अब यह शीशे की तरह साफ हो गया है कि आम आदमी का लेबल लगाकर अरविंद केजरीवाल अपने शीशमहल में किस तरह की अय्याशियां कर रहे थे और दिल्ली की जनता के पैसे से लग्जरी लाइफ का आनंद उठा रहे थे। केजरीवाल ने शीशमहल के निर्माण नियम-कायदों को ताक पर रखकर करोड़ों की फिजूलखर्ची तो की ही। अब एक आरटीआई में नया और हैरतअंगेज खुलासा हुआ है, जिसने आप नेताओं की बोलती ही बंद कर दी है। इस रिपोर्ट ने केजरीवाल के असली चेहरे को उजागर कर दिया है। हाल ही में आरटीआई से पता चला है कि अरविंद केजरीवाल ने शीशमल में पिछले दो सालों में ही 41.5 लाख रुपये की बिजली खपत की है, जिससे उनकी वित्तीय जिम्मेदारी पर सवाल उठ रहे हैं। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि केजरीवाल की बिजली खपत औसतन 23,000 यूनिट प्रति माह या 770+ यूनिट प्रति दिन है। यानि आम जनता जितनी बिजली पूरे एक माह में जलाती है, उससे तीन गुना बिजली तो केजरीवाल के बंगले में एक ही दिन में फूंक दी जाती थी।
शीशमहल में बिजली की फिजूलखर्ची औसतन 5,700 रुपये प्रतिदिन के बराबर
केजरीवाल के शीशमहल में बिजली की खपत आम आदमी का प्रतिनिधित्व करने के पार्टी के दावों के बिल्कुल विपरीत है। हाल ही में एक आरटीआई से पता चला है कि दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के नेता अरविंद केजरीवाल ने पिछले दो सालों में 41.5 लाख रुपये की बिजली खपत की है। अक्टूबर 2022 से अक्टूबर 2024 तक का यह महत्वपूर्ण खर्च लगभग 5,700 रुपये प्रतिदिन है, जो कुल मिलाकर 5,60,000 यूनिट से अधिक बिजली है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि केजरीवाल की बिजली खपत औसतन 23,000 यूनिट प्रति माह या 770+ यूनिट प्रति दिन है।
केजरीवाल और उनकी पार्टी बहुत ज़्यादा खर्च के लिए जांच के घेरे में
यह खुलासा ऐसे समय में हुआ है जब केजरीवाल और उनकी पार्टी बहुत ज़्यादा खर्च करने के लिए जांच के घेरे में हैं, खास तौर पर उनके आधिकारिक आवास के नवीनीकरण के मामले में। शीश महल – एक आलीशान आवास को लेकर लगे आरोपों ने सरकार की वित्तीय पारदर्शिता के बारे में लोगों के संदेह को और बढ़ा दिया है, खास तौर पर केजरीवाल की ओढ़ी हुई फेक छवि को देखते हुए यह खुलासा बेहद चौंकाने वाला है।
आप के मंत्रियों ने भी बिजली बिलों पर लाखों रुपए उड़ाए
अरविंद केजरीवाल ना सिर्फ मुख्यमंत्री रहे, बल्कि आम आदमी पार्टी के संयोजक भी हैं। जब मुखिया का चालचलन ऐसा हो, तो उसके नेता-मंत्री भला पीछे क्यों रहें? केजरीवाल की बिजली खपत कोई अकेला मामला नहीं है। आरटीआई के जवाब में यह भी खुलासा हुआ है कि आप के अन्य मंत्रियों की बिजली खपत भी इसी तरह अधिक है। कुल मिलाकर, इन मंत्रियों ने उसी दो साल की अवधि में 1.15 करोड़ रूपये की बिजली खपत की। जिससे पार्टी की कार्यप्रणाली को लेकर विवाद और बढ़ गया।
सिसोदिया का 14.95 लाख और गोपाल राय का 21.72 लाख बिल
आरटीआई के जवाब के अनुसार, शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया के मथुरा रोड स्थित आवास पर 26 सितंबर 2022 से 30 सितंबर 2024 तक 126,749.75 यूनिट के लिए 14, 95,722 रुपये का बिजली बिल आया। सामान्य प्रशासन मंत्री गोपाल राय के घर पर इसी अवधि के दौरान 161,883.14 यूनिट के लिए कुल 21,72,700 रुपये का बिल आया और स्वास्थ्य मंत्री के 8, राज निवास मार्ग स्थित आवास पर 68,581.46 यूनिट के लिए 10,53,520 रुपये का बिल आया।
शीशमहल की सजावट में मितव्ययिता और पारदर्शी शासन की धज्जियां
दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले भी आप सरकार को अरविंद केजरीवाल के आधिकारिक आवास के नवीनीकरण में दिखाई गई भव्यता के लिए कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा। इस आवास को अक्सर “शीश महल” के रूप में जाना जाता है। इस भव्य परिवर्तन में साफ तौर पर महंगे फर्नीचर, उच्च-स्तरीय उपकरण और शानदार सजावट शामिल थी, जिसकी कीमत करोड़ों रुपये में थी। यह केजरीवाल की मितव्ययिता और पारदर्शी शासन की वकालत करने वाले नेता के रूप में उनकी स्वयं-घोषित छवि के एकदम विपरीत है।
Taxpayer’s money lights up Kejriwal’s bungalow, while common citizens face power cuts!
