प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हर महीने आखिरी रविवार को देश के लोगों से मन की बात करते हैं। प्रधानमंत्री के रेडियो कार्यक्रम मन की बात का पहला एपिसोड 3 अक्टूबर, 2014 (शुक्रवार) को विजयादशमी के शुभ अवसर पर प्रसारित किया गया था। अप्रैल 2015 से मन की बात हर महीने के आखिरी रविवार को प्रसारित की जाती है और 99वें एपिसोड का ताजा प्रसारण 26 मार्च, 2023 को किया गया था। मन की बात के 100वें एपिसोड का प्रसारण 30 अप्रैल, 2023 को होना है।
मन की बात को आकाशवाणी के साथ दूरदर्शन के सभी चैनलों पर प्रसारित किया जाता है। इसे दूरदर्शन पर सांकेतिक भाषा में भी प्रसारित किया जाता है। मन की बात का पहला एपिसोड 14 मिनट का था, जबकि इसकी अवधि दूसरे एपिसोड में 19 मिनट और तीसरे एपिसोड में 26 मिनट की रही। चौथे एपिसोड के बाद से प्रत्येक एपिसोड की अवधि 30 मिनट की है।
22 भारतीय भाषाओं और 29 बोलियों में प्रसारण
शुरुआत में प्रसारण केवल हिंदी में था और बाद में अंग्रेजी संस्करण 31 जनवरी, 2016 से और संस्कृत संस्करण 28 मई, 2017 से प्रारंभ हुआ। वर्तमान में मन की बात का प्रसारण अंग्रेजी के साथ 22 भारतीय भाषाओं और 29 बोलियों (25 पूर्वोत्तर और 4 छत्तीसगढ़ से) और 11 विदेशी भाषाओं में होता है। भारतीय भाषाओं में हिंदी, संस्कृत, पंजाबी, तमिल, तेलुगु, कन्नड़, मराठी, गुजराती, मलयालम, उड़िया, कोंकणी, नेपाली, कश्मीरी, डोगरी, मणिपुरी, मैथिली, बंगाली, असमिया, बोडो, संथाली, उर्दू और सिंधी शामिल हैं। बोलियां छत्तीसगढ़ी, गोंडी, हल्बी, सरगुजिया, पहाड़ी, शीना, गोजरी, बलती, लद्दाखी, कार्बी, खासी, जयंतिया, गारो, नगामेसे, हमार, पैते, थडौ, कबुई, माओ, तांगखुल, न्यिशी, आदि, मोनपा, आओ, अंगामी, कोकबोरोक, मिजो, लेप्चा और सिक्किमी (भूटिया) हैं और विदेशी भाषाओं में फ्रेंच, चीनी, इंडोनेशियाई, तिब्बती, बर्मी, बलूची, अरबी, पश्तू, फारसी, दारी और स्वाहिली शामिल हैं।
प्रधानमंत्री मोदी मन की बात कार्यक्रम में अब तक 700 से अधिक व्यक्तियों और लगभग 300 संगठनों का उल्लेख कर चुके हैं, इनमें 37 व्यक्ति और 10 विदेशी संगठन भी शामिल हैं।
कई विषयों पर साझा किए हैं विचार
मन की बात रेडियो कार्यक्रम के जरिए प्रधानमंत्री मोदी ने अभी तक विभिन्न विषयों पर अपने दृष्टिकोण, विचार और अनुभव साझा किए हैं। इन विषयों में आयुष्मान भारत योजना, आयुर्वेद जैसी पारंपरिक भारतीय चिकित्सा का बढ़ता महत्व, जल संरक्षण, स्वच्छता अभियान, नरेगा, आर्थिक नीति, स्वदेशी आंदोलन, स्वच्छता अभियान, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, स्वस्थ भारत अभियान, नोटबंदी, हर घर नल से जल, जीएसटी, आत्मनिर्भर भारत और नागरिकता संशोधन बिल जैसे मुद्दे शामिल हैं। मन की बात में खास तौर पर उन विषयों पर चर्चा की जाती है जो आम लोगों के जीवन में आम तौर पर दिखाई नहीं देते हैं।
