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AAP यानी अवैध आमदनी पार्टी, केजरीवाल के शीशमहल का नया वीडियो जारी, जानिए करोड़ों के सामान की रेट लिस्ट

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आप-दा के बाद आम आदमी पार्टी को एक और नया नाम मिला है। AAP यानी अवैध आमदनी पार्टी। आप को यह नाम करोड़ों का अवैध कारोबार करके शीशमहल खड़ा करने के लिए मिला है। इस शीशमहल में नियम-कायदों को ताक पर रखकर जनता के करोड़ों रुपये खर्च किए गए। अरविंद केजरीवाल के राज में बने इस चमचमाते शीशमहल का नया वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसी बंगले में पूर्व CM केजरीवाल रहते थे। 14 मिनट के इस वीडियो में केजरीवाल के पुराने आवास का वीडियो सार्वजनिक किया गया है। इसमें दिखाए गए कई महंगे और आलीशान सामानों की कीमतें भी सार्वजनिक हुई है। केजरीवाल के आवास में स्मार्ट एलईडी टर्नटेबल लाइट्स की कीमत 19.5 लाख रुपये, बॉडी सेंसर और रिमोट वाले 80 पर्दों की कीमत चार करोड़ से 5.6 करोड़ रुपये के बीच है। भाजपा ने X पर वीडियो शेयर करके लिखा- आइए आपको सैर कराएं महाठग अरविंद केजरीवाल की अय्याशी के शीशमहल की। इससे पहले नारीशक्ति से लेकर झुग्गी-झौंपड़ी तक, व्यापारियों से लेकर पुजारियों-ग्रंथियों तक ने इस बार केजरीवाल की हार और भाजपा की जीत की राह सुनिश्चित कर दी है।

 

आम आदमी पार्टी सिर्फ झूठ बोलने वाली मशीन – शाह
वहीं, गृह मंत्री अमित शाह ने AAP को अवैध आमदनी पार्टी और झूठ बोलने वाली मशीन बताया। उन्होंने नरेला में रैली के दौरान कहा- AAP ने झूठ बोलकर वोट बटोरे और आगे बढ़ने का काम किया है। AAP का मतलब है- अवैध आमदनी वाली पार्टी। दिल्ली के पैसों से ये पंजाब, गुजरात, गोवा का चुनाव लड़ते हैं। शाह ने कहा कि AAP नेताओं ने कहा था कि हम राजनीतिक लोग नहीं हैं, हम पार्टी नहीं बनाएंगे, लेकिन इन लोगों ने पार्टी बनाई। इन्होंने कहा था हम कांग्रेस का समर्थन नहीं लेंगे, कांग्रेस का समर्थन लिया। इन्होंने कहा था कि हम सिक्योरिटी, गाड़ी और बंगला नहीं लेंगे, लेकिन इन्होंने सिक्योरिटी ली, गाड़ी ली और करोड़ों का शीशमहल बनवाया।

वायरल वीडियो से शीशमहल में मौजूद चीजों का रेट भी ओपन
यूट्यूब पर इस वीडियो को शेयर होने के साथ ही शीशमहल में मौजूद चीजों का रेट भी ओपन हो गया है। वीडियो के मुताबिक, केजरीवाल के घर में 4 करोड़ से 5.6 करोड़ के बॉडी सेंसर और रिमोट वाले 80 पर्दे लगे हैं, 64 लाख रुपए के 16 टीवी, 10-12 लाख रुपए की टॉयलेट सीट, 36 लाख रुपए के सजावटी खंभे हैं। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि खुद को आम आदमी कहने वाले केजरीवाल ने अपने रहने के लिए ‘शीशमहल’ बनवाया था। केजरीवाल कहते थे कि सरकारी घर नहीं लूंगा, लेकिन रहने के लिए 7 स्टार रिसॉर्ट बना डाला। इस महल में 1.9 करोड़ रुपए से मार्बल ग्रेनाइट, लाइटिंग, 1.5 करोड़ रुपए से मरम्मत और 35 लाख रुपए से जिम और स्पा बनवाया है। सचदेवा के मुताबिक केजरीवाल को दिल्ली के लोगों को बताना चाहिए कि उन्होंने किस अधिकार से अपने बंगले की सजावट पर करीब 45 करोड़ रुपए खर्च कर दिए, जबकि कोविड में जनता के विकास कार्य ठप थे।

आप ने पंजाब-दिल्ली में जनता से किए वादे पूरे नहीं किए
आप ने पंजाब में भी वादा किया था कि 1 हजार रुपए महीना देंगे। दिया तो नहीं। पंजाब की महिलाएं दिल्ली आकर अरविंद केजरीवाल का पुतला जला रही हैं। दिल्ली में उन्होंने 1 हजार रुपए देने के लिए फॉर्म भरवाया था। घोषणा करके नहीं देना आम आदमी पार्टी और कांग्रेस की फितरत है। हम तो हरियाणा, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में पहले से दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज को अब तक दूसरी पार्टियों ने भ्रमित करके रखा है कि BJP आपके लिए कुछ नहीं करेगी। BJP से डर कर रहो। हमने प्रधानमंत्री आवास दिया तो मुस्लिमों को भी दिया। फ्री गैस कनेक्शन दिया, तो मुस्लिमों को भी दिया। अब मुसलमानों को भरोसा हो गया कि विपक्षी पार्टियां BJP के खिलाफ भड़काती हैं। कांग्रेस के तो मेनिफेस्टो में था कि हिंदुओं की प्रॉपर्टी मुस्लिमों में बांट देंगे। उन्होंने कहा था कि हम बैंक में जमा संपत्ति अल्पसंख्यकों को बराबर-बराबर बांटेंगे। समाज में किसी से छीनकर किसी को देने की कोई बात करेगा, तो हम विरोध करेंगे।

अवैध घुसपैठियों-रोहिंग्या के फर्जी वोट बनवा रहे केजरीवाल
नॉर्थ ईस्ट दिल्ली से BJP सांसद मनोज तिवारी साफ-साफ कहते हैं कि आप अवैध घुसपैठियों-रोहिंग्या का फर्जी वोट बचाने की कोशिश कर रहे थे। दिल्ली में घुसपेठिया वोटर के सवाल पर मीडिया से बातचीत में तिवारी कहते हैं कि करीब ढाई लाख के आसपास वोट कटे हैं। ये अवैध घुसपैठिए थे। मुझे लगता है 3-4 लाख घुसपैठिए अब भी हैं। दरअसल, आप ने सही वोट कटवाए थे और गलत वोट जुड़वाए थे। अब चुनाव आयोग ने गलत वोट कटवा दिए और जो गलत वोट काटे गए थे, आप वाले उन्हें फिर से जुड़वा रहे हैं। लेकिन अवैध घुसपैठिया वोटर तो नहीं बन पाएगा। हमने उन्हें पकड़ा। इनकी संख्या 7 लाख के आसपास हो गई है। हमने जगह-जगह ऐसे लोग चिह्नित किए। एक पते पर हमें 67 वोट मिले। हमने वहां लोग भेजे। पता चला, वहां कोई नहीं रहता है। फिर हमने शिकायत की। सरकार के बूथ लेवल ऑफिसर ने जांच की। कहा गया कि ये लोग यहां रहते ही नहीं थे, सिर्फ चुनाव के वक्त आते थे। कमरा भी किसी और का है। उनका वोट हमने कटवा दिया।केजरीवाल का पुजारियों-ग्रंथियों को लुभाने का ड्रामा भी फेल

