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खामोश…मुख्यमंत्री चन्नी बोल रहे हैं, किसी और को आवाज निकालने की इजाजत नहीं, संगरूर रैली में ‘पुलिसिया जुर्म’, महिलाओं तक को मुंह दबाकर पंडाल से ले गई पुलिस

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कांग्रेस की सरकारें बेरोजगार युवाओं, संविदा कर्मचारियों, बेरोजगार बीएड धारकों के विरोध प्रदर्शन को जोर-जुल्म से दबाना चाह रही है। वह चाहे पंजाब की चन्नी सरकार हो या राजस्थान की गहलोत सरकार…युवाओं के लिए किए गए वादों को पूरा करने के बजाए उनकी आवाज को अनसुना करने या दबाने की कोशिशें की जा रही हैं। पंजाब के संगरूर में तो हद ही हो गई। चरणजीत सिंह चन्नी जब आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल पर अंग्रेजों की तरह पंजाब को लूटने का आरोप लगा रहे थे, तब उनकी पुलिस चन्नी की रैली में विरोध प्रदर्शन करने वाले बेरोजगार बीएड टीईटी (शिक्षक पात्रता परीक्षा) योग्य शिक्षकों पर जालिम अंग्रेजों जैसे ही टूट पड़ी।

मुंह बंद कर रैली से बाहर किया, पूरे मामले का वीडियो वायरल
पुलिस ने बेरोजगार युवाओं पर खूब कहर बरपाया। इतना ही नहीं सूबे के सरदार के खिलाफ बोलने वाली महिलाओं को भी पुलिस ने नहीं बख्शा और जबरन उनका मुंह बंद कर रैली से बाहर ने गए। इस पूरे मामले का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें पुलिसकर्मी प्रदर्शनकारियों को मुंह दबाकर ले जाते दिख रहे हैं। पंजाब में चुनाव आते देखकर मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी संगरूर में करीब 350 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले मेडिकल कॉलेज के अलावा 700 करोड़ से स्थापित होने वाली सीमेंट फैक्टरी का नींव पत्थर रखने पहुंचे थे। पंजाब में ऐसे कई नींव के पत्थर अपने निर्माण की बाट जोह रहे हैं।

इस तरह हंगामा खड़ा करने से मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता-चन्नी
शिक्षकों की आवाज दबाने की यह पूरी घटना मुख्यमंत्री चन्नी के सामने हुई। इस घटना के दौरान मुख्यमंत्री मंच पर मौजूद रहे। अपनी पुलिस के इस कदाचरण को रोकने के बजाए उन्होंने कहा कि ‘सरकार की हर रैली में इस तरह के दो-चार लोग आ जाते हैं और हंगामा खड़ा करते हैं। इससे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता।सीएम चन्नी ने जब बोलना शुरू किया उसी समय वहां पंडाल में मौजूद शिक्षक राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। सीएम की रैली में व्यवधान न खड़ा हो इसके लिए पुलिस शिक्षकों को जबरन वाहन में बिठाकर वहां से ले गई।

(फोटो सौजन्य : भूपिंदर सुनामी, भास्कर)

महिला शिक्षकों के साथ भी पुलिस अभद्रता करती दिखी
मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह की चुनावी रैली में नौकरी की मांग करने वाले शिक्षकों को पुलिसिया ‘जुर्म’ का शिकार होना पड़ा। संगरूर में चन्नी एक रैली के दौरान वहां बड़ी संख्या में शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET), बीएड पास अध्यापक चन्नी सरकार के खिलाफ नारेबाजी और नौकरी की मांग करने लगे। हैरान करने वाली बात यह है कि वहां तैनात पुलिस शिक्षकों का मुंह दबाकर उन्हें खामोश करती दिखी। महिला शिक्षकों के साथ भी पुलिस अभद्रता करती दिखी।

पुलिस जबरन पंडाल से ले गई, पगड़ी की भी बेअदबी
कांग्रेस सरकार को बेरोजगार जत्थेबंदियों के रोष का सामना करना पड़ा। बेरोजगार अध्यापक व एमपीएचडब्ल्यू यूनियनों के सदस्य, सीएम कार्यक्रम में दाखिल होकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने में सफल रहे। पुलिस को चकमा देकर यूनियन के सदस्य पंडाल में दाखिल हो गए और सीएम के संबोधन के दौरान नारेबाजी की।  शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुखजिंदर सिंह ने कहा, ‘हमारे सदस्यों को पुलिस जबरन पंडाल से ले गई । इस दौरान संगरूर इकाई के अध्यक्ष कुलवंत सिंह लोंगोवाल की पगड़ी गिर गई।’ इस घटना के बाद पंजाब की चन्नी सरकार भाजपा के निशाने पर आ गई है।

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