ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (BBC) के दिल्ली-मुंबई समेत 20 ठिकानों पर आयकर विभाग ने टैक्स चोरी और वित्तीय अनियमितताओं के कारण सर्वे किया है। इसको लेकर कांग्रेस सहित विपक्षी पार्टियां जिस तरह हाय-तौबा मचा रही है और भारत विरोधी बीबीसी का बचाव करने में जुटी है इससे उनका दोहरा चरित्र उजागर हो गया है। जबकि सच यह है कि बीबीसी कई वर्षों से ट्रांसफर प्राइसिंग के साथ ही नियमों की अनदेखी करता आ रहा है। इस बावत BBC को कई नोटिस जारी किए गए थे लेकिन उसने जवाब देना तो दूर अड़ियल रवैया अपनाए रखा। उसके बाद आयकर विभाग ने सर्वे का काम शुरू किया। अब तो देशभर में बीबीसी पर प्रतिबंध लगाने की मांग शुरू हो चुकी है। यह भी कोई नई मांग नहीं है, इससे पहले कई बार बीबीसी पर प्रतिबंध लगाने की मांग होती रही है। आजादी के बाद बीबीसी पर देश में कई बार प्रतिबंध लगाए भी चुके हैं।
बीबीसी ने वर्षों से ट्रांसफर प्राइसिंग नियमों का पालन नहीं किया
बीबीसी ने वर्षों से ट्रांसफर प्राइसिंग नियमों का लगातार पालन नहीं किया है। उसी के परिणामस्वरूप, बीबीसी को कई नोटिस जारी किए गए हैं। हालांकि, बीबीसी लगातार इस पर ध्यान नहीं दे रहा है और अड़ियल रवैया अपनाकर इसकी अनदेखी करता रहा। मतलब कि इस नियम के प्रति बीबीसी Non-compliance रहा है। अभी जो सर्वे (Income Tax Survey) किया गया है, उसका उद्देश्य यह पता लगाना है कि कितने की टैक्स चोरी हुई है। सूत्रों के अनुसार, बीबीसी ने बड़े पैमाने पर अपने मुनाफे को काफी हद तक डायवर्ट किया है।
क्या है ट्रांसफर प्राइसिंग, जिसके लिए BBC पर हुई कार्रवाई
ट्रांसफर प्राइसिंग का निर्धारण एक अकाउंटिंग प्रेक्टिस है। यह उस मूल्य का प्रतिनिधित्व करता है जो किसी कंपनी में एक डिवीजन कंपनी के ही किसी दूसरे डिवीजन से प्राप्त करता है या भुगतान करता है। दरअसल, किसी एक कंपनी के कोई डिवीजन अन्य डिवीजन से वस्तु या सेवा की खरीद बिक्री करते रहते हैं। उनके बीच कोई नकदी का आदान प्रदान होता नहीं है, बस उसे अकाउंट में चढ़ा लिया जाता है। उसे ही इनकम टैक्स की भाषा में ट्रांसफर प्राइसिंग कहते हैं।
#BBC पर रेड क्या पड़ी, कांग्रेसी चमचे, झिंगुर, और केचुए सब बिलबिला कर बहार निकलने लगे..