Kejriwal’s ‘Aam Aadmi Drama’ runs on ₹41.51 lakh electricity in just 2 years (₹5,700 per day). pic.twitter.com/9NMK9Q9wcR
— Delhi Darshan (@Delhikadarshan) February 25, 2025
फिजूलखर्ची पर अब दिल्ली की जनता भी मांगने लगी जवाब
अरविंद केजरीवाल के बिजली बिलों और आप मंत्रियों द्वारा कुल खपत के चौंकाने वाले विवरण ने पार्टी की मितव्ययिता के सिद्धांतों के प्रति प्रतिबद्धता के बारे में गंभीर चिंताएं पैदा कर दी हैं। भव्य नवीनीकरण और अब उच्च बिजली खपत के आरोपों के साथ, पार्टी की पारदर्शिता और राजकोषीय जिम्मेदारी एकदम सूक्ष्म नजर आती है। जैसे-जैसे यह विवाद सामने आ रहा है, दिल्ली की आम जनता और राजनीतिक विरोधी समान रूप से आप नेतृत्व की खर्च करने की प्रथाओं के बारे में स्पष्ट उत्तर मांग रहे हैं।
Kejriwal should be renamed BIJLIWAL
As per RTI reply he consumed power of ₹41 lakh in 2 years :₹5700 for 770+ units daily
Real Aam Aadmi consumes about 250 units/month
Bijliwal daily consumption > 3x AamAadmi monthly consumption
Shock ⚡️ lagaa?😳pic.twitter.com/7vyiVkiZ9r
— Sameer (@BesuraTaansane) February 24, 2025
शीशमहल के खर्च न बताया केजरीवाल क्या चीज है!
एक आरटीआई रिपोर्ट का हवाला देते हुए भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि आप आम आदमी के लिए बिल्कुल भी नहीं है। उन्होंने एक्स पर लिखा, “आखिरकार क्या यह आम आदमी नहीं है? आरटीआई के जवाब के अनुसार अरविंद केजरीवाल ने अक्टूबर 2022 से अक्टूबर 2024 तक 2 साल की अवधि में 41.51 लाख रुपये की बिजली खपत की। प्रतिदिन 770+ यूनिट के हिसाब से अनुमानित बिल 5,700 रुपये है। आम आदमी हर महीने करीब 250-300 यूनिट बिजली खपत करता है! यह केजरीवाल का असली चेहरा है।
आप के मंत्रियों की विलासिता और पाखंडी चेहरा भी सामने आया
अरविंद केजरीवाल और AAP के अन्य मंत्रियों के बिजली के बिलों के बारे में खुलासे आम आदमी की हिमायत करने के पार्टी के दावों के बिल्कुल उलट हैं। जबकि केजरीवाल और उनके मंत्री विलासिता में जी रहे हैं, आम नागरिक बढ़ती लागतों से जूझ रहे हैं। यह AAP के भीतर के पाखंड को उजागर करता है, यह दर्शाता है कि यह अपने कामों में “आम आदमी” होने से कोसों दूर है। इस सब को लेकर अब दिल्ली में आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें और बढ़नी शुरू हो गई हैं। केंद्रीय सतर्कता आयोग ने बीजेपी के ‘शीशमहल’ के आरोपों को लेकर विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं। इस मामले में केजरीवाल पर कानूनी संकट का नया शिकंजा कसता नजर आ रहा है।पीएम मोदी ने केजरीवाल की पार्टी आप को दिया ‘आप’दा नाम
दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आम आदमी पार्टी यानी आप को आप-दा का नया नाम दिया था। आप को यह नाम करोड़ों का अवैध कारोबार करके शीशमहल खड़ा करने, शराब घोटाला करने और दिल्ली की जनता के लिए आपदा बन जाने के लिए मिला। अरविंद केजरीवाल के राज में बने इस चमचमाते शीशमहल का नया वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इसी बंगले में पूर्व CM केजरीवाल रहते थे। 14 मिनट के इस वीडियो में केजरीवाल के पुराने आवास का वीडियो सार्वजनिक किया गया है। इसमें दिखाए गए कई महंगे और आलीशान सामानों की कीमतें भी सार्वजनिक हुई। केजरीवाल के आवास में स्मार्ट एलईडी टर्नटेबल लाइट्स की कीमत 19.5 लाख रुपये, बॉडी सेंसर और रिमोट वाले 80 पर्दों की कीमत चार करोड़ से 5.6 करोड़ रुपये के बीच है। भाजपा ने X पर वीडियो शेयर करके लिखा- आइए आपको सैर कराएं महाठग अरविंद केजरीवाल की अय्याशी के शीशमहल की। इससे पहले नारीशक्ति से लेकर झुग्गी-झौंपड़ी तक, व्यापारियों से लेकर पुजारियों-ग्रंथियों तक ने इस बार केजरीवाल की हार और भाजपा की जीत की राह सुनिश्चित कर दी है।
आम आदमी पार्टी सिर्फ झूठ बोलने वाली मशीन – शाह
वहीं, गृह मंत्री अमित शाह ने AAP को अवैध आमदनी पार्टी और झूठ बोलने वाली मशीन बताया। उन्होंने नरेला में रैली के दौरान कहा- AAP ने झूठ बोलकर वोट बटोरे और आगे बढ़ने का काम किया है। AAP का मतलब है- अवैध आमदनी वाली पार्टी। दिल्ली के पैसों से ये पंजाब, गुजरात, गोवा का चुनाव लड़ते हैं। शाह ने कहा कि AAP नेताओं ने कहा था कि हम राजनीतिक लोग नहीं हैं, हम पार्टी नहीं बनाएंगे, लेकिन इन लोगों ने पार्टी बनाई। इन्होंने कहा था हम कांग्रेस का समर्थन नहीं लेंगे, कांग्रेस का समर्थन लिया। इन्होंने कहा था कि हम सिक्योरिटी, गाड़ी और बंगला नहीं लेंगे, लेकिन इन्होंने सिक्योरिटी ली, गाड़ी ली और करोड़ों का शीशमहल बनवाया।
क्या आपने जनता के टैक्स के पैसे से बना करोड़ों का शीशमहल अंदर से देखा है?
आइए आपको सैर कराएं महाठग अरविंद केजरीवाल के अय्याशी के शीशमहल का #केजरीवाल_का_शीशमहल pic.twitter.com/d3m38dOle6
— BJP Delhi (@BJP4Delhi) January 26, 2025
वायरल वीडियो से शीशमहल में मौजूद चीजों का रेट भी ओपन
यूट्यूब पर इस वीडियो को शेयर होने के साथ ही शीशमहल में मौजूद चीजों का रेट भी ओपन हो गया है। वीडियो के मुताबिक, केजरीवाल के घर में 4 करोड़ से 5.6 करोड़ के बॉडी सेंसर और रिमोट वाले 80 पर्दे लगे हैं, 64 लाख रुपए के 16 टीवी, 10-12 लाख रुपए की टॉयलेट सीट, 36 लाख रुपए के सजावटी खंभे हैं। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि खुद को आम आदमी कहने वाले केजरीवाल ने अपने रहने के लिए ‘शीशमहल’ बनवाया था। केजरीवाल कहते थे कि सरकारी घर नहीं लूंगा, लेकिन रहने के लिए 7 स्टार रिसॉर्ट बना डाला। इस महल में 1.9 करोड़ रुपए से मार्बल ग्रेनाइट, लाइटिंग, 1.5 करोड़ रुपए से मरम्मत और 35 लाख रुपए से जिम और स्पा बनवाया है। सचदेवा के मुताबिक केजरीवाल को दिल्ली के लोगों को बताना चाहिए कि उन्होंने किस अधिकार से अपने बंगले की सजावट पर करीब 45 करोड़ रुपए खर्च कर दिए, जबकि कोविड में जनता के विकास कार्य ठप थे।
