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पश्चिम बंगाल में राशन घोटाले की रकम 10 हजार करोड़ तक पहुंची, रुपये विदेश भेजे गए: ईडी

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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के शासनकाल में किस तरह सरकारी खजाने पर डाका डाला गया है और जनता की गाढ़ी कमाई की लूट हो रही है उसे इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि पीडीएस राशन घोटाले की रकम बढ़कर 10 हजार करोड़ रुपये पहुंच गई। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के इसका खुलासा करते हुए कहा कि घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में पश्चिम बंगाल के पूर्व खाद्य मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक और दो अन्य से जुड़ी 150 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क की गई है। ये दो अन्य आरोपी मल्लिक के करीबी सहयोगी बकीबुर रहमान और तृणमूल नेता शंकर आध्या हैं। इस मामले में ईडी ने तीनों को गिरफ्तार किया है। यही नहीं, इस घोटाले का पैसा विदेश भी भेजा गया है।

बंगाल राशन घोटाला 10 हजार करोड़ रुपये से अधिक का
ईडी ने कहा कि उसकी जांच में पाया गया है कि पश्चिम बंगाल सार्वजनिक वितरण घोटाला 10,000 करोड़ रुपये से अधिक है, और अपराध की आय को पूर्व खाद्य मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक सहित मुख्य आरोपियों द्वारा दुबई और अन्य विदेशी स्थानों पर भेजा गया था। ईडी ने 150 करोड़ रुपये (बुक वैल्यू 50 करोड़ रुपये) से अधिक बाजार मूल्य वाली 48 और संपत्तियां जब्त कीं, जिनमें साल्ट लेक और बोलपुर में मल्लिक के आवास भी शामिल हैं। 27 अक्टूबर 2023 में ईडी द्वारा गिरफ्तार किए गए मल्लिक अपने सहयोगियों के साथ न्यायिक हिरासत में हैं।

ईडी 101 संपत्तियों को जब्त करना चाहती
ईडी ने घोटाले से जुड़ी कम से कम 101 संपत्तियों को जब्त करने के लिए कोलकाता में विशेष पीएमएलए अदालत से भी संपर्क किया है। अभी तक जब्त की गई कई बेनामी संपत्तियों में चावल मिल मालिक बकीबुर रहमान के नाम पर बेंगलुरु और कोलकाता में दो होटल भी शामिल हैं। बंगाल पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर शुरू की गई ईडी जांच में पाया गया कि विभिन्न निजी व्यक्तियों के पास पीडीएस के माध्यम से वितरण के लिए राशन का अनाधिकृत कब्जा पाया गया।

मल्लिक ने उपहार के रूप में हासिल की संपत्ति
यह भी पाया गया है कि मल्लिक ने करोड़ों रुपये से अधिक की अचल संपत्तियों में से कुछ को अपने परिवार के सदस्यों या करीबी सहयोगियों के नाम पर ‘उपहार’ के रूप में ‘प्राप्त’ किया था।

धान की हुई फर्जी खरीद
ईडी की शिकायत में आरोप लगाया गया है कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के माध्यम से वितरण के लिए दिया जाने वाला राशन कुछ निजी व्यक्तियों के पास अनधिकृत रूप से पाया गया था और वे धान की फर्जी खरीद में भी शामिल पाए गए।

मनी चेंजर’ कंपनियों के माध्यम से विदेश भेजे गए रुपये
ईडी ने कहा कि शंकर आध्या के स्वामित्व वाली पूर्ण ‘मनी चेंजर’ कंपनियों के माध्यम से भारतीय रुपये को विदेशी मुद्राओं में परिवर्तित करके आय की एक ‘बड़ी’ राशि को दुबई और अन्य देशों में शोधित किया गया।

शाहजहां शेख भी ज्योतिप्रिय मल्लिक का करीबी
पिछले दिनों संदेशखाली मामले में अरेस्ट हुए टीएमसी के निष्कासित नेता शाहजहां शेख को भी मल्लिक का करीबी माना जाता है। ईडी शाहजहां शेख के ठिकानों पर छापेमारी को पहुंची थी। तब पांच जनवरी को ईडी की टीम पर हमला हुआ था।

 

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