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देव दीपावली पर 21 लाख दीयों से जगमग हुई काशी, बना नया रिकॉर्ड, लेजर शो ने जीता दिल, पीएम मोदी ने कहा-अद्भुत!

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बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में सोमवार को (7 नवंबर 2022) भव्य देव दीपावली मनाई गई। सूर्यास्त के साथ ही उत्तर वाहिनी गंगा के तट पर प्रज्जवलित लाखों दीपों ने आलौकिक छटा बिखेरी। अर्धचंद्राकार घाट लाखों दीयों की रोशनी से जगमग हो उठा। गंगा तट के दोनों किनारे पर असंख्य दीयों की माला जब जली तो इस अद्भुत नजारे को हर कोई बस देखता ही रह गया। घाटों की छठा ऐसी ही मानो देव लोक स्वर्ग से धरती पर उतर आया हो। तकरीबन आठ किलोमीटर लंबे काशी के घाटों पर मानों आकाशगंगा के सितारे उतर आये हों। सभी महत्वपूर्ण घाटों पर भव्य महाआरतियों और घंट-घड़ियालों की ध्वनि से काशी की धरा पर देवताओं का स्वागत हुआ। दिव्य काशी की भव्य देव दीपावली पर दशाश्वमेध घाट पर होने वाली गंगा आरती ने चार चांद लगा दिए। इसके साथ चेतसिंह घाट के लेजर शो ने हर किसी को अपनी ओर ध्यान आकर्षित किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि काशी की अद्भुत और अलौकिक देव दीपावली अभिभूत करने वाली है! इसके साथ ही उन्होंने इस प्राचीन और पवित्र नगरी में उत्सव की कुछ झलकियां साझा कीं।

काशी का प्रत्येक घाट अलग-अलग रंग बिखेरता दिखा

देव दीपावली के अवसर पर काशी का प्रत्येक घाट अलग-अलग रंग बिखेरता दिखा। कहीं लेज़र शो का आयोजन हुआ, तो कही ग्रीन आतिशबाजियां देखने देश और दुनिया के सैलानी टकटकी बांधे दिखे। इसके अलावा दशाश्वमेध घाट पर अमर जवान ज्योति की अनुकृति बनाकर देश के वीर जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। मां गंगा की महाआरती में नारी शक्ति की भी अद्भुत तस्वीर देखने को मिली। यहां मुख्य अर्चक के रूप में कन्याओं ने गंगा मइया की पूजा-वंदना की।

देव दीपावली पर नया रिकॉर्ड, 21 लाख दीपों से जगमग हुई काशी

काशी के घाटों से लेकर शहर के कुंड तालाबों तक 21 लाख दीप जले. दीपों की इस असंख्य श्रृंखला ने देव दीपावली पर नया रिकॉर्ड बनाया। 2 साल पहले जब पीएम मोदी इस आयोजन में शामिल हुए थे,तब काशी में 15 लाख दीप जले थे। इस साल देव दीपावली पर काशी नगरी में तकरीबन 21 लाख दीये जलाये गए। केवल काशी के अर्धचंद्राकार घाटों पर ही 10 लाख से अधिक दीये जलाये गए। इसमें आठ लाख दीये पश्चिमी तट पर स्थित 84 घाटों पर जबकि, दो लाख दीये पूर्वी तट की रेत पर जलाये गए। इसके अलावा गंगा-गोमती तट पर स्थित मार्कण्डेय महादेव के धाम से लेकर शूलटंकेश्वर मंदिर के समीप नदी तट को आकर्षक दीयों से सजाया गया। शिवपुर झील, मोती झील, जंसा क्षेत्र में रामेश्वर महादेव मंदिर, दुर्गाकुंड मंदिर, कर्दमेश्वर महादेव मंदिर तालाब, मैदागिन स्थित मंदाकिनी कुंड, संकुलधारा पोखरा, बरेका स्थित सूर्य सरोवर के साथ ही वरुणा नदी के शास्त्रीघाट पर भी लाखों दीयों से जलनिधियों को जगमग किया गया। शिव की नगरी काशी में देव दीपावली के अवसर पर गंगा तट के इस अद्भुत नजारे को हर किसी ने अपने मोबाइल में कैद किया। इन तमाम आयोजनों के अलावा काशी विश्वनाथ धाम के सामने गंगा पार रेत पर ग्रीन आतिशबाजी हुई, जिसने इस आयोजन में समा बांधी।

ट्विटर पर 21 करोड़ से ज्यादा यूजर्स तक पहुंची काशी की देव दीपावली

देव दीपावली पर जहां एक तरफ काशी नगरी लाखों दीयों की रौशनी से जगमग हो रही थी, वहीं इसकी चर्चाएं सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म पर भी खूब हुई। ट्विटर पर हैशटैग “काशी की देव दीपावली” (Kashi ki Dev Deepawali) कई घंटों तक टॉप ट्रेंड में बना रहा। इस दौरान तकरीबन 21 करोड़ से भी ज्यादा यूजर्स तक ये हैशटैग प्रदर्शित हुआ। वहीं करीब 30 हजार से भी ज्यादा यूजर्स ने इस हैशटैग के साथ देव दीपावली की तस्वीरें और वीडियो को शेयर किया, जबकि तकरीबन 50 हजार लोगों ने रीट्वीट, लाइक और रिप्लाई के जरिए देव दीपावली को लेकर अपनी भावनाओं का इजहार किया। इसके साथ ही यूजर्स ने वाराणसी में साल दर साल भव्य होती जा रही देव दीपावली के लिए पीएम मोदी और सीएम योगी के प्रयासों की जमकर सराहना की। वाराणसी में इस बार कुल 21 लाख दीये प्रज्ज्वलित किये गये हैं, जिनमें से 10 लाख दीये काशी में गंगा घाटों पर जलाये गये।