दिल्ली विधानसभा चुनाव में केजरीवाल की आम आदमी पार्टी के लिए मुश्किलों की दीवार खड़ी होती जा रही है। करोड़ों के शराब घोटाले में जेल जाने से उनकी कथित ईमानदार होने की इमेज पूरी तरह धुल चुकी है। महिलाओं को वोट के बरगलाने के लिए एक हजार रूपये देने की गारंटी केजरीवाल पूरी नहीं कर पा रहे हैं। दिल्ली सरकार के अफसरों ने ही केजरीवाल की घोषणाओं के खिलाफ अखबारों में विज्ञापन तक दे डाले हैं। अपनी नानी की कहानी सुनाकर राम मंदिर का विरोध करने वाले चुनावी हिंदू केजरीवाल का पुजारियों-ग्रंथियों को लुभाने का ड्रामा भी फेल हो रहा है। उनके चुनाव के लिए चले सारे पासे उलटे पड़ रहे हैं। अब दिल्ली में मंदिरों के पुजारियों ने कहा है कि ‘कौए को कितना भी रंग दो, वो हंस नहीं बन सकता है। जैसे चोर अपनी प्रवृत्ति नहीं छोड़ता, वैसे ही केजरीवाल की झूठ बोलने की आदत है। हमें BJP ने मंदिर प्रकोष्ठ के नाम पर जोड़ा है। हम पहले भी भाजपा के साथ थे और अब भी हम BJP के ही साथ हैं।’

दिल्ली चुनाव में मंदिर प्रकोष्ठ BJP का पायलट प्रोजेक्ट
PM मोदी के निर्देश पर दिल्ली में 2022 में मंदिर प्रकोष्ठ बनाया गया। देश में अभी सिर्फ दिल्ली में ही इसकी नींव रखी गई है। यानी सनातनी लोगों को जोड़ने के लिए ये BJP का पायलट प्रोजेक्ट है। दिल्ली चुनाव के बाद देश के बाकी हिस्सों में भी ऐसे प्रकोष्ठ बनेंगे। दिल्ली में 6 जनवरी को प्रदेश BJP दफ्तर में पुजारियों की भीड़ जुटी। पार्टी के मंदिर प्रकोष्ठ की बैठक हुई, जिसमें 250 से ज्यादा पुजारी शामिल हुए। मकसद था- दिल्ली चुनाव में पंडित पुजारियों को एकजुट करना। इसमें प्रकोष्ठ के संयोजक करनैल सिंह के नेतृत्व में में चुनाव को लेकर योजना बनाई गई। प्रकोष्ठ के सहसंयोजक आचार्य राकेश शुक्ला के मुताबिक हम राम मंदिर बनाने वाली भाजपा के साथ हैं। वे कहते हैं कि मंदिर में भगवान को प्रणाम करने हर कोई जाता है। बड़ी संख्या में लोग पंडित-पुजारियों से जुड़े होते हैं। इनकी बातों का बहुत असर होता है। यानी इस बार चुनाव में BJP को पंडित-पुजारियों से वोट का पूरा समर्थन मिलने वाला है।

मौलवियों को सैलरी देते समय हमारी याद क्यों नहीं आई
चुनाव में करीब 29 हजार मंदिर और उनके पुजारी चर्चा में हैं। बीजेपी का मंजिक प्रकोष्ठ कितना अहम है, इसका अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि प्रकोष्ठ के संयोजक करनैल सिंह शकूर बस्ती से पार्टी के उम्मीदवार भी हैं। उनके सामने AAP के सीनियर लीडर सत्येंद्र जैन हैं। BJP के मंदिर प्रकोष्ठ का जमीन पर गहरा असर नजर आता है। मयूर विहार फेज-2 के नीलम माता वैष्णो मंदिर में पुजारी राहुल तिवारी चुनावी घोषणा का जिक्र करने पर अपनी नाराजगी रोक नहीं पाते। वे कहते हैं, ‘केजरीवाल को इस बार दिल्ली चुनाव के वक्त ही हमारी याद क्यों आई। क्या इससे पहले मंदिर में पुजारी नहीं थे। मौलवियों को दिल्ली सरकार द्वारा कई साल से सैलरी दी जा रही थी,तब इन्हें (AAP) हमारे सम्मान की याद क्यों नहीं आई। जब चुनाव आता है, तब इन्हें सबके सम्मान की याद आ जाती है। वोट बैंक बनाने के लिए ये कुछ भी वादे कर सकते हैं।’ वे कहते हैं, ‘जहां-जहां मंदिर बने हैं वहां पुजारी भी रखे गए हैं। अगर वहां पुजारी हैं, तो उनका जीवन यापन भी हो ही रहा है। मतलब साफ है कि जितने मंदिर बनेंगे, उससे फायदा पुजारियों को ही होगा। ये काम बीजेपी ही करा सकती है।

पुजारियों और ग्रंथियों के लिए दिल्ली सरकार के पास बजट है क्या
BJP मंदिर प्रकोष्ठ के संयोजक करनैल सिंह का दावा है, ‘दिल्ली में 29 हजार रजिस्टर्ड मंदिर हैं। इसमें से आधे से ज्यादा मंदिर प्रकोष्ठ से जुड़े हैं। इन मंदिरों में प्रकोष्ठ की कार्यशाला चलती है। इसमें 252 वाल्मीकि मंदिर हैं और 180 रैदासपंथी मंदिर हैं।’ प्रकोष्ठ के सह संयोजक आचार्य राकेश इस गणित को और बड़ा करके बताते हैं। वे कहते हैं, ‘प्रकोष्ठ के नेटवर्क में करीब 1 लाख 47 हजार पुजारी आते हैं।’ केजरीवाल ने योजना का फर्जी ऐलान तो कर दिया, लेकिन बजट का आंकलन नहीं किया। प्रकोष्ठ के सह संयोजक आचार्य राकेश सवाल करते हुए कहते हैं, ’30 हजार मंदिर के पुजारियों और 15 हजार गुरुद्वारों के ग्रंथियों के लिए क्या दिल्ली सरकार के पास बजट है। हर एक मंदिर में औसतन 4-4 पुजारी और हर गुरुद्वारे में 4-4 ग्रंथी जोड़िए, कितने हुए? क्या दिल्ली सरकार के पास इतना बजट है?’

पुजारियों का संदेश- राम नाम ही सत्य है, जय श्रीराम बोलो, हिंदू हमारा जोड़ो
त्रिनगर विधानसभा सीट के राजनगर में श्रीराम मंदिर के पुजारी रामदास शास्त्री आम आदमी पार्टी की पुजारियों को सम्मान देने की योजना की प्लानिंग पर ही सवाल उठा रहे हैं। मीडिया के बातचीत में वे कहते हैं, ‘एक मंदिर में एक ही पुजारी नहीं होता। इसी मंदिर में 3 पुजारी और 7 सेवादार हैं। हम कुल मिलाकर 10 लोग हैं। फिर ये कैसे तय करेंगे कि किस पुजारी को कितना वेतन देंगे।’ दिल्ली के नरेला में खेड़ा खुर्द के प्रसिद्ध पंचमुखी मंदिर के पुजारी श्रीभगवान भगत बताते हैं कि हमने 3 साल पहले केजरीवाल के घर के बाहर धरना दिया था और पुजारियों के लिए सुविधाओं की मांग की थी। तब हमारी एक नहीं सुनी गई। चुनाव आया तो पुजारी याद आ गए। वो हमारे लिए कुछ नहीं करेंगे। हिंदुओं के लिए प्रधानमंत्री मोदी और हमारे हनुमान योगी ही सही हैं। भक्तों से क्या कह रहे हैं? इसके जवाब में पुजारी भगत कहते हैं, ‘हम भक्तों को बोलते हैं- जय श्रीराम का नारा बोलो, हिंदू हमारा जोड़ो।’

