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पित्रोदा पहले भी करा चुके हैं कांग्रेस की किरकिरी, देखिए ‘हुआ तो हुआ’ से लेकर अब तक के 5 विवादित बयान

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पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के करीबी कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा के एक बयान पर देशभर में हंगामा मचा हुआ है। पित्रोदा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी एक ऐसी नीति बनाएगी, जिसके माध्यम से विरासत की संपत्ति या टैक्स लेकर खास लोगों में धन का बांटना बेहतर होगा। सैम पित्रोदा इसके पहले भी कई बार कांग्रेस की फजीहत करा चुके हैं। आइए डालते हैं उनके कुछ विवादित बयानों पर जिससे कांग्रेस की काफी किरकिरी हो चुकी है।

1. विरासत टैक्स
कांग्रेस नेता राहुल गांधी के सलाहकार सैम पित्रोदा ने भारत में अमेरिका की तरह विरासत टैक्स लगाने की बात की है। उन्होंने कहा है कि अमेरिका में किसी व्यक्ति के मरने पर उसकी संपत्ति का 55 प्रतिशत हिस्सा सरकार ले लेती है जबकि उसके बच्चों को सिर्फ 45 प्रतिशत हिस्सा मिलता है। पित्रोदा ने यह भी कहा कि भारत में इस तरह का कानून नहीं है। इस तरह के मुद्दों पर बहस और चर्चा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह एक नीतिगत मुद्दा है और कांग्रेस पार्टी एक ऐसी नीति बनाएगी, जिसके माध्यम से धन का बांटना बेहतर होगा।

 

2. हुआ तो हुआ
राहुल गांधी के सलाहकार सैम पित्रोदा के ‘हुआ तो हुआ’ बयान को लेकर भी काफी हंगामा हुआ था। इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने पिछले लोकसभा चुनाव 2019 के समय 1984 के सिख विरोधी दंगे को लेकर विवादित बयान दिया था। सिख विरोधी दंगे को लेकर उन्होंने कहा था कि अब क्या है 84 का? 1984 में हुआ तो हुआ।

3. पुलवामा जैसे हमले होते रहते हैं
पुलवामा में आतंकी हमले के जवाब में भारत ने पाकिस्तान के बालाकोट में एयरस्ट्राइक की थी। भारत के इस सर्जिकल एयर स्ट्राइक पर सवाल उठाते हुए सैम पित्रोदा ने कहा था कि ऐसे हमले होते रहते हैं। कुछ आतंकियों ने हमला किया, इसकी सजा पूरे पाकिस्तान को क्यों दी जा रही है?

4. मंदिर से रोजगार नहीं मिलेगा
कांग्रेस शुरू से अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण के खिलाफ रही है। ऐसे में राम मंदिर निर्माण के समय राहुल गांधी के इस करीबी इस नेता ने कहा था कि भारत में बेरोजगारी, महंगाई और शिक्षा जैसी समस्याओं के बारे में कोई बात ही नहीं करता। हर कोई राम, हनुमान और मंदिर की बात करते हैं। मंदिर बनाने से आपको रोजगार नहीं मिलेगा।

5. मिडिल क्लास को स्वार्थी नहीं बनना चाहिए
सैम पित्रोदा ने एक बार यह भी कहा था कि मिडिल क्लास को स्वार्थी नहीं बनना चाहिए। उन्हें ज्यादा टैक्स देने के लिए कमर कस लेना चाहिए।

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