गंगा का अर्धचंद्राकार किनारा दैवीय आभा से दमका

कार्तिक पूर्णिमा पर महादेव की नगरी काशी में देव दीपावली का आयोजन पूरे हर्ष और उल्लास के साथ किया गया और गंगा किनारे 84 घाटों पर 10 लाख दीपक जलाए गए। जनसहभागिता से लोगों ने शहर में करीब 11 लाख दीपक जलाए। मां गंगा का अर्धचन्द्राकार स्वरूप लाखों दीपक की रोशनी से जगमगाता रहा। जिला प्रशासन के अनुसार प्रदेश की योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार की ओर से गंगा किनारे के 84 घाटों पर 10 लाख दीये जलाए गए, वहीं जनसहभागिता से लगभग 11 लाख दीये जलाए गए।

महाआरती ने किया मंत्रमुग्ध

देव दीपावली पर दशाश्वमेध घाट पर गंगोत्री सेवा समिति और गंगा सेवा निधि द्वारा होने वाली मां गंगा की भव्य महाआरती ने इस पूरे आयोजन में छठा बिखेरी। दशाश्वमेध घाट पर मां गंगा के अष्टघातु की प्रतिमा का 108 किलो फूलों से श्रृंगार हुआ। इसके बाद गंगा पूजन और फिर 21 बटुकों ने मां गंगा की मनोहारी आरती की।

लेजर शो बना आकर्षण का केंद्र

वाराणसी के चेतसिंह घाट पर इस बार पहली बार 3 डी लेजर शो का आयोजन हुआ। इस आयोजन में किले के दीवारों पर लेजर शो के जरिए काशी और गंगा और आधरित कथा जीवंत हुई। शाम 7 बजे से इसकी शुरुआत हुई फिर 15 मिनट के अंतराल पर शो का आयोजन हुआ। इसके बाद काशी विश्वनाथ धाम के सामने ग्रीन आतिशबाजी ने लोगों को अपनी ओर आकर्षित किया।

अलौकिक के साथ आधुनिक काशी का नजारा

काशी में एक साथ 21 लाख दीयों के प्रज्जवलित होने से अलौकिक समा तो बंधा ही साथ ही चेत सिंह घाट पर पहली बार 3 डी प्रोजेक्शन मैपिंग शो के माध्यम से गंगा आवरण व देव दीपावली की कथा और लेज़र शो के माध्यम से भगवान शिव के चित्रात्मक भजन सुनकर लोग मंत्रमुग्ध हो उठे। देव दीपावली पर काशी के सभी मंदिरों, यहां तक कि सड़क के विद्युत खंभों को भी आकर्षक झालरों से सजाया गया। काशी विश्वनाथ धाम के सामने गंगा पार रेत पर ग्रीन आतिशबाजी का भी लोगों ने जमकर आनंद लिया। इसके अलावा शहर के छह स्थानों पर घाटों की रौनक और महाआरतियों का सीधा प्रसारण किया गया।

50 टन फूलों से सजाया गया काशी विश्वनाथ धाम

देव दीपावली पर काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर को 50 टन फूलों से सजाया गया। सजावट का कार्य दो दिन पहले से शुरू हो गया था। इसके लिए सरकार की ओर से 80 लाख रुपये खर्च किये गये थे। वाराणसी के मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा के अनुसार विशाखापट्टनम के डेकोरेटर ने स्वेच्छा से मंदिर को सजाने-संवारने के लिए पहल की थी। पूरे मंदिर परिसर को आकर्षक ढंग से सजाया गया। इसमें विश्वनाथ धाम के गंगाद्वार को आकर्षक झालरों से सजाया गया। श्रीकाशी विश्वनाथ धाम बनने के बाद इस साल ये पहली देव दीपावली मनायी गयी है। आने वाले सालों में भी देव दीपावली पर विश्वनाथ धाम को भव्य रूप से सजाया जाएगा।

अध्यात्म के साथ राष्ट्रीयता का संदेश

देव दीपावली महोत्सव ने अध्यात्म के साथ ही राष्ट्रीयता का भी संदेश दिया। दशाश्वमेध घाट पर अमर जवान ज्योति की अनुकृति पर जवानों को श्रद्धांजलि भी दी गई। यहां देश के वीर शहीद जवानों को सेना के लोगों ने श्रद्धांजलि अर्पित की। लगभग सभी घाटों पर धार्मिक आयोजन हुए, धार्मिक कलाकृति देखने को मिली। घाटों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन हुआ।

उत्सव में शामिल हुए SCO देशों के सदस्य

पीएम नरेन्द्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से वाराणसी की देव दीपावली साल दर साल भव्य से भव्यतम रूप में दिखाई देने लगी है। हाल ही में काशी को शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की ओर से एक साल के लिए सांस्कृतिक और पर्यटन राजधानी घोषित किया गया है। वहीं देव दीपावली पर SCO देशों में से रूस से एक व किर्गिस्तान से दो सदस्य काशी की अलौकिक छटा को निहारने पहुंचे।

धार्मिक मान्यताः आज के दिन ही हुआ था त्रिपरासुर राक्षस का वध

धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, आज (सोमवार) के दिन ही भगवान शंकर ने त्रिपरासुर नाम के राक्षस का वध किया था जिसकी खुशी में सभी देवताओं ने गंगा तट पर दिवाली मनाई थी। वैसा ही नजारा गंगा तट के किनारे देखने को मिला।

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