मौलवियों का वोट खिसकता दिखा, तब पुजारी याद आए
घोंडा विधानसभा में आने वाले दुर्गा फकीरी मंदिर पहुंचे। यहां के सेवादार विजय कुमार भगत साफ-साफ कहते हैं कि 2020 के दंगों के दौरान मंदिर लूटा गया था। पुजारी को मार दिया गया था। केजरीवाल तब कहां थे। अब उन्हें पुजारियों के सम्मान की याद क्यों नहीं आई है।’ वो केजरीवाल को चैलेंज देते हुए कहते हैं, ‘अगर पुजारी प्रिय हैं तो एक नोटिफिकेशन जारी करें कि 12-13 साल से मौलवियों को जितना वेतन दिया गया है, पुजारियों को पहले वो सारा एरियर देंगे। पुजारियों का बिजली और पानी कनेक्शन फ्री करें। तब हम समझेंगे कि केजरीवाल सनातनी बनने लायक हैं। अब जब मौलवियों का वोट कांग्रेस की ओर खिसकता दिख रहा है, तब उन्हें पुजारियों की याद आ रही है।’ वो आगे कहते हैं, ‘चाहे वाल्मीकि मंदिर हो, रैदासपंथी हो या फिर कोई और मंदिर, उनके पुजारी बैठक कर रहे हैं। उनकी BJP को लाने की तैयारी है।’इस बार कुछ गड़बड़ हो सकती है, इसलिए केजरीवाल जोड़ रहे पुजारी
केशवपुरम के सनातन धर्म मंदिर के पुजारी आचार्य शिव तिवारी कहते हैं, ‘हमें BJP ने मंदिर प्रकोष्ठ के नाम पर जोड़ा। पहले किसी के भी साथ रहे हों, लेकिन अब हम BJP के साथ हैं।’ क्या कथा-पूजा में आप भक्तों से BJP को वोट देने के लिए कहते हैं, ‘कथा तो क्या, हम क्रिया में भी बोलते हैं- राम नाम सत्य है। इस बार BJP ही आएगी। मंदिर के पुजारी, सेवादार और यहां आने वाले भक्त सब इनके साथ हैं। सारे ब्राह्मण BJP के साथ हैं, राम के साथ हैं।’ कोंडली विधानसभा के सिद्ध हनुमान मंदिर के पुजारी राहुल दीक्षित हंसते हुए कहते हैं, ‘ केजरीवाल को डाउट हो रहा है कि इस बार कुछ गड़बड़ हो सकती है, तो पुजारियों को भी जोड़ो। हम उनके बहकावे में नहीं आएंगे। हम सनातन धर्म की बात करने वाली पार्टी के साथ हैं। ये सबको पता है कि कौन सी पार्टी सनातन और हिंदुत्व को जागृत करने का काम कर रही है।’

दिल्ली की पब्लिक भी जानती है कि सनातन के साथ कौन है
दिल्ली के कई मंदिरों के पुजारी और सेवादारों का मानना है कि मंदिर में हनुमान चालीसा और सुंदरकांड हमेशा होता है। ये BJP के कहने पर नहीं हो रहा, लेकिन ये बात सही है कि हम लोगों से बोलते हैं कि जहां सनातन की बात आए वहां खुलकर खड़े रहना है। पब्लिक भी जानती है कि सनातन के साथ कौन है। सनातन और राम मंदिर के खिलाफ अब तक कौन बोलता रहा है। त्रिलोकपुरी के खाटू श्याम मंदिर के पुजारी भागवत प्रसाद शर्मा का मानना है कि BJP अपना काम कर रही है। वे कहते हैं, ‘भक्तों को पता है कि मुहर किसे लगानी है। राम मंदिर किसके राज में बना। वे आगे कहते हैं, ‘मंदिर प्रकोष्ठ केजरीवाल के उस बयान को भी प्रमोट कर रहा है, जिसमें उन्होंने राम मंदिर की जगह अस्पताल बनाने की बात कही थी। BJP के लिए पुजारी सिर्फ एक वोटर नहीं हैं, उससे एक बहुत बड़ा वर्ग जुड़ा है। पुजारियों के सहारे BJP उसे अपनी ओर लाने की कोशिश कर रही है।’

मंदिर प्रकोष्ठ के जरिए BJP की पुजारियों को जोड़ने की रणनीति
मंदिर प्रकोष्ठ के जरिए BJP की पुजारियों को जोड़ने की रणनीति साफ-साफ सफल होती दिख रही है। इसलिए केजरीवाल और AAP को डिफेंसिव मोड में आ गए हैं और पुजारी-ग्रंथियों के लिए चुनावी वादा कर रहे हैं। इसी वजह से अरविंद केजरीवाल को पुजारियों के लिए सैलरी का ऐलान करना पड़ा। इससे पहले केजरीवाल मौलवियों के बीच जाते रहे हैं, लेकिन इस बार नहीं गए। अभी वक्फ बोर्ड का इतना बड़ा मुद्दा उठा, लेकिन उन्होंने एक बयान नहीं दिया। BJP ने केजरीवाल के फ्रीबीज मॉडल का तोड़ भी निकाल लिया है। उन्होंने अपने मैनिफेस्टो में इसे और बड़ा करने की गारंटी दे दी है। AAP सरकार तो अभी महिलाओं को 1000 रुपए भी नहीं दे पा रही है। दूसरी ओर BJP ने 2500 प्रतिमाह देने की पक्की गारंटी दे दी है। कुल मिलाकर BJP को इस स्ट्रैटजी का फायदा मिलेगा और AAP को नुकसान उठाना पड़ेगा।केजरीवाल का सनातन विरोधी चेहरा दिल्ली के घर-घर में उजागर

महाराष्ट्र और उससे पहले हरियाणा विधानसभा चुनाव में शानदार सफलता के बाद अब भारतीय जनता पार्टी ने ‘दिल्ली विजय’ का सुनियोजित प्लान बनाया है। भाजपा के साथ ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भी दिल्ली चुनाव में अहम भूमिका निभा रहा है और आरएसएस के आनुषांगिक संगठनों ने जमीनी स्तर पर तेजी से काम भी शुरू कर दिया है। भाजपा-आरएसएस जहां एक ओर आप संयोजक अरविंद केजरीवाल का एंटी हिंदू चेहरा घर-घर तक पहुंचाएंगे, वहीं आप सरकार के दौरान हुए भ्रष्टाचार, शराब घोटाले और वादे पूरे ना करने के भी जनता का अदालत में रखेंगे। वे मिलकर अरविंद केजरीवाल की वो छवि उजागर करेंगे, जिसे मुफ्त की योजनाओं के नाम पर ढंक रखा है। राम मंदिर और सनातन के विरोधी, चुनावी हिंदू और तुष्टिकरण करने वाले केजरीवाल ऐसे कई मुद्दों की लिस्ट भाजपा हैं। ये सीधे केजरीवाल की छवि पर वार करेंगे। हम उनका असली चेहरा लोगों के बीच लाएंगे।’ इसके साथ ही भाजपा अपने संकल्पपत्र में गारंटियों की सौगात देकर चुनाव से पहले सबसे आगे निकल गई है।घर-घर जाकर फैमिली डिस्कशन से BJP के लिए वोट निकालेंगे
दिल्ली में 70 सीटों पर 5 फरवरी को विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग होनी है। हरियाणा और महाराष्ट्र के बाद दिल्ली में चुनाव के लिए BJP-RSS ने काम करना शुरू कर दिया है। आरएसएस का प्लान केजरीवाल की हिंदू विरोधी छवि जनता के सामने लाना है। सेवा भारती समेत आरएसएस के संगठन झुग्गी-बस्तियों और मौहल्ला-चौपाल तक एक्टिव हो गए हैं। उन्होंने तय किया है कि घर-घर जाकर फैमिली डिस्कशन से BJP के लिए वोट निकालेंगे। आरएसएस के लोग दिल्ली की घनी बस्तियों में अलग-अलग शाखाओं के स्वयंसेवक बैक टु बैक बैठकें करेंगे। ये बैठकें 10-12 लोगों के छोटे-छोटे ग्रुप्स के बीच होंगी। आरएसएस की बातचीत की शुरुआत किसी चुनावी मुद्दे से नहीं, बल्कि पारिवारिक मुद्दों से करेगा। जैसे- जॉइंट फैमिली की क्या अहमियत है। अगर सबका साथ रहना संभव नहीं, तो कम से कम हफ्ते में एक बार साथ खाना जरूर खाएं।’ भाजपा-आरएसएस के प्लान के केंद्र में केजरीवाल की ‘हिंदू विरोधी छवि’ को भी हाइलाइट करना है।
भाजपा और आरएसएस थिंक टैंक ने अरविंद केजरीवाल को इन पांच प्वांइट पर घेरने की पुख्ता रणनीति बनाई है…

