प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि मॉरीशस हमारे लिए सिर्फ साझेदार देश नहीं, बल्कि परिवार का हिस्सा है। पोर्ट लुई में प्रवासी भारतीय को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मॉरीशस सिर्फ एक साझेदार देश नहीं है। हमारे लिए, मॉरीशस एक परिवार है। मॉरीशस ‘मिनी इंडिया’ की तरह है। मैं जब भी मॉरीशस आता हूं, तो ऐसा लगता है जैसे मैं अपने ही लोगों के बीच हूं। यह बंधन गहरा और मजबूत है, जो इतिहास, विरासत और मानवीय भावना में निहित है।
मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम के साथ 11 मार्च को ट्रायोन कन्वेंशन सेंटर में आयोजित कार्यक्रम में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि यहां की हवा में, यहां की मिट्टी में, यहां के पानी में अपनेपन का एहसास है। गीत गवई में, ढोलक की थाप में, दाल पूरी में, कुच्चा में और गातो पीमा में भारत की खुशबू है। और ये स्वभाविक भी है। यहां की मिट्टी में कितने ही हिंदुस्तानियों का, हमारे पुरखों का खून-पसीना मिला हुआ है। हम सब एक परिवार ही तो हैं।
कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत करते हुए प्रधानमंत्री रामगुलाम ने घोषणा की कि मॉरीशस, राष्ट्रीय दिवस समारोह के दौरान भारत के प्रधानमंत्री को अपना सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ‘ग्रैंड कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार एंड की ऑफ द इंडियन ओशन प्रदान करेगा। प्रधानमंत्री ने इस असाधारण सम्मान के लिए उनका आभार व्यक्त किया और कहा कि प्रधानमंत्री नवीन जी ने अभी जो कहा…वो बातें दिल से ही निकल सकती हैं। हृदय से निकली उनकी बात का मैं हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। मॉरीशस के लोगों ने, यहां की सरकार ने, और जैसे अब प्रधानमंत्रीजी ने इसकी घोषणा की, मुझे अपना सर्वोच्च नागरिक सम्मान देने का फैसला लिया है। मैं आपके निर्णय को विनम्रता से स्वीकार करता हूं। ये भारत और मॉरीशस के ऐतिहासिक रिश्तों का सम्मान है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘मैं जानता हूं कि मॉरीशस के अनेक परिवार, अभी-अभी महाकुंभ में भी होकर आए हैं। दुनिया को आश्चर्य हो रहा है, मानव इतिहास का, विश्व का सबसे बड़ा समागम था। 65 – 66 करोड़ लॉग। और उसमें मॉरीशस के लोग भी आये थे। लेकिन मुझे ये भी पता है कि मॉरीशस के मेरे अनेक परिवारजन, चाहते हुए भी एकता के महाकुंभ में नहीं आ पाए। मुझे आपकी भावनाओं का ध्यान है। इसलिए, मैं आपके लिए पवित्र संगम का, और महाकुंभ के उसी समय का पवित्र जल, साथ लेकर आया हूं। इस पवित्र जल को कल, यहां गंगा तलाव को अर्पित किया जाएगा। 50 साल पहले भी गोमुख से गंगाजल यहां लाया गया था। औj उसे गंगा तालाब में अर्पित किया था। अब कुछ ऐसा ही कल फिर से होने जा रहा है। मेरी प्रार्थना है कि गंगा मैया के आशीर्वाद से, महाकुंभ के इस प्रसाद से, मॉरीशस समृद्धि की नई ऊंचाई को छुए।’
प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘मॉरीशस को भले ही 1968 में आजादी मिली, लेकिन जिस तरह ये देश सबको साथ लेकर आगे बढ़ा। ये दुनिया के लिए एक बहुत बड़ा उदाहरण है। यहां दुनिया के अलग-अलग हिस्से से लोग आकर बसे हैं। ये एक प्रकार से अलग-अलग कल्चर्स का खूबसूरत बगीचा है। यहां हमारे पूर्वज, बिहार हो, यूपी हो, भारत के दूसरे हिस्सों से लाए गए थे। भाषा-बोली, खान-पान के हिसाब से देखें, तो मॉरीशस में मिनी हिंदुस्तान बसता है। यह लघु भारत है।’
भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि ‘आज भारत, मॉरीशस के साथ अपने पुराने संबंधों को नई पीढ़ी के लिए संजो रहा है, संरक्षित कर रहा है। मुझे खुशी है कि मॉरीशस में भारतीय डायस्पोरा की सातवीं पीढ़ी को OCI Card Extend करने का निर्णय लिया गया है। मुझे मॉरीशस के राष्ट्रपति जी और उनकी धर्म पत्नी, बृंदा जी को ओसीआई कार्ड भेंट करने का सौभाग्य मिला है। प्रधानमंत्री जी और उनकी धर्म पत्नी, वीणा जी को भी OCI कार्ड सौंपने का अवसर मुझे मिला है। इस वर्ष प्रवासी भारतीय दिवस के दौरान, मैंने विश्वभर में बसे गिरमिटिया समुदाय के लिए भी कुछ पहल शुरू करने को कहा था। आपको जानकर खुशी होगी कि भारत सरकार गिरमिटिया साथियों का एक डेटाबेस बनाने पर काम कर रही है। अतीत से लेकर वर्तमान तक, गिरमिटिया साथियों के पूरे इतिहास को, उनके पूरे सफर को एक जगह लाया जा रहा है।’
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘भारत और मॉरीशस सिर्फ इतिहास से ही नहीं जुड़े हैं। हम भविष्य की संभावनाओं से भी जुड़े हुए हैं। भारत जिन भी सेक्टर में तेजी से तरक्की कर रहा है, उनमें मॉरीशस को भी ग्रो करने में सहयोग कर रहा है। मॉरीशस की मेट्रो, इलेक्ट्रिक बसें, सोलर पावर प्रोजेक्ट, UPI और RuPay card जैसी आधुनिक सुविधाएं, नई पार्लियामेंट बिल्डिंग, भारत मित्र भावना से मॉरीशस को सहयोग कर रहा है। आज भारत, दुनिया की पांचवें नंबर की आर्थिक ताकत है। बहुत जल्द भारत, दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने वाला है। भारत हमेशा चाहता है कि भारत की ग्रोथ से मॉरीशस को भी पूरा फायदा मिले।’