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Modi Magic: लोकसभा चुनाव से पहले ही विपक्षियों में भगदड़ मची, झारखंड से यूपी और राजस्थान से एमपी तक BJP में शामिल होने की नेताओं में मच रही होड़

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लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी की बनने जा रही हैट्रिक को देखते हुए विपक्ष के नेताओं में भगदड़ की स्थिति है। विपक्षियों ने इंडी अलायंस के नाम पर जो कुनबा जोड़ने का प्रयास किया था, वह लोकसभा चुनाव से पहले ही ताश के पत्तों की तरह ढह गया। बिहार में नीतीश कुमार की एनडीए गठबंधन में वापसी हो गई तो बंगाल में ममता ने कांग्रेस को टाटा बोल दिया। हालात यह है कि विपक्ष के कई नेताओं ने बीजेपी का दामन थाम लिया है और कुछ इस जुगाड़ में हैं कि जैसे-तैसे एनडीए गठबंधन में शामिल हो जाएं। पिछले कुछ दिनों से झारखंड से लेकर यूपी और राजस्थान से एमपी तक भाजपा में शामिल होने की नेताओं में होड़-सी मच रही है। इसके देखते हुए लोकसभा चुनाव से पहले ही इंडी अलाइंस के नेताओं के होश फाख्ता हो रहे हैं।झारखंड : सीता और गीता के जुड़ने से भाजपा हुई और मजबूत
एनडीए गठबंधन कैसे दिनोंदिन मजबूत होता जा रहा है, इसकी पड़ताल झारखंड से शुरू करते हैं। यहां पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के घर में ही बड़ी सेंध लग गई है। झारखंड मुक्ति मोर्चा की पूर्व विधायक और हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन ने अपनी पार्टी से इस्तीफा देने के साथ ही भाजपा का दामन थाम लिया है। उनके भाजपा खेमे में आने से पार्टी को इस राज्य में मजबूती मिली है। विशेषकर हेमंत सोरेन आदिवासियों के जिस कथित उत्पीड़न के सहारे भाजपा पर आरोप लगाने की कोशिश कर रहे हैं, सीता सोरेन के बीजेपी में आने से जेएमएम का दांव हल्का पड़ गया है। पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने झारखंड की 14 में से 12 सीटों पर जीत हासिल की थी। पार्टी इस बार झारखंड में क्लीन स्वीप करने के मूड में है। काबिले जिक्र है कि सीता सोरेन के पति दुर्गा सोरेन झारखंड के बड़े नेताओं में गिने जाते थे। उनकी अगुवाई में ही झारखंड अलग राज्य बना था। लेकिन उनकी दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु के बाद जेएमएम की कमान हेमंत सोरेन के हाथों में आ गई।

 

झामुमो सुप्रीमो की बड़ी बहू सीता सोरेन ने लगाया साजिश का आरोप
झारखंड मुक्ति मोर्चा की विधायक और पार्टी सुप्रीमो शिबू सोरेन की बड़ी बहू सीता सोरेन ने उन्हें और उनके परिवार को नजरअंदाज किए जाने का आरोप लगाते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया। पार्टी सुप्रीमो और अपने ससुर शिबू सोरेन को लिखे इस्तीफा पत्र में सीता ने कहा कि उनके पति दुर्गा सोरेन के निधन के बाद पार्टी उन्हें तथा उनके परिवार को सहयोग मुहैया कराने में नाकाम रही। इससे बेहद दुखी होकर मैं झारखंड मुक्ति मोर्चा से खुद को अलग कर रही हूं। उन्होंने यह भी कहा, ‘‘मुझे मेरे तथा मेरे परिवार के खिलाफ रची जा रही एक साजिश का पता चला है। इस कारण भी मेरे पास इस्तीफा देने के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचा है।” दरअसल हेमंत सोरेन, शिबू सोरेन के तीन बेटों में दूसरे नंबर पर आते हैं। बड़े बेटे दुर्गा सोरेन का लगभग एक दशक पहले निधन हो गया है। हेमंत सोरेन से पहले दुर्गा सोरेन ही राजनीति में सक्रिय थे। हेमंत सोरेन को 31 जनवरी को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया था।