1.अरविंद केजरीवाल और आप सरकार के झूठे वादे
भारतीय जनता पार्टी और आरएसएस की प्लानिंग अरविंद केजरीवाल के सारे झूठे वादों को जनता के बीच लाने की तैयारी है। केजरीवाल ने कहा था कि गाड़ी, बंगला और सुरक्षा नहीं लेंगे। वे अपने आपको कट्टर ईमानदार की छवि वाला नेता बताते थे, लेकिन करोड़ों के शराब घोटाले में जेल जा आए हैं। जनता से पूछकर ठेका खोलेंगे, लेकिन आप सरकार ने स्कूलों की जगह पर शराब के ठेके खोल दिए। इसकी चर्चा उनके शीशमहल के खर्च और गाड़ियों की कीमत के साथ करेंगे। इसमें हवाला और शराब घोटाले में बंद हुए CM, डिप्टी CM और मंत्रियों की भी चर्चा होगी।

2. केजरीवाल की राम मंदिर और हिंदू विरोधी छवि
केजरीवाल ने राम मंदिर का कई बार विरोध किया। अपनी नानी की आड़ लेकर वे करते रहे कि ऐसे राम मंदिर में कैसे पूजा करेंगे, जो किसी और धार्मिक स्थल को तोड़कर बनाया हो। इतना ही नहीं दिल्ली के स्कूलों में इकोनॉमिक वीकर सेक्शन कोटे के तहत दलित हिंदुओं की संख्या ना के बराबर है, जबकि मुसलमानों की संख्या काफी है। यूपी के दादरी में अखलाक की मौत हुई, तो अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया- मैं आ रहा हूं। वहीं, बजरंग दल के रिंकू शर्मा की हत्या पर शोक तक नहीं जताया। अयोध्या में राम मंदिर बना, तो केजरीवाल ने अस्पताल बनाने का सुझाव दिया।

 

3. तुष्टिकरण की सीमाएं ‘चुनावी हिंदू’ केजरीवाल ने पार कीं
केजरीवाल ने तुष्टिकरण की तो सारी सीमाएं ही लांघ दीं। वो सिर्फ ‘चुनावी हिंदू’ हैं और वोट लेने के लिए सनातन का बाना ओढ़ लेते हैं। हकीकत तो यह है कि केजरीवाल सरकार ने दिल्ली के द्वारका सेक्टर-22 में सरकारी खर्च पर 100 करोड़ का हज हाउस बनवाया है। मौलवियों की सैलरी तय कर दी है। केजरीवाल को पुजारियों और ग्रंथियों की याद 12 साल बाद चुनाव से पहले आई है। उन्होंने क्या किसी मंदिर आंदोलन में हिस्सा लिया। वो मौकों के हिसाब से कभी हनुमान चालीसा पढ़ते हैं, तो कभी कृष्ण बन जाते हैं।

4. आप और केजरीवाल का अर्बन नक्सल कनेक्शन
भाजपा और आरएसएस का प्लान केजरीवाल के उस चेहरे को भी उजागर करना है, जिसका कनेक्शन अर्बन नक्सल से है। सोर्स के मुताबिक, अरविंद केजरीवाल उस गैंग का हिस्सा हैं, जिसने नक्सल मूवमेंट खड़ा किया। नक्सली, जो देश विरोधी ताकतों के हाथों की कठपुतली हैं। ये भी जनता के सामने लाएंगे कि केजरीवाल ने पंजाब में खालिस्तान मूवमेंट को भी अपरोक्ष समर्थन दिया हुआ है। उन्होंने तो कुमार विश्वास से आजाद पंजाब का प्रधानमंत्री तक बनने की बात कही है।

5. बांग्लादेशियों-घुसपैठियों के अभियान चलाकर बनाए वोट
इस बात का भी खुलासा होगा कि दिल्ली की आप सरकार पिछले एक दशक के घुसपैठियों का समर्थन करने में लगी हुई है। बताते हैं कि बांग्लादेशियों और घुसपैठियों के आधार कार्ड अभियान चलाकर बनवाए गए। बिना ये सोचे कि इससे देश की राजधानी के दरवाजे उन लोगों के लिए खुल सकते हैं, जो दिल्ली को असुरक्षित कर सकते हैं। आम आदमी पार्टी ने सिर्फ वोटों के लालच में इस खतरनाक साजिश को अंजाम दिया है। भाजपा और आरएसएस केजरीवाल का ये सच भी सबके सामने लाएंगे।

फैमिली वैल्यूज की चर्चा को आगे बढ़ाएगी आरएसएस
आरएसएस की बैठकों में चर्चा का विशेष मॉडल बनाया जाएगा। इसके तहत स्वयंसेवकों की टोली का कॉम्बिनेशन ऐसा बनाया जाएगा, जिसमें पुरुष, महिला और युवा हों। एक परिवार में अगर एक टोली गई तो वो उस परिवार के हर वर्ग से चर्चा कर सकेंगे। फैमिली गैदरिंग के जरिए देश की बात जनसंपर्क के दौरान बातचीत का शुरुआती टॉपिक ‘परिवार’ होगा। जैसे- मोबाइल और बिना किसी इलेक्ट्रॉनिक गैजेट के फैमिली गैदरिंग क्यों जरूरी है। फैमिली वैल्यूज की चर्चा को आगे बढ़ाते हुए देश की चर्चा तक ले जाना होगा। इसके बाद केजरीवाल की छवि पर चर्चा होगी। शराब घोटाले से महिलाओं की परेशानी का कनेक्शन भी जोड़ा जाएगा। इसमें गरीब और लोअर मिडिल क्लास के परिवारों की महिलाओं से भी चर्चा होगी। परिवार की महिलाओं के लिए सबसे बड़ी दुश्मन शराब है। घर की इकोनॉमी और शांति खतरे में पड़ जाती है। अरविंद केजरीवाल के दारूवाला अवतार की तस्वीर भी लोगों के बीच लाई जाएगी।

आरएसएस के ये संगठन जमीनी स्तर पर विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत की रणनीति बना रहे हैं….

