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मानसून से पहले मोदी सरकार का किसानों को तोहफा! खरीफ फसलों की MSP बढ़ाने को मंजूरी, नई फसल के अच्छे दाम मिलेंगे

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मोदी सरकार ने मानसून से पहले किसानों को तोहफा दिया है। मोदी कैबिनेट की बैठक में खरीफ फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में इजाफा करने की घोषणा की गई है। केंद्र सरकार की ओर से किसानों को राहत देते हुए कई फसलों पर एमएसपी में इजाफा किया गया है। ये बढ़ोतरी वित्त वर्ष 2023-24 की खरीफ की फसलों के लिए की गई है। मोदी सरकार की ओर से कैबिनेट मीटिंग में लिए गए फैसले के मुताबिक तुअर दाल की एमएसपी में 400 रुपये प्रति क्विटल की बढ़ोतरी की गई है, जबकि धान, मक्के और मूंगफली की एमएसपी में भी बढ़ोतरी की गई है। इससे देश में बड़े स्तरों पर किसानों को लाभ होगा और नई फसल के लिए अच्छे दाम मिल पाएंगे। सरकार ने खेती की बढ़ती हुई लागत को देखते हुए किसानों की हित में ये फैसला लिया है। इसके साथ ही एमएसपी पर दालों के खरीद के सरकार के आश्वासन के बाद किसान खरीफ रबी सीजन में अरहर, उड़द और मूंग दाल की ज्यादा क्षेत्र में बुआई कर सकेंगे।

धान, मूंग, उड़द, मक्का की एमएसपी बढ़ी
कैबिनेट ने 2023-24 के लिए उड़द दाल की एमएसपी को 350 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाकर 6,950 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है। वहीं, मक्के की एमएसपी को 128 रुपये प्रति क्विंटल और धान की एमएसपी 143 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाकर 2,183 रुपये प्रति क्विंटल करने की मंजूरी दी है। मोदी कैबिनेट की ओर से मूंग की एमएसपी में सर्वाधिक 803 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है और इसके मूंग पर एमएसपी 8,558 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है।

इस साल सबसे अधिक बढ़ी एमएसपी
कैबिनेट हुए फैसलों के बारे में बताते हुए खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि कृषि में हम समय-समय पर सीएसीपी (कृषि लागत और मूल्य आयोग) की सिफारिशों के आधार पर एमएसपी तय करते रहे हैं। इस साल खरीफ की फसलों के लिए MSP में की गई बढ़ोतरी पिछले कुछ सालों की तुलना में सबसे ज्यादा है।

सबसे ज्यादा बाजरा किसानों को लाभ होने का अनुमान
मोदी सरकार के इन फैसलों से किसानों को अधिक लाभ होने का अनुमान जताया गया है। इसमें सबसे ज्यादा लाभ बाजरा पर करीब 82 प्रतिशत होने का अनुमान है। उसके बाद तुअर, सोयाबीन और उड़द का नंबर आता है। बाजरा (82 प्रतिशत) के बाद तुअर (58 प्रतिशत), सोयाबीन (52 प्रतिशत) और उड़द (51 प्रतिशत) के मामले में किसानों को उनकी उत्पादन लागत पर अपेक्षित मार्जिन सबसे अधिक होने का अनुमान है। बाकी फसलों के लिए, किसानों को उनकी उत्पादन लागत पर मार्जिन कम से कम 50 प्रतिशत होने का अनुमान है।

उड़द, तुअर की खेती कर रहे किसानों के लिए खुशखबरी
उड़द, तुअर समेत अन्य खरीफ फसलों की खेती कर रहे किसानों के लिए यह खुशखबरी है। सरकार की तरफ से मूंग दाल के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 10 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। सरकार की तरफ से इस फैसले के बारे में मीडिया से बात करते हुए पीयूष गोयल ने कहा कि महंगाई कम होने के बाद भी किसानों के हित में सरकार की तरफ से ये फैसला लिया गया है।


पीएम मोदी की प्राथमिकता महंगाई को नियंत्रित करना
गोयल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्राथमिकता महंगाई को नियंत्रित करना रहा है। उन्होंने कहा कि दुनिया में महंगाई के मुकाबले देश में यह काफी कम समय के लिए बढ़ी और फिर नियंत्रण में आ गई। पीएम मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि को मंजूरी मिली।

