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जी-20 शिखर सम्मेलन से इतर प्रधानमंत्री मोदी ने की सुनक, मैक्रां, अल्बानीज, मेलोनी, स्कोल्ज सहित विश्व नेताओं से द्विपक्षीय बात

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज, 16 नवंबर को इंडोनेशिया के बाली में जी-20 शिखर सम्मेलन से इतर कई विश्व नेताओं से द्विपक्षीय बात की। प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के साथ बैठक की। यह दोनों राजनेताओं के बीच पहली बैठक थी। दोनों राजनेताओं ने भारत-ब्रिटेन व्यापक रणनीतिक साझेदारी की मौजूदा स्थिति और भविष्य में आपसी संबंधों के लिए रोडमैप 2030 की प्रगति पर संतोष व्यक्त किया। दोनों राजनेताओं ने जी20 और राष्ट्रमंडल सहित द्विपक्षीय एवं बहुपक्षीय फोरम में साथ मिलकर काम करने के विशेष महत्व की सराहना की। बैठक के दौरान आपसी सहयोग के महत्वपूर्ण क्षेत्रों जैसे कि व्यापार, गतिशीलता, रक्षा और सुरक्षा पर चर्चा हुई।

फ्रांस के राष्ट्रपति के साथ बैठक
प्रधानमंत्री मोदी ने फ्रांस गणराज्य के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रां से मुलाकात में रक्षा, असैन्य परमाणु, व्यापार और निवेश जैसे विभिन्न क्षेत्रों में चल रहे सहयोग की समीक्षा की। दोनों राजनेताओं ने आर्थिक संबंधों के नए क्षेत्रों में सहयोग को प्रगाढ़ करने का भी स्वागत किया। पारस्परिक हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा हुई।

ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री के साथ मुलाकात
प्रधानमंत्री मोदी ने बाली में ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथोनी अल्बानीज से मुलाकात में व्यापक रणनीतिक साझेदारी के तहत दोनों देशों के बीच संबंधों के साथ नियमित आधार पर होने वाली उच्चस्तरीय बातचीत पर संतोष व्यक्त किया। दोनों नेताओं ने रक्षा, व्यापार, शिक्षा, स्वच्छ ऊर्जा और दोनों देशों के लोगों के बीच पारस्परिक संबंध सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को प्रगाढ़ करने में हुई प्रगति की समीक्षा की। शिक्षा, विशेषकर उच्च शिक्षा, व्यावसायिक शिक्षा, प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण के क्षेत्र में संस्थागत भागीदारी पर विस्तार से चर्चा की गई। दोनों नेताओं ने आपसी हित के क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया। इन मुद्दों में एक स्थिर एवं शांतिपूर्ण हिन्द-प्रशांत क्षेत्र, जलवायु संबंधी मामलों और भारत की जी20 की अध्यक्षता से संबंधित उनका साझा दृष्टिकोण शामिल था।

इटली के प्रधानमंत्री से भेंट
प्रधानमंत्री मोदी ने इटली की प्रधानमंत्री सुश्री जियॉर्जिया मेलोनी से भेंट के दौरान उन्हें इटली की प्रथम महिला प्रधानमंत्री चुने जाने पर बधाई दी। दोनों नेताओं ने व्यापार व निवेश, आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई और लोगों के बीच मेलमिलाप सहित विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय सम्बम्धों को प्रगाढ़ बनाने पर चर्चा की। दोनों नेताओं ने आपसी हितों के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया।

सिंगापुर के प्रधानमंत्री से बात
प्रधानमंत्री मोदी ने बाली में सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सिएन लूंग से भेंट के दौरान पिछले वर्ष रोम में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री ली के साथ हुई अपनी भेंट को स्मरण किया। दोनों प्रधानमंत्रियों ने भारत और सिंगापुर के बीच मजबूत रणनीतिक साझेदारी तथा नई दिल्ली में सितंबर 2022 को आयोजित भारत-सिंगापुर मंत्रिस्तरीय गोलमेज वार्ता के उद्घाटन सत्र सहित नियमित होने वाली उच्चस्तरीय मंत्रिस्तरीय तथा संस्थागत चर्चाओं पर गौर किया। दोनों नेताओं ने दोनों देशों के बीच व्यापार तथा निवेश संपर्कों, खास तौर से फिन-टेक, नवीकरणीय ऊर्जा, कौशल विकास, स्वास्थ्य तथा फार्मा क्षेत्रों को विस्तार देने के विषयों पर अपने संकल्प को दोहराया। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने सिंगापुर को आमंत्रित किया कि वह विभिन्न सेक्टरों में निवेश करे, जिनमें हरित अर्थव्यवस्था, अवसंरचना और डिजिटलीकरण शामिल हैं। इसके अलावा, भारत के राष्ट्रीय महत्व की सामाजिक व आर्थिक अवंसरना परियोजनाओं, परिसम्पत्ति मुद्रीकरण योजना और गति शक्ति योजना से लाभ उठाने के लिए भी सिंगापुर का आह्वान किया।

जर्मनी के चांसलर के साथ मुलाकात
प्रधानमंत्री ने जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कोल्ज से भी मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच इस वर्ष यह तीसरी मुलाकात थी। पिछली मुलाकातें 2 मई 2022 को छठे भारत-जर्मनी अंतर-सरकारी परामर्श के लिए प्रधानमंत्री की बर्लिन यात्रा और उसके बाद चांसलर स्कोल्ज के आमंत्रण पर जी-7 शिखर सम्मेलन के भागीदार देश के रूप में प्रधानमंत्री की जर्मनी में श्लॉस एल्मौ की यात्रा के दौरान हुईं थीं। दोनों नेताओं ने भारत और जर्मनी के बीच व्यापक द्विपक्षीय सहयोग पर चर्चा की, जिसने आईजीसी के दौरान प्रधानमंत्री और चांसलर द्वारा हरित एवं सतत विकास से संबंधित साझेदारी पर हस्ताक्षर के साथ एक नए चरण में प्रवेश किया। दोनों नेता व्यापार एवं निवेश संबंधों को और अधिक गहरा करने तथा रक्षा एवं सुरक्षा, प्रवासन एवं आवागमन व बुनियादी ढांचे के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर भी सहमत हुए।

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