इंद्रा, राजीव, सोनिया ने जब बीबीसी बैन किया था तो क्या था? वो भी बता दो चमचों?— JEET (@Sabhaje78612662) February 15, 2023
ट्रांसफर प्राइसिंग पर काफी रहा है विवाद
ट्रांसफर प्राइसिंग पर काफी विवाद पहले भी रहा है। तभी तो इसके लिए इनकम टैक्स विभाग ने नियम बनाए हैं। इसे ही ट्रांसफर प्राइसिंग रूल कहते हैं। दरअसल, ट्रांसफर प्राइसिंग किसी कंपनी या इनटिटी को सहायक कंपनियों, सहयोगी कंपनियों, या सामान्य रूप से नियंत्रित कंपनियों के बीच वस्तुओं और सेवाओं के आदान-प्रदान के लिए कीमतों की स्थापना की अनुमति देता है। टैक्स अथॉरिटीज किसी कंपनी के टैक्स से बचने या कम टैक्स चुकाने की दशा में ऐसी प्राइसिंग के जरिए टैक्स के ऊंचे रेट वाले देश से कम टैक्स वाले देश में इनकम के ट्रांसफर रोकने के लिए आमतौर पर सख्त नियम लागू करता है। इन्हीं नियमों की आड़ में कुछ कंपनियां खूब फायदा भी उठाती है।
इमरजेंसी के दौरान 1975 में डॉक्यूमेंट्री से मचा था बवाल
अभी गुजरात दंगे पर बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री को लेकर देशभर में लोग बीबीबी पर बैन लगाने की मांग कर रहे हैं। कुछ उसी तरह की मांग इमरजेंसी का दौर में भी उठाई गई थी। जब बीबीसी ने भारत पर डॉक्यूमेंट्री बनाई थी। तब इंदिरा गांधी सरकार ने बीबीसी पर भारत विरोधी खबरें चलाने का आरोप लगाया था। इमरजेंसी को लेकर ये खबरें प्रसारित की जा रही थीं। सरकार ने कहा था कि बीबीसी भारत की छवि धूमिल करने का एक भी मौका नहीं गंवाता है। इमरजेंसी के दौरान बीबीसी ने अपने जाने-माने पत्रकार मार्क टुली को वापस बुला लिया था।
वर्ष 1970 में बंद किया गया था बीबीसी दफ्तर
1970 में तब इंदिरा गांधी सरकार ने बीबीसी को बैन कर दिया था जब एक शो में भारत की नकारात्मक तस्वीर पेश की गई थी। 1970 में, जब फ्रांसीसी निर्देशक लुइस मैले की डॉक्यूमेंट्री सीरीज बीबीसी पर दिखाई गई, तो इसके परिणामस्वरूप दिल्ली स्थित बीबीसी का दफ्तर 2 साल के लिए बंद कर दिया गया था।
1970 की गर्मियों में लुइस मैले की 2 डॉक्यूमेंट्री कलकत्ता और फैंटम इंडिया का प्रसारण ब्रिटिश टेलीविजन पर किया गया था। इस प्रसारण के बाद ब्रिटेन में बसे भारतीयों ने बीबीसी की तीखी आलोचना की थी। विरोध का ये स्वर दिल्ली पहुंचा और सरकार को भी इसकी जानकारी मिली। तब इंदिरा गांधी देश की प्रधानमंत्री थीं।
2015 में दिल्ली गैंग रेप को लेकर लगा बैन
मार्च 2015 की बात है। दिल्ली हाईकोर्ट ने बीबीसी की एक डॉक्यूमेंट्री पर बैन के फैसले को सही ठहराया था। यह दिल्ली गैंग रेप में दोषी मुकेश सिंह पर आधारित थी। कोर्ट ने डॉक्यूमेंट्री के इंटरनेट ब्रॉडकास्ट पर भी रोक लगा दी थी।
2017 में बीबीसी पर लगी यह रोक
2017 में बीबीसी को पांच साल के लिए भारत के राष्ट्रीय उद्यानों और वन्यजीव अभयारण्यों में फिल्माने से रोक दिया गया था। तब भारत सरकार ने दावा किया था कि बीबीसी की रिपोर्टिंग के कारण देश की छवि को ‘अपूरणीय क्षति’ पहुंची है।
बीबीसी ने 2008 में बालश्रम पर दिखाई थी फेक स्टोरी
