Home विपक्ष विशेष CM Gehlot की बाजी पलटने के लिए सचिन और गहलोत के मंत्री...

CM Gehlot की बाजी पलटने के लिए सचिन और गहलोत के मंत्री एक साथ, पायलट का सीधा हमला- खड़गे बगावत करने वालों को तुरंत सजा दें, मंत्री गुढ़ा बोले- मैं होता तो बर्खास्त कर देता

SHARE

कहावत है कि हाथी के दांत खाने के और दिखाने के और होते हैं। दिखाने भर को ही सही, लेकिन यह सच है कि मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस के नए हाईकमान बन चुके हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच राजस्थान का पूरा सियासी विवाद खड़गे के सामने भी हुआ था। अब नए सिरे से विधायक दल की बैठक बुलाकर राजस्थान सीएम पर फैसला करना और नोटिस वाले नेताओं के खिलाफ एक्शन लेना दोनों खड़गे को तय करना है। राजस्थान का विवाद कांग्रेस हाईकमान के लिए बड़ी चुनौती माना जा रहा है। इस बीच कभी गहलोत के खास रहे ग्रामीण विकास राज्य मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने सीएम अशोक गहलोत और उनके समर्थकों के खिलाफ फिर मोर्चा खोल दिया है। गुढ़ा ने कांग्रेस हाईकमान से राजस्थान में मुख्यमंत्री बदलने का फैसला करने के लिए जल्द विधायक दल की बैठक बुलाने की मांग की है।मुख्यमंत्री गहलोत ने सॉरी फील किया, माफी भी मांगी थी, अब बगावतियों पर कार्रवाई हो
राजस्थान कांग्रेस की राजनीति में भूचाल आना तय है। पहले मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खेमे पर हमला बोला। अब खुद सचिन पायलट ही मैदान में उतर आए हैं। उन्होंने सीधे-सीधे पार्टी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से अनुशासनहीनता के आरोपी और बगावत करने वाले नेताओं पर तुरंत कार्रवाई की मांग की है। यह नेता अशोक गहलोत के समर्थक माने जाते हैं। मीडिया से बातचीत में पायलट ने कहा कि जहां तक राजस्थान की बात है, सब जानते हैं कि 25 सितंबर को कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई गई थी। वह मीटिंग हो नहीं पाई। उसके लिए खुद मुख्यमंत्री जी ने सॉरी फील किया। माफी भी मांगी थी। पार्टी से भी और पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी जी से भी। उसके बाद जो पर्यवेक्षक यहां आए थे- अजय माकन और मल्लिकार्जुन खरगे साहब। उन्होंने भी इसे गंभीरता से लिया था। उस पर संज्ञान लेने के बाद एआईसीसी ने इसे अनुशासनहीनता का मामला माना। कोई व्यक्ति कितना भी बड़ा हो, लेकिन पार्टी का नियम, अनुशासन सब पर बराबरी से लागू होता है। मुझे विश्वास है कि (मल्लिकार्जुन) खरगे अभी नए-नए अध्यक्ष बने हैं। उन्होंने पदभार संभाला है। जल्द ही इस पर निर्णय लेंगे।

शतरंजी बिसात पर सीएम गहलोत ने हाईकमान के पंजाब फार्मूले को फेल कर दिया
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को कांग्रेस का अध्यक्ष बनाने के लिए नामांकन की नौटंकी के बीच राजस्थान में सियासी उबाल आ गया था। सीएम गहलोत की लिखी पटकथा पर करीब 90 कांग्रेस विधायक यूडीएच मिनिस्टर के आवास पर एकजुट हुए और बाद में स्पीकर को इस्तीफे सौंप दिए। शह और मात की शतरंजी बिसात पर गहलोत ने हाईकमान के पंजाब फार्मूले को फेल कर दिया और दोनों केंद्रीय ऑब्जर्वर को मुंह की खानी पड़ी थी। इसके बाद दिल्ली दरबार में माफी का दिखावा भी हुआ। सितंबर अंत में तीन नेताओं को नोटिस देकर नए अध्यक्ष के चुनाव तक विवाद टाला गया था, लेकिन अब महीना भर गुजर जाने के बाद फिर से दोनों मुद्दों पर एक्शल लेने की मांग उठने लगी है।

सीएम बदलने का फैसला करने के लिए जल्द विधायक दल की बैठक बुलाने की मांग
राजनीतिक जानकारों के मुताबिक राजस्थान विवाद के फैसले से कांग्रेस हाईकमान की अथॉरिटी का सवाल जुड़ा हुआ हैं ऐसे में माना जा रहा है कि देर-सबेर गहलोत सरकार पर एक्शन हो सकता है। यही वजह है कि कभी गहलोत के खेमे में दिखने वाले ग्रामीण विकास राज्य मंत्री राजेंद्र गुढ़ा अब सचिन पायलट समर्थक बन गए हैं। उन्होंने सीएम अशोक गहलोत और उनके समर्थकों के खिलाफ खुलकर मोर्चा खोल दिया है। गुढ़ा ने कांग्रेस हाईकमान से राजस्थान में मुख्यमंत्री बदलने का फैसला करने के लिए जल्द विधायक दल की बैठक बुलाने की मांग की है। मंत्री गुढ़ा ने सियासी बवाल के लिए जिम्मेदार मंत्री शांति धारीवाल, महेश जोशी और आरटीडीसी अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौड़ को उनके पदों से बर्खास्त करने की भी मांग रखी है।

