प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी भले ही अलग-अलग राजनीतिक पार्टी से संबंध रखते थे और दोनों की विचारधारा अलग थी,लेकिन दोनों के बीच काफी अच्छे संबंध थे। इस बात को पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी कई सार्वजनकि प्लेटफॉर्म से कह भी चुके हैं। एनडीटीवी के साथ बातचीत में प्रणब मुखर्जी ने कहा था,” नरेन्द्र मोदी में बेहद मेहनत से काम करने की अद्भूत क्षमता है। अपने उद्देश्यों को हासिल करने के लिए उनमें दृढ़ इच्छाशक्ति भी भरपूर है और उनकी दृष्टिकोण भी स्पष्ट है। वे जानते हैं कि उन्हें क्या हासिल करना है और वह उसे पाने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं।”
आपको बता दूं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रणब मुखर्जी के राष्ट्रपति पद के अंतिम दिन एक पत्र लिखा था जिसके बारे में प्रणव मुखर्जी ने कहा था कि पीएम मोदी का पत्र उनके दिल को छू गया। पत्र इस प्रकार था..
प्रिय प्रणब दा,
तीन साल पहले जब मैं नई दिल्ली आया तो मैं बाहरी था। मेरे सामने बड़ा और चुनौतीपूर्ण लक्ष्य था। इस दौर में आप मेरे लिए पितातुल्य और मार्गदर्शक रहे। आपकी मेधा, ज्ञान, दिशा-निर्देश और निजी स्नेह से मुझे आत्मविश्वास और शक्ति मिली।
आपके अथाह ज्ञान के बारे में सबको पता है। चाहे वो राजनीति हो या अर्थशास्त्र या विदेश नीति या राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दे हों, मैं विभिन्न विषयों से जुडी आपकी अंतरदृष्टि से सदैव चकित होता रहा हूं।
प्रणब दा, हमारी राजनितिक यात्रा अलग-अलग राजनीतिक दलों से माध्यम से हुई है। कई मौकों पर हमारी विचारधारा अलग रही है। हमारे जीवन अनुभव भी भिन्न हैं। मेरे पास केवल मेरे राज्य का प्रशासनिक अनुभव था, जबकि आपके पास कई दशकों का राष्ट्रीय राजनीति और नीति का अनुभव था, फिर भी हम आपसी सामंजस्य के साथ काम कर पाए।
राष्ट्रपति जी, ये मेरे लिए गर्व की बात है कि मुझे आपके प्रधानमंत्री के तौर पर काम करने का अवसर मिला।
आपका शुभेच्छु
नरेन्द्र मोदी
On my last day in office as the President, I received a letter from PM @narendramodi that touched my heart! Sharing with you all. pic.twitter.com/cAuFnWkbYn
— Pranab Mukherjee (@CitiznMukherjee) August 3, 2017
आइए आपको बताते हैं कि प्रणब मुखर्जी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बाद क्या विचार रखते थे।
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