1. सेवा भारती: झुग्गियों में लगातार काम कर रही है। ये जिन बस्तियों में काम करती है, उसे सेवा बस्ती का नाम दिया जाता है। ये संगठन बस्तियों को आर्थिक तौर पर आत्मनिर्भर बनाने के लिए छोटे छोटे काम सिखाते हैं। जैसे- सिलाई-बुनाई सेंटर। इस चुनाव में इनकी भूमिका अहम है। सेवाभारती के पास 20 हजार बैठकें कराने का टारगेट है।
2. लघु उद्योग भारती: ये संगठन छोटे स्तर के व्यापारियों के साथ काम करेगा, जिनकी फैक्ट्रियों में गरीब तबका काम करता है। इनके साथ बैठकों के जरिए RSS मुफ्त की योजनाओं का इस्तेमाल करने वाले तबके तक पहुंचेगा। ये संगठन 15-20 हजार बैठकें कराएगा।
3. राष्ट्र सेविका समिति: इस संगठन के पास टारगेट नहीं है। बल्कि इस संगठन की महिलाएं दूसरे संगठनों के साथ जुड़कर काम करेंगी। इन्हें हर परिवार की महिलाओं के बीच RSS के चुनावी मुद्दों पर बात करनी है।
4. भारतीय मजदूर संघ: मजदूर संघ दिल्ली में उस तबके के बीच पहुंचेगा, जिस तक केजरीवाल की रेवड़ियां पहुंचती हैं। आम आदमी पार्टी सरकारी स्कीम का फायदा ले रहे लोगों तक रेवड़ी के पैकेट पहुंचा रही है। मजदूर संघ के पास उनके साथ बैठकें करने का टारगेट है।5. विद्या भारती: ये संगठन सरकारी स्कूलों के बच्चों के पेरेंट्स तक पहुंच बनाएगा। सोर्स ने ये भी बताया कि RSS ने इस तबके तक पहुंचने के लिए हर शाखा के स्वयंसेवकों को 50 बैठकें करने का टारगेट दिया है।
6. त्रिदेव संगठन: जमीन पर एक्टिव आरएसएस के त्रिदेव संगठन की हर विंग के पास बूथ लेवल पर 3 त्रिदेव उतारे हैं। यानी बूथ लेवल पर आरएसएस के 3 पदाधिकारी एक्टिव हैं। इसके ऊपर अध्यक्ष, सह-अध्यक्ष, प्रांत अध्यक्ष जैसे पदाधिकारी होंगे। हर त्रिदेव अपने नीचे कम से कम 10 आम लोगों को जोड़ेगा। दिल्ली में 13,000 बूथ हैं। इस हिसाब से 39,000 त्रिदेव हैं और वे करीब 3 लाख 90 हजार लोगों को अपने साथ जोड़ेंगे।
7. भारत विकास परिषद: इस टोली की जिम्मेदारी बुद्धिजीवियों तक पहुंचना है। इस संगठन के लोग डॉक्टर, CA, इंजीनियर, साइंटिस्ट, वकील और प्रोफेसर्स के बीच जाकर बैठकें करेंगे। ये सभी चुनाव में RSS के लिए बैठकें करेंगे।

दिल्ली के हर वर्ग को लुभा रहीं भाजपा के संकल्प पत्र की गारंटियां

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश-विदेश में दूरदर्शी और विजनरी राजनेता माने जाते हैं। पिछले एक दशक में उनकी दूरगामी नीतियों और सोच के चलते जहां एक ओर पूरी दुनिया भारत की ओर उम्मीदभरी नजरों से देख रही है, वहीं दूसरी ओर भाजपा को उन्होंने जीत का अचूक फार्मूला दे दिया है। दरअसल, पीएम मोदी जिन्हें भारत के चार प्रमुख स्तंभ मानते हैं उनमें से सबसे अग्रणी है- नारीशक्ति। यह नारीशक्ति भाजपा की जीत का आधार बन गई है। उन्हें इस शक्ति की ताकत का पता है, इसीलिए मोदी सरकार की नीति और निर्णयों के केंद्र में देश की माताएं-बहनें और बेटियां रही हैं। दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने जिन संकल्पों की बात की है, उसके पीछे भी पीएम मोदी का विजन यानी नारीशक्ति है। भाजपा ने सुनिश्चित किया है कि दिल्ली में उनकी सरकार बनने के बाद यहां पर महिला समृद्धि योजना के तहत महिलाओं को प्रति माह 2,500 रुपये दिए जाएंगे। इतना ही नहीं दिल्ली में लागू जनकल्याण की योजनाओं को भी जारी रखा जाएगा। वहीं, गरीब परिवारों की महिलाओं की दिक्कत को दूर करने के लिए उनको एलपीजी सिलेंडर पर 500 रुपये की सब्सिडी दी जाएगी जबकि होली और दिवाली में एक-एक गैस सिलेंडर फ्री दिया जाएगा।पीएम मोदी, भाजपा और नारीशक्ति की त्रिवेणी बन रही जीत का आधार
पीएम मोदी, भाजपा और नारीशक्ति की त्रिवेणी जीत का आधार बन रही है। हरियाणा की धरती से पीएम मोदी ने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का शानदार अभियान शुरू किया, वहां की नारी शक्ति ने भाजपा को भरपूर आशीर्वाद दिया। इसके बाद पीएम मोदी ने हरियाणा से ही पूरे देश के लिए बीमा सखी योजना भी शुरू की है। नारीशक्ति को महत्ता देने के इस अचूक फार्मूले का ही परिमाण है कि एक साल, यानी नवंबर 2023 से नवंबर 2024 के बीच 13 राज्यों में चुनाव हुए हैं। इनमें 9 में नारीशक्ति को बढ़ावा देने वाली ‘लाडली बहना’ जैसी योजनाएं लागू की गई या वादा किया गया। इनमें से 8 राज्यों में योजना कारगर रही। इन आठ में भी ज्यादातर में भाजपा को जीत मिली है। महाराष्ट्र में भी माझी लाडकी बहना का असर भाजपा को ऐतिहासिक सीटें दिलाने का सबब बना। अब बारी राजधानी दिल्ली की है।

महिला समृद्धि योजना में दिल्ली की नारीशक्ति को प्रति माह 2500 रुपए
भाजपा ने तय किया है कि महिला समृद्धि योजना के तहत बीजेपी दिल्ली की महिलाओं को प्रति माह 2,500 रुपये की सहायता राशि दी जाएगी। इसके साथ ही दिल्ली में बिजली-पानी और महिलाओं के लिए बस यात्रा फ्री रहेगी। दिल्लीवासियों के लिए आयुष्मान भारत योजना की राशि में 5 लाख रुपये और जोड़ा जाएगा। इसी तरह, प्रधानमंत्री वय वंदन योजना की राशि को बढ़ाकर 10 लाख रुपये किया जाएगा। बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र में यह वादा किया है। बीजेपी ने केजरीवाल के इस झूठ की पोल खोलते हुए कहा कि दिल्ली में उनकी पार्टी की सरकार बनने के बाद यहां जन कल्याण की सारी योजनाओं को बरकरार रखा जाएगा।

