मोदी सरकार एमएसपी का पैसा सीधे किसानों के खाते में भेज रही है, ताकि किसानों को उनकी उपज का पूरा मूल्य मिल सके और आढ़तियों के चंगुल से किसानों को निकाला जा सके। लेकिन आढ़तियों को मोदी सरकार का यह फैसला नागवार गुजरा है। पंजाब में आढ़तियों ने किसानों को धमकाना शुरू कर दिया है। उन्होंने किसानों से ब्लैंक चेक साइन करके देने को कहा है। ऐसा नहीं करने पर फसल नहीं बिकने देने की धमकी दी है।
नरेंद्र मोदी सरकार सीधा किसानों के अकाउंट में MSP का पैसा भेजने लगी तो पंजाब में आढ़ती कह रहे किसानों से कि ब्लैंक चेक साइन करके दो नहीं तो फसल नहीं बिकने देंगे। कहाँ गायब हैं किसान के वो हितैषी जो कुछ दिन पहले पिज़्ज़ा खिला रहे थे? पिज़्ज़ा की पेमेंट आढ़तियों से ही ली थी क्या?
— Sushant Sinha (@SushantBSinha) April 13, 2021
उधर पंजाब की कांग्रेस सरकार केंद्र के फैसले को लागू करने में टालमटोल कर रही थी, लेकिन केंद्र सरकार ने पंजाब सरकार को चेतावनी दी कि वह एमएसपी का पैसा सीधे किसानों के खाते में भेजे, यदि सरकार किसानों के खाते में सीधे पैसा नहीं भेजती है तो राज्य में खाद्यान्न की खरीद बंद कर दी जाएगी। मोदी सरकार के सख्त रूख को देखते हुए अमरिंदर सरकार को झुकना पड़ा और मौजूदा सीजन में ही 10 अप्रैल से मंडियों में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीदी जाने वाली फसल के भुगतान में प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) व्यवस्था लागू करने पर सहमति दे दी।
पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने केंद्रीय खाद्य मंत्री पीयूष गोयल के साथ लंबी बैठक के बाद कहा कि राज्य सरकार के पास केंद्र के निर्देश को लागू करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने इस नई व्यवस्था पर चर्चा करने के लिए आढ़तियों (मंडी कमीशन एजेंट) के साथ बैठक की बात कही।
पंजाब सरकार ने दलील दी थी कि किसानों और सरकार के बीच आढ़ती महत्वपूर्ण कड़ी हैं, इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता लेकिन पंजाब सरकार की किसी भी दलील को सुनने से मोदी सरकार ने साफ इनकार कर दिया था। देश में सिर्फ पंजाब राज्य में ही किसानों का भुगतान आढ़तियों के जरिए किया जा रहा था। मोदी सरकार ने पंजाब सरकार को यह भी बताया है कि खाद्यान्न की खरीद किसानों और केंद्र सरकार के बीच की व्यवस्था है, जिसमें पंजाब सरकार सिर्फ एक एजेंसी के रूप में कार्य करती है।
गौरतलब है कि पंजाब में किसानों को एमएसपी का भुगतान आढ़तियों के जरिए किया जाता है, जबकि अन्य राज्यों में यह भुगतान सीधा किसान के खाते में भेजा जाता है। मोदी सरकार ने डीबीटी व्यवस्था 2018 में लागू की थी, लेकिन पंजाब अभी तक सबसे बड़ी मंडी व्यवस्था होने का हवाला देकर इससे तीन बार छूट ले चुका था।