रीब्यूशन लगातार बढ़ता जा रहा है। 2018 में एडवांटेज असम शिखर सम्मेलन का पहला एडिशन आयोजित हुआ था। तब असम की इकोनॉमी पौने तीन लाख करोड़ रुपए की थी। आज असम करीब 6 लाख करोड़ रुपये की इकोनॉमी वाला राज्य बन गया है। यानि भाजपा सरकार में सिर्फ 6 सालों में, असम की इकोनॉमी की वैल्यू डबल हो गई है। ये डबल इंजन की सरकार का डबल इफेक्ट है। असम में हुए ढेर सारे निवेश ने असम को अनंत संभावनाओं का राज्य बना दिया है।’
प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘आज भारत में, इकोनॉमी के हर सेक्टर में, हर लेवल पर बड़े रिफॉर्म्स हो रहे हैं। हमने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए निरंतर काम किया है। हमने उद्योग और नवाचार संस्कृति को बढ़ावा देने का पूरा इकोसिस्टम तैयार किया है। स्टार्टअप्स के लिए नीतियां हों, मैनुफैक्चरिंग के लिए पीएलआई स्कीम्स हों, या मैनुफैक्चरिंग कंपनियों और एमएसएमई को टैक्स में छूट देना हो, हमने हर एक के लिए बेहतरीन नीतियां बनाई हैं। सरकार देश के इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी बहुत बड़ा निवेश कर रही है। इंस्टिट्यूशनल रिफार्म, इंडस्ट्री, इंफ्रास्ट्रक्चर और इनोवेशन का यही कॉम्बिनेशन भारत की प्रगति का आधार है। और इसीलिए निवेशक भी देश के पोटेंशियल को, उनकी और देश की प्रगति की संभावनाओं को बदलता हुआ देख रहे हैं। और इस प्रगति में असम भी, डबल इंजन की स्पीड से आगे बढ़ रहा है। असम ने 2030 तक अपनी इकोनॉमी को डेढ़ सौ बिलियन तक पहुंचाने का टारगेट सेट किया है। मुझे विश्वास है, असम इस लक्ष्य को जरूर हासिल कर सकता है।’
एडवांटेज असम 2.0 शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि ‘2047 तक भारत को विकसित भारत बनाने में पूर्वी भारत की भूमिका बहुत बड़ी होने वाली है। आज, पूर्वोत्तर और पूर्वी भारत इंफ्रास्ट्रक्चर, लॉजिस्टिक्स, एग्रीकल्चर, टूरिज्म और इंडस्ट्री में तेज रफ्तार से आगे बढ़ रहा है। वो दिन दूर नहीं, जब दुनिया भारत की विकास यात्रा में इस क्षेत्र को सबसे आगे बढ़ते हुए देखेगी।’