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शराब घोटाले में कसते शिकंजे से केजरीवाल का मानसिक संतुलन खराब ! जेल जाते ही दुनिया के सर्वश्रेष्ठ शिक्षा मंत्री रहे सिसोदिया को बना दिया वैज्ञानिक, विपक्षी एकता को लेकर पल-पल बदलते बयान

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इस समय काफी डरे हुए हैं। जैसे-जैसे दिल्ली शराब घोटाले में मनीष सिसोदिया और उनके सहयोगियों पर शिकंजा कसता जा रहा है, वैसे-वैसे उनकी बेचैनी बढ़ती जा रही है। उनका मानसिक संतुलन इतना खराब हो चुका है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर व्यक्तिगत हमला करने से भी बाज नहीं आ रहे हैं। वो लगातार राजनीतिक मर्यादा की सीमा लांघते जा रहे हैं। मनीष सिसोदिया ने जिस भाषा का इस्तेमाल करते हुए जेल से देशवासियों को पत्र लिखा है, वो उनकी हताशा का प्रमाण है। अब केजरीवाल को समझ में नहीं आ रहा है कि वो ईडी और सीबीआई से अकेले या विपक्ष के साथ मिलकर अपना बचाव करे। कभी विपक्षी एकजुटता की कोशिश करते हैं, तो कभी कहते हैं कि विपक्षी एकता महत्वपूर्ण नहीं है।

जेल जाते ही मनीष सिसोदिया बन गए वैज्ञानिक 

शराब घोटाले में फंसे दिल्ली के पूर्व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया को कोर्ट से कोई राहत नहीं मिलने से अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी काफी परेशान है। वहीं सिसोदिया के जेल जाते ही प्रधानमंत्री मोदी पर व्यक्तिगत हमला शुरू हो गया। उनकी शिक्षा को लेकर निशाना बनाया जा रहा है।सिसोदिया ने 12वीं करने के बाद पत्रकारिता में डिप्लोमा किया, लेकिन आज वो जेल में साइंस एंड टेक्नोलॉजी के प्रकांड पंडित यानि वैज्ञानिक बन गए हैं। उन्होंने जेल से एक पत्र लिखा है, “आज हम 21वीं सदी में जी रहे हैं। दनिया भर में विज्ञान और टेक्नोलॉजी में हर रोज नई तरक्की हो रही है। सारी दुनिया आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस(AI)की बात कर रही है। ऐसे में जब प्रधानमंत्री जी को ये कहते हुए सुनता हूं कि गंदे नाले में पाईप डालकर उसकी गंदी गैस से चाय या खाना बना सकते हैं, तो मेरा दिल बैठ जाता है। क्या नाली की गंदी गैस से चाय या खाना बनाया जा सकता है?” अरविंद केजरीवाल ने मनीष सिसोदिया का यह पत्र ट्विटर पर शेयर करते हुए प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा और लिखा कि मोदी जी विज्ञान की बातें नहीं समझते।

बजट नहीं पढ़ पाए दुनिया के सर्वश्रेष्ठ शिक्षा मंत्री रहे सिसोदिया 

केजरीवाल द्वारा इस पत्र को शेयर किए जाने के बाद सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की जा रही है। केजरीवाल से सवाल पूछे जा रहे हैं कि क्या केजरीवाल इसी व्यक्ति को दुनिया का सबसे बेहतर शिक्षा मंत्री बताता था, जो विधानसभा में बजट भाषण के दौरान एक लाइन भी नहीं पढ़ पा रहा था ? ट्विटर यूजर्स ने लिखा कि आम आदमी पार्टी के शिक्षा मंत्री जो अभी भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में बन्द है। इनका शैक्षिक स्तर देखिए फिर केजरीवाल के शैक्षिक ज्ञान का अंदाजा लगाइए, जो इसके लिए भारत रत्न की मांग कर रहा था। वहीं दूसरे ट्विटर यूजर केजरीवाल को मनीष सिसोदिया की ग्रेजुएशन डिग्री दिखाने की चुनौती दे रहे हैं। इसके अलावा दिल्ली की नव नियुक्त शिक्षा मंत्री आतिशी मार्लेना ने सिसोदिया के विश्व स्तरीय स्कूलों की पोल खोल दी है। आतिशी ने स्कूलों के सर्वे में पाया कि स्कूलों की लैब में पानी और बिजली के कनेक्शन नहीं हैं। यहां तक कि नई बन रही बिल्डिंग के प्लास्टर झड़ रहे हैं।