जून 2008 में भारत सरकार और बीबीसी के बीच टकराव देखने को मिली थी। उस दौरान बीबीसी ने एक पैनोरमा शो में एक फुटेज दिखाया जिसमें बच्चे एक वर्कशॉप में काम करते हुए दिख रहे थे। इस पर काफी हंगामा हुआ और बाल श्रम को बढ़ावा देने के आरोप लगे। लेकिन बाद में ये स्टोरी ही फर्जी निकली। ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन की सरकारी बॉडी ने फैसला सुनाया कि एक प्रमुख खोजी रिपोर्टिंग कार्यक्रम ने बेंगलुरु के वर्कशॉप में कपड़ों की सिलाई करने वाले बच्चों की नकली फुटेज बनाई।
देश में लगे बीबीसी के होर्डिंग बताते हैं… उसे भारी फंडिंग मिली है
एक तरफ बीबीसी भारत को कमजोर करने के लिए डाक्यूमेंट्री लेकर आती है वहीं वह देश में जगह-जगह होर्डिंग लगाकर अपना प्रचार करती है जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों तक बीबीसी की पहुंच बन सके। यह भी भारत को कमजोर करने के लिए बीबीसी को की जा रही अंतर्राष्ट्रीय फंडिंग को दर्शाता है। इससे समझा जा सकता है कि अंतर्राष्ट्रीय ताकतें किस तरह भारत और मोदी सरकार को कमजोर करने के लिए काम कर रही हैं।
एक तरफ बीबीसी डॉक्यूमेंट्री और बीबीसी के दफ्तर पर आईटी सर्वे से कांग्रेस और विपक्षी पार्टियां हायतौबा मचा रही हैं, लेकिन उन्हें देखना चाहिए ब्रिटेन में ही वहां के सांसदों ने न केवल डॉक्यूमेंट्री की निंदा की बल्कि बीबीसी की भी इसके लिए आलोचना की है। आइए देखते हैं बीबीसी की विवादित डॉक्यूमेंट्री का किस तरह विरोध हो रहा है और प्रधानमंत्री मोदी को समर्थन मिल रहा है…
ब्रिटिश पीएम सुनक ने प्रधानमंत्री मोदी का किया समर्थन
ब्रिटिश संसद में पाकिस्तानी मूल के इमरान हुसैन ने बीबीसी की विवादित डॉक्यूमेंट्री पर ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के विचार पूछे थे। इसके जवाब में सुनक ने कहा था कि वह ऐसे चरित्र चित्रण से सहमत नहीं हैं। उन्होंने कहा कि इस पर यूके सरकार की स्थिति स्पष्ट और लंबे समय से चली आ रही है और बदली नहीं है। आगे सुनक ने कहा, ‘निश्चित रूप से हम उत्पीड़न को बर्दाश्त नहीं करते हैं, चाहे यह कहीं भी हो, लेकिन मैं उस चरित्र-चित्रण से बिल्कुल सहमत नहीं हूं, जो नरेन्द्र मोदी को लेकर सामने रखा गया है।’
"India has a vision to become, within 25 years, the 2nd largest economy in the world with a GDP of $32 trillion. The Indian Express has left the station. It is now the fastest train in the world—the fastest-growing major economy. The UK must be its closest friend and partner." pic.twitter.com/n1Pdhalw5W
— Lord Karan Bilimoria (@Lord_Bilimoria) January 20, 2023
ब्रिटिश संसद में पीएम मोदी के समर्थन में गूंजी आवाज
सांसद लॉर्ड करण बिलिमोरिया ने 19 जनवरी को हाउस ऑफ लार्ड्स में एक बहस के दौरान कहा, ”एक लड़के के रूप में, नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के एक रेलवे स्टेशन पर अपने पिता की चाय की दुकान पर चाय बेची। आज वह भारत के प्रधानमंत्री के रूप में इस धरती पर सबसे शक्तिशाली लोगों में से एक हैं। आज भारत के पास G20 की अध्यक्षता है। आज भारत के पास अगले 25 वर्षों में 32 बिलियन अमेरिकी डॉलर की जीडीपी के साथ दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का विजन है।”
