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चुनावी मौसम में राम नाम जप रहे केजरीवाल: वोटों के लिए अयोध्या में सियासी पाखंड !

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उत्तर प्रदेश में चुनाव नजदीक हैं तो दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल राम नाम जपने में जुट गए हैं। सरयू आरती से लेकर रामलला के दर्शन तक केजरीवाल ने ऐसा स्वांग रचा है कि वोटरों को आसानी से भरमाया जा सके। लेकिन उनके इस पाखंड की सोशल मीडिया पर जम कर धज्जियां उड़ाई जा रही है। सोशल मीडिया यूजर्स दिल्ली के सीएम को ट्रोल कर रहे हैं, राम मंदिर पर उनके पुराने बयानों की याद दिलाई जा रही है।

केजरीवाल की राम के नाम पर वोटों की राजनीति 

दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल अयोध्या दौरे पर हैं। केजरीवाल ने हनुमानगढ़ी और रामलला के दर्शन किए साथ ही ऐलान कि अगर यूपी में आम आदमी पार्टी की सरकार बनेगी तो यूपी के लोगों को रामलला के मुफ्त में दर्शन कराएंगे। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि ‘आज मुझे भगवान के दर्शन करने का सौभाग्य मिला और मैं चाहता हूं कि हर भारतवासी को ये सौभाग्य मिले. केजरीवाल ने कहा कि हम दो काम करने वाले हैं. पहला हम दिल्ली के अंदर मुख्यमंत्री तीर्थ योजना चला रहे हैं. इसके तहत लोगों को मुफ्त तीर्थ यात्रा कराई जाती है. कल सुबह दिल्ली कैबिनेट की विशेष बैठक बुलाई है. बैठक में हम अयोध्या को भी मुख्यमंत्री तीर्थ योजना में शामिल करेंगे. अब दिल्ली के लोग रामजन्मभूमि के भी मुफ्त दर्शन करेंगे. वहीं, अगर यूपी में हमारी सरकार बनी तो हम सभी प्रदेशवासियों को अयोध्या में रामलला के मुफ्त दर्शन कराएंगे’

सोशल मीडिया यूजर्स केजरीवाल को याद दिला रहे नानी

चुनावी मौसम में वोटरों को बरगलाने के लिए दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल अयोध्या में रामलला के दरबार में हाजिरी लगाने पहुंचे हैं। लेकिन जैसे ही पूजा पाठ और आरती की उनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुईं। लोग उन्हें नानी की याद दिलाने लगे। 

चुनावी मौसम में अयोध्या पहुंचे केजरीवाल का विरोध पहले से ही हो रहा है, अयोध्या में संतों ने भी केजरीवाल को खरी-खरी सुनाई है।

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे केजरीवाल के पुराने ट्वीट

सोशल मीडिया पर आम आदमी पार्टी के ट्वीटर हैंडल से किए गए ट्वीट लगातार वायरल हो रहे हैं।

पहले दिल्ली के लोगों को और अब यूपी के लोगों को धोखा 

सोशल मीडिया पर लोग केजरीवाल की रामभक्ति के ढोंग का मजाक उड़ा रहे हैं। लोगों का कहना है कि आम आदमी पार्टी लोगों को धोखा देने में एक कदम आगे बढ़ गई है। पहले दिल्ली की जनता को धोखा दिया, अब भगवान राम और अयोध्यावासियों को धोखा दे रही है।

राम भक्ति के नाम पर ‘आप’ का पाखंड 

14 सितंबर, 2021 को दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के नेतृत्व में अयोध्या में तिरंगा संकल्प यात्रा निकाली गई थी। अयोध्या में मनीष सिसोदिया ने रामलला के दर्शन भी किए और कहा कि राम की प्रेरणा से ही अरविन्द केजरीवाल दिल्ली की सरकार चला रहे हैं। लेकिन 24 घंटे के भीतर ही आम आदमी पार्टी रामनगरी अयोध्या को भूल गई। बुधवार को जारी 100 संभावित उम्मीदवारों की लिस्ट में अयोध्या की जगह फ़ैजाबाद का जिक्र किया गया।

24 घंटे में भगवान राम और अयोध्या को भूल गई आम आदमी पार्टी

अयोध्या की जगह फैजाबाद के नाम पर सियासी तूफान उठ खड़ा हुआ है। आम आदमी पार्टी को पता है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नवंबर 2018 में दीपावली से एक दिन पहले उत्तर प्रदेश के फैजाबाद जिले का नाम बदलकर अयोध्या कर दिया था। ऐसे में अयोध्या को फैजाबाद बताना आम आदमी पार्टी की सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है। एक तरफ पार्टी के नेता भगवान राम का दर्शन कर हिन्दुओं को झांसा देने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं फैजाबाद का जिक्र कर मुस्लिम वोट बैंक को भी साधने का प्रयास कर रहे हैं। दरअसल अयोध्या को फैजाबाद बताकर आम आदमी पार्टी ने फिर साबित कर दिया है कि उनकी सोच में कोई बदलाव नहीं आया है। वे सिर्फ चुनाव को देखते हुए सियासी गिरगिट बने हुए।

देश की तरक्की मंदिर बनाने से नहीं होती-केजरीवाल

14 सितंबर, 2021 को अयोध्या पहुंचे दिल्ली सरकार के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि पूरे देश में अरविंद केजरीवाल ही ऐसे एकमात्र मुख्यमंत्री हैं जो अयोध्या के राजा मयार्दा पुरूषोत्तम श्रीराम की प्रेरणा लेकर सरकार चला रहे हैं। लेकिन अरविंद केजरीवाल ने नवंबर 2018 में राममंदिर विवाद पर कहा था कि अगर जवाहरलाल नेहरू ने स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया के बजाय मंदिर बनाया होता, तो भारत आगे नहीं बढ़ता। केजरीवाल ने कहा कि मोदी सरकार ने देश को मंदिर और स्टेच्यू में उलझा दिया है। अगर ये मंदिर या मस्जिद बनाते रहे तो आपको अपने बेटे को मंदिर में पुजारी बनाना पड़ेगा। अब सवाल उठता है कि क्या केजरीवाल के इस बात पर अमल हुआ तो आज भगवान राम का मंदिर बन पाता ? 