भाजपा दिल्ली विधानसभा चुनाव भी प्रचंड बहुमत से जीतेगी
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने संकल्प पत्र के प्रमुख बिंदुओं की जानकारी देते हुए बताया कि बीजेपी ने दिल्ली के बुजुर्ग मतदाताओं का भी खास ध्यान रखा है। नड्डा ने कहा कि 60 से 70 वर्ष के बुजुर्गों के लिए पेंशन की राशि 2,000 रुपये से बढ़ाकर, 2,500 रुपये की जाएगी। वहीं, 70 वर्ष से ऊपर के बुजुर्गों, विधवाओं, दिव्यांगों आदि की पेंशन 2,500 से बढ़ाकर 3,000 रुपये की जाएगी। जेपी नड्डा ने कहा कि यह संकल्प पत्र ‘विकसित दिल्ली की नींव’ है। उन्होंने विश्वास जताया कि भारतीय जनता पार्टी दिल्ली चुनाव प्रचंड बहुमत से जीतेगी। उन्होंने बताया कि यह संकल्प पत्र जनता से मिले सुझावों के आधार पर तैयार किया गया है। हजारों छोटी-बड़ी बैठकें हुईं, 41 एलईडी वैन के माध्यम से लोगों के विचार एकत्र किए गए। लगभग 1 लाख 80 हजार लोगों से फीडबैक लिया गया। सभी से मिले सुझावों के आधार पर पार्टी ने ये संकल्प पत्र तैयार किया है।

महिलाओं से लेकर हर वर्ग के मतदाताओं पर पूरा फोकस
राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि दिल्ली में सरकार बनने के बाद, हम पहली कैबिनेट बैठक में ही केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना को 51 लाख लोगों के लिए लागू करेंगे। इसके अलावा, दिल्ली सरकार इसमें 5 लाख रुपये का अतिरिक्त कवर प्रदान करेगी। नड्डा ने आम आदमी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी सरकार ‘आप’ के कथित भ्रष्टाचार की जांच करेगी। AAP के मोहल्ला क्लीनिक भ्रष्टाचार का अड्डा हैं और लोगों को छलने का एक कार्यक्रम है। उनके मोहल्ला क्लीनिक में फर्जी लैब टेस्ट किए गए हैं और ₹300 करोड़ का घोटाला हुआ है।दिल्ली चुनाव में भाजपा के ‘दस का दम’ पर एक नजर

  1. दिल्ली में भाजपा सरकार आने के बाद हर गर्भवती महिला को मिलेगी 21,000 रुपये की आर्थिक मदद मिलेगी और 6 पोषण किट दी जाएंगी।
  2. दिल्ली में हर गरीब महिला को प्रतिमाह दी जाएगी 2,500 रुपये की आर्थिक मदद।
  3. वरिष्ठ नागरिकों की पेंशन 2,000 रुपये से बढ़ाकर हर महीने 2,500 रुपये की जाएगी।
  4. सत्तर+ वर्ष के वरिष्ठ नागरिकों, विधवाओं, बेसहारा और परित्यक्त महिलाओं की पेंशन 2,500 रुपये से बढ़ाकर प्रतिमाह 3,000 रुपये की जाएगी।
  5. हर गरीब परिवार की महिला को 500 रुपये में दिया जाएगा गैस सिलेंडर। इसके अतिरिक्त होली और दीपावली पर एक-एक सिलेंडर मुफ्त दिया जाएगा।
  6. पहली कैबिनेट में आयुष्मान भारत योजना लागू करेंगे। साथ ही 5 लाख रुपये तक का अतिरिक्त मुफ्त इलाज राज्य सरकार की ओर से उपलब्ध कराया जाएगा।
  7. दस लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज, सभी वरिष्ठ नागरिकों को फ्री OPD मेडिकल और diagnostics सेवा।
  8. जे.जे. क्लस्टरों में अटल कैंटीन स्थापित कर मात्र 5 रुपये में पौष्टिक भोजन की सुविधा।
  9. दिल्ली में अभी जो जन-कल्याण योजनाएं चल रही हैं, वो सारी योजनाएं बीजेपी सरकार बनने पर भी जारी रहेंगी। उनका ज्यादा कारगर तरीके से सुदृढ़ीकरण किया जाएगा।
  10. बीजेपी सरकार ‘आम आदमी पार्टी’ के कथित भ्रष्टाचार की जांच करेगी।

महिलाओं के लिए बजट में 3 लाख करोड़ से ज्यादा की योजनाओं का ऐलान
दिल्ली से पहले बीजेपी ने महाराष्ट्र में पीएम मोदी के विजन पर चलते हुए  ‘माझी लाडकी बहिन’ योजना लागू की। भाजपा गठबंधन ने विधानसभा चुनाव में 288 में से 230, यानी 80% सीटें जीत लीं। इसमें भी भाजपा ने सबसे ज्यादा सीटें जीतकर इतिहास रच दिया। बीते एक साल में जिन 9 राज्यों में ‘लाडली बहना’ जैसा फैक्टर था, उनमें से 7 राज्यों में बीजेपी या NDA को फायदा मिला। दरअसल पीएम मोदी के दिशा-निर्देशन में केंद्र से लेकर राज्यों तक बीजेपी ने महिलाओं को पहचान देने के कई कदम उठाए हैं। मोदी सरकार में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जुलाई 2024 में अपने बजट में महिलाओं और बच्चियों की मदद करने वाली योजनाओं के लिए 3 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा देने का ऐलान किया। मोदी सरकार 3.0 ने पहले 100 दिनों में 11 लाख नई ‘लखपति दीदियों’ को सर्टिफिकेट दिए। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, एक करोड़ से ज्यादा ‘लखपति दीदियां’ अब हर साल एक लाख रुपए से ज्यादा कमा रही हैं।आइये पहले जानते हैं कि इनके अलावा मोदी सरकार ने नारीशक्ति के कल्याण के लिए कैसे कदम उठाए हैं…

  • हर 10 में से 7 मकान महिलाओं कोः प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 70% से ज्यादा घर महिलाओं को दिए गए हैं। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत उभरती बिजनेसविमेंस को 30 करोड़ रुपए लोन दिया गया है।
  • 10 करोड़ महिलाओं को फ्री गैस सिलेंडरः प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत 10 करोड़ से ज्यादा महिलाओं को मुफ्त गैस सिलेंडर दिया गया है। साथ ही हायर एजुकेशन में महिलाओं के रजिस्ट्रेशन में 28% के बढ़त हुई है।
  • अल्पसंख्यक महिलाओं पर भी फोकसः अगस्त 2019 में बीजेपी की मोदी सरकार ने ‘तीन तलाक’ को खत्म करने के लिए कानून बनाया। ऐसा कर पीएम मोदी ने मुस्लिम महिलाओं को बीजेपी की ओर लामबंद करने की कोशिश की।
  • महिलाओं के लिए 33% सीटें आरक्षितः सितंबर 2023 में मोदी सरकार ने महिला आरक्षण बिल पास किया। इसके तहत लोकसभा और विधानसभाओं में एक तिहाई सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित की गईं। यानी 543 सीटों वाली लोकसभा में 181 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी।

महाराष्ट्रः चुनाव से पहले 7500 खाते में पहुंचे, महायुति को 80% सीटें मिलीं
अब राज्यवार विश्लेषण पर आते हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र का महायुति गठबंधन सिर्फ 37% सीटें जीत सका। पीएम मोदी का इशारा हुआ तो महाराष्ट्र की महायुति सरकार ने मध्य प्रदेश जैसी लाड़ली बहना योजना लाने के ऐलान कर दिया। महाराष्ट्र ने विधानसभा चुनाव से पहले ही ‘माझी लाडकी बहिन योजना’ को लागू कर दिया। ये योजना महायुति ने बहुत अच्छे से प्लान की थी। इसका फॉर्म बेहद सिंपल था। न पैन नंबर भरना था, न कोई फॉर्म 16 जैसा कुछ। बस फॉर्म भरने वाली महिला को खुद से ये घोषणा करनी थी कि उनके परिवार की सालाना आय ढाई लाख रुपए से कम है। 6% बढ़े हुए महिला वोटरों ने महाराष्ट्र में खेल बदल दिया। मुंबई और आसपास के जिलों में महिला मतदाताओं में बढ़ोतरी हुई है। अगर हम 2019 से तुलना करें तो ये आंकड़ा मुंबई में 7% बढ़ा हुआ है। ठाणे 11%, पालघर में 9% महिला वोटर में बढ़ोतरी हुई है।