मन की बात एक तरह से सामाजिक और विकास से जुड़े मुद्दों को उठाने के साथ भारत के समस्याओं और उनके समाधान पर ध्यान केंद्रित करता है। इस शो में आर्थिक मुद्दे भी अहम रूप से उठाए जाते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने इस बारे में कई बार मन की बात की है और उन्होंने सकारात्मक कदम उठाए हैं। उन्होंने मुद्रा योजना, जन धन योजना, उज्ज्वला योजना, स्वच्छ भारत अभियान, मोटे अनाज श्री अन्न को लेकर बढ़ती दिलचस्पी के साथ जन औषधि केंद्रों का भी जिक्र किया है जो अर्थव्यवस्था को सुधारने और गरीब वर्ग की समस्याओं का समाधान करने के लिए हैं।
इस मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने आम जनता से सीधे संवाद किया है और आमतौर पर गैर राजनीतिक विषयों को ही उठाया है। इसके माध्यम से प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी सरकार के नीतियों को आम जनता तक पहुंचाने का अभियान चलाया है। मन की बात के माध्यम से प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों को देश भर में होने वाली उत्सवों और सामाजिक आयोजनों की जानकारी भी दी है। प्रधानमंत्री मोदी का कहना भी है कि कभी-कभी छोटे-छोटे प्रयासों से बहुत बड़े परिवर्तन आते हैं।
इस प्रोग्राम के कई एपिसोड हैं जो लोगों के बीच बहुत लोकप्रिय हुए हैं। उनमें से कुछ सबसे लोकप्रिय एपिसोड हैं जिन्हें लोग अधिक से अधिक याद करते हैं। इनमें जन धन योजना के लाभ, जल शक्ति अभियान, स्वच्छ भारत अभियान के फायदे, डॉक्टर्स और आपदा प्रबंधन पर केंद्रित एपिसोड, युवा दिवस, आत्मनिर्भर भारत, योग और उसके फायदे, आत्मनिर्भर भारत, शिक्षक दिवस शामिल हैं।
आप भी शेयर कर सकते हैं विचार
मन की बात पर विचार और सुझाव के लिए 21 दिसंबर, 2014 को आकाशवाणी ने ‘पोस्ट बॉक्स 111’, शुरू किया था। इसके अतिरिक्त दूरदराज के क्षेत्रों में नागरिकों तक पहुंचने के लिए एक टोल फ्री नंबर-1800-11-7800 की सुविधा आरंभ की गई है ताकि लोग आगामी कड़ी के लिए अपने विचार और सुझाव साझा कर सकें। इस टोलफ्री नंबर 1800-11-7800 पर आप फोन कर संदेश रिकॉर्ड करा सकते हैं। इसके अलावा आप 1922 पर मिस्ड कॉल देकर एसएमएस में प्राप्त लिंक के जरिए भी सीधे प्रधानमंत्री तक अपने सुझाव पहुंचा सकते हैं। इसके साथ ही नमो एप या माईगॉव पर भी अपने विचार लिख सकते हैं।
100 करोड़ लोग चुके हैं मन की बात
आइआइएम, रोहतक के एक अध्ययन के अनुसार, 100 करोड़ लोग इस रेडियो कार्यक्रम को सुन चुके हैं। इस कार्यक्रम के 23 करोड़ नियमित श्रोता हैं, जबकि 41 करोड़ लोग कभी-कभी इसे सुनते हैं। मन की बात कार्यक्रम रेडियो के साथ टेलीविजन और मोबाइल तीनों ही प्लेटफार्म पर काफी लोकप्रिय है। 44.7 प्रतिशत लोग इसे टीवी पर, 37.6 मोबाइल पर और बाकी रेडियो पर सुनते हैं। टीवी पर कार्यक्रम को सुनने वाले लोगों में 62 प्रतिशत 19 से 34 साल की उम्र के हैं।