तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन के शुरू होने के पहले दिन से कहा जा रहा था कि इस आंदोलन का मकसद राजनीतिक है। इसका गरीब किसानों से कोई लेनादेना नहीं है। लेकिन आज इसकी पुष्टि कोई और नहीं, बल्कि खुद किसान नेता कर रहे हैं। किसान आंदोलन के प्रमुख नेताओं में से एक योगेंद्र यादव ने कबूल किया है कि किसान आंदोलन के जरिए बीजेपी को हराने के लिए पिच तैयार की गई थी। लेकिन विपक्ष उनकी पिच पर सही तरीके से खेल नहीं पाया और हार गया। उन्होंने विपक्षी दलों पर हार का ठीकरा फोड़ दिया।
किसान आंदोलन का मकसद बीजेपी को हराना था- योगेंद्र
दरअसल चुनाव विश्लेषक, किसान नेता व सामाजिक कार्यकर्ता योगेंद्र यादव के एक इंटरव्यू का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। इसमें योगेंद्र यादव को किसान आंदोलन और उसके चुनावों पर असर को लेकर अपनी बात कहते सुना जा सकता है। इसमें योगेंद्र यादव कह रहे हैं कि किसान आंदोलन से पहले उत्तर प्रदेश में विपक्ष को खड़े होने की हिम्मत नहीं थी। किसान आंदोलन की वजह से विपक्ष खड़ा हुआ। खड़ा तो कर दिया लेकिन जीताना हमारी जिम्मेदारी नहीं थी। बीजेपी को हराना हमारी जिम्मेदारी थी। हम बीजेपी को नहीं हरा पाये। जरूर कमी रही होगी। हम इस मैच के मुख्य खिलाड़ी नहीं थे।
किसान आंदोलन का एकमात्र उद्देश्य उत्तर प्रदेश में भाजपा को हराना था। सुनिए, बीजेपी को हराने के लिए कैसे पिच तैयार कर रहे थे योगेंद्र यादव.
नीचे वीडियो. pic.twitter.com/LyA8NKonmc
— Hirak Jyoti Haloi (@Hirakjyhaloi) March 22, 2022
अखिलेश यादव योगी जी को आउट नहीं कर सके- योगेंद्र
योगेंद्र यादव ने कहा, ‘किसान आंदोलन इस मैच (चुनाव) में खिलाड़ी नहीं था। किसान आंदोलन की भूमिका पिच तैयार करने की थी। पिच हमने तैयार की, हमने इस पर हेवी सा रोलर भी चलाया ताकि सिमर को, तेज गेंदबाज को मदद मिले। बॉलिंग अखिलेश जी को करनी थी और वो अगर योगी जी को आउट नहीं कर सके तो खाली पिच बनाने वाले को दोष देना ठीक नहीं है। अंतत: खेल उनका है, खेल पार्टियों का है। योगेंद्र यादव ने कहा कि उन्होंने किसान आंदोलन के जरिए बीजेपी के खिलाफ जमीन तैयार करने में कोई कसर नहीं छोड़ी, लेकिन इसके बाद भी यूपी में बीजेपी की मुख्य प्रतिद्वंद्वी समाजवादी पार्टी ने अपनी भूमिका ठीक से नहीं निभाई।
सुन लो मित्रों , योगेन्द्र यादव के मुँह से किसान आंदोलन की सच्चाई। किसानो की भलाई तो मुद्दा ही नहीं था असली मुद्दा तो BJP को हराना था। pic.twitter.com/es3CR3UsJ4
— Stay@happy ?? (@RushmaR) March 22, 2022
किसान आंदोलन एक राजनीतिक स्टंट था- योगेंद्र
योगेंद्र यादव ने खुलासा किया कि संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने उत्तर प्रदेश चुनाव से पहले एक रणनीति बनाई और सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि वे आगामी चुनावों में उत्तर प्रदेश में बीजेपी को सजा देंगे। लेकिन हमारे कुछ दोस्त बिना पैड के मैदान में उतर गए। बल्लेबाजी करना या गेंदबाजी करना हमारा काम नहीं है। हमारा काम पिच को तैयार करना है। हम पिच को थोड़ा टेढ़ा जरूर कर सकते हैं, जो हमने किया। हमने बंगाल में भी पिच तैयार किया था। योगेंद्र यादव ने स्वीकार किया कि किसानों का विरोध प्रदर्शन किसानों के अधिकारों की लड़ाई की बजाय राजनीतिक स्टंट था।
मोदी जी ने योगेंद्र यादव जैसे देशद्रोही दलालों को सही नाम दिया था “आंदोलनजीवी”। करोड़ों रुपए लेकर इन्होने मोदी योगी के खिलाफ पिच तो तैयार की, आउट तो ईमानदार किसान हो गए
BJP goes viral after SC panel says 84% farmer orgs supported farm laws: Watch https://t.co/oeCiZOUgp5
— P.N.Rai (@PNRai1) March 22, 2022
गरीब किसानों की मौत का जिम्मेदार कौन ?
योगेंद्र यादव के इस कबूलनामे ने किसान आंदोलन के पीछे की असलियत को दुनिया के समाने ला दिया है। अब दुनिया जान चुकी है आंदोलन का असली मकसद क्या था ? इन तथाकथित किसान नेताओं ने अपना राजनीतिक मकसद पूरा करने के लिए मासूम किसानों को बलि का बकरा बन दिया। अपने अड़ियल रवैये से गरीब किसानों को मरने के लिए मजबूर कर दिया। किसान संगठनों की ओर से 700 से ज्यादा किसानों की मौत के आंकड़े पेश किए जाते हैं। इन मौतों के लिए ये किसान नेता जिम्मेदार नहीं है, तो कौन है ? इस आंदोलन के मुख्य साजिशकर्ता कौन है ? गरीब किसानों को उनके हक से वंचित करने के लिए जिम्मेदार कौन है ?