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बुरे काम का बुरा नतीजा: पीएम-सीएम के खिलाफ दिया था भड़काऊ भाषण- सपा के पूर्व मंत्री आजम खान की विधायकी गई, एक केस में सजा हुई और अभी 92 मुकदमे बाकी

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कहावत है कि पापों का फल मिलता है, आज नहीं तो कल मिलता है…समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता और पूर्व मंत्री आजम खान पर यह कहावत चरितार्थ हो रही है। 2019 के चुनाव में पीएम-सीएम के खिलाफ भड़काऊ भाषण और तत्कालीन जिलाधिकारी के खिलाफ आपत्तिजनक हेट स्पीच करने वाले आजम खान को हाल ही में कोर्ट से तीन साल की सजा मिली। दो साल से ज्यादा की सजा होने के कारण उनकी विधायकी भी चली गई। संसद सदस्यता से वे इस्तीफा पहले ही दे चुके हैं। आजम खान की विधानसभा सदस्यता खत्म होने से सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव को भी झटका लगा है। आजम की बाकी जिंदगी मुकदमों की तारीखों में ही बीतने वाली है, क्योंकि अभी सिर्फ एक ही केस का फैसला आया है। आजम के खिलाफ अभी 92 मुकदमे बाकी हैं। इतना ही नहीं उनकी पत्नी समेत परिजनों के खिलाफ भी कई आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं।

विवादित और आपत्तिजनक बयान देकर सुर्खियों में रहने का आजम को शौक
सपा नेता आजम खान का विवादों से नया नाता नहीं है। वे अक्सर अपने बयानों और विवादों के कारण सुर्खियों में रहते आए हैं। सपा नेता को जिस मामले में सजा सुनाई गई है, वह बयान भी 2019 में काफी सुर्खियों में रहा था। आजम खान लोकसभा चुनाव में सपा-बसपा गठबंधन के प्रत्याशी थे और मिलक कोतवाली क्षेत्र एक जनसभा में प्रधानमंत्री को निशाना बनाते हुए अपनी बात शुरू की और धीरे-धीरे मुख्यमंत्री और फिर रामपुर के डीएम को टारगेट किया था। आजम खां ने अप्रैल 2019 को मिलक क्षेत्र के खाता नगरिया गांव में आयोजित जनसभा में हेट स्पीच दी थी। जिस पर रामपुर प्रशासन से लेकर आयोग तक एक्टिव हो गया था और दो दिन बाद यानि 9 अप्रैल 2019 को इस मामले में एफआईआर दर्ज हुई थी।

आजम को हेट स्पीच (भड़काऊ भाषण) के मामले में तीन साल की सजा 
गौरतलब है कि सपा विधायक और पूर्व मंत्री आजम खान को गुरुवार को एमपी-एमएलए कोर्ट ने हेट स्पीच (भड़काऊ भाषण) के मामले में तीन साल की सजा सुनाई थी। उन पर छह हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया था। तब से ही लगातार उनकी सदस्यता जाने का खतरा मंडरा रहा था। सजा के ऐलान के बाद हालांकि आजम को तुरंत कोर्ट से जमानत मिल गई थी। दोपहर करीब दो बजे एमपीएमएलए की विशेष अदालत ने सुनवाई शुरू करने के बाद आजम को दोषी ठहराते ही कस्टडी में ले लिया था। चार बजे के करीब अदालत ने फैसला सुनाया था। इस दौरान आजम खां कस्टडी में ही रहे।

तीन साल की सजा होने से आजम खान की विधानसभा की सदस्यता रद्द हुई
अब कोर्ट के द्वारा तीन साल की सजा के ऐलान के बाद रामपुर से सपा विधायक आजम खान को एक और बड़ा झटका लगा है। दरअसल जनप्रतिनिधियों के लिए बने कानून के मुताबिक यदि किसी विधायक को दो साल से ज्यादा की सजा सुनाई जाती है तो फिर उसकी सदस्यता चली जाती है। इसी के चलते आजम खान की विधानसभा की सदस्यता को रद्द कर दिया गया है। सजा के ऐलान के बाद आजम के लिए यह सबसे बड़ा झटका माना जा रहा है। शिकायतकर्ता आकाशदास सक्सेना की शिकायत को संज्ञान में लेते हुए विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने यह कार्रवाई की है। आकाश सक्सेना ने विधानसभा अध्यक्ष के अलावा केन्द्रीय चुनाव आयोग को भी सदस्यता रद्द करने की शिकायत भेजी थी। स्पीकर ने सदस्यता रद्द करने के बाद रामपुर विधानसभा का पद रिक्त होने की सूचना भी चुनाव आयोग को भेज दी है।

