Home कोरोना वायरस लॉकडाउन पर ट्वीट करते ही राहुल गांधी हुए ट्रोल

लॉकडाउन पर ट्वीट करते ही राहुल गांधी हुए ट्रोल

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कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी एक बार फिर सोशल मीडिया नेटवर्किंग साइट ट्विटर पर ट्रोल हो गए। कोरोना वायरस को लेकर मोदी सरकार सभी आवश्यक कदम उठा रही है। सरकार की प्राथमिकता देशवासियों को कोरोना वायरस की चपेट में आने से बचाना और जरूरतमंद लोगों को आवश्यक वस्तुएं एवं सेवाएं उपलब्ध कराना है। देशभर में जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। लेकिन हर बात में राजनीति निकाल लेने वाले राहुल गांधी कोरोना वायरस को लेकर भारतीयों को डराने में जुटे हुए हैं। राहुल गांधी ने ट्विटर पर कोरोना संक्रमण से होने वाली मौत और अर्थव्यवस्था का एक ग्राफ शेयर किया है। राहुल ने ट्वीट करते हुए लिखा कि यह लॉकडाउन साबित करता है कि सिर्फ एक चीज अज्ञानता से ज्यादा खतरनाक है और वह है अहंकार। इस ट्वीट के बाद लोगों ने उन्हें ट्रोल करना शुरू कर दिया।

राहुल के इस ट्वीट के साथ ही लोगों ने उन्हें ट्रोल करना शुरू कर दिया।

राहुल गांधी सिर्फ नकारात्मकता फैलाते हैं
राहुल गांधी देश के इकलौते ऐसे नेता हैं, जो हर चीज को खारिज करते हैं, लेकिन जिनके पास कोई समाधान नहीं है। राहुल गांधी प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन चीजों को खारिज करते हैं, जिसके लिए देश-दुनिया में भारत की जय-जयकार होती है। आइए उनके प्रेस कॉन्फ्रेंस के झूठ और फरेब का सामने रखते हैं

राहुल गांधी का झूठ नंबर 1
राहुल गांधी ने कहा – लॉकडाउन का मकसद फेल हो गया।
सच्चाई – रिपोर्ट से साफ है कि अगर लॉकडाउन नहीं हुआ होता, तो आज कोरोना पीड़ितों की संख्या 14 लाख से 29 लाख के बीच हो सकती थी। कोरोना से मौत की आंकड़ा भी 37 हजार से 78 हजार के बीच हो सकती थी।

राहुल गांधी का झूठ नंबर – 2
राहुल गांधी बस अपने काम की चीज देखते हैं… बाकी चीजें छोड़ देते हैं। ये दोगलापन उस समय से है जब उनकी केंद्र में सरकार थी। उस समय मनमोहन सरकार ने फैसला लिया और सदन के बाहर आकर राहुल गांधी ने फैसले की उस कॉपी को फाड़ दिया था।

अगर उनके हिसाब से लॉकडाउन गलत है तो फिर उनकी ही राज्य सरकारें केंद्र सरकार के निर्णय से पहले क्यों लॉकडाउन बढ़ा रही हैं। केंद्र सरकार के निर्णय से पहले कांग्रेस शासित पंजाब और महाराष्ट्र सरकार ने लॉकडाउन बढ़ाने का निर्णय किया।

राहुल का झूठ नंबर – 3
राहुल गांधी से सवाल किया गया कि महाराष्ट्र में देश के कुल संक्रमितों का एक तिहाई से बड़ा हिस्सा है। वे महाराष्ट्र के लिए कुछ प्रभावी काम क्यों नहीं करते। इस पर राहुल गांधी ने कहा महाराष्ट्र में वे निर्णायक भूमिका में नहीं हैं। तो सवाल ये है कि आखिर वो महाराष्ट्र में सरकार से बाहर क्यों नहीं हो जाते। यही नहीं अगर वे प्रभावी भूमिका में नहीं हैं तो सिर्फ सोनिया का ओरिजिनल नाम लेने पर देश के सबसे बड़े पत्रकार अर्णब गोस्वामी के खिलाफ पूरी सरकार कैसे काम करने लगी?

राहुल गांधी का झूठ नंबर – 4
राहुल गांधी ने अब लॉकडाउन में धीरे-धीरे छूट देने पर आलोचना की है। सच्चाई ये है कि राहुल गांधी ने ही पहले कहा था कि लॉकडाउन से कोई फायदा नहीं होने वाला है और लॉकडाउन लगाए जाने का विरोध किया था।

 

 

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