ग्रामीण विकास राज्य मंत्री राजेंद्र गुढ़ा बोले- जिन नेताओं को नोटिस दिया गया उनपर कार्रवाई हो
ग्रामीण विकास राज्य मंत्री राजेंद्र गुढ़ा का तर्क है कि संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने मिलने पर वादा किया था कि एक-दो दिन में राजस्थान सीएम का फैसला कर देंगे। दूसरा शांति धारीवाल, महेश जोशी और धर्मेंद्र राठौड़ को नोटिस दिए गए थे। इस मामले को हुए एक महीने से ज्यादा का समय निकल गया। उस समय फिर से कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाने की बात हुई थी, अब तक विधायक दल की बैठक नहीं बुलाई गई। मेरा तो यही कहना है कि आलाकमान की विश्वसनीयता का सवाल है, जिस तरह की बातें हुई थीं कि जल्दी से कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाकर सीएम और तीनों वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं पर फैसला करें।सीएम बदला गया तो कांग्रेस को हिमाचल प्रदेश और गुजरात में होगा फायदा

गहलोत सरकार के मंत्री गुढ़ा ने कहा है कि वेणुगोपाल के कथनानुसार मुख्यमंत्री का फैसला अब जल्द किया जाए, जिससे कि हिमाचल और गुजरात के चुनाव में पार्टी को फायदा मिल सके। चाहे मंत्री हो, ब्यूरोक्रेसी हो सब जगह सीएम को लेकर चर्चा का विषय बना हुआ है, इसमें जल्दी फैसला करना चाहिए। मल्लिकार्जुन खड़गे हमारे नए अध्यक्ष बन गए, उन्होंने काम संभाल लिया है। वह यहां पर्यवेक्षक बनकर आए थे, उन्होंने सारी चीजें देखी हैं, अब उसके बाद उन्हें यह मैसेज देना चाहिए कि पार्टी डिसीजन कर रही है, इससे कांग्रेस को फायदा होगा।

अगर मुझे फैसला करना हो तो मैं तीनों नेताओं को बर्खास्त करूंगा
इतना नहीं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री ने नोटिस वाले तीनों नेताओं पर भी खुलकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यह तीनों पार्टी के कठघरे में हैं। पार्टी इन्हें बरी करती है, सजा देती है, सस्पैंड करती है, बर्खास्त करती है, या इन्हें से पार्टी निकाला जाता है, यह फैसला हाईकमान को करना है। मेरे हिसाब से इनको बर्खास्त कर देना चाहिए। अगर मुझे फैसला करना हो तो मैं ऐसे लोगों को बर्खास्त करूंगा। उन्होंने कहा कि अगर हम दिल्ली में कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाकर सीएम पर फैसला करते हैं तो पार्टी को फायदा होगा। अभी सीएम को लेकर लोग दुविधा में बैठे हैं, यह स्थिति राजस्थान की जनता के हित में नहीं है।पायलट खेमे से फिर मुखर होने के संकेत, गहलोत वर्सेज सचिन की खींचतान तेज होगी
रविवार को पायलट समर्थक विधायक रामनिवास गावड़िया ने गहलोत के नजदीकी आरटीडीसी अध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह राठौड़ पर हमला बोला था। गावड़िया ने राठौड़ पर उनके क्षेत्र में आकर बीजेपी नेताओं के कार्यक्रम में जाने का आरोप लगाया था। अब मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने विधायक दल की बैठक बुलाकर नए सीएम का फैसला करने और तीनों नेताओं के खिलाफ एक्शन लेने की मांग करके सियासी विवाद को फिर ताजा कर दिया है। कांग्रेस में अब नए सिरे से इस मुद्दे पर खींचतान शुरू होने के आसार बनते दिख रहे हैं। पायलट खेमा अब तक चुप था, लेकिन अब एक्शन में देरी की वजह से फिर मुखर होने लगा है। तीन दिन के अंतराल में दो नेताओं के बयान आ चुके हैं।

कांग्रेस विधायक अवाना बोले- भाजपा से गुर्जर विधायक न बनने से समाज को हुआ नुकसान
नदबई (भरतपुर) से कांग्रेस विधायक और देवनारायण बोर्ड के अध्यक्ष जोगिन्दर सिंह अवाना ने कहा है कि बीजेपी से गुर्जर समाज का एक भी विधायक नहीं जीतने का समाज को नुकसान हुआ है। गुर्जर समाज के बीजेपी के सभी उम्मीदवारों को हरा दिया। भरतपुर जिले के डीग क्षेत्र के पसोपा गांव में गुर्जर समाज समाज के कार्यक्रम में दिया हुआ जोगिन्दर अवाना का भाषण सियासी हलकों में चर्चा का विषय बना हुआ है। अवाना के बयान पर कांग्रेस समर्थक गुर्जर नेताओं ने कड़ी आपत्ति जताई है।

Leave a Reply