प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार, 2 अगस्त को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ‘ई-रुपी’ लॉन्च किया। ‘ई-रुपी’ डिजिटल पेमेंट के लिए एक कैशलेस और कॉन्टेक्टलेस साधन है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘ई-रुपी’ वाउचर देश में डिजिटल ट्रांजैक्शन में डीबीटी को और भी अधिक प्रभावकारी बनाने में बड़ी भूमिका निभाएगा और डिजिटल गवर्नेंस को एक नया आयाम देगा। इससे टारगेटेड, ट्रांसपेरेंट और लीकेज फ्री डिलीवरी में सभी को बड़ी मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि ई-रुपी’ इस बात का प्रतीक है कि भारत किस तरह से लोगों के जीवन को प्रौद्योगिकी से जोड़कर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने इस बात पर भी प्रसन्नता व्यक्त की कि यह भविष्यवादी या अत्याधुनिक सुधार पहल ऐसे समय में की गई है जब देश आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर ‘अमृत महोत्सव’ मना रहा है।
आज देश, डिजिटल गवर्नेंस को एक नया आयाम दे रहा है।
eRUPI वाउचर, देश में डिजिटल ट्रांजेक्शन को, DBT को और प्रभावी बनाने में बहुत बड़ी भूमिका निभाने वाला है।
इससे Targeted, Transparent और Leakage Free Delivery में सभी को बड़ी मदद मिलेगी: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) August 2, 2021
उन्होंने कहा कि सरकार के अतिरिक्त अगर कोई संगठन किसी के इलाज, शिक्षा या अन्य किसी काम में सहायता करना चाहता है तो वह नकद की जगह ई-रुपी वाउचर देने में सक्षम होगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि उसके धन का उपयोग उस काम के लिए ही किया गया है, जिसके लिए रकम दी गई थी।
सरकार ही नहीं, अगर कोई सामान्य संस्था या संगठन किसी के इलाज में, किसी की पढाई में या दूसरे काम के लिए कोई मदद करना चाहता है तो, वो कैश के बजाय eRUPI दे पाएगा।
इससे सुनिश्चित होगा कि उसके द्वारा दिया गया धन, उसी काम में लगा है, जिसके लिए वो राशि दी गई है: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) August 2, 2021
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ई-रुपी यह सुनिश्चित करेगा कि धन का उपयोग उसी उद्देश्य के लिए किया जा रहा है जिसके लिए कोई सहायता या कोई लाभ प्रदान किया गया।
eRUPI, एक तरह से Person के साथ-साथ Purpose Specific भी है।
जिस मकसद से कोई मदद या कोई बेनिफिट दिया जा रहा है, वो उसी के लिए प्रयोग होगा, ये eRUPI सुनिश्चित करने वाला है: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) August 2, 2021
प्रधानमंत्री ने कहा कि एक समय ऐसा था जब तकनीक को संपन्न लोगों का क्षेत्र माना जाता था और भारत जैसे गरीब देश में तकनीक का क्या काम ऐसी सोच थी। उन्होंने इस बात को भी याद किया, जब इस सरकार ने तकनीक को एक मिशन के रूप में लिया था, तब राजनीतिक नेताओं और कुछ खास तरह के विशेषज्ञों ने इस पर सवाल उठाया था। उन्होंने कहा कि आज देश ने उन लोगों की सोच को भी खारिज कर दिया और उन्हें गलत साबित कर दिया है। आज देश की सोच अलग है, यह नई है। आज हम तकनीक को गरीबों की सहायता करने औरउनकी प्रगति के लिए एक उपकरण के रूप में देख रहे हैं।
लेकिन आज देश ने उन लोगों की सोच को नकारा भी है, और गलत भी साबित किया है।
आज देश की सोच अलग है, नई है।
आज हम टेक्नोलॉजी को गरीबों की मदद के, उनकी प्रगति के एक टूल के रूप में देख रहे हैं: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) August 2, 2021