• 28 जून 2024 को योजना लॉन्च हुई। 21 से 65 साल की महिलाओं को हर महीने 1,500 रुपए दिए जाते हैं।
• महाराष्ट्र की 2.34 करोड़ महिलाओं के बैंक खाते में हर महीने रुपए आए। जुलाई 2024 से अब तक कुल छह किस्तें आ चुकी हैं। चुनाव से पहले ही महिलाओं के खातों में 7500 रुपए पहुंच गए थे।
• सरकार ने इसके लिए 46,000 करोड़ रुपए का बजट रखा है। इसमें 200 करोड़ रुपए मार्केटिंग के लिए हैं। इसमें राज्य बजट का लगभग 7.6% खर्च हो रहा है।
• मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे भी खुले मंच से स्वीकार करते हैं कि इस योजना ने खेल पलटा है।मध्यप्रदेश: चुनाव से 240 दिन पहले 6 किस्तें पहुंचीं, नतीजों में ‘प्रो इन्कम्बेंसी’ दिखी
महिलाओं को हर महीने कैश देने की स्कीम की चर्चा मध्य प्रदेश से ही शुरू हुई। 15 मार्च 2023 को चुनाव से 8 महीने पहले शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना लॉन्च की। 10 जून 2023 को इसकी पहली किस्त जारी हुई थी। चुनाव से पहले कुल 6 किस्तें प्रदेश की लाड़ली बहनों के खाते में पहुंच गई थी। विशेषज्ञों के मुताबिक जाति और धर्म की तरह अब वोटिंग पैटर्न जेंडर के आधार पर शिफ्ट हो गया है। जब आप महिलाओं को कुछ सुविधाएं देते हैं, तो वे घर से निकलकर वोट डालने आती हैं। पहले महिलाओं को उनके पति बताते थे कि उन्हें किसे वोट करना है। पीएम मोदी सीधे महिलाओं को संबोधित और प्रोत्साहित करते हैं। 2023 में 15 साल के एंटी इन्कम्बेंसी के बावजूद मध्य प्रदेश में BJP के जीतने की सबसे बड़ी वजह लाड़ली बहना योजना बनी। इस योजना ने अलग महिला वोट बैंक का ध्यान खींचा।
• मध्य प्रदेश सरकार सालाना इस योजना पर 19 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा रकम खर्च करती है। ये खर्च मध्य प्रदेश के कुल बजट का करीब 5% है।
• लाड़ली योजना के लागू होने के बाद हुए विधानसभा चुनाव में राज्य में रिकॉर्ड 76% से ज्यादा महिलाओं ने वोट किया था। 2018 विधानसभा चुनाव की तुलना में 31 लाख ज्यादा महिलाओं ने वोट किए।
• चुनावी सर्वे कराने वाली पोलस्टार कंसल्टिंग फर्म के मुताबिक मध्य प्रदेश चुनाव में कुल महिलाओं के वोट में से करीब 50% महिलाओं ने BJP को वोट किया। BJP को मिलने वाला वोट कांग्रेस की तुलना में 10% ज्यादा था।

छत्तीसगढ़: चुनाव से महिलाओं को 1000 रुपए देने का वादे ने पलटा खेल
शायद आपको याद होगा कि हरियाणा की तरह 2023 के छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में भी कमोबेश सभी एग्जिट पोल में कांग्रेस की सरकार बनने की संभावना जताई गई थी। लेकिन नतीजे आए तो बीजेपी ने बाजी पलट दी। दरअसल, इसमें कमाल नारीशक्ति का भी रहा। भाजपा ने महिला वोट बैंक को साधने के लिए उनके खाते में सीधे 1000 रुपए प्रतिमाह भेजने का वादा किया। इसके लिए फॉर्म भी भरवाने भी शुरू कर दिए। छत्तीसगढ़ के तत्कालीन सीएम भूपेश बघेल जब तक इस वादे की गंभीरता को समझ पाते, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। महिलाओं ने देखा कि पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश में पैसे मिलने शुरू हो चुके हैं। इसलिए उन्होंने बीजेपी के वादे पर ही भरोसा किया।
• राज्य की करीब 76% महिलाओं ने वोटिंग में हिस्सा लिया। ये 2018 की तुलना में 11 लाख ज्यादा था। महिलाओं की संख्या पुरुष मतदाताओं से अधिक रहा।
• चुनाव के बाद 10 मार्च 2024 को पीएम नरेन्द्र मोदी ने ही छत्तीसगढ़ में महतारी वंदन योजना का शुभारंभ किया। 70 लाख महिलाओं के खाते में प्रतिमाह 1000 रुपए भेजना शुरू किया गया।
• परिवार में उनके साथ अच्छा व्यवहार नहीं होता, लेकिन ऐसी योजनाओं से इन महिलाओं को कुछ पैसे मिल रहे हैं और उनके परिवारों में उनकी स्थिति सुधर रही है।
• यही वजह है कि महिलाएं उनके खाते में सीधे पैसा भेजने वाले राजनीतिक दलों को वोट करने के लिए घर से निकलकर पोलिंग बूथ तक जा रही हैं।हरियाणा: एग्जिट पोल के कयासों पर नारीशक्ति का वोट बैंक भारी
हरियाणा में लगातार तीसरी बार भाजपा सरकार आना कुछ मुश्किल लग रही थी। यहां तक कि चुनाव के बाद कमोबेश एग्जिट पोल ने कांग्रेस की सरकार बनने का ऐलान तक कर दिया। लेकिन परिणाम आने पर सारी बाजी भाजपा के पक्ष में पलट गई। इसमें सबसे अहम भूमिका पीएम मोदी की नारीशक्ति ने निभाई। बीजेपी ने चुनाव से पहले लाडो लक्ष्मी योजना का वादा किया। इसमें हर महीने महिलाओं को 21 सौ रुपये देने की गारंटी दी गई। चुनाव के बाद लगातार तीसरी बार भाजपा सरकार बनी।
• नायब सिंह सैनी सरकार ने लाडो लक्ष्मी योजना के लिए करीब 24 हजार करोड़ रुपये का बजट रखा है।
• इस योजना का लाभ राज्य की 95.7 लाख महिलाओं को मिल रहा है।
• इस योजना का ही असर रहा कि महिलाएं वोट उनके खाते में सीधे पैसा भेजने वाली भाजपा को वोट करने के लिए घर से निकलकर पोलिंग बूथ तक पहुंची।
• इससे भाजपा का वोट 3.5 प्रतिशत तक बढ़ा, जो जीत का आधार बना। भाजपा के पिछले चुनाव के मुकाबले 8 विधायक भी ज्यादा आए।

