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किसानों को विशिष्ट पहचान पत्र देगी मोदी सरकार, बिचौलिए और फर्जीवाड़े से मिलेगी मुक्ति, आसानी से मिलेगा विभिन्न योजनाओं का लाभ

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मोदी सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के लिए अनेक योजनाएं चला रही हैं। योजनाओं का समुचित लाभ किसानों को मिले, इसके लिए सरकार अब देश के किसानों को विशिष्ट पहचान पत्र (आइडी) जारी करेगी। 12 अंकों के इस विशिष्ट पहचान पत्र को बनाने की प्रक्रिया देशभर में चल रही है। अब तक साढ़े पांच करोड़ किसानों का डाटाबेस तैयार हो चुका है, जिसके आधार पर पहचान पत्र दिया जाएगा। इस पहचान पत्र के माध्यम से किसान केंद्र व राज्य सरकारों की विभिन्न योजनाओं का लाभ आसानी से प्राप्त कर सकेंगे। इससे उन्हें किसी बिचौलिए की जरूरत नहीं पड़ेगी।

लोकसभा में मंगलवार (14 दिसंबर, 2021) को एक सवाल के लिखित जवाब में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि विशिष्ट पहचान पत्र बनाने को लेकर पायलट प्रोजेक्ट चल रहा है। इसके दायरे में जल्दी ही पूरे देश के किसानों को शामिल कर लिया जाएगा। राष्ट्रीय स्तर पर डाटाबेस तैयार होने के बाद इसे पूरी तरह लागू कर दिया जाएगा। डाटाबेस में शामिल किसानों को ही इसका लाभ मिल पाएगा। पहचान पत्र बनाने की योजना में ई-नो योर फार्मर्स (ई-केवाईएफ) के माध्यम से किसानों के सत्यापन का प्रविधान है। इससे विभिन्न योजनाओं के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए विभिन्न विभागों और दफ्तरों में बार-बार भौतिक दस्तावेज जमा करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। 

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि देश में कुल 11.5 करोड़ किसानों में से साढ़े पांच करोड़ किसानों का डाटाबेस तैयार कर लिया गया है। बाकी पर काम जारी है। जिन किसानों को प्रधानमंत्री कल्याण निधि योजना (पीएम-किसान) से हर साल तीन बार दो-दो हजार रुपये की बराबर किस्तें दी जाती हैं, उन सभी किसानों को इस आइडी का लाभ प्राप्त होगा। तोमर ने बताया कि इससे क्षेत्र आधारित और अनुकूल सलाह सुगम हो सकेगी और इसके माध्यम से प्रतिकूल मौसम की परिस्थितियों के कारण फसल को हुए नुकसान के आकलन में आसानी होगी।

विशिष्ट पहचान पत्र बन जाने से बिचौलिए और फर्जीवाड़े से मुक्ति मिलेगी। दरअसल किसानों को कई तरह की सब्सिडी और योजनाओं का लाभ दिया जाता है। इसमें कई तरह के घपले भी होते हैं, जिसका फायदा बिचौलिए और फर्जी लाभार्थी उठाते हैं। अब असली किसानों को खेती संबंधी कई तरह की जानकारी भी इसी माध्यम से दी जा सकेगी। डिजिटल कृषि मिशन के इस प्रयास से कृषि क्षेत्र में पारदर्शिता आएगी। योजनाओं का लाभ लेने में किसानों को आसानी होगी। 

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