कोरोना काल में दिल्ली के लोग जब आक्सीजन की कमी से मर रहे थे, तब दिल्ली का मालिक दिल्ली की जनता के 45 करोड़ रुपए से अपने महल को शीशमहल बनवा रहा था। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ‘आम आदमी’ से खास बन गए। केजरीवाल ने अपने सरकारी बंगले के सौंदर्यीकरण पर 44.78 करोड़ रुपए खर्च कर दिए। यानी, बने-बनाए बंगले को चमकाने और उसे सुंदर बनाने के लिए इतने रुपए फूंक दिए गए। बंगले में आठ-आठ लाख रुपये तक का एक पर्दा लगाया गया इस तरह सभी पर्दों पर कुल एक करोड़ रुपए खर्च किए गए। कुल 23 पर्दों का ऑर्डर दिया गया था, जिनमें कुछ लगे और कुछ लगने बाकी हैं। बंगले में जो मार्बल लगा है, वह वियतनाम से मंगाया गया था। सुपीरियर क्लास के डियोर पर्ल मार्बल की कीमत एक करोड़ 15 लाख रुपए है। टीवी चैनल ‘Times Now Navbharat’ ने ‘ऑपरेशन शीशमहल’ नामक शो में यह खुलासा किया है।
बहुत सोचकर भी अगर सिर्फ़ ये तर्क दिया जा सक रहा है कि मुख्यमंत्री का घर काफी पुराना-जर्जर था तो सवाल ये है कि घर की जगह घर ही बनाना था ना, शीशमहल क्यों बनवाया गया? क्या 1 करोड़ के पर्दे और वियतनाम का करोड़ों का मार्बल न लगता तो घर खड़ा न रह पाता। और वो भी उस व्यक्ति के घर में जो… pic.twitter.com/pi8kv4iqUP
— Sushant Sinha (@SushantBSinha) April 26, 2023
केजरीवाल के बंगले में 8 लाख का एक पर्दा, एक करोड़ के 23 पर्दों का ऑर्डर
मुख्यमंत्री केजरीवाल के बंगले में आठ-आठ लाख रुपए तक का एक पर्दा लगाया गया। सीएम आवास में लगे पर्दों पर कुल एक करोड़ रुपए खर्च हुए। कुल 23 पर्दों का ऑर्डर दिया गया था, जिनमें कुछ लगे और कुछ लगने बाकी हैं। शुरुआत में (2021-22 में) आठ पर्दे लगवाए गए थे, जिन पर 45 लाख खर्च हुए और दूसरे फेज में 15 पर्दों का ऑर्डर दिया गया और इनकी कीमत लगभग 51 लाख रुपए थी।
मोटर से खुलने वाले पर्दे देखे हैं? अरविंद केजरीवाल के घर में लगे हैं… सरकारी खर्चे से। #OperationSheeshMahal pic.twitter.com/YOMxKDBBIy
— Amit Malviya (@amitmalviya) April 25, 2023
केजरीवाल के बंगले में लगाए गए ऑटोमेटिक पर्दे
केजरीवाल के बंगले में लगे पर्दे ऑटोमेटिक हैं यानी ये पर्दे रिमोट से खुलते हैं। टेलीविजन की तरह इन पर्दों को रिमोट से खोला जा सकता है और बंद किया जा सकता है। बाजार में इस तरह के पर्दे 25 से 35 हजार में मिल जाते हैं लेकिन केजरीवाल के बंगले में लगा पर्दा 5 से 8 लाख का है। ये वही केजरीवाल हैं जो कभी पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के घर में लगे एयरकंडीशनर का भी हिसाब मांगते थे।
देश ये कभी नहीं भूलेगा
जब 2020 22 में दिल्ली वाले कोरोना के समय ऑक्सीजन बिना मर रहे थे