केवल एक ही परिवार को साथ लेकर चलने से कांग्रेस गर्त में गई- गीता
इससे पहले पिछले माह ही झारखंड प्रदेश कांग्रेस को भी एक बड़ा झटका लगा था। सिंहभूम से सांसद और झारखंड पूर्व सीएम मधु कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गई। बताया जा रहा है कि बीते कुछ दिनों से वो गठबंधन से नाराज चल रही थीं। रांची में बीजेपी ऑफिस में प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने उनका पार्टी में स्वागत किया। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी भी मौजूद रहे। गीता कोड़ा ने कहा कि कांग्रेस के पास कोई नीति नहीं है, कोई सोच नहीं। पार्टी ने देश को गर्त में ले जाने का काम किया है। गीता कोड़ा ने सदस्यता ग्रहण करने के बाद कहा कि मैंने कांग्रेस को छोड़कर भाजपा की सदस्यता ली है, इसके पीछे का कारण सभी जानते हैं। कांग्रेस ने जिस तरह देश को गर्त में डाला है, कांग्रेस तुष्टिकरण की राजनीति करती आई है। कांग्रेस सभी को साथ लेकर चलने की बात करती है लेकिन केवल एक ही परिवार साथ लेकर चल रही है।

गीता कोड़ा के आने से कोल्हान में BJP को नई ऊर्जा मिलेगी- बाबूलाल
बाबूलाल मरांडी ने गीता कोड़ा का स्वागत करते हुए कहा- गीता कोड़ा पहचान की मोहताज नहीं है। गीता कोड़ा दो बार विधायक रही हैं, सांसद बनीं और काम कर रही हैं। वह कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष भी रही हैं। नरेंद्र मोदी के काम से प्रभावित होकर ही वह भाजपा में शामिल हुई हैं। गीता कोड़ा के योगदान से कोल्हान ही नहीं पूरे झारखंड में भाजपा एक नयी ताकत और नई ऊर्जा के साथ काम करेगी। अब झारखंड की 14 लोकसभा सीटें भाजपा के खाते में आएगी। हम नरेंद्र मोदी के खाते में झारखंड की सभी सीटें देंगे। गीता गोड़ा 2009 से 2019 तक दो बार विधायक रह चुकी हैं। वो पहली बार सिंहभूम लोकसभा सीट से सांसद चुनी गईं। उन्होंने कहा कि अब मैं भाजपा के साथ जनता की सेवा करूंगी। पीएम मोदी के सपनों के भारत में जो भी मेरी भूमिका होगी उसे निभाऊंगी।

राजस्थान: कटारिया, राजेंद्र और बैरवा समेत कई बड़े कांग्रेसी बीजेपी में आए
लोकसभा चुनाव से पहले ही राजस्थान कांग्रेस में भगदड़ मची हुई है। राजस्थान कांग्रेस के 30 बड़े नेता अपने समर्थकों के साथ हाल ही में बीजेपी में शामिल हो गए। लालचंद कटारिया के साथ गहलोत के करीबी राजेंद्र यादव, पूर्व सांसद खिलाड़ी लाल बैरवा, रिछपाल मिर्धा, विजयपाल मिर्धा, पूर्व निर्दलीय विधायक और गुजरात की पूर्व राज्यपाल कमला बेनीवाल के बेटे आलोक बेनीवाल, कांग्रेस सेवा दल के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सुरेश चौधरी, पार्टी नेता रामपाल शर्मा, रिजु झुनझुनवाला और अन्य नेता भी भाजपा में शामिल हुए। जयपुर में भाजपा मुख्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी, केंद्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव ने इन नेताओं का पार्टी में स्वागत किया। भाजपा का दामन थामने वाले लाल चंद कटारिया और राजेंद्र यादव अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली पूर्व कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे थे। कटारिया, पूर्व संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार में केंद्रीय राज्य मंत्री भी रहे थे।