लॉर्ड बिलिमोरिया ने एक्सप्रेस ट्रेन से की भारत की तुलना
लॉर्ड बिलिमोरिया ने भारत की अर्थव्यवस्था की तारीफ करते हुए कहा कि भारत अब यूके से आगे निकल गया है और दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। इसके अलावा भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती एक बड़ी अर्थव्यवस्था भी है। उन्होंने कहा कि भारत हर पहलू में मजबूत होता जा रहा है। उन्होंने भारत की तुलना एक्सप्रेस ट्रेन से करते हुए कहा कि इंडियन एक्सप्रेस अब स्टेशन से निकल चुकी है। यह अब दुनिया की सबसे तेज ट्रेन है। सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है। यूके को इसका सबसे करीबी मित्र और भागीदार होना चाहिए। बिलिमोरिया ने यूके-भारत मुक्त व्यापार समझौता का समर्थन किया।
Lord @RamiRanger wrote to the director general BBC strongly condemning the documentary on PM @narendramodi & said the timing of the documentary is sinister. pic.twitter.com/i6li0pkJB8
— 🇬🇧FISIUK 🇮🇳(Friends of India Soc Intl UK) (@FISI_UK) January 21, 2023
लॉर्ड रामी रेंजर ने विवादित डॉक्यूमेंट्री के खिलाफ लिखा पत्र
ब्रिटेन के हाउस ऑफ लॉर्ड के सदस्य लॉर्ड रामी रेंजर ने अपने ट्वीट में ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन को निशाने पर लिया। बीबीसी के समक्ष विरोध दर्ज कराते हुए रामी रेंजर ने शिकायत की कि डॉक्यूमेंट्री न केवल दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के दो बार लोकतांत्रिक रूप से चुने गए प्रधानमंत्री का अपमान करती है, बल्कि न्यायपालिका और संसद का भी अपमान करती है, जिसने नरेन्द्र मोदी की कड़ी जांच की और उन्हें बरी कर दिया। लॉर्ड रामी रेंजर ने अपने ट्वीट में लिखा कि “बीबीसी न्यूज, आपने भारत के करोड़ों लोगों की भावनाओं को आहत किया है और लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित भारत के प्रधानमंत्री, भारतीय पुलिस और भारतीय न्यायपालिका की भी बेइज्जती की है। हम दंगों और लोगों की मौत की निंदा करते हैं लेकिन हम आपकी पक्षपातपूर्ण रिपोर्टिंग की भी निंदा करते हैं।”
#BreakingNews: UK MP Bob Blackman (@BobBlackman) speaks to CNN-News18's @AnchorAnandN. He talks about the controversial #BBCDocumentary and says "it was a result of poor journalism, badly researched"
He added that "China is trying to encircle India"
(@toyasingh)#PMModi pic.twitter.com/ljcRR0Vwda
— News18 (@CNNnews18) February 14, 2023
ब्रिटिश सांसद ने BBC को लताड़ा, कहा- घटिया पत्रकारिता
ब्रिटिश सांसद बॉब ब्लैकमैन ने कहा है कि बीबीसी डॉक्यूमेंट्री में बातों को ‘बढ़ा चढ़ाकर’ दिखाया गया है। यही नहीं उन्होंने इसे ‘खराब पत्रकारिता’ बताया है। इस दौरान उन्होंने भारत और चीन के बीच जारी टकराव पर भी अपनी राय रखी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ब्लैकमैन ने कहा, ‘BBC ब्रिटश सरकार के विचारों को नहीं दर्शाता है।’ उन्होंने कहा कि यह डॉक्यूमेंट्री ‘खराब पत्रकारिता का परिणाम है, जहां खराब तरीके से रिसर्च की गई है और यह पूरी तरह अनुचित है।’