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि तकनीक किस तरह से लेनदेनों में पारदर्शिता और प्रमाणिकता ला रही है व नए अवसर पैदा कर रही है, साथ ही उन्हें गरीबों को उपलब्ध करा रही है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में विशेष उत्पादों तक पहुंच के लिए मोबाइल और आधार को जोड़ने वाली जेएएम प्रणाली की स्थापना के द्वारा वर्षों के दौरान नींव तैयार की गई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि जेएएम के लाभ लोगों को नजर आने में कुछ समय लगा और हमने देखा कि लॉकडाउन के दौरान जब दूसरे देशों को लोगों तक सहायता पहुंचाने के लिए जूझना पड़ रहा था, वहीं हम जरूरतमंदों तक सहायता पहुंचाने में कामयाब रहे।
उन्होंने कहा कि भारत में डीबीटी के माध्यम से 17.5 लाख करोड़ रुपये सीधे लोगों के खातों में ट्रांसफर किए गए। 300 से ज्यादा योजनाएं डीबीटी का उपयोग कर रही हैं। 90 करोड़ भारतीय किसी न किसी रूप में या एलपीजी, राशन, चिकित्सा उपचार, छात्रवृत्ति, पेंशन या वेतन वितरण जैसे क्षेत्रों में लाभान्वित हो रहे हैं। इसके माध्यम से पीएम किसान सम्मान निधि के तहत किसानों को सीधे 1 लाख 35 हजार करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए हैं, गेहूं की सरकारी खरीद के लिए 85 हजार करोड़ रुपये का भुगतान भी किया गया है। उन्होंने कहा, “इससे सबसे बड़ा लाभ यह हुआ कि 1 लाख 78हजार करोड़ रुपये गलत हाथों में जाने से बच गए।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में डिजिटल लेनदेनों के विकास से गरीब और वंचित, छोटे उद्यम, किसान और आदिवासी आबादी सशक्त हुई है। यह जुलाई में 6 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड 300 करोड़ यूपीआई लेनदेनों से महसूस किया जा सकता है। प्रधानमंत्री ने कहा, भारत ने साबित किया है कि वह तकनीक को अपनाने और उससे जुड़ने में दुनिया में किसी से पीछे नहीं है। उन्होंने कहा कि नवाचार, सेवाएं देने में तकनीक के उपयोग की बात हो तो भारत दुनिया के बड़े देशों के साथ मिलकर वैश्विक स्तर पर नेतृत्व की क्षमता रखता है।
भारत आज दुनिया को दिखा रहा है कि technology को adopt करने में, उससे जुडने में वो किसी से भी पीछे नहीं हैं।
Innovations की बात हो, service डिलीवरी में टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल हो, भारत दुनिया के बड़े देशों के साथ मिलकर ग्लोबल लीडरशिप देने की क्षमता रखता है: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) August 2, 2021
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पीएम स्वनिधि योजना ने देश के बड़े शहरों और छोटे कस्बों में 23 लाख से ज्यादा रेहड़ी-पटरी वालों की मदद की है। इस महामारी के दौरान, उनके बीच लगभग 2,300 करोड़ रुपये वितरित किए जा चुके हैं।
हमारी सरकार ने पीएम स्वनिधि योजना की शुरुआत की।
आज देश के छोटे-बड़े शहरों में, 23 लाख से अधिक रेहड़ी-पटरी और ठेले वालों को इस योजना के तहत मदद दी गई है।
इसी कोरोना काल में करीब-करीब 2300 करोड़ रुपए उन्हें दिए गए हैं: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) August 2, 2021
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 6-7 वर्षों में देश में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और डिजिटल लेन-देन के लिए किए गए कार्यों के प्रभाव को पूरा विश्व स्वीकार कर रहा है। उन्होंने आगे कहा, खास तौर पर भारत में, फिनटेक का बहुत व्यापक आधार तैयार हुआ है, जो यहां तक कि विकसित देशों में भी नहीं है।
देश में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और डिजिटल ट्रांजेक्शन के लिए जो काम पिछले 6-7 वर्षों में हुआ है, उसका लोहा आज दुनिया मान रही है।
विशेषकर भारत में फिनटेक का बहुत बड़ा आधार तैयार हुआ है।
ऐसा आधार तो बड़े-बड़े देशों में भी नहीं है: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) August 2, 2021
देखिए वीडियो-