ओडिशा: भगवान जगन्नाथ की धरती पर महिलाओं ने दोनों हाथ से दिए वोट
पीएम मोदी की नारीशक्ति ने ओडिशा में तो कमाल ही कर दिया। लोकसभा चुनाव में भाजपा के सांसदों की सीट पक्की करने के साथ-साथ पहली बार विधानसभा में भी पूर्ण बहुमत से कमल खिला दिया। ओडिशा भाजपा ने चुनाव से पहले यहां सुभद्रा योजना की गारंटी दी थी। इस योजना के तहत महिलाओं को साल में 10 हजार रुपये देने का वादा किया था। 2024 में महिलाओं का वोट प्रतिशत 75.6 प्रतिशत था। इसके चलते भाजपा को पिछले चुनाव की तुलना में 7.6 प्रतिशत वोट अधिक मिले और 55 विधायक ज्यादा आए।
• छत्तीसगढ़ हो या ओडिशा इन राज्यों में महिलाओं की एक बड़ी संख्या ऐसी है, जिसके पास पैसे कमाने का कोई जरिया नहीं है।
• ऐसे में साल में दस हजार रुपये की मदद महिलाओं के लिए बड़ा आर्थिक संबल बन रही है।
• ओडिशा सरकार की सुभद्रा योजना से राज्य की 80 लाख से ज्यादा महिलाएं लाभांवित होंगी।
• भाजपा सरका ने नारीशक्ति को संबल देने वाली इस योजना के लिए 55.8 हजार करोड़ रुपये का बजट रखा है।राजस्थान: पीएम मोदी पर भरोसा ज्यादा, गहलोत के वादे पर ऐतबार नहीं
भारतीय जनता पार्टी की नकल करते हुए नवंबर 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव से एक महीने पहले अक्टूबर 2023 में अशोक गहलोत ने राजस्थान के झुंझुनू में गृह लक्ष्मी गारंटी के तहत परिवार की महिला मुखिया को साल में 10 हजार रुपए देने का वादा किया। उन्होंने कहा कि ये राशि दो से तीन किश्तों में दी जाएगी। कांग्रेस ने इस वादे का चुनाव प्रचार के दौरान खूब इस्तेमाल किया। महिलाओं के खाते में पैसे भेजने के सिर्फ वादे किए। चुनाव से पहले महिलाओं के खाते में पैसा नहीं आया। दूसरी ओर भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में महिलाओं और लड़कियों से जुड़ी तीन मुख्य योजनाएं लाडो प्रोत्साहन योजना, लखपति दीदी योजना और पीएम मातृ वंदना योजना शुरू करने का वादा किया। महिलाओं के वोटिंग प्रतिशत में कोई खास बढ़ोतरी नहीं हुई। महिलाओं को लगा कि सत्ता में रहते हुए जो सरकार महिलाओं के लिए ये योजना नहीं लागू कर पाई वो चुनाव जीतने के बाद लागू करेगी इसकी गारंटी नहीं है। ऐसे में महिलाओं ने खुलकर कांग्रेस का विरोध और भाजपा की योजनाओं का साथ दिया।

नारीशक्ति की कैश स्कीम सशक्तिकरण और जीत का फॉर्मूला क्यों है…
1. कोरोना महामारी के बाद हजार-दो हजार भी बड़ी राहत
• कोविड महामारी के बाद से भारतीय परिवारों की माली हालत बिगड़ी है। केंद्र सरकार करीब 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन दे रही है।
• प्रोविडेंड फंड के आंकड़ों के मुताबिक, इस साल 4.45 करोड़ पीएफ क्लेम अप्रूव किए गए हैं, जो पिछले साल से 7.8% ज्यादा हैं। आमतौर पर कोई रास्ता न बचने पर ही लोग पीएफ से पैसा निकालते हैं।
• जून में जारी आरबीआई के आंकड़े बताते हैं कि लोगों की सेविंग्स में भी गिरावट आई है। रिपोर्ट के मुताबिक, 2022-23 में कुल घरेलू बचत GDP के 18.4% पर आ गई है, जो औसतन 20% होती थी।
इलेक्शन एनालिस्ट अमिताभ तिवारी कहते हैं, ‘देश में प्रति व्यक्ति आय करीब एक लाख रुपए सालाना है। यानी करीब 8500 रुपए महीने।
• अगर किसी परिवार में महिलाओं को दो हजार रुपए महीने मिल रहे हैं तो ये उस परिवार की कमाई में 25% की ग्रोथ है। इसके लिए न तो कुछ करना है और न ही किसी को घूस देनी है। एक सिंपल फॉर्म भरना है, जिसके बाद सीधे खाते में पैसे आने लगते हैं।2. सालों से अनदेखी झेल रही महिलाएं एक नया वोटबैंक बनी
• भारत में महिला वोटर्स पर एक रिसर्च बताती है कि महिला वोटर्स ने अपने वोट की ताकत को समझना और विश्वास करना शुरू कर दिया है। 69% महिला वोटर्स का मानना है कि वोटिंग देश में चीजों को चलाने के तरीके में बदलाव लाती है।
• दिसंबर 2023 में SBI-रिसर्च की एक अन्य रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि 2047 तक महिलाओं की वोटिंग में 55% बढ़त हो सकती है। वहीं पुरुषों में 45% की गिरावट आ सकती है।
• लंबे समय से महिलाओं को अनदेखा किया जा रहा था, आज उन्हें अहमियत मिली है। अब महिलाएं परिवारों में अपनी बात मजबूत से कह पा रही हैं। इससे महिलाओं का वोटिंग पैटर्न भी बदला है।

3. पीएम मोदी ने ‘महिला वोटबैंक’ को पहचाना और दिया सम्मान
बीते एक साल में जिन 9 राज्यों में ‘लाडली बहना’ जैसा फैक्टर था, उनमें से 7 राज्यों में बीजेपी या NDA को फायदा मिला। केंद्र से लेकर राज्यों तक बीजेपी ने महिलाओं को पहचान देने के कई कदम उठाए…
• महिलाओं-बच्चियों के लिए 3 लाख करोड़ रुपएः जुलाई 2024 में वित्त मंत्री निर्मला सीतरमण ने अपने बजट में महिलाओं और बच्चियों की मदद करने वाली योजनाओं के लिए 3 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा देने का ऐलान किया।
• 11 लाख नई लखपति दीदीः मोदी सरकार 3.0 ने पहले 100 दिनों में 11 लाख नई ‘लखपति दीदियों’ को सर्टिफिकेट दिए। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, एक करोड़ से ज्यादा ‘लखपति दीदियां’ अब हर साल एक लाख रुपए से ज्यादा कमा रही हैं।
• महिलाएं एक वोटबैंक के रूप में गैमचेंजर बन रही हैं। ये ऐसा वोटबैंक है, जिसके पैटर्न को कोई नहीं पकड़ पा रहा। ये चुपचाप बूथ में जाती हैं और अपनी सरकार को चुनती हैं। उसे प्रचंड बहुमत दिलाती हैं।

4. जनहित और विकास की राजनीति करने वाली पार्टियों को फायदा
यह दौर ‘एंटी-इनकम्बेंसी’ नहीं, बल्कि ‘प्रो-इनकम्बेंसी’ का है। भाजपा उसके सहयोगियों जैसे जो दल विकास और जनहित की राजनीति कर रहे हैं, उन पार्टियों का तख्ता पलटना मुश्किल है। क्योंकि जनता, खासकर महिलाएं ऐसा नहीं चाहती। महाराष्ट्र- हरियाणा में यही हुआ। ऐसा करने से पार्टियां अगर सरकार बना पा रही हैं तो वे ऐसा आगे भी कर सकती है। चुनाव जीतने का सीधा-साधा नारीशक्ति का ख्याल रखो और नीति बनाने और योजनाओं के बारे में निर्णय लेने के केंद्र में महिलाओं पर फोकस करो। कैश ट्रांसफर जैसी योजनाएं जब तक नई होती है, तब तक वोटों में तब्दील होती रहती हैं, क्योंकि लाभार्थी मदद देने वाली सरकारी पार्टी का आभार मानते हैं। बाद में जनता उसे ही वोट देती है तो उनके हित में समावेशी विकास की ओर ध्यान देता है। पीएम मोदी की सरकार भी इसकी सबका साथ, सबका विकास के मंत्र पर काम कर रही है।

 

 

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