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मुस्लिम बुजुर्ग से मारपीट को सांप्रदायिक रंग देने वाले AltNews के जुबैर, राणा अयूब और ट्विटर समेत 9 पर केस

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गाजियाबाद पुलिस ने मुस्लिम बुजुर्ग से साथ आपसी विवाद को लेकर हुए मारपीट को सांप्रदायिक रंग देने के आरोप में कथित फैक्टचेक वेबसाइट AltNews के मोहम्मद जुबैर और ट्विटर सहित 9 के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। गाजियाबाद पुलिस ने इन सभी पर ट्विटर के जरिए धार्मिक भावनाएं भड़काने का आरोप लगाया है। हिन्दुओं और जय श्रीराम के जयघोष को बदनाम करने के लिए गाजियाबाद के मुस्लिम युवकों ने साजिश रच मुस्लिम बुजुर्ग के साथ मारपीट कर पहले तो दाढ़ी काटी फिर जय श्री राम बुलवाया। इससे संबंधित सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के आधार पर आरोप लगाया गया कि एक मुस्लिम बुजुर्ग व्यक्ति से जबरदस्ती ‘जय श्री राम’ बुलवाया गया और उसके साथ मारपीट की गई। जबकि इस तरह की कोई बात थी ही नहीं।

वीडियो में आरोप लगाया गया कि गाजियाबाद में एक मुस्लिम व्यक्ति से जबरदस्ती जय श्री राम बुलवाया गया। इस वीडियो के वायरल होते ही मुस्लिम पक्षकारों के साथ फैक्ट चेकरों ने हिंदुओं को बदनाम करना शुरू कर दिया। AltNews के मोहम्मद जुबैर और सबा नकवी, राणा अयूब जैसे पक्षकारों के साथ मुस्लिम कांग्रेसी नेताओं ने इस फर्जी खबर और वीडियो को ट्वीट कर ‘जय श्री राम’ को बदनाम करना शुरू कर दिया, लेकिन जब गाजियाबाद पुलिस ने इस मामले में मुस्लिम लड़कों को ही गिरफ्तार किया तो इन सबों ने चुप्पी साध ली।

गाजियाबाद पुलिस ने सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो की जांच में पाया कि पीड़ित अब्दुल समद बुलंदशहर से बेहटा, लोनी बॉर्डर आया था। जहां से वह एक अन्य व्यक्ति के साथ मुख्य आरोपित परवेश गुज्जर के घर बंथला लोनी गया था। परवेश के घर पर कल्लू, पोली, आरिफ, आदिल और मुशाहिद आ गए और परवेश के साथ मिलकर उन्होंने पीड़ित अब्दुल समद से मारपीट शुरू कर दी। अब्दुल समद ताबीज बनाने का काम करता है। आरोपितों का कहना है उसके ताबीज से उनके परिवार पर बुरा असर पड़ा। अब्दुल समद गांव में कई लोगों को ताबीज दे चुका था। सभी आरोपित उसे पहले से ही जानते थे। मुख्य आरोपी परवेश गुज्जर पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। 14 जून को कल्लू और आदिल की भी गिरफ्तारी की गई है।

साफ है कि जिस वायरल वीडियो को लेकर कुछ कथित लिबरल, सेकुलर पक्षकार दावा कर रहे थे कि बुजुर्ग को मुस्लिम होने की वजह से पीटा गया, पुलिस जांच में यह कुछ लोगों के बीच आपसी विवाद का मामला निकला। बुलंदशहर का रहने वाला बुजुर्ग अब्दुल समद ताबीज बनाने का काम करता है। उसके काम से फायदा ना होने पर उसकी पिटाई की गई। लेकिन इस घटना की सत्यता को जांचे बिना ही इसे सांप्रदायिक रंग दे दिया गया। ट्विटर पर इसे वायरल करने वालों में AltNews के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर, प्रोपेगंडा पत्रकार राणा अयूब, फेक न्यूज फैलाने के लिए मशहूर पत्रकार सबा नकवी, कांग्रेस नेता सलमान निजामी, सबा मोहम्मद, मकसूर उस्मानी और वेबसाइट ‘द वायर’ शामिल हैं।

गाजियाबाद पुलिस के एफआईआर में कहा गया है कि इन भ्रामक ट्वीट्स को कुछ ही समय में हजारों लोगों ने रीट्वीट किया। ऐसे ट्वीट करने वाले वरिष्ठ पत्रकार और राजनेता लोग हैं, जिन्होंने जानबूझ कर बिना किसी प्रमाणिकता और तथ्यों के सत्यापन के दो समुदायों के बीच शत्रुता, वैमनस्य और घृणा पैदा किया गया। पुलिस की जांच में पता चला कि आरोपित और पीड़ित पहले से परिचित थे। अब्दुल समद ने ताबीज देकर इसके सकारात्मक परिणाम का आश्वासन दिया था। ताबीज ने काम नहीं किया तो आरोपितों ने उसे पीट दिया। व्यक्तिगत विवाद की इस घटना में आरोपितों में हिन्दू और मुस्लिम, दोनों समुदायों के लोग थे। झूठी खबर जम कर फैलाई गई और ट्विटर ने भी इसे रोकने के लिए कोई कोशिश नहीं की।

दर्ज मामले में कहा गया है कि इस फेक न्यूज के कारण इलाके में तनाव पैदा हो गया। ट्विटर पर आरोप है कि पुलिस द्वारा स्पष्टीकरण दिए जाने के बावजूद भी इस वीडियो को नहीं हटाया गया। इन सभी पर धारा 153 यानी दंगा भड़काने, धारा-153A, दो संप्रदायों के बीच वैमनस्य फैलाने, 295a- धार्मिक भावनाएं भड़काने और 120b यानी आपराधिक साजिश से जुड़ी धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। एफआईआर में साफ तौर पर आरोप लगाया गया है कि उपरोक्त लोगों ने बिना मामले की सच्चाई जाने पीड़ित अब्दुल समद की पिटाई और उनके साथ हो रहे बर्ताव को वीडियो के जरिये सांप्रदायिक रंग दे दिया।

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