तब खुद को आम आदमी कहने वाला @ArvindKejriwal करोड़ो लगाकर अपना महल चमका रहा था#KejriwalKaMahal pic.twitter.com/hYo5PNaKCH— Social Tamasha (@SocialTamasha) April 25, 2023
वियतनाम से लाया गया सुपीरियर मार्बल
केजरीवाल के सरकारी आवास में जो मार्बल लगा है, वह वियतनाम से मंगाया गया। सुपीरियर क्लास के डियोर पर्ल मार्बल की कीमत एक करोड़ 15 लाख रुपए है, जिसकी फिटिंग भी अलग और खास तरीके से कराई जाती है।
Arvind Kejriwal spent Rs 45 crores on his Bungalow in 2 years
-11 crores on interior decorations
-6 crore on imported marble
-1 crore on interior consultancy
-2.5 crore on lights, fans, hot water generator
-1.1 crore on kitchen and appliances
-1.4 crore on wardrobe and fittings…— Ankur Singh (@iAnkurSingh) April 25, 2023
सरकार आने पर 2 कमरे के घर में रहेंगे
बीजेपी नेता रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि यह वही केजरीवाल हैं जो कहते थे कि सरकार आने पर 2 कमरे के घर में रहेंगे। उनके साथ सिक्युरिटी नहीं रहेगी और लग्जरी गाड़ी से नहीं चलेंगे और अब घर के रेनोवेशन पर 45 करोड़ खर्च कर दिए। उसे महल की शक्ल दे दी। एक-एक ईंट बोल रही है कि भ्रष्टाचार हुआ है। आज जब घर से वह निकलते हैं तब 28 गाड़ियों का काफिला चलता है। पंजाब पुलिस भी सिक्युरिटी में है। उनके पास 50 लाख से अधिक की कार है।
खास आदमी अरविंद केजरीवाल की खुल चुकी है पोल। #KejriwalKaMahal pic.twitter.com/Nunp84li5s
— BJP Delhi (@BJP4Delhi) April 25, 2023
जब लोग कोरोना से पीड़ित थे, केजरीवाल बंगला चमका रहे थे
रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि जब लोग कोरोना से पीड़ित थे, उनके लिए बेड और ऑक्सीजन की व्यवस्था नहीं हो पा रही थी और उस वक्त केजरीवाल ने अपने सरकारी बंगले पर बड़ी धनराशि खर्च करना शुरू कर दिए। बीजेपी के हरीश खुराना ने केजरीवाल के इस्तीफे की मांग करते हुए AAP को खास पार्टी करार दिया। साथ ही कहा कि केजरीवाल के अब तक के घोटालों में एक और स्कैम जुड़ गया है। ये घोटालेबाजों की सरकार है। दिल्ली में कोई ऐसा नहीं बचा है जिसको केजरीवाल ने ठगा नहीं है।
दावा था –
• गाड़ी नहीं लेंगे
• ऑटो में लटक कर चलेंगे
• बंगला नहीं लेंगे
• VVIP सुविधाएं नहीं लेंगेहकीकत –
• ₹1 करोड़ का पर्दा
• ₹3.5 करोड़ की टाइल्स
• VVIP स्विमिंग पूल
• कुल ₹45 करोड़ का 'शीशमहल'केजरीवाल एंड कम्पनी अब बेपर्दा हो चुकी है।#OperationSheeshMahal pic.twitter.com/ep6jzNuNrh
— Sambit Patra (@sambitswaraj) April 25, 2023
अरविंद केजरीवाल ने सत्ता में आने से पहले सरकारी सुविधा लेने के बारे में कई बयान दिए थे। उन्हीं की जुबानी सुनिए…
When Delhiites were Dying From Covid, Kejriwal was wasting ₹45 crores on his Bungalow Renovation.