मूंग की एमएसपी में सबसे ज्यादा वृद्धि
धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य को 2183 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया गया है। इसके साथ ही ए ग्रेड धान के लिए एमएसपी 2203 रुपए तय की गई है। वहीं ज्वार के लिए 3180 रुपए प्रति क्विंटल की दर तय किए गए हैं। सरकार की तरफ से किसानों के फायदे के लिए फैसला लिया गया है। ए ग्रेड धान की एमएसपी 163 रुपए बढ़ाई गई है। वहीं सबसे ज्यादा एमएसपी में वृद्धि मूंग की कीमत में की गई है। इसे 10.4 प्रतिशत बढ़ाया गया है। मूंग की एमएसपी 8,558 रुपए प्रति क्विंटल हो गया है। यह पिछले साल 7755 रुपए था।

मोदी सरकार का देश में दालों के उत्पादन पर जोर
देश में दालों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला किया है। सरकार ने प्राइस सपोर्ट स्कीम (Price Support Scheme) के तहत अरहर, उड़द और मसूर दाल खरीदने की 40 फीसदी सीमा को 2023-24 वर्ष के लिए खत्म कर दिया है। अब किसान जितना चाहे उतनी दाल सरकार को प्राइस सपोर्ट स्कीम (PSS) के तहत बेच सकते हैं। सरकार के इस फैसले के बाद उम्मीद की जा रही है कि इस खरीफ सीजन और आने वाले रबी सीजन में इन दालों की बुआई में बढ़ोतरी आएगी।

दालों की एमएसपी पर होगी खरीद, किसानों में जगेगा भरोसा
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने दालों के उत्पादन को बढ़ाने देने के लिए इस दिशा में निर्देश जारी किए हैं। मंत्रालय ने कहा कि दालों के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए प्राइस सपोर्ट सिस्टम के तहत अरहर, उड़द और मूंग की खरीद सीमा को 2023-24 सीजन के लिए खत्म कर दिया गया है। इससे किसानों को ये भरोसा हो सकेगा कि उनकी उपज बगैर किसी लिमिट के एमएसपी यानि न्यूनत्तम समर्थम मुल्य (MSP) पर खरीदी जाएगी।

एमएसपी पर दालों की खरीद से किसान ज्यादा बुआई करेंगे
एमएसपी पर दालों के खरीद के सरकार के इस आश्वासन के बाद किसान खरीफ रबी सीजन में अरहर, उड़द और मूंग दाल की ज्यादा क्षेत्र में बुआई करने के प्रेरित होंगे। इससे पहले सरकार ने 2 जून 2023 को आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के तहत एक आदेश जारी कर दालों की होर्डिंग पर रोक लगाने और दालों की कीमतों पर लगाम लगाने के लिए स्टॉक लिमिट लगाने का फैसला किया था। ये स्टॉक लिमिट, होलसेलर, रिटेलर्स, बड़े चेन रिटेलर्स, मिलर्स और इंपोटर्स सभी पर लागू होगा।

दाल इंपोर्टर 30 दिन से ज्यादा स्टॉक अपने पास नहीं रख सकेंगे
सरकार ने मई 2023 में दाल आयात करने वाले इंपोर्टरों को कस्टम क्लीरेंस मिलने के बाद 30 दिनों के भीतर बाजार में दाल उतारने की हिदायत दी है। दाल इंपोर्ट करने वाली कंपनियों के एसोसिएशन को लिखे पत्र में उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने सभी सदस्यों को एडवाइजरी का पालन करने को कहा था। एडवाइजरी में मंत्रालय ने इन इंपोर्टरों से कहा है कि कस्टम क्लीरेंस मिलने के बाद 30 दिनों से ज्यादा स्टॉक को अपने पास होल्ड कर ना करें। साथ ही हर शुक्रवार को सभी इंपोर्टरों को विभाग के ऑनलाइन पोर्टल पर अरहर और उड़द दाल के होल्डिंग स्टॉक की जानकारी देने को कहा गया है।

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