AAP-दा ने दिल्ली में सिर्फ घपले-घोटाले करने का काम किया है…
₹28,400 करोड़ का जल बोर्ड घोटाला,
₹5,400 करोड़ का राशन वितरण का घोटाला,
₹4,500 करोड़ का डीटीसी बस की खरीदी में घोटाला,
₹1,300 करोड़ का क्लासरूम घोटाला,
₹500 करोड़ का बस में पैनिक बटन का घोटाला,
₹100 करोड़ वक्फ… pic.twitter.com/JpRGXbSgmq— BJP (@BJP4India) January 25, 2025
आप ने पंजाब-दिल्ली में जनता से किए वादे पूरे नहीं किए
आप ने पंजाब में भी वादा किया था कि 1 हजार रुपए महीना देंगे। दिया तो नहीं। पंजाब की महिलाएं दिल्ली आकर अरविंद केजरीवाल का पुतला जला रही हैं। दिल्ली में उन्होंने 1 हजार रुपए देने के लिए फॉर्म भरवाया था। घोषणा करके नहीं देना आम आदमी पार्टी और कांग्रेस की फितरत है। हम तो हरियाणा, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में पहले से दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज को अब तक दूसरी पार्टियों ने भ्रमित करके रखा है कि BJP आपके लिए कुछ नहीं करेगी। BJP से डर कर रहो। हमने प्रधानमंत्री आवास दिया तो मुस्लिमों को भी दिया। फ्री गैस कनेक्शन दिया, तो मुस्लिमों को भी दिया। अब मुसलमानों को भरोसा हो गया कि विपक्षी पार्टियां BJP के खिलाफ भड़काती हैं। कांग्रेस के तो मेनिफेस्टो में था कि हिंदुओं की प्रॉपर्टी मुस्लिमों में बांट देंगे। उन्होंने कहा था कि हम बैंक में जमा संपत्ति अल्पसंख्यकों को बराबर-बराबर बांटेंगे। समाज में किसी से छीनकर किसी को देने की कोई बात करेगा, तो हम विरोध करेंगे।
अवैध घुसपैठियों-रोहिंग्या के फर्जी वोट बनवा रहे केजरीवाल
नॉर्थ ईस्ट दिल्ली से BJP सांसद मनोज तिवारी साफ-साफ कहते हैं कि आप अवैध घुसपैठियों-रोहिंग्या का फर्जी वोट बचाने की कोशिश कर रहे थे। दिल्ली में घुसपेठिया वोटर के सवाल पर मीडिया से बातचीत में तिवारी कहते हैं कि करीब ढाई लाख के आसपास वोट कटे हैं। ये अवैध घुसपैठिए थे। मुझे लगता है 3-4 लाख घुसपैठिए अब भी हैं। दरअसल, आप ने सही वोट कटवाए थे और गलत वोट जुड़वाए थे। अब चुनाव आयोग ने गलत वोट कटवा दिए और जो गलत वोट काटे गए थे, आप वाले उन्हें फिर से जुड़वा रहे हैं। लेकिन अवैध घुसपैठिया वोटर तो नहीं बन पाएगा। हमने उन्हें पकड़ा। इनकी संख्या 7 लाख के आसपास हो गई है। हमने जगह-जगह ऐसे लोग चिह्नित किए। एक पते पर हमें 67 वोट मिले। हमने वहां लोग भेजे। पता चला, वहां कोई नहीं रहता है। फिर हमने शिकायत की। सरकार के बूथ लेवल ऑफिसर ने जांच की। कहा गया कि ये लोग यहां रहते ही नहीं थे, सिर्फ चुनाव के वक्त आते थे। कमरा भी किसी और का है। उनका वोट हमने कटवा दिया।केजरीवाल का पुजारियों-ग्रंथियों को लुभाने का ड्रामा भी फेल