Vultures! #KejriwalKaMahal pic.twitter.com/DCJB6zKvNs
— BALA (@erbmjha) April 25, 2023
केजरीवाल ने कहा था- हम देते हैं शीला दीक्षित के घर के बिजली का बिल
केजरीवाल ने एक समय पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के घर में लगे एसी पर सवाल उठाया था और कहा था कि इसका बिजली का बिल आम आदमी की जेब से जाता है। केजरीवाल दोहरा मापदंड देखिए कि जब अपनी बारी आई तो 44 करोड़ बंगले पर खर्च कर दिए। केजरीवाल ने कहा था- शीला दीक्षित के घर की बिजली। 10-10 एसी लगे हुए हैं शीला दीक्षित के घर पे। उसकी बिजली का बिल कौन देता है। हम देते हैं उसकी बिजली का बिल। हम देते हैं शीला दीक्षित के घर के बिजली का बिल। दिल्ली सचिवालय पूरा का पूरा एयरकंडीशन है, ऊपर से नीचे तक। उनका टॉयलट भी एयरकंडीशन है। उस पूरे दिल्ली सचिवालय का बिल कौन देता है। हम देते हैं।
Feeling sorry for the people who believed this fraud #KejriwalKaMahal pic.twitter.com/cuTKNdjY7l
— Political Kida (@PoliticalKida) April 25, 2023
केजीरवालः AAP से जो जीत कर आएगा, कोई बड़ा बंगला नहीं लेगा
अन्ना आंदोलन के बाद राजनीति में कदम रखने से पहले केजरीवाल ने कहा था- इस पार्टी से जो-जो नेता जीत के आएंगे, वो बड़े बंगले नहीं लेंगे। आपलोगों के बीच से कोई आदमी जीता तो आपलोगों के बीच ही रहेगा। अपने मकान में रहता रहेगा। जहां रह रहा था वहीं रहेगा। कोई बड़ा बंगला नहीं लेगा। आप ही की तरह जिएगा। उसकी कोई सिक्योरिटी नहीं होगी। इस पार्टी का आदमी कोई सिक्योरिटी नहीं लेगा। आप ही की तरह जीता रहेगा। आपके बीच से कोई एमएलए बनेगा या एमपी बनेगा। आप ही जाओगे वहां पर।
Laugh or Cry .. Am confused🙆♀️😭🤣🤣
😑😆😂😂 Isne Announce karke bewakoof banaya …
Apne Future plans usi samay bata dia tha ye Aam Aadmi …… #OperationSheeshMahal #KejriwalExposed #KejriwalKaMahal pic.twitter.com/Ka8qQpGmkb
— Ankita…🇮🇳 (@Cric_gal) April 25, 2023
केजरीवालः इस कुर्सी के अंदर कुछ न कुछ समस्या है
अन्ना आंदोलन के समय केजरीवाल ने कहा था- इस कुर्सी के अंदर कुछ न कुछ समस्या है। जो इस कुर्सी के ऊपर बैठता है, वही गड़बड़ हो जाता है। तो कहीं ऐसा तो नहीं कि इस आंदोलन से जब विकल्प निकलेगा। और वो लोग जब कुर्सी पर जाकर बैठेंगे। कहीं वो न भ्रष्ट हो जाएं। कहीं वो न गड़बड़ करने लगें। ये भारी चिंता है हमलोगों के मन में।
6 करोड़ का इंपोर्टेड मार्बल,
2.5 करोड़ के लाइट पंखे,
1.1 करोड़ का मॉड्यूलर किचन,
11 करोड़ इंटीरियर डेकोरेशन पर,
1 करोड़ की इंटीरियर डेकोरेटर की फीस,
1.4 करोड़ की वार्डरोब फिटिंग,2.85 करोड़ का फायर सिस्टम,एक आम आदमी अब घर पर 45 करोड़ भी नहीं खर्च कर सकता क्या ?? #KejriwalKaMahal pic.twitter.com/rpGi9d9IKR— Ajay Sehrawat (@IamAjaySehrawat) April 25, 2023
केजरीवालः गंदी राजनीति ने देश में भ्रष्टाचार फैलाया
देश की राजनीति बदलने आए केजरीवाल फिलहाल बंगले के पर्दे बदल रहे हैं। राजनीति को लेकर केजरीवाल ने कहा था- कई लोग कहते हैं राजनीति में नहीं आना चाहिए था। हमें लगता है इस देश की गंदी राजनीति ने इस देश को तोड़ा है। इस देश की गंदी राजनीति ने देश में भ्रष्टाचार फैलाया है। और अब इस देश को अच्छी राजनीति जोड़ेगी। इस देश को अच्छी राजनीति भ्रष्टाचार मुक्त करेगी।
Aam zindagi vs Mentos zindagi #KejriwalKaMahal pic.twitter.com/S3OhAb16Ru
— Political Kida (@PoliticalKida) April 25, 2023
केजरीवालः चार-पांच कमरों से ज्यादा की मुझे क्या जरूरत
केजरीवाल को कैसा घर चाहिए। इस पर भी उन्होंने कहा था। केजरीवाल ने कहा था- मैं बहुत छोटा सा आदमी हूं। मेरी बहुत छोटी सी औकात है। आज मेरे घर में चार या पांच कमरे हैं। मैं जहां भी जाऊंगा, चार-पांच कमरों से ज्यादा की मुझे क्या जरूरत है भाई। चार-पांच कमरे ही चाहिए। पैर पसारने के लिए उतनी ही जगह चाहिए, और जगह की क्या जरूरत है।
यह शपथ पत्र देखिए, 7 June, 2013 का, शपथ पत्र की यह प्रति, तमाम नई दिल्ली विधान सभा क्षेत्र में केजरीवाल जी ने अपने चुनाव से पहले बाँटे!