जेल में बंद मनीष सिसोदिया को भारत रत्न देने की हुई थी मांग 

इससे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने समाचार पत्र ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ के मुख पृष्ठ पर मनीष सिसोदिया की तस्वीर छपने पर उन्हें दुनिया का सर्वश्रेष्ठ शिक्षा मंत्री बताया था। समाचार पत्र का हवाला देकर केजरीवाल ने कहा था, ‘‘ एक तरह से उन्हें दुनिया का सबसे बेहतरीन शिक्षा मंत्री घोषित किया गया है। सबसे बड़े अखबार ने दिल्ली की शिक्षा क्रांति के बारे में लिखा और सिसोदिया की तस्वीर भी लगाई।’’ वहीं अगस्त 2022 में गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान केजरीवाल ने मनीष सिसोदिया के महिमामंडन में सारी सीमाएं लांघ दी। केजरीवाल ने कहा है कि मनीष सिसोदिया को तो भारत रत्न मिलना चाहिए। उन्होंने कहा था- जिस व्यक्ति को पूरे देश की शिक्षा व्यवस्था सौंप देनी चाहिए। जिस व्यक्ति ने 5 साल के अंदर करिश्मा करके दिखा दिया, मौजूदा रवायती पार्टियां जो 70 साल में नहीं कर पाई वह 5 साल में कर दिया, जिस व्यक्ति ने सरकारी स्कूलों को शानदार बना दिया। ऐसे व्यक्ति को तो भारत रत्न मिलना चाहिए।

विपक्षी एकता महत्वपूर्ण नहीं है- केजरीवाल 

उधर पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार है, लेकिन जालंधर लोकसभा उपचुनाव के लिए पार्टी में कोई उम्मीदवार नहीं मिल रहा था। आखिरकार आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस के पूर्व विधायक सुशील रिंकू को पार्टी में शामिल कराने के बाद अपना उम्मीदवार बनाया है। अरविंद केजरीवाल और सीएम भगवंत मान की मौजूदगी में सुशील रिंकू ने आम आदमी पार्टी का दामन थामा। इसके बाद केजरीवाल ने मीडिया से बात करते हुए जो बयान दिया, वो काफी हैरान करने वाला था। पिछले कुछ दिनों से विपक्षी एकता को लेकर मुखर रहे केजरीवाल ने कहा कि विपक्षी एकता महत्वपूर्ण नहीं है, जनता की एकता महत्वपूर्ण है। आप जितनी मर्जी विपक्षी एकता कर लीजिए, जनता को जिसको जिताना है उसको जिताएगी। ऐसे में जनता का क्या मूड है लोकतंत्र के अंदर ये जनता ही तय करेगी। केजरीवाल का यह बयान विपक्ष को बड़ा झटका है। कुछ ही दिन में केजरीवाल ने विपक्षी एकता को ठेंगा दिखा दिया और बता दिया कि वो रंग बदलने में गिरगिट से भी ज्यादा तेज है।

