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बाबासाहेब अम्बेडकर के बताये रास्ते पर चल रहे हैं पीएम मोदी, दलितों को याचक से रोजगार दाता बनाने की कर रहे हैं कोशिश

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बाबासाहेब अम्बेडकर ने कहा था कि मेरे देश के दलित, पीड़ित और शोषितों के पास जमीन नहीं है, हम नहीं चाहते वे खेतिहर मजदूर की तरह अपनी जिंदगी पूरी करें, हम चाहते हैं वे मुसीबतों से बाहर निकलें। औद्योगीकरण की जरूरत इसलिए है कि उन्हें रोजगार के नए अवसर उपलब्‍ध हो। आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बाबासाहेब के बताये रास्ते पर चलते हुए दलित, पीड़ित और शोषितों को शैक्षिक और आर्थिक रूप से सक्षम बनाने और आत्मसम्मान के साथ जीवन जीने के लिए तमाम प्रयास कर रहे हैं। 

अनुसूचित जातियों का कल्याण

  • अनुसूचित जातियों के कल्याण के लिए वित्त वर्ष 2021-22 में सभी मंत्रालयों के लिए बजटीय आवंटन 2020-21 के 83256 रुपये की तुलना में 51.65 प्रतिशत बढ़ाकर 126259 करोड़ रुपये कर दिया गया ।
  • 2021-22 के बजट में अनुसूचित जाति बहुल 3500 गांवों के समग्र विकास के लिए प्रधानमंत्री अनूसूचित जाति अभ्युदय योजना के तहत 1800 करोड़ रुपये आवंटित किए गए।
  • बेहद गरीब लोगों के लिए आजीविका और उद्यम के साधन जुटाने के लिए स्माइल नाम से एक नयी योजना शुरु की गई है।  इस योजना के जरिए लगभग 60,000 सबसे गरीब लागों को सम्मान के साथ जीवन जीने का मौका मिलेगा।
  • जनवरी 2020 में मोदी सरकार ने कुल 75,000 पेट्रोल पंप खोलने की योजना बनाई। इनमें से 20,000 पेट्रोल पंप अनुसूचित जाति/जनजाति समुदाय के लोगों के लिए आरक्षित किए गए।
  • केंद्र सरकार ने अलग-अलग लगभग 115 योजनाएं देश के दलित, गरीब, पिछडे, आदिवासियों के लिए बनाई थी जो जम्मू कश्मीर में लागू नहीं होती थी अब इन योजनाओं को कार्यान्वित किया जा रहा है।

मोदी सरकार ने दलित बच्चों के लिए खोला खजाना

मोदी सरकार ने दिसंबर 2020 में अनुसूचित जाति के बच्चों की पढ़ाई के लिए पहले की तुलना में पांच गुना अधिक पैसा खर्च करने का ऐलान किया। सरकार की ओर से चलाई जा रही योजनाओं के तहत अगले पांच सालों में 59 हजार करोड़ रुपये खर्च करने जा रही है। सरकार अगले चार वर्षों में चार करोड़ दलित बच्चों को सुविधाएं मुहैया कराएगी। इनमें से करीब 1.36 करोड़ छात्र गरीब परिवार से होंगे। इसके तहत मोदी सरकार दलित बच्चों को पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप देगी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप योजना से अनुसूचित जाति के युवाओं के लिए शैक्षिक पहुंच और भी आसान होगा।

प्रधानमंत्री मोदी डॉ. अम्बेडकर के विचार से प्रेरित है। उन्होंने कहा है कि दलित के पास खेत नहीं है, पैसा नहीं है। अगर देश का औद्योगीकरण होगा तो उन्हें भी रोजगार मिलेगा। हम नहीं चाहते कि दलित रोजगार पाने के लिए तड़पता रहे, वे रोजगार के लिए याचक बने, हम ऐसी स्थिति बनाना चाहते हैं जिसमें दलित रोजगार देने वाला बने। प्रधानमंत्री मोदी अपने इस वचन पर कायम रहते हुए दलितों के आर्थिक विकास के लिए कई कदम उठाए।

कौशल विकास, मेक इन इंडिया, स्टार्ट अप इंडिया, स्टैंड अप इंडिया जैसी पहल के माध्यम से आज दलित भी इनोवेटर्स और उद्यमी बन रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने उन लोगों के मन में रोजगार देने का भाव पैदा किया है जो अब तक रोजगार पाने के भाव से ग्रसित थे।