देखें, इसमें केजरीवाल जी ने कहा है:-
मैं जीतने के बाद निम्न बातों का पालन करूँगा:-
1) मैं लालबत्ती की गाड़ी नहीं लूंगा।
2) मैं अपने लिए,… pic.twitter.com/mwtwgnYPgg
— Vikass Singh Rajput (@vikassingh_bjp) April 25, 2023
केजरीवाल ने 2013 में शपथ पत्र बांटकर कहा था- मैं बड़ा बंगला नहीं लूंगा, सामान्य घर में रहूंगा
केजरीवाल ने 7 जून 2013 को शपथ पत्र बनवाया था। यह शपथ पत्र नई दिल्ली विधान सभा क्षेत्र में केजरीवाल ने अपने चुनाव से पहले बाटे थे। इसमें कहा गया था- मैं लालबत्ती की गाड़ी नहीं लूंगा। मैं अपने लिए, अन्य आवश्यक सुरक्षा नहीं लूंगा। सुरक्षा बल, नेताओं की सुरक्षा के लिए नहीं बल्कि आम आदमी की सुरक्षा के लिए होना चाहिए नेता को आम आदमी से ज़्यादा सुरक्षा नहीं होनी चाहिए। मैं बड़ा बंगला नहीं लूंगा आम आदमी की तरह सामान्य घर में रहूंगा।
खुद को आम आदमी कहने वाले केजरीवाल और उनके करीबियों की अय्याशी देखिए कि चाय-समोसे से लेकर अन्य सुविधाओं के लिए सरकारी खजाने का किस तरह दुरुपयोग किया जा रहा है-
कभी प्राइवेट जेट पर सवाल उठाने वाले केजरीवाल अब खुद करते हैं प्राइवेट जेट की सवारी
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जब दिल्ली की सत्ता में आए थे तो उन्होंने दिल्ली की जनता से वादा किया था कि ना मैं बंगला लूंगा ना मैं गाड़ी लूंगा लेकिन 2022 में आरटीआई से जो जवाब सामने आया उसे स्पष्ट हो गया है कि वो जो कहते हैं वो करते नहीं। आरटीआई से अब यह साफ हो गया है कि केजरीवाल द्वारा गाड़ियों के ऊपर दिल्ली की जनता की गाढ़ी कमाई को पानी की तरह बहाया गया है। मुख्यमंत्री ने अब तक एक करोड़ 43 लाख 35 हजार 135 रुपये अपनी गाड़ियों में फूंके हैं। जबकि दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने अपनी गाड़ियों को खरीदने के लिए 44 लाख 29 हजार 515 रुपये खर्च किए हैं। ये तो हुई गाड़ियों की बात लेकिन अब केजरीवाल का स्तर ऊंचा हो गया है। अब वे प्राइवेट जेट से राज्यों का दौरा करते हैं। कभी प्राइवेट जेट पर सवाल उठाने वाले केजरीवाल जब प्राइवेट जेट से गुजरात में चुनाव प्रचार के पहुंचने लगे तो सवाल उठना लाजिमी था।
न बंगला लूंगा न गाड़ी…केजरीवाल के लिए कार खरीदने पर 1.43 करोड़ हुए खर्च .. RTI#KattarCorrupt https://t.co/BtneFLCSI9 pic.twitter.com/0j1vfeYGI5
— Sudarshan 😎 (@ApkaSud) August 20, 2022
पंजाब CM के गुजरात दौरे से सरकारी खजाने पर 44.85 लाख का बोझ
पंजाब सीएम भगवंत मान का गुजरात दौरा सरकारी खजाने पर भारी पड़ा है। मान ने गुजरात के लिए प्राइवेट एयरक्राफ्ट हायर किया था। जिसके बदले सिविल एविएशन विभाग ने 44.85 लाख का बिल भेजा। बठिंडा के RTI एक्टिविस्ट हरमिलाप ग्रेवाल ने यह जानकारी मांगी थी। कांग्रेस ने मान सरकार से पूछा कि क्या यही वह बदलाव और इंकलाब है?, जिसका वादा उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान किया था। सीएम भगवंत मान 1 से 3 अप्रैल 2022 को गुजरात दौरे पर गए थे। जहां दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल भी उनके साथ थे। दोनों ने दिसंबर में होने वाले गुजरात चुनाव के लिए पार्टी कैंपेन की शुरूआत की थी। आम आदमी पार्टी के चुनाव कैंपेन में पंजाब के टैक्स पेयर के 45 लाख रुपए बर्बाद कर दिए गए। क्या इसके लिए किसी को जिम्मेदार ठहराया जाएगा?