चुनाव के दौरान कई मामले हुए थे दर्ज, इस केस की तीनों धाराओं में माना दोषी
आजम के खिलाफ तीन धाराओं में केस दर्ज हुआ था। तीनों ही मामलों में उन्हें दोषी माना गया था। 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान आजम पर भड़काऊ भाषण देने का मामला दर्ज किया गया था। आरोप है कि भाषण के दौरान आजम खां ने पीएम मोदी और सीएम योगी पर भी आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया था। तब सपा और बसपा के गठबंधन के समय आजम खान सपा से लोकसभा का चुनाव लड़ रहे थे। चुनाव प्रचार के दौरान उनके खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन के कई मामले विभिन्न थानों में दर्ज हुए थे। इसमें एक मामला मिलक कोतवाली में हुआ था। इसमें उन पर आरोप है कि उन्होंने संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों और तत्कालीन जिलाधिकारी के लिए अपशब्द कहे। धमकी दी और दंगा भड़काने का प्रयास किया। उनके द्वारा वर्ग विशेष से धर्म के नाम पर वोट की अपील की गई। इन आरोपों के साथ वीडियो अवलोकन टीम के प्रभारी अनिल कुमार चौहान की ओर से आजम खां के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी।आजम के बिगड़े बोल- मोदी जी आपने ऐसा माहौल बनाया, मुसलमानों का जीना दूभर हुआ
आजम पर दर्ज एफआईआर के अनुसार उन्होंने भड़काऊ भाषण में कहा था- मोदी जी आपने ऐसा माहौल बना दिया कि मुसलमानों का जीना दूभर हो गया है… बहुत उमस की जिंदगी गुजार रहे हैं…जो कांग्रेस का केंडीडेट खड़ा हुआ है, वह सिर्फ मुसलमानों में वोट न मांगे..कुछ हिंदू भाइयों में जाकर भी वोट मांगे…सारा दिन मुसलमानों में वोट मांग रहा है ताकि, मुसलमानों का वोट काटकर भारतीय जनता पार्टी को जिता सके…। इसके साथ ही तमाम धर्म विशेष के लोगों को भड़काने वाली तमाम बातें कहीं थी। रामपुर से ही इसी साल विधायक बनने पर आजम ने सांसदी से इस्तीफा दे दिया था।

आजम की कहानी के एक अहम किरदार हैं आईएएस ऑफिसर आंजनेय कुमार
नेताओं और अफसरों के पंगे कई बार देखने को मिलते हैं। लेकिन कुछ पंगे ऐसे होते हैं, जो नेताओं की सियासत की जड़ में मठ्ठे का काम करते हैं। आजम खान इन दिनों कुछ ऐसे ही अनुभव से गुजर रहे हैं। उम्र के इस पड़ाव पर विधायकी का भी जाना आजम खान के लिए यह एक बड़ा झटका है। वैसे तो यह सजा हेट स्पीच के लिए दी गई है, लेकिन इसकी कहानी इतनी आसान भी नहीं है। इस कहानी का एक अहम किरदार है वह आईएएस ऑफिसर, जिसकी आजम खान ने कभी जमकर लानत-मलानत की थी। यहां तक कि आजम ने उस आईएएस से अपने जूते तक साफ कराने की बात कह डाली थी। इस आईएएस का नाम है आंजनेय कुमार। फिलहाल वह मुरादाबाद के मंडलायुक्त हैं।

खान ने कई बार मर्यादा लांघी, डीएम से जूते साफ कराने तक की बात कही
देश में 2019 में लोकसभा के चुनाव चल रहे थे। रामपुर में डीएम थे आंजनेय कुमार सिंह। आजम खान की तूती बोलती थी। आलम यह था कि आजम के सामने बोलने की हिम्मत अफसर नहीं जुटा पाते थे। लोकसभा चुनाव के दौरान डीएम आंजनेय जिला निर्वाचन अधिकारी की भूमिका में थे। इस दौरान आजम खान लगातार उनके ऊपर निशाना साध रहे थे। अफसरों पर हमला बोलते-बोलते आजम खान ने कई बार शब्दों की मर्यादा तक लांघी। आजम खान ने इस दौरान डीएम से जूते साफ कराने तक की बात भी कह डाली थी।लोकसभा चुनाव खत्म होते ही आजम खान के खिलाफ कई केस दर्ज किए गए
रामपुर में डीएम आंजनेय, आजम खान के बयानों पर कानूनी शिकंजा कसते जा रहे थे। एक के बाद एक मुकदमे दर्ज होते गए। आजम खान के बयान किस कदर अपमानजनक थे, इसका अंदाजा उस एफआईआर से लगाया जा सकता है, जिस केस में उन्हें सजा सुनाई गई है। एफआईआर के मुताबिक आजम ने कहा था कि डीएम अंधा हो गया है। इन जैसे कितने डीएम ने मेरे ऑफिस में खड़े-खड़े पेशाब कर दिया है। लोकसभा चुनाव खत्म होते ही आजम के खिलाफ कई केसेज दर्ज किए गए। आईएएस आंजनेय का कहना है कि हमने पूरी तरह से निष्पक्ष चुनाव कराया था। प्रशासन के आरोप कोर्ट में सही साबित हुए।

आजम के खिलाफ अभी तो 92 मुकदमों में फैसला बाकी, परिजनों पर भी केसों का अंबार
2019 में आजम पर दर्ज हुए मुकदमों की संख्या 93 थी। अभी सिर्फ एक मामले में फैसला आया है। इस तरह देखा जाए तो अभी 92 केसेज में फैसला आना बाकी है। यह तो हो गई केवल आजम खान की बात। आजम फैमिली के लिए मुसीबतें यहीं खत्म नहीं होने वाली। आजम के अलावा उनकी पत्नी पूर्व एमपी तजीन फात्मा के खिलाफ 34, एमएलए बेटे अब्दुल्ला आजम पर 46 और बड़े बेटे अदीब पर 32 मुकदमे हैं। आजम की बहन निकहत पर भी 30 मुकदमे हैं। इस मुकदमेबाजी में परिवार को काफी समय जेल में गुजारना पड़ा है। पत्नी 10 महीने, बेटा 23 महीना जेल में रहे। वहीं आजम भी लंबे अरसे जेल में रहे हैं।

 

 

 

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