दिल्ली विधानसभा चुनाव में केजरीवाल की आम आदमी पार्टी के लिए मुश्किलों की दीवार खड़ी होती जा रही है। करोड़ों के शराब घोटाले में जेल जाने से उनकी कथित ईमानदार होने की इमेज पूरी तरह धुल चुकी है। महिलाओं को वोट के बरगलाने के लिए एक हजार रूपये देने की गारंटी केजरीवाल पूरी नहीं कर पा रहे हैं। दिल्ली सरकार के अफसरों ने ही केजरीवाल की घोषणाओं के खिलाफ अखबारों में विज्ञापन तक दे डाले हैं। अपनी नानी की कहानी सुनाकर राम मंदिर का विरोध करने वाले चुनावी हिंदू केजरीवाल का पुजारियों-ग्रंथियों को लुभाने का ड्रामा भी फेल हो रहा है। उनके चुनाव के लिए चले सारे पासे उलटे पड़ रहे हैं। अब दिल्ली में मंदिरों के पुजारियों ने कहा है कि ‘कौए को कितना भी रंग दो, वो हंस नहीं बन सकता है। जैसे चोर अपनी प्रवृत्ति नहीं छोड़ता, वैसे ही केजरीवाल की झूठ बोलने की आदत है। हमें BJP ने मंदिर प्रकोष्ठ के नाम पर जोड़ा है। हम पहले भी भाजपा के साथ थे और अब भी हम BJP के ही साथ हैं।’
दिल्ली चुनाव में मंदिर प्रकोष्ठ BJP का पायलट प्रोजेक्ट
PM मोदी के निर्देश पर दिल्ली में 2022 में मंदिर प्रकोष्ठ बनाया गया। देश में अभी सिर्फ दिल्ली में ही इसकी नींव रखी गई है। यानी सनातनी लोगों को जोड़ने के लिए ये BJP का पायलट प्रोजेक्ट है। दिल्ली चुनाव के बाद देश के बाकी हिस्सों में भी ऐसे प्रकोष्ठ बनेंगे। दिल्ली में 6 जनवरी को प्रदेश BJP दफ्तर में पुजारियों की भीड़ जुटी। पार्टी के मंदिर प्रकोष्ठ की बैठक हुई, जिसमें 250 से ज्यादा पुजारी शामिल हुए। मकसद था- दिल्ली चुनाव में पंडित पुजारियों को एकजुट करना। इसमें प्रकोष्ठ के संयोजक करनैल सिंह के नेतृत्व में में चुनाव को लेकर योजना बनाई गई। प्रकोष्ठ के सहसंयोजक आचार्य राकेश शुक्ला के मुताबिक हम राम मंदिर बनाने वाली भाजपा के साथ हैं। वे कहते हैं कि मंदिर में भगवान को प्रणाम करने हर कोई जाता है। बड़ी संख्या में लोग पंडित-पुजारियों से जुड़े होते हैं। इनकी बातों का बहुत असर होता है। यानी इस बार चुनाव में BJP को पंडित-पुजारियों से वोट का पूरा समर्थन मिलने वाला है।
मौलवियों को सैलरी देते समय हमारी याद क्यों नहीं आई
चुनाव में करीब 29 हजार मंदिर और उनके पुजारी चर्चा में हैं। बीजेपी का मंजिक प्रकोष्ठ कितना अहम है, इसका अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि प्रकोष्ठ के संयोजक करनैल सिंह शकूर बस्ती से पार्टी के उम्मीदवार भी हैं। उनके सामने AAP के सीनियर लीडर सत्येंद्र जैन हैं। BJP के मंदिर प्रकोष्ठ का जमीन पर गहरा असर नजर आता है। मयूर विहार फेज-2 के नीलम माता वैष्णो मंदिर में पुजारी राहुल तिवारी चुनावी घोषणा का जिक्र करने पर अपनी नाराजगी रोक नहीं पाते। वे कहते हैं, ‘केजरीवाल को इस बार दिल्ली चुनाव के वक्त ही हमारी याद क्यों आई। क्या इससे पहले मंदिर में पुजारी नहीं थे। मौलवियों को दिल्ली सरकार द्वारा कई साल से सैलरी दी जा रही थी,तब इन्हें (AAP) हमारे सम्मान की याद क्यों नहीं आई। जब चुनाव आता है, तब इन्हें सबके सम्मान की याद आ जाती है। वोट बैंक बनाने के लिए ये कुछ भी वादे कर सकते हैं।’ वे कहते हैं, ‘जहां-जहां मंदिर बने हैं वहां पुजारी भी रखे गए हैं। अगर वहां पुजारी हैं, तो उनका जीवन यापन भी हो ही रहा है। मतलब साफ है कि जितने मंदिर बनेंगे, उससे फायदा पुजारियों को ही होगा। ये काम बीजेपी ही करा सकती है।
मौलवियों का वोट खिसकता दिखा, तब पुजारी याद आए
घोंडा विधानसभा में आने वाले दुर्गा फकीरी मंदिर पहुंचे। यहां के सेवादार विजय कुमार भगत साफ-साफ कहते हैं कि 2020 के दंगों के दौरान मंदिर लूटा गया था। पुजारी को मार दिया गया था। केजरीवाल तब कहां थे। अब उन्हें पुजारियों के सम्मान की याद क्यों नहीं आई है।’ वो केजरीवाल को चैलेंज देते हुए कहते हैं, ‘अगर पुजारी प्रिय हैं तो एक नोटिफिकेशन जारी करें कि 12-13 साल से मौलवियों को जितना वेतन दिया गया है, पुजारियों को पहले वो सारा एरियर देंगे। पुजारियों का बिजली और पानी कनेक्शन फ्री करें। तब हम समझेंगे कि केजरीवाल सनातनी बनने लायक हैं। अब जब मौलवियों का वोट कांग्रेस की ओर खिसकता दिख रहा है, तब उन्हें पुजारियों की याद आ रही है।’ वो आगे कहते हैं, ‘चाहे वाल्मीकि मंदिर हो, रैदासपंथी हो या फिर कोई और मंदिर, उनके पुजारी बैठक कर रहे हैं। उनकी BJP को लाने की तैयारी है।’छोटे-छोटे ग्रुप्स के बीच होंगी। आरएसएस की बातचीत की शुरुआत किसी चुनावी मुद्दे से नहीं, बल्कि पारिवारिक मुद्दों से करेगा। जैसे- जॉइंट फैमिली की क्या अहमियत है। अगर सबका साथ रहना संभव नहीं, तो कम से कम हफ्ते में एक बार साथ खाना जरूर खाएं।’ भाजपा-आरएसएस के प्लान के केंद्र में केजरीवाल की ‘हिंदू विरोधी छवि’ को भी हाइलाइट करना है।
भाजपा और आरएसएस थिंक टैंक ने अरविंद केजरीवाल को इन पांच प्वांइट पर घेरने की पुख्ता रणनीति बनाई थी। जो शानदार तरीके से कामयाब रही। ना सिर्फ केजरीवाल को शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा, बल्कि उनकी पार्टी आप भी सत्ता से बाहर हो गई।
1.अरविंद केजरीवाल और आप सरकार के झूठे वादे
भारतीय जनता पार्टी और आरएसएस की प्लानिंग अरविंद केजरीवाल के सारे झूठे वादों को जनता के बीच लाने की तैयारी है। केजरीवाल ने कहा था कि गाड़ी, बंगला और सुरक्षा नहीं लेंगे। वे अपने आपको कट्टर ईमानदार की छवि वाला नेता बताते थे, लेकिन करोड़ों के शराब घोटाले में जेल जा आए हैं। जनता से पूछकर ठेका खोलेंगे, लेकिन आप सरकार ने स्कूलों की जगह पर शराब के ठेके खोल दिए। इसकी चर्चा उनके शीशमहल के खर्च और गाड़ियों की कीमत के साथ करेंगे। इसमें हवाला और शराब घोटाले में बंद हुए CM, डिप्टी CM और मंत्रियों की भी चर्चा होगी।
नानी के नाम पर विरोध करने वाले केजरीवाल राम मंदिर पहुंचे!