इससे पहले भी 27 जनवरी 2023 को सांसद बॉब ब्लैकमैन ने बयान देते हुए बीबीसी को लताड़ लगाई थी। उन्होंने कश्मीरी पंडितों के नरसंहार के 33 वर्ष पूरे होने पर भी ट्वीट कर कश्मीरी पंडितों हुए अत्याचार के बारे में अपने देश के लोगों को शिक्षित करने की कसम खाई थी। उन्होंने कहा था कि घाटी में 1990 में कश्मीरी पंडितों का नरसंहार हुआ, जिसके कारण उन्हें अपने घरों को छोड़कर पलायन करने के लिए मजबूर होना पड़ा था।
बीबीसी ने डॉक्यूमेंट्री के जरिये कई उद्देश्यों को पूरा करने की साजिश रची
1. पीएम नरेंद्र मोदी की छवि को गलत तरह से पेश करना।
2. भारत-ब्रिटेन के रिश्तों को खराब करने की कोशिश। दोनों देशों के बीच ट्रेड डील होनी है। आरोप है कि ब्रिटेन और भारत में बैठे कुछ लोगों ने मिलकर इस डील को तुड़वाने के लिए इस तरह की डॉक्यूमेंट्री की साजिश की।
3. इस साल भारत को जी-20 की अध्यक्षता मिली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही इसकी अगुआई कर रहे हैं। आरोप है कि जी-20 सम्मेलन को देखते हुए ही इस तरह भ्रामक डॉक्यूमेंट्री को रिलीज किया गया। इसके जरिए पीएम मोदी पर दाग लगाने की कोशिश हो रही है।
4. पहली बार ऋषि सुनक के रूप में ब्रिटेन में कोई भारतीय मूल का हिंदू प्रधानमंत्री बना है। ऋषि सुनक और पीएम मोदी की अच्छी दोस्ती है। आरोप ये भी है कि इस डॉक्यूमेंट्री के जरिए ब्रिटेन में पीएम ऋषि सुनक की छवि को भी खराब करने की कोशिश हो रही है।
5. पूरी डॉक्यूमेंट्री में हिंदू धर्म के लोगों को गलत तरह से पेश किया गया है। ऐसे में आरोप ये भी है कि बीबीसी ने अपनी इस डॉक्यूमेंट्री के जरिए हिंदू धर्म के लोगों को बदनाम करने की साजिश रची है।
एक तरफ चीन ने अपने देश में बीबीसी पर प्रतिबंध लगा रखा वहीं भारत के खिलाफ दुष्प्रचार के लिए बीबीसी से समझौता कर लिया है।
चीनी हित साधने के लिए BBC और Huawei के बीच समझौता
ब्रिटेन के सार्वजनिक प्रसारण निगम बीबीसी और तकनीक क्षेत्र की दिग्गज चीनी कंपनी हुआवे के बीच धन लेकर हितों के अनुरूप प्रचार के लिए समझौता हुआ है। बीबीसी ने यह समझौता बढ़ते खर्च और सरकार की ओर से सहायता में कमी से उत्पन्न स्थिति को नियंत्रित करने के लिए किया है। ब्रिटेन सरकार की ओर से मिलने वाली लाइसेंस फीस को लेकर संशय से भी बीबीसी मुश्किल में है। वहीं चीन ने विकास के पथ पर अग्रसर भारत जैसे देश को बदनाम करने और अपने हित साधने के लिए यह समझौता किया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की छवि बिगाड़ने की साजिश
भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बारे में आपत्तिजनक डाक्यूमेंट्री बनाकर उनकी छवि बिगाड़ने की साजिश की गई है। हुआवे चीन की वही दिग्गज कंपनी है जिसके कामकाज को 2019 में अमेरिका ने प्रतिबंधित किया था। इसके बाद 2020 में ब्रिटेन की सरकार ने उसे देश में 5जी नेटवर्क विकसित करने के कार्य से अलग कर दिया। भारत ने चीन के सैकडों एप पर प्रतिबंध लगाया है जिससे वह बौखलाया हुआ है और भारत को कमजोर करने और पीएम मोदी की छवि बिगाड़ने की साजिश रच रहा है।
