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गुरुपरब पर PM MODI ने संगत का दिल जीता: देश को जो मार्गदर्शन गुरुवाणी से मिला, वो ही आज विकसित भारत का विजन, गुरु नानकदेव जी का जीवन और उनके संदेश विश्व को दिशा दिखा रहे हैं- पीएम

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरु नानकदेव जी की 553वीं जन्म जयंती की पूर्व संध्या पर संबोधित करते हुए कहा कि आज दुनिया जिस मुश्किल दौर से गुजर रही है, उसमें गुरु नानकदेव जी का जीवन और उनके संदेश एक मशाल की तरह विश्व को दिशा दिखा रहे हैं। आज़ादी के इस अमृतकाल में देश, समता, समरसता, सामाजिक न्याय और एकता के लिए ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, और सबका प्रयास’ के मंत्र पर चल रहा है। यानी, जो मार्गदर्शन देश को सदियों पहले गुरुवाणी से मिला था, वो ही आज हमारे लिए परंपरा भी है, आस्था भी है, और विकसित भारत का विजन भी है। पीएम मोदी ने कहा कि भारत की आज की पीढ़ी और आने वाली पीढ़ियां ये जानें तो सही कि इस महान धरती की क्या सिख परंपरा रही है। जिस धरती पर हमने जन्म लिया, जो हमारी मातृभूमि है, उसके लिए साहिबजादों जैसा बलिदान देना, कर्तव्य की वो पराकाष्ठा है, जो पूरे विश्व इतिहास में भी कम ही मिलेगी।

अमृतकाल में देश गुरु के मंत्र पर लोगों के जीवन-कल्याण की भावना से बढ़ रहा आगे
पीएम मोदी ने कहा कि गुरु नानकदेव जी ने हमें जीवन जीने का मार्ग दिखाया था। उन्होंने कहा था- “नाम जपो, किरत करो, वंड छको”। यानी, ईश्वर के नाम जप करो, अपने कर्तव्यपथ पर चलते हुये मेहनत करो और आपस में मिल बांटकर खाओ। इस एक वाक्य में, आध्यात्मिक चिंतन भी है, भौतिक समृद्धि का सूत्र भी है, और सामाजिक समरसता की प्रेरणा भी है। आज आजादी के अमृतकाल में देश इसी गुरु मंत्र पर चलकर 130 करोड़ भारतवासियों के जीवन कल्याण की भावना से आगे बढ़ रहा है। देश ने अपनी संस्कृति, अपनी विरासत और हमारी आध्यात्मिक पहचान पर गर्व का भाव जागृत किया है। आजादी के अमृतकाल को देश ने कर्तव्य की पराकाष्ठा तक पहुंचाने के लिए कर्तव्यकाल के रूप में माना है।गुरुग्रंथ साहिब की अमृतवाणी की महिमा समय और भूगोल की सीमाओं से परे
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि गुरुग्रंथ साहिब के रूप के हमारे पास जो अमृतवाणी है, उसकी महिमा, उसकी सार्थकता, समय और भूगोल की सीमाओं से परे है। हम ये भी देखते हैं कि जब संकट बड़ा होता है तो समाधान की प्रासंगिकता और भी बढ़ जाती है। आज विश्व में जो अशांति है, जो अस्थिरता है, आज दुनिया जिस मुश्किल दौर से गुजर रही है, उसमें गुरुओं साहिब की शिक्षाएं और गुरु नानकदेव जी का जीवन, एक मशाल की तरह विश्व को दिशा दिखा रही हैं। गुरु नानक जी का प्रेम का संदेश बड़ी से बड़ी खाई को पाट सकता है। और इसका प्रमाण हम भारत की इस धरती से ही दे रहे हैं। इतनी भाषाओं, इतनी बोलियों, इतने खान-पान, रहन सहन के बावजूद हम एक हिंदुस्तानी होकर रहते हैं, देश के विकास के लिए खुद को खपाते हैं।