केजरीवाल के लिए कार खरीदने पर 1.43 करोड़ हुए खर्च
आम आदमी पार्टी के मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल 2014 में दिल्ली के मुख्यमंत्री बनने के बाद से अब तक अपनी गाड़ियों की खरीद पर कुल एक करोड़ 43 लाख 35 हजार 145 रुपये खर्च कर चुके हैं। इस पूरी जानकारी का खुलासा विवेक पूनिया द्वारा 30 मई को आरटीआई के माध्यम से पूछे गए सवाल के बाद दिल्ली सरकार के अधिकारी भास्कर प्रियदर्शिनी के द्वारा दिया गया है। मुख्यमंत्री के द्वारा अब तक कुल 4 बार अपनी गाड़ियों को बदला जा चुका है।
चेहरा सादगी का मिजाज रजवाड़ों सा
केजरीवाल ने सरकार की वर्षगांठ मनाने के लिए 11-12 फरवरी, 2016 को अपने आवास पर दावत दी। एक थाली का खर्च 12, 000 रुपये था। नियमों के मुताबिक दावतों में खाने का खर्च 2, 500 रुपये प्रति थाली से अधिक नहीं हो सकता है। लेकिन नियमों की अनदेखी कर ताज होटल से मंगवाए गए भोजन में 11.4 लाख रुपये का खर्च आया था।
चाय-समोसों पर चट कर गए करोड़ों
ईमानदार केजरीवाल सरकार की सच्चाई देखिये कि फरवरी 2015 से अगस्त 2016 के बीच केजरीवाल के कार्यालय में 1.20 करोड़ रुपये के समोसे और चाय का खर्च दिखाया गया। आरटीआई के जरिए इस बात की सूचना सार्वजनिक हुई तो पता चला कि उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के सचिवालय स्थित कार्यालय में 8.6 लाख और कैंप आफिस में 6.5 लाख रुपये का चाय और स्नैक्स में खर्च किए गए।
जनता के पैसे से मुफ्त इलाज
दिल्ली में बड़े-बड़े अस्पतालों को छोड़ केजरीवाल बेंगलुरू के जिंदल नेचुरोपैथी केंद्र इलाज करवाने जाते हैं। जब से वे दिल्ली के सीएम बने हैं तब से दो बार दिल्ली में वे इलाज करवाने जा चुके हैं। 2016 में तो उनका परिवार भी उनके साथ गया था। इस दौरान वे 17,000 रुपये प्रतिदिन वाले कमरे में रहे। इसका खर्च भी दिल्ली सरकार ने ही वहन किया।
ठेंगे पर पब्लिक, सिसोदिया को तो मस्ती पसंद है !
