पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का सोमवार को निधन हो गया। कई दिनों से प्रणब मुखर्जी का दिल्ली के अस्पताल में इलाज चल रहा था। उनके बेटे अभिजीत मुखर्जी ने ट्वीट कर पूर्व राष्ट्रपति के निधन की जानकारी दी। प्रणब मुखर्जी का राजनीति में लंबा अनुभव रहा और वे कुछ समय के लिए मोदी सरकार में भी राष्ट्रपति पद पर रहे। उनके राष्ट्रपति कार्यकाल की सबसे बड़ी बात यह थी कि वे पक्ष और विपक्ष को एक नजर से देखते थे। प्रणब मुखर्जी की इसी पारदर्शिता के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी कायल थे।
लोकसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत पाकर लगातार जब दूसरी बार केंद्र की सत्ता में भाजपा सरकार आई तो प्रधानमंत्री मोदी प्रणब मुखर्जी से आशीर्वाद लेने उनके घर गए थे। मुखर्जी ने भी प्रधानमंत्री मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया और उन्हें अपने हाथों से मिठाई खिलाई थी। प्रधानमंत्री मोदी ने तब कहा था कि प्रणब दा से मुलाकात हमेशा अनुभव बढ़ाने वाला होता है। उनके ज्ञान और समझ की कोई दूसरा मिसाल नहीं है।
प्रधानमंत्री मोदी ने प्रणब मुखर्जी को इमोशनल लेटर लिखा था, जिसे खुद पूर्व राष्ट्रपति ने ट्विटर पर शेयर किया था। प्रणब ने इस लेटर के साथ अपने कमेंट में कहा कि राष्ट्रपति ऑफिस में मेरे आखिरी दिन मुझे ये लेटर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तरफ से मिला, जिसने मेरे दिल को छू लिया। आप सभी से शेयर कर रहा हूं।
On my last day in office as the President, I received a letter from PM @narendramodi that touched my heart! Sharing with you all. pic.twitter.com/cAuFnWkbYn
— Pranab Mukherjee (@CitiznMukherjee) August 3, 2017
दरअसल प्रधानमंत्री मोदी ने यह लेटर प्रणब मुखर्जी के राष्ट्रपति पद से विदाई के मौके पर लिखा था। तब प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि एक पिता की तरह प्रणब मुखर्जी ने हमेशा उनको सही रास्ता दिखाया और उनके साथ कभी भी सरकार का कोई मतभेद नहीं हुआ।
प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा था कि मेरे सामने बड़ा काम और चुनौतियां थीं। उस वक्त, आप हमेशा मेरे लिए एक पिता और सलाहकार के तौर पर रहे। आपकी समझ और ज्ञान का स्तर ऐसा है कि हम तालमेल के साथ मिलकर काम करने के काबिल बने। प्रधानमंत्री मोदी ने पत्र में लिखा था कि आप उस पीढ़ी के नेताओं में से हैं, जिनके लिए राजनीति निस्वार्थ भाव से समाज को कुछ देने का एक जरिया रही। भारत को आप पर गर्व होगा, एक ऐसा राष्ट्रपति जो एक विनम्र लोक सेवक और असाधारण नेता था।