आइए एक नजर डालते हैं प्रधानमंत्री मोदी द्वारा उठाए गए कदमों पर…

  • पीएम मोदी ने दिसंबर, 2015 में दलित इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के कार्यक्रम को संबोधित किया।
  • पीएम मोदी ने SC/ST उद्यमियों को ऋण उपलब्ध कराने के लिए मुद्रा योजना और स्टैंड-अप इंडिया योजना शुरू की।
  • कौशल विकास, मेक इन इंडिया और स्टार्ट-अप इंडिया के माध्यम से दलित उद्यमिता को बढ़ावा दिया गया।
  • दलित उद्यमिता के माध्यम से SC/ST को सशक्त बनाने के लिए डीएआईसी और डीआईसीसीआई के बीच समझौता हुआ।
  • सार्वजनिक उपक्रमों को अपनी खरीददारी का 4 प्रतिशत सामान SC/ST उद्यमियों से खरीदने का निर्देश दिया गया।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी योजनाओं के माध्यम से सामाजिक समानता स्थापित करने का प्रयास किया है। उन्होंने दलितों, वंचितों और शोषितों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए कई योजनाएं शुरू कीं, जिससे उनके जीवन में गुणात्मक सुधार आया है। वे भी समाज के अमीर लोगों की तरह सुविधाओं का लाभ उठा रहे हैं। 

भेदभाव रहित योजनाएं

  • योजनाओं के माध्यम से समाज में समानता लाने की कोशिश
  • योजनाओं का लाभ समाज के सभी वर्गों तक पहुंचाने का सफल प्रयास
  • योजनाओं के लाभार्थियों में अधिकांश SC/ST और OBC
  • जल जीवन मिशन के तहत SC/ST और OBC के घरों में नल से जल की आपूर्ति 
  • उज्ज्वला योजना के तहत 3 करोड़ लाभार्थी SC/ST परिवार से हैं
  • जनधन योजना के तहत खाते खुले
  • पिछले 5 सालों में SC/ST और OBC के 9.52 करोड़ लोगों को मुद्रा लोन
  • स्वच्छ भारत मिशन के तहत 11 करोड़ से अधिक शौचालयों का निर्माण
  • स्वच्छ भारत मिशन से सिर पर मैला ढोने की कुप्रथा खात्मे की ओर
  • आयुष्मान भारत योजना के तहत दलितों और पिछड़े वर्गों का इलाज
  • 2024-25 तक 27 हजार दलित बहुल गांवों के कायाकल्प की योजना
  • पीएम आवास योजना के तहत दलितों और पिछड़े वर्गों के घरों का निर्माण
  • 2022 तक सभी को घर उपलब्ध कराने का लक्ष्य
  • सरकारी सेवाओं और योजनाओं का लाभ डिजिटल माध्यम से उपलब्ध
  • योजनाओं की राशि सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में ट्रांसफर
  • डीबीटी के माध्यम से एससी-एसटी के छात्रों को छात्रवृत्तियां
  • जनधन, आधार और मोबाइल से भ्रष्टाचार पर अंकुश, लीकेज खत्म

समर्पित भीम एप

  • पीएम मोदी ने भीम एप को बाबासाहेब के नाम पर समर्पित किया।
  • अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सिंगापुर में भीम एप का प्रदर्शन किया गया।
  • दिल्ली में आयोजित स्टार्टअप समिट 2019 के दौरान भीम 2.0 को लॉन्च किया गया।
  • भीम एप 16 भाषाओं में उपलब्ध है, जिससे डिजिटल पेमेंट करना और भी आसान हो गया है।
  • कोरोना महामारी और लॉकडाउन के समय भीम एप वरदान बनकर आया है

जनऔषधि योजना के तहत प्रोत्साहन राशि बढ़कर हुआ 5 लाख रुपये

प्रधानमंत्री मोदी ने 7 मार्च, 2021 को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से ‘जन औषधि दिवस’ समारोह को संबोधित किया। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जनऔषधि योजना गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए काफी सहयोगी साबित हुई है। यह सेवा और रोजगार दोनों का माध्यम बन रहा है। गरीब और मध्यम वर्गीय परिवार महंगी दवाओं पर प्रति वर्ष लगभग 3600 करोड़ रुपये बचा रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि योजना को बढ़ावा देने के लिए, दलित, जनजातीय महिलाओं और पूर्वोत्तर के लोगों के लिए 2 लाख के अतिरिक्त प्रोत्साहन के साथ आर्थिक प्रोत्साहन को 2.5 लाख से बढ़ाकर 5 लाख किया गया है।

 

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