11 अगस्त से 16 अगस्त, 2015 के बीच मनीष सिसोदिया ब्राजील की यात्रा पर गए। प्रोटोकॉल तोड़ अर्जेंटिना में इग्वाजू फॉल देखने चले गए। इसमें सरकार को 29 लाख रुपयों का अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ा। बिजनेस क्लास में सफर करने वाला ये आम आदमी सितंबर, 2015 में न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया भी गए। जून 2016 में बर्लिन की भी यात्रा की। 2016 में जब दिल्ली में डेंगू का कहर था तो राज्य के डिप्टी सीएम फिनलैंड में मौज-मस्ती कर रहे थे। उपराज्यपाल की डांट पड़ी तो वापस आए।
बिजली बिल में लाखों गुल
साल 2017 में एक आरटीआई के जरिये यह भी पता चला कि 19 मार्च 2015 से 4 सितंबर 2016 के बीच मुख्यमंत्री के आधिकारिक निवास स्थान का बिल 2.23 लाख रुपये था। लेकिन बिजली बिल बचाने की नसीहत देने वाले मंत्री सत्येंद्र जैन के घर 3.95 लाख रुपये का बिजली बिल आया।
दावत में उड़े लाखों
केजरीवाल ने सरकार की वर्षगांठ मनाने के लिए 11-12 फरवरी, 2016 को अपने आवास पर दावत दी। एक थाली का खर्च 12, 000 रुपये था। नियमों के मुताबिक दावतों में खाने का खर्च 2, 500 रुपये प्रति थाली से अधिक नहीं हो सकता है। लेकिन नियमों की अनदेखी कर ताज होटल से मंगवाए गए भोजन में 11.4 लाख रुपये का खर्च आया था।
अपने ही रिश्तेदार को बनाया ओएसडी
केजरीवाल ने अपने रिश्तेदार डॉ. निकुंज अग्रवाल की नियुक्ति वेकेंसी न होने के बावजूद की गई। पहले तो हस्तलिखित मंगवाए और इसी अवैध आवेदन के आधार पर उन्हें सीनियर रेजिडेंट बनवा दिया। इस नियुक्ति में सीबीसी गाइडलाइन्स और मेडिकल एथिक कोड की धज्जियां उड़ाई गईं। इसके एक महीने बाद सितंबर 2015 में उन्हें दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन का ओएसडी बना दिया। अग्रवाल ने दिल्ली सरकार द्वारा फंड किए गए अंतरराष्ट्रीय टूर भी किए है। ऐसा इसलिए हुआ कि निकुंज अग्रवाल केजरीवाल की पत्नी की बहन के दामाद हैं।
अपने ही साढ़ू को दिया ठेका
केजरीवाल के अपने साढ़ू सुरेंद्र कुमार बंसल पर आरोप है कि उन्होंने पीडब्लूडी विभाग की मिलीभगत से कई ठेके लिए। इस मामले में तो पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने भी कहा, ‘‘हम भी लाचार है क्योंकि सुरेंद्र कुमार बंसल (दिल्ली के मुख्यमंत्री के ब्रदर-इन-लॉ) ने पूरे विभाग को लूटा है और यह एक खुला रहस्य है और बंसल के जरिए गैर कानूनी तरीके से कमाया गया पैसा पंजाब और गोवा के चुनाव में खर्च किया गया है।’’
जनता के पैसे से इलाज
दिल्ली में बड़े-बड़े अस्पतालों को छोड़ केजरीवाल बेंगलुरू के जिंदल नेचुरोपैथी केंद्र इलाज करवाने जाते हैं। जब से वे दिल्ली के सीएम बने हैं तब से दो बार दिल्ली में वे इलाज करवाने जा चुके हैं। बीते साल तो उनका परिवार भी उनके साथ गया था। इस दौरान वे 17,000 रुपये प्रतिदिन वाले कमरे में रहे। इसका खर्च भी दिल्ली सरकार ने ही वहन किया।
सुविधाएं देने को बना दिए संसदीय सचिव
13 मार्च, 2015 को आप सरकार ने 21 विधायकों को संसदीय सचिव बना दिया। ये जानते हुए कि यह लाभ का पद है, उन्होंने ये कदम उठाया। दरअसल उनकी मंशा अपने सभी साथियों को प्रसन्न रखना था। उनका इरादा अपने विधायकों को गाड़ी, ऑफिस और अन्य सरकारी सुविधाओं से लैस करना था, ताकि उनके ये भ्रष्ट साथी ऐश कर सकें। लेकिन कोर्ट में चुनौती मिली तो इनकी हेकड़ी गुम हो गई। हालांकि केजरीवाल सरकार ने ऐसा कानून भी बनाने की कोशिश कि जिससे संसदीय सचिव का पद संवैधानिक हो जाए। लेकिन हाई कोर्ट के आदेश से मजबूर होकर ये फैसला निरस्त करना पड़ा।