हुआवे का संबंध चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी से
अमेरिका, ब्रिटेन और कुछ अन्य यूरोपीय देशों ने सुरक्षा से जुड़ी आशंकाओं के चलते हुआवे से दूरी बनाई है। इन देशों को शक है कि हुआवे का संबंध चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी से है। बीबीसी और हुआवे का समझौता हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी पर दो हिस्सों में प्रसारित हुई आपत्तिजनक डाक्यूमेंट्री के बाद चर्चा में आया है। इसे भारत को कमजोर करने के षडयंत्र के तौर पर देखा जा रहा है। इससे बीबीसी से हुआवे के जुड़ने का उद्देश्य पता चला है।
This is showing that BBC is completely financially interlocked with China, through Chinese state-owned companies. The documentary basically is nothing more than a Chinese-inspired initiative: Senior Advocate & Rajya Sabha MP Mahesh Jethmalani on BBC documentary pic.twitter.com/hf6rcb4kfi
— ANI (@ANI) February 3, 2023
चीनी कंपनी हुआवे ने बीबीसी को पैसा दिया
भाजपा के राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी ने दावा किया कि ब्रिटिश प्रसारक बीबीसी ने चीनी कंपनी से पैसा लेकर पीएम मोदी के खिलाफ डॉक्यूमेंट्री बनाई है। उन्होंने कहा कि बीबीसी भारत के खिलाफ चीन के एजेंडे को आगे बढ़ा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी की छवि खराब करने के लिए चीनी कंपनी हुआवे ने बीबीसी को पैसा दिया है। जेठमलानी ने ट्विटर पर एक मीडिया रिपोर्ट का लिंक साझा करते हुए सवाल उठाया था कि बीबीसी इतना भारत विरोधी क्यों है? क्योंकि बीबीसी को भारत के खिलाफ दुष्प्रचार फैलाने के लिए पैसे की सख्त जरूरत है और इसके लिए उसे चीनी कंपनी हुआवे से पैसे मिलते हैं। उन्होंने आगे लिखा कि बीबीसी बिकाऊ है।
China will not allow the broadcast of BBC World News in Chinese mainland after the broadcaster did a slew of falsified reporting on issues including Xinjiang and China’s handling of #COVID19: Chinese media
— ANI (@ANI) February 11, 2021
चीन में BBC बैन, कोरोना वायरस और उईगर महिलाओं से रेप के मामलों का खुलासा किया था
चीन ने बीबीसी वर्ल्ड न्यूज को नियमों का उल्लंघन करने पर देश में उसके प्रसारण पर फरवरी 2021 में प्रतिबंध लगा दिया। चीन में बीबीसी न्यूज को प्रतिबंधित किए जाने पर चीनी मीडिया ने कहा कि ‘चीन में झिंजियांग और चीन के कोरोना वायरस से निपटने सहित कई मुद्दों पर गलत रिपोर्टिंग करने के कारण देश में बीबीसी वर्ल्ड न्यूज़ के प्रसारण को प्रतिबंधित किया जा रहा है।
BBC ने चीन से जुड़े दो अहम खुलासे किए थे। उसने अपनी एक रिपोर्ट में बताया था कि कोरोना वायरस के मामले पर चीन कैसे दुनिया से सच्चाई छिपा रहा है। इसके बाद एक अन्य रिपोर्ट में बताया था कि चीन में उईगर मुस्लिमों के डिटेंशन कैम्प्स में महिलाओं से गैंगरेप किए जाते हैं। इस पर चीन ने कहा था कि BBC जानबूझकर झूठ और अफवाह फैला रहा है, उसकी खबरों में कोई सच्चाई नहीं है और यह चीन को बदनाम करने की साजिश है।