दिल्ली CM अरविन्द केजरीवाल का पुराना बयान, “जब बाबरी मस्जिद का विध्वंस हुआ तब मैंने नानी से पुछा नानी अब तो आप बड़े खुश होंगे, अब तो आपके भगवान राम का मंदिर बनेगा कहती है ना बेटा मेरा राम किसी की मस्जिद तोड़ के ऐसे मंदिर… pic.twitter.com/RVQbfWFCF2
— AajTak (@aajtak) February 12, 2024
2. केजरीवाल की राम मंदिर और हिंदू विरोधी छवि
केजरीवाल ने राम मंदिर का कई बार विरोध किया। अपनी नानी की आड़ लेकर वे करते रहे कि ऐसे राम मंदिर में कैसे पूजा करेंगे, जो किसी और धार्मिक स्थल को तोड़कर बनाया हो। इतना ही नहीं दिल्ली के स्कूलों में इकोनॉमिक वीकर सेक्शन कोटे के तहत दलित हिंदुओं की संख्या ना के बराबर है, जबकि मुसलमानों की संख्या काफी है। यूपी के दादरी में अखलाक की मौत हुई, तो अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया- मैं आ रहा हूं। वहीं, बजरंग दल के रिंकू शर्मा की हत्या पर शोक तक नहीं जताया। अयोध्या में राम मंदिर बना, तो केजरीवाल ने अस्पताल बनाने का सुझाव दिया।
3. तुष्टिकरण की सीमाएं ‘चुनावी हिंदू’ केजरीवाल ने पार कीं
केजरीवाल ने तुष्टिकरण की तो सारी सीमाएं ही लांघ दीं। वो सिर्फ ‘चुनावी हिंदू’ हैं और वोट लेने के लिए सनातन का बाना ओढ़ लेते हैं। हकीकत तो यह है कि केजरीवाल सरकार ने दिल्ली के द्वारका सेक्टर-22 में सरकारी खर्च पर 100 करोड़ का हज हाउस बनवाया है। मौलवियों की सैलरी तय कर दी है। केजरीवाल को पुजारियों और ग्रंथियों की याद 12 साल बाद चुनाव से पहले आई है। उन्होंने क्या किसी मंदिर आंदोलन में हिस्सा लिया। वो मौकों के हिसाब से कभी हनुमान चालीसा पढ़ते हैं, तो कभी कृष्ण बन जाते हैं।
4. आप और केजरीवाल का अर्बन नक्सल कनेक्शन
भाजपा और आरएसएस का प्लान केजरीवाल के उस चेहरे को भी उजागर करना है, जिसका कनेक्शन अर्बन नक्सल से है। सोर्स के मुताबिक, अरविंद केजरीवाल उस गैंग का हिस्सा हैं, जिसने नक्सल मूवमेंट खड़ा किया। नक्सली, जो देश विरोधी ताकतों के हाथों की कठपुतली हैं। ये भी जनता के सामने लाएंगे कि केजरीवाल ने पंजाब में खालिस्तान मूवमेंट को भी अपरोक्ष समर्थन दिया हुआ है। उन्होंने तो कुमार विश्वास से आजाद पंजाब का प्रधानमंत्री तक बनने की बात कही है।
5. बांग्लादेशियों-घुसपैठियों के अभियान चलाकर बनाए वोट
इस बात का भी खुलासा होगा कि दिल्ली की आप सरकार पिछले एक दशक के घुसपैठियों का समर्थन करने में लगी हुई है। बताते हैं कि बांग्लादेशियों और घुसपैठियों के आधार कार्ड अभियान चलाकर बनवाए गए। बिना ये सोचे कि इससे देश की राजधानी के दरवाजे उन लोगों के लिए खुल सकते हैं, जो दिल्ली को असुरक्षित कर सकते हैं। आम आदमी पार्टी ने सिर्फ वोटों के लालच में इस खतरनाक साजिश को अंजाम दिया है। भाजपा और आरएसएस केजरीवाल का ये सच भी सबके सामने लाएंगे।
फैमिली वैल्यूज की चर्चा को आगे बढ़ाएगी आरएसएस
आरएसएस की बैठकों में चर्चा का विशेष मॉडल बनाया जाएगा। इसके तहत स्वयंसेवकों की टोली का कॉम्बिनेशन ऐसा बनाया जाएगा, जिसमें पुरुष, महिला और युवा हों। एक परिवार में अगर एक टोली गई तो वो उस परिवार के हर वर्ग से चर्चा कर सकेंगे। फैमिली गैदरिंग के जरिए देश की बात जनसंपर्क के दौरान बातचीत का शुरुआती टॉपिक ‘परिवार’ होगा। जैसे- मोबाइल और बिना किसी इलेक्ट्रॉनिक गैजेट के फैमिली गैदरिंग क्यों जरूरी है। फैमिली वैल्यूज की चर्चा को आगे बढ़ाते हुए देश की चर्चा तक ले जाना होगा। इसके बाद केजरीवाल की छवि पर चर्चा होगी। शराब घोटाले से महिलाओं की परेशानी का कनेक्शन भी जोड़ा जाएगा। इसमें गरीब और लोअर मिडिल क्लास के परिवारों की महिलाओं से भी चर्चा होगी। परिवार की महिलाओं के लिए सबसे बड़ी दुश्मन शराब है। घर की इकोनॉमी और शांति खतरे में पड़ जाती है। अरविंद केजरीवाल के दारूवाला अवतार की तस्वीर भी लोगों के बीच लाई जाएगी।