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भारत-मॉरीशस केवल हिन्द महासागर से ही नहीं, बल्कि साझी संस्कृति, परंपराओं और मूल्यों से भी जुड़ा है- पीएम मोदी

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि भारत और मॉरीशस सिर्फ हिन्द महासागर से ही नहीं, बल्कि साझी संस्कृति, परंपराओं और मूल्यों से भी जुड़ा है। आज, 12 मार्च को मॉरीशस के पोर्ट लुईस में एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और मॉरीशस का संबंध केवल हिन्द महासागर से ही नहीं, बल्कि हमारी साझी संस्कृति, परंपराओं और मूल्यों से भी जुड़ा है। हम आर्थिक और सामाजिक प्रगति की राह पर एक दूसरे के साथी हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘प्राकृतिक आपदा हो या कोविड विपदा, हमने हमेशा एक-दूसरे का साथ दिया है। रक्षा हो या शिक्षा,स्वास्थ्य हो या स्पेस, हम हर क्षेत्र में कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं। पिछले दस वर्षों में हमने अपने संबंधों में कई नए आयाम जोड़े हैं। विकास सहयोग और क्षमता निर्माण में नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं।’

आज, भारत और मॉरीशस के बीच 8 समझौते हुए हैं। समझौता ज्ञापन पर दस्तखत के बाद दोनों नेताओं ने साझा संबोधन दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमने अपनी साझेदारी को एक उन्नत रणनीतिक साझेदारी में बदलने का फैसला किया है। हमने इस बारे में बात की कि हम बुनियादी ढांचे, आवास, डिजिटल प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य और अन्य क्षेत्रों में कैसे एक साथ काम कर सकते हैं। हम एआई, क्षमता निर्माण और सतत विकास जैसे क्षेत्रों में भी और अधिक प्रगति करना चाहते हैं।

संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘आज, प्रधानमंत्री नवीन चंद्र रामगुलाम और मैंने भारत मॉरीशस साझेदारी को ‘उन्नत रणनीतिक साझेदारी’ का दर्जा देने का निर्णय लिया। हमने निर्णय लिया कि मॉरीशस में संसद की नई बिल्डिंग बनाने में भारत सहयोग करेगा। यह लोकतंत्र की जननी की ओर से मॉरीशस को भेंट होगी।’

प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘सामुदायिक विकास परियोजनाओं के दूसरे चरण में 500 मिलियन मॉरीशियन रुपये के नए प्रोजेक्ट शुरू किए जाएंगे। अगले पांच वर्षों में भारत में मॉरीशस के 500 सिविल सर्वेंटेस को को ट्रेनिंग दी जाएगी। हमारे बीच लोकल करेंसी में आपसी व्यापार का समझौता करने पर भी सहमति बनी है।’

ज्वाइंट प्रेस मीट में उन्होंने कहा कि ‘प्रधानमंत्री जी और मैं सहमत हैं कि रक्षा सहयोग और मेरीटाइम सिक्यूरिटी हमारी स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप का अहम हिस्सा है। स्वतंत्र, खुला, सुरक्षित और संरक्षित हिंद महासागर हमारी साझी प्राथमिकता है। हम मॉरीशस के विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र की सुरक्षा में पूर्ण सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’

प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘पीपुल टू पीपुल संबंध, हमारी भागीदारी को मजबूत नीव प्रदान करते हैं। डिजिटल हेल्थ, आयुष सेंटर, स्कूल शिक्षा, कौशल और मोबिलिटी में सहयोग बढ़ाया जायेगा। हम एआई और डीपीआई, यानि डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर का मानवीय विकास में उपयोग के लिए मिलकर काम करेंगे। मॉरिशस के लोगों के लिए, भारत में चार धाम यात्रा और रामायण ट्रेल के लिए सुविधा दी जाएगी। गिरमिट धरोहर के संरक्षण और संवर्धन को बल दिया जाएगा।’

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘ग्लोबल साउथ हो, हिन्द महासागर हो, या अफ्रीका भू-भाग, मॉरीशस हमारा महत्वपूर्ण साझेदार है। दस वर्ष पहले, विज़न SAGAR, यानि “Security and Growth for All in the Region”, की आधारशीला यहीं मॉरीशस में रखी गई थी। इस पूरे क्षेत्र की स्थिरता और समृधि के लिए हम SAGAR विज़न लेकर चले हैं।’

उन्होंने कहा कि ‘ग्लोबल साउथ के लिए हमारा विज़न रहेगा – MAHASAGAR, यानि “Mutual and Holistic Advancement for Security and Growth Across Regions”. इसमें विकास के लिए व्यापार, सतत विकास के लिए क्षमता निर्माण और साझा भविष्य के लिए आपसी सुरक्षा की भावना समाहित है।’

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