सजा राहुल को हुई लेकिन दर्द केजरीवाल को हुआ  

मोदी सरनेम विवाद में सूरत कोर्ट के फैसले के बाद राहुल गांधी की संसद सदस्यता जाने से केजरीवाल को बहुत पीड़ा हुई थी। राहुल गांधी से हमदर्दी दिखाने के लिए केजरीवाल ने प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ जहर उगलने के मामले में कांग्रेस के नेताओं को भी पीछे छोड़ दिया था। 24 मार्च, 2023 को दिल्ली विधानसभा में उपराज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलते हुए केजरीवाल ने कहा, “राहुल गांधी की सदस्यता तुम लोगों ने समाप्त कर दी। डरते हो यार तुम लोग तो, बहुत डरपोक निकले। भारत के इतिहास में सबसे भ्रष्ट, सबसे कम पढ़ा लिखा प्रधानमंत्री अगर कोई हुआ है, तो वो प्रधानमंत्री मोदी हैं। मैं नहीं समझता आजाद भारत में कोई 12वीं पास प्रधानमंत्री हुआ है। उनसे सरकार चलती नहीं है। अहंकार उनका सातवें आसमान पर है। सुबह से शाम तक किसको जेल भेजें, किसकी सदस्यता रद्द करें, बस सवेरे से शाम तक यही चलता रहता है।”

केजरीवाल ने विपक्षी दलों से की एकजुटता की अपील 

दिल्ली विधानसभा के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए केजरीवाल ने सूरत कोर्ट के फैसले को भी मानने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि हम ज्यूडिशरी का सम्मान करते हैं, लेकिन जो जजमेंट आया है हम उसका समर्थन नहीं करते हैं। जिस तरह राहुल गांधी को मानहानि केस में फंसाया गया, अधिकतम सजा दी गई और 24 घंटे के अंदर लोकसभा की सदस्यता बर्खास्त कर दी गई, यह हमारे देश के लिए चिंता का विषय है। डरी हुई सरकार की निशानी है। देश के अंदर जो चल रहा है वह बहुत खतरनाक है। पूरे देश में एक ऐसा माहौल बनाना चाहते हैं कि एक ही पार्टी बचे, वन नेशन, वन पार्टी। और सारी पार्टियों को खत्म कर दिया जाए। इस दौरान केजरीवाल ने विपक्षी एकता का संदेश देते हुए कहा कि सरकार किसी की भी बने, कल को सरकार इसकी बने, चाहे उसकी बने, इस पार्टी की बने या उस पार्टी की बने, वो जरूरी नहीं है। लेकिन जिस तरह से जनतंत्र के ऊपर हमला किया जा रहा है। वो सही नहीं है। जब मीडिया ने केजरीवाल से पूछा कि कांग्रेस से आपके रिश्ते खराब है, तो उन्होंने कहा कि वो महत्वपूर्ण नहीं है। हमारे आपस के रिश्ते महत्वपूर्ण नहीं है। इस समय देश को बचाना महत्वपूर्ण है।

विपक्षी एकजुटता के लिए जी-8 का प्लान हुआ फ्लॉप 

केजरीवाल ने विपक्षी एकजुटता के लिए अपने स्तर पर एक बड़ा प्रयास किया था। उन्होंने सात गैर-बीजेपी और गैर-कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को एक पत्र लिखकर 18 मार्च, 2023 को रात्रिभोज के लिए आमंत्रित किया था। लेकिन केजरीवाल का यह गोपनीय पत्र सार्वजनिक हो गया। इससे केजरीवाल की काफी किरकिरी हुई और इस मामले में उन्हें सफाई देनी पड़ी। दरअसल केजरीवाल के इस पत्र को 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर चुनावी गठबंधन के उनके प्रयासों के रूप में देखा जा रहा था। पत्र के मुताबिक, ‘प्रोग्रेसिव चीफ मिनिस्टर्स ग्रुप ऑफ इंडिया या जी-8’ की डिनर मीटिंग के बाद अगले दिन एक प्रेस कॉन्फ्रेंस होनी थी। लेकिन बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस बैठक से दूरी बना ली। इससे केजरीवाल की पूरी योजना अधर में लटक गई। गौरतलब है कि केजरीवाल ने पश्चिम बंगाल, बिहार, तेलंगाना, केरल, तमिलनाडु, झारखंड और पंजाब के मुख्यमंत्रियों को ये पत्र भेजा था।

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