‘हवा में उड़ गए जय श्रीराम’ – संजय सिंह

आम आमदी पार्टी के नेता भगवान श्रीराम के प्रति कितनी श्रद्धा रखते हैं, उसका अंदाजा उनके पूर्व के बयान से लगाया जा सकता है। ‘हवा में उड़ गए जय श्रीराम’ कहने वाले संजय सिंह भगवा गमछा ओढ़ कर और राम मंदिर की जगह स्कूल-कॉलेज बनाने की बात करने वाले मनीष सिसोदिया रामनामी गमछा पहन कर अयोध्या में प्रविष्ट हुए।

राम मंदिर ट्रस्ट पर झूठा आरोप लगाकर निर्माण कार्य रोकने की साजिश

आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने राम मंदिर निर्माण के लिए खरीदी गई जमीन में घोटाले का आरोप लगाकर निर्माण कार्य में बाधा डालने की कोशिश की। ‘आप’ नेता रत्नेश मिश्र ने राज्यसभा सांसद संजय सिंह को झूठा करार देते हुए राम विरोधी होने तक के आरोप लगाए। आम आदमी पार्टी यूथ ब्रिगेड के प्रदेश प्रवक्ता रत्नेश मिश्र ने ट्रस्ट पर लगे आरोपों से मायूस होकर अयोध्या में प्रेस वार्ता कर संजय सिंह को झूठा और राम विरोधी बताया। उन्होंने कहा कि जमीन खरीदने के मामले में संजय सिंह राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को बदनाम कर रहे हैं।

राम मंदिर भूमि पूजन के संबंध में संजय सिंह का आपत्तिजनक ट्वीट 

अगस्त 2020 में संजय सिंह ने अयोध्या में राम मंदिर भूमि पूजन के संबंध में आपत्तिजनक ट्वीट कर हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई। इसके साथ ही संजय सिंह ने दलित समाज को अपमानित करके उनकी भी भावनाओं को ठेस पहुंचाने का काम किया और साफ झूठ बोला। संजय सिंह ने कहा था कि राम मंदिर भूमि पूजन से दलितों को दूर रखा गया है। आखिर ऐसा क्यों है कि भूमि पूजन में किसी दलित को नहीं बुलाया गया। उन्होंने ट्वीट किया, ‘आज मुझे एक दलित नेता ने फोन किया। बोले भाई साहब राष्ट्रपति दलित, उन्हें नहीं बुलाया गया, उप मुख्यमंत्री मौर्य, उन्हें नहीं बुलाया गया। ऐसा क्यों? भाजपा दलितों को मंदिरों से बाहर क्यों रखना चाहती है?’

केजरीवाल कैबिनेट के मंत्री ने राम और कृष्ण के अस्तित्व पर उठाया सवाल

नवंबर 2019 में केजरीवाल कैबिनेट के मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने भगवान राम और भगवान कृष्ण के अस्तित्व पर ही सवाल उठा दिया था। उन्होंने ट्वीट में उन्होंने लिखा था, “अगर यह बात प्रमाणित है कि भगवान राम और कृष्ण पूर्वज हैं तो इन्हें इतिहास में क्यों नहीं पढ़ाया जाता। पूर्वजों का इतिहास होता है जबकि इनका कोई प्रमाणिक इतिहास नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि इस विषय पर पेरियार का दृष्टिकोण प्रमाणिकता और तार्किकता के आधार पर था।”

मनीष सिसोदिया का राम मंदिर की जगह यूनिवर्सिटी बनाने का सुझाव

दिसंबर 2018 में मनीष सिसोदिया ने एक निजी न्यूज चैनल को इंटरव्यू दिया था। सवाल अयोध्या में राम मंदिर को लेकर था। मनीष सिसोदिया ने कहा, ‘राम मंदिर और मस्जिद दोनों वालों से पूछ लो और अगर दोनों की सहमति हो तो वहां एक अच्छी यूनिवर्सिटी बना दो। हिंदुओं के बच्चे भी पढ़ें, मुसलमानों के बच्चे भी पढ़ें, क्रिश्चियन के भी पढ़ें, भारतीयों के भी पढ़ें, विदेशियों के भी पढ़ें…सबके बच्चे पढ़ें। वहीं से राम के सिद्धांतों को निकालो। राम मंदिर बनाने से राम राज्य नहीं आएगा, पढ़ाने से राम राज्य आएगा।’

मनीष सिसोदिया की ‘मंदिर-दर्शन’ की जगह ‘सरकारी स्कूलों के दर्शन’ की सलाह

2017 में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि काश नेताओं में चुनाव से पहले सरकारी स्कूलों के दर्शन करने की परंपरा होती। सिसोदिया ने ट्वीट करते हुए कहा था, ‘अगर चुनावों से ठीक पहले ‘मंदिर-दर्शन’ की जगह ‘सरकारी स्कूलों के दर्शन’ की राजनीतिक परम्परा होती तो देश के हर बच्चे को आज बेहतरीन शिक्षा मिल रही होती।’

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