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मेक इन इंडिया का विदेशों में जलवा, कई देशों ने एलसीए तेजस में दिखाई दिलचस्पी, रक्षा निर्यात को मिलेगा बढ़ावा

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सत्ता में आते ही मेक इंडिया पर जोर दिया था। आज मेक इन इंडिया भारत के साथ ही विदेशों में भी धूम मचा रहा है। जहां भारत मोबाइल की मैन्युफैक्चरिंग में विश्व में दूसरे नंबर पर पहुंच गया है, वहीं एक प्रमुख रक्षा निर्यातक रूप में भी उभर रहा है। बेंगलुरु में आयोजित एयरो इंडिया शो 2023 में मेक इन इंडिया का जलवा दिख रहा है। इस शो का आकर्षण एचएएल के स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) तेजस रहा है। इस लड़ाकू विमान की मांग बढ़ती जा रही है और इसे खरीदने में कई देशों ने दिलचस्पी दिखाई है। 

एचएएल के अध्यक्ष व महानिदेशक सीबी अनंतकृष्णन ने मंगलवार (14 फरवरी, 2023) को बंगलुरू में जारी एयरो इंडिया 2023 में बताया कि अर्जेंटीना ने 15 और मिस्र ने 20 तेजस विमान को खरीदने में रुचि दिखाई है। बोत्सवाना और मलयेशिया से भी तेजस की खरीद को लेकर बात हो रही है। उन्होंने कहा कि जल्द हम इन देशों को भारत में निर्मित विमान देंगे। भारत जल्द ही रक्षा क्षेत्र के निर्यात में भी सबसे आगे होगा। उन्होंने बताया कि एचएएल अपने हल्के लड़ाकू हेलिकॉप्टर बेचने के लिए फिलीपींस के साथ भी बातचीत कर रही है। इनके अलावा अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और इंडोनेशिया भी ‘तेजस’ विमान में दिलचस्पी दिखाने वाले देशों में शामिल हैं।

इससे पहले एलसीए तेजस ने विदेशों में अपना जलवा दिखाया था। इसने जुलाई में मलेशिया फाइटर जेट प्रोग्राम प्रतियोगिता को जीता था। इस कम्पटीशन में तेजस ने चीन के जेएफ-17, दक्षिण कोरिया के एफए-50, रूस की तरफ से मिग-35 और याक-130 प्लेन को पछाड़ा था। इसके बाद भारत का तेजस हल्का लड़ाकू विमान मलेशिया के लिए टॉप पसंद के रूप में उभरा। उस समय मलेशिया ने रूसी मिग-18 विमानों के अपने पुराने बेड़े को बदलने के लिए कम से कम 18 तेजस कॉम्बैट एयरक्राफ्ट खरीदने में रुचि दिखाई थी।

एयरो इंडिया 2023 का उद्घाटन करते वक्त प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत-निर्मित ‘तेजस’ विमान भारत की क्षमता के शानदार उदाहरण हैं। गौरतलब है कि हाल ही में LCA नेवी (जो तेजस का ही नाम है) ने INS विक्रांत पर सफल लैंडिंग की थी, जो भारत के स्वदेशी और आत्मनिर्भरता का अनूठा संगम था। एचएएल द्वारा निर्मित ‘तेजस’ एक बहुद्देश्यीय लड़ाकू विमान है जो गंभीर खतरे वाले वातावरण में काम करने में सक्षम है। रक्षा मंत्रालय ने फरवरी 2021 में वायु सेना (आईएएफ) के लिए 83 ‘तेजस’ लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) की खरीद के लिए एचएएल के साथ 48 हजार करोड़ रुपये का सौदा किया था।

जहां तक तेजस लड़ाकू विमान की खूबियों की बात है तो यह सुखाई विमानों से हल्‍के हैं। यह विमान आठ से नौ टन तक का यह बोझ उठा सकता है। यानी इतनी भारी मिसाइल के साथ तेजस विमान उड़ान भरने में सक्षम है। इसकी दूसरी खासियत इसकी स्‍पीड है। हल्‍के होने के कारण यह दुश्‍मन विमानों की तुलना में तेज गति से उड़ान भर सकता है। इसकी गति यानी मैक 1.6 से लेकर 1.8 तक है। यह ऊंचे पहाड़ों पर भी उड़ान भरने में सक्षम है। यह 52 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है। तेजस 2376 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से उड़ान भर सकता है। यह 45.4 फीट लंबा 14.9 फीट ऊंचा है। इसका कुल वजन 13500 किलोग्राम है। यह बेहद कम महज 460 मीटर के रनवे से भी टेकआफ कर सकता है। यह एक सुपर सोनिक फाइटर जेट है, जो सबसे खतरनाक ब्रह्मोस मिसाइल को कैरी कर सकता है।

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