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कृषि सेक्टर में प्राइवेट सेक्टर को प्रोत्साहित करने का समय आ गया है : बजट वेबिनार में बोले पीएम मोदी

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कृषि मंत्रालय द्वारा आयोजित वेबिनार को संबोधित किया। आत्मनिर्भर भारत में कृषि सेक्टर की भागीदारी को रेखांकित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि एग्रीकल्चर सेक्टर में अनुसंधान और विकास को लेकर ज्यादातर योगदान पब्लिक सेक्टर का ही है। अब समय आ गया है कि इसमें प्राइवेट सेक्टर की भागीदारी बढ़े। उन्होंने कहा कि हमें अब किसानों को ऐसे विकल्प देने हैं, जिसमें वो गेहूं-चावल उगाने तक ही सीमित न रहें।

दो-तीन दशक पहले होना चाहिए था बदलाव

अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा, ‘लगातार बढ़ते हुए कृषि उत्पादन के बीच 21वीं सदी में भारत को फसल कटाई के बाद क्रांति या फिर खाद्य प्रसंस्करण क्रांति और मूल्य संवर्धन की आवश्यकता है। देश के लिए बहुत अच्छा होता अगर ये काम दो-तीन दशक पहले ही कर लिया गया होता।’ उन्होंने कहा, ‘आज हमें कृषि के हर सेक्टर में हर खाद्यान्न, फल, सब्जी, मत्स्य सभी में प्रोसेसिंग पर विशेष ध्यान देना है। इसके लिए जरूरी है कि किसानों को अपने गांवों के पास ही स्टोरेज की आधुनिक सुविधा मिले। खेत से प्रोसेसिंग यूनिट तक पहुंचने की व्यवस्था सुधारनी ही होगी।’

किसानों को और विकल्प मिलना जरूरी

पीएम मोदी ने कहा, ‘किसानों की उपज को बाजार में अधिक से अधिक विकल्प मिल सके, यह सुनिश्चित करना समय की जरूरत है। हमने अपनी कृषि उपज को वैश्विक प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ बाजार में एकीकृत किया है। हमें देश के एग्रीकल्चर सेक्टर का, Processed Food के वैश्विक मार्केट में विस्तार करना ही होगा। हमें गांव के पास ही कृषि-उद्योग क्लस्टर की संख्या बढ़ानी ही होगी, ताकि गांव के लोगों को गांव में ही खेती से जुड़े रोजगार मिल सकें।’

किसानों को परिवहन पर दी जा रही 50% सब्सिडी

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘ऑपरेशन ग्रीन्स योजना के तहत किसान रेल के लिए सभी फलों और सब्जियों के परिवहन पर 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है। किसान रेल भी आज देश के कोल्ड स्टोरेज नेटवर्क का सशक्त माध्यम बनी है।’ उन्होंने कहा, ‘खेती से जुड़ा एक और अहम पहलू सॉइल टेस्टिंग का है। बीते वर्षों में केंद्र सरकार द्वारा करोड़ों किसानों को सॉइल हेल्थ कार्ड दिए गए हैं। अब हमें देश में सॉइल हेल्थ कार्ड की टेस्टिंग की सुविधा गांव-गांव तक पहुंचानी है।’

कृषि में प्राइवेट सेक्टर की भागीदारी बढ़ाने का समय

पीएम मोदी ने कहा, ‘एग्रीकल्चर सेक्टर में अनुसंधान और विकास को लेकर ज्यादातर योगदान पब्लिक सेक्टर का ही है। अब समय आ गया है कि इसमें प्राइवेट सेक्टर की भागीदारी बढ़े। उन्होंने कहा कि हमें अब किसानों को ऐसे विकल्प देने हैं, जिसमें वो गेहूं-चावल उगाने तक ही सीमित न रहें।’ उन्होंने कहा, ‘यह समय है जब निजी क्षेत्र कृषि क्षेत्र में अनुसंधान और विकास में अपनी भागीदारी बढ़ाएं। यह सिर्फ बीजों तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि एक फसल से जुड़ा एक समग्र वैज्ञानिक पारिस्थितिकी तंत्र है यानी पूरा चक्र होना चाहिए।’

लंबे समय से की जा रही है कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग

पीएम मोदी ने कहा, ‘मोटे अनाज के लिए भारत की एक बड़ी जमीन बहुत उपयोगी है। मोटे अनाज की डिमांड पहले ही दुनिया में बहुत अधिक थी, अब कोरोना के बाद ये इम्यूनिटी बूस्टर के रूप में बहुत प्रसिद्ध हो चुका है। इस तरफ किसानों को प्रोत्साहित कराना भी फूड इंडस्ट्री के साथियों की बहुत बड़ी जिम्मेदारी है।’ उन्होंने आगे कहा, ‘हमारे यहां कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग लंबे समय से किसी न किसी रूप में की जा रही है। हमारी कोशिश होनी चाहिए की कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग सिर्फ व्यापार बनकर न रहे। बल्कि उस जमीन के प्रति हमारी जिम्मेदारी को भी हम निभाएं।’

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