भाजपा ही किसानों, गरीबों और आम आदमी का दुख-दर्द समझती है- कटारिया
भाजपा में शामिल होने के बाद एक सभा को संबोधित करते हुए लाल चंद कटारिया ने कहा कि वह अपनी अंतरात्मा की आवाज पर भाजपा में शामिल हुए हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा किसानों, गरीबों और आम आदमी के दुख-दर्द को समझती है। उन्होंने कहा कि यह मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ही थे, जिन्होंने पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) के मुद्दे को सुलझाने का काम किया। दूसरी ओर चुनाव अभियान में जुटी भाजपा ने इसी कड़ी में राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में पूर्व सीएम अशोक गहलोत गृहनगर जोधपुर में कांग्रेस में सेंध लगा दी। सीएम शर्मा की मौजूदगी में कांग्रेस के कई बड़े नेताओं ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। जिसमें कई पूर्व सीएम अशोक गहलोत और राजस्थान कांग्रेस के नंबर-2 नेता कहे जाने वाले सचिन पायलट के करीबी भी शामिल हैं।मध्यप्रदेश : कमलनाथ के करीबी समेत 68 कांग्रेसियों ने बीजेपी का दामन थामा
मध्य प्रदेश में नेताओं के कांग्रेस छोड़ने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। छिंदवाड़ा से पूर्व सीएम कमलनाथ के करीबी और कांग्रेस प्रवक्ता सैयद जाफर समेत 68 से अधिक नेता भाजपा में शामिल हो गए। मुख्यमंत्री मोहन यादव और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने अंगवस्त्र पहनाकर उनका स्वागत किया। सीएम यादव ने कहा कि छिंदवाड़ा से कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता सैयद जाफर सहित कई कांग्रेस नेताओं और बसपा पदाधिकारियों ने पार्टी की विचारधारा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों से प्रभावित होकर पार्टी की सदस्यता ग्रहण की है। उन्होंने कहा कि मैं सभी को विश्वास दिलाता हूं कि जहां-जहां से कार्यकर्ताओं ने पार्टी ज्वाइन की है वहां-वहां विकास के काम आपके बताने पर किए जाएंगे। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता सैयद जाफर, पथरिया के वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिनेश श्रीधर, कांग्रेस महामंत्री डॉ. मनीषा दुबे, रतलाम जिला पंचायत सदस्य संतोष पालीवाल, बसपा के प्रदेश प्रभारी व प्रदेश महासचिव डॉ. रामसखा वर्मा, पूर्व प्रचारक अभयराज सिंह, रतलाम के मध्यप्रदेश आई.टी.सेल महामंत्री अंकित पोरवाल, जिला कांग्रेस कमेटी महामंत्री विरेन्द्र नायमा, आलोट विधानसभा युवक कांग्रेस के अध्यक्ष सुरेश डागी, ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष दिनेश मैनूखेड़ी, ब्लॉक अध्यक्ष दुर्गालाल अटोलिया, एनएसयूआई के जिला प्रभारी गोपाल सिसोदिया सहित 68 से अधिक जनपद सदस्य, सरपंच, पूर्व सरपंच, कांग्रेस पदाधिकारियों, जनप्रतिनिधियों एवं कार्यकर्ताओं ने भारतीय जनता पार्टी की विचारधारा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के विकास कार्यों से प्रभावित होकर पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।

उत्तर प्रदेश : बसपा-सपा और कांग्रेस के कई नेता बीजेपी में हुए शामिल
उत्तर प्रदेश में डबल इंजन सरकार से प्रभावित होकर कई दलों के नेता भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए हैं। इनमें बसपा-सपा व कांग्रेस के कई नेताओं ने भाजपा का दामन थामा। बीजेपी में शामिल नेताओं में दो पूर्व राज्य मंत्रियों सहित छह पूर्व विधायक भी हैं। भाजपा के प्रदेश कार्यालय में पार्टी की सदस्यता ग्रहण करने वालों में बसपा सरकार में राज्य मंत्री रह चुके अच्छेलाल निषाद (बांदा), बसपा शासनकाल में राज्य मंत्री रहे सिद्ध गोपाल साहू (महोबा), सपा के पूर्व एमएलसी श्याम सुंदर सिंह (झांसी), बसपा के पूर्व विधायक व सपा से पूर्व विधानसभा प्रत्याशी मधुसूधन शर्मा (आगरा), उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के नेता महेन्द्र नाथ राय (लखनऊ), बसपा के पूर्व विधायक डा. हाफिज इरशाद (आजमगढ़), सपा से पूर्व विधायक/पूर्व जिलाध्यक्ष जितेन्द्र वर्मा (आगरा) शामिल हैं। इनके अलावा सपा प्रत्याशी के तौर पर विधानसभा चुनाव लड़ चुके बिपिन कुमार शुक्ला (बस्ती) व पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष लाल सिंह लोधी (आगरा) भी अपने समर्थकों के साथ भाजपा में शामिल हुए।

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