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भारत बना दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा विमानन बाजार, अगले पांच साल में होंगे 200 से अधिक एयरपोर्ट

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश विकास पथ पर तेज रफ्तार से आगे बढ़ रहा है। देश जो काम पहले 70 साल में हुआ था, उसे मोदी सरकार ने सिर्फ 9 साल में पूरा कर दिखाया है। मोदी राज में देश ने विमानन क्षेत्र में भी तेजी से प्रगति की है। वर्ष 2014 तक देश में हेलीपोर्ट और जलीय विमानपत्तन समेत सिर्फ 74 हवाईअड्डे थे, अब यह संख्या दोगुनी होकर 148 हो गई है।

मोदी सरकार का लक्ष्य इस संख्या को बढ़ाकर 220 तक ले जाना है। मोदी सरकार के नौ साल के कार्यकाल में विमानन क्षेत्र में हुए कार्यों की जानकारी देते हुए नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि भारत में अगले पांच साल में 200 से अधिक हवाई अड्डे, हेलीपोर्ट और जलीय विमानपत्तन होंगे। इस दौरान भारतीय विमानन कंपनियां 1,400 से अधिक अतिरिक्त विमानों का ऑर्डर देंगी।

सिंधिया ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में विमानन क्षेत्र जो कुछ ही लोगों तक सीमित था, अब आम आदमी की पहुंच के दायरे में है।” उन्होंने कहा कि भारत तीसरा सबसे बड़ा घरेलू विमानन बाजार है। घरेलू यात्रियों की कुल संख्या 2014 में 6 करोड़ थी, अब दोगुनी से अधिक बढ़कर 14.3 करोड़ हो गई है। अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की संख्या 50 प्रतिशत बढ़कर 4.3 करोड़ से 6.4 करोड़ हो गई है। इसी तरह विमानों की संख्या 2014 में लगभग 400 से बढ़कर 2023 में 723 हो गई है, जो 75 प्रतिशत की बढ़ोतरी है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पिछले 9 साल के दौरान 11 और ग्रीनफील्ड हवाईअड्डों में कामकाज शुरू किया गया है। उड़ान योजना के तहत देश में आरसीएस उड़ानों के संचालन के लिए 25 वाटर एयरोड्रोम और 40 हेलीपैड सहित 180 आरसीएस हवाईअड्डों की पहचान की गई है। अब तक 1152 वैध आवंटित आरसीएस मार्गों में से 475 आरसीएस मार्गों पर आवागमन शुरू हो गया है जो 9 हेलीपोर्ट और 2 वाटर एयरोड्रोम सहित 74 हवाईअड्डों को जोड़ते हैं।

आरसीएस उड़ान योजना के तहत 121.67 लाख यात्रियों ने यात्रा की है और आरसीएस उड़ान के उड़ानों के संचालन के लिए चुने हुए एयरलाइन ऑपरेटरों को 11 अप्रैल 2023 तक लगभग 2585.25 करोड़ रुपये की वीजीएफ राशि जारी की गई है। हाल ही में उड़ान 5.1 का शुभारंभ विशेष रूप से हेलीकॉप्टर मार्गों के लिए किया गया है।

उन्होंने बताया कि जून 2016 में उड़ान प्रशिक्षण संगठनों (एफटीओ) की संख्या 29 थी। आज की तारीख में 54 बेस के साथ यह संख्या बढ़कर 35 हो गई है। दिसंबर, 2023 तक 9 और बेस जोड़े जाने की संभावना है, जिससे बेस की संख्या 63 हो जाएगी। सिंधिया ने कहा कि इसके अलावा घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों तरह की उड़ानों में मालवहन 65 प्रतिशत बढ़ गया है और 22 लाख टन से बढ़कर 36 लाख टन हो गया है।

सिंधिया ने कहा कि घरेलू उड़ानों के यात्रियों के लिए डिजी यात्रा का शुभारंभ किया गया है। डिजी यात्रा हवाईअड्डों पर एक सहज, परेशानी मुक्त और स्वास्थ्य संबंधी जोखिमों से मुक्त यात्री प्रक्रिया के लिए एक नया वैश्विक मानदंड स्थापित कर रही है। इसे तीन हवाईअड्डों- दिल्ली, बंगलुरु और वाराणसी में 1 दिसंबर, 2022 को और चार अन्य हवाईअड्डों – हैदराबाद, कोलकाता, पुणे और विजयवाड़ा में मार्च, 2023 में शुरू किया गया था। इसके बाद, इसे देश के विभिन्न हवाईअड्डों में लागू किया जाएगा।

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