गुरूओं के आदर्शों को जितना जिएंगे, ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना को उतना मजबूत करेंगे
प्रधानमंत्री ने गुरुओं के दिखाए आदर्शों पर चलने का आह्वान करते हुए कहा कि हम जितना अपने गुरूओं के आदर्शों को जिएंगे, हम जितना आपसी विभेदों को दूर करके ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत करेंगे,हम जितना मानवता के मूल्यों को प्राथमिकता देंगे, हमारे गुरुओं की वाणी उतनी ही जीवंत और प्रखर स्वर से विश्व के जन-जन तक पहुंचेगी। पीएम मोदी ने कहा कि बीते 8 वर्षों में हमें गुरु नानक देव जी के आशीर्वाद से सिख परंपरा के गौरव के लिए निरंतर काम करने का अवसर मिला है। और, ये निरंतरता लगातार बनी हुई है।

 

हरमंदिर साहिब के दर्शनों को आसान बनाना हमारी सरकार का एक पुण्य प्रयास
पीएम मोदी ने सिखों के धार्मिक स्थलों के लिए केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए कदमों को याद करते हुए कहा कि मेरे लिए ये बोध सेवा का है, स्नेह का है, अपनेपन का है, श्रद्धा का है। आपको पता होगा, अभी कुछ दिन पहले ही मैं उत्तराखंड के माणा गाँव गया था। इस यात्रा में मुझे गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब के लिए रोपवे प्रोजेक्ट के शिलान्यास का सौभाग्य मिला। इसी तरह, अभी दिल्ली ऊना वंदेभारत एक्सप्रेस की शुरुआत भी हुई है। इससे आनंदपुर साहिब जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए एक नई आधुनिक सुविधा शुरू हुई है। इससे पहले गुरु गोबिन्द सिंह जी से जुड़े स्थानों पर रेल सुविधाओं का आधुनिकीकरण भी किया गया है। हमारी सरकार दिल्ली-कटरा-अमृतसर एक्सप्रेसवे के निर्माण में भी जुटी है। इस पर 35 हजार करोड़ रुपए से अधिक खर्च होंगे। हरमंदिर साहिब के दर्शनों को आसान बनाने के लिए ये भी हमारी सरकार का एक पुण्य प्रयास है।

साहिबजादों जैसा बलिदान और कर्तव्य की पराकाष्ठा विश्व इतिहास में कम ही मिलेगी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि ये कार्य केवल सुविधा और पर्यटन की संभावनाओं का विषय नहीं है। इसमें हमारे तीर्थों की ऊर्जा, सिख परंपरा की विरासत और एक व्यापक बोध भी जुड़ा है। मेरे लिए शब्दों में बताना कठिन है जब दशकों के इंतजार के बाद करतारपुर साहिब कॉरिडॉर खुला था। हमारा प्रयास रहा है कि सिख परंपराओं को सशक्त करते रहें, सिख विरासत को सशक्त करते रहें। कुछ समय पहले अफगानिस्तान में किस तरह हालात बिगड़े थे। वहाँ हिन्दू-सिख परिवारों को वापस लाने के लिए हमने अभियान चलाया। गुरुग्रंथ साहिब के स्वरूपों को भी हम सुरक्षित लेकर आए। 26 दिसम्बर को गुरुगोबिन्द सिंह जी के साहिबजादों के महान बलिदान की स्मृति में ‘वीर बाल दिवस’ मनाने की शुरुआत भी देश ने की है। जिस धरती पर हमने जन्म लिया, जो हमारी मातृभूमि है, उसके लिए साहिबजादों जैसा बलिदान देना, कर्तव्य की वो पराकाष्ठा है, जो पूरे विश्व इतिहास में भी कम ही मिलेगी।

 

दुनियाभर में सिख चाहे कहीं पर भी हों, भारत तो उनका अपना ही घर है
पीएम मोदी ने संबोधन के अंत में विभाजन की विभीषिका को याद करते हुए भरे मन से कहा कि विभाजन में हमारे पंजाब के लोगों ने, देश के लोगों ने जो बलिदान दिया, उसकी स्मृति में देश ने विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस की शुरुआत भी की है। विभाजन के शिकार हिन्दू-सिख परिवारों के लिए हमने सीएए कानून लाकर उन्हें नागरिकता देने का भी एक मार्ग बनाने का प्रयास किया है। अभी आपने देखा होगा, गुजरात ने विदेश में पीड़ित और प्रताड़ित सिख परिवारों को नागरिकता देकर उन्हें ये अहसास दिलाया है कि दुनिया में सिख कहीं भी है, भारत उसका अपना घर है। गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुये मुझे गुरुद्वारा कोट लखपत साहिब के जीर्णोद्धार और कायाकल्प का सौभाग्य भी मिला था।

 

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