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स्वामित्व योजना के तहत प्रॉपर्टी कार्ड वितरण का शुभारंभ करते हुए बोले पीएम मोदी, आत्मनिर्भर भारत अभियान में देश ने उठाया एक बड़ा कदम

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि आत्मनिर्भर भारत अभियान में आज देश ने एक और बड़ा कदम उठा दिया है। स्वामित्व योजना, गांव में रहने वाले हमारे भाई-बहनों को आत्मनिर्भर बनाने में बहुत मदद करने वाली है। आज हरियाणा, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के हज़ारों परिवारों को उनके घरों के कानूनी कागज सौंपे गए हैं। और अगले तीन-चार साल में देश के हर गांव में, हर घर को इस तरह के प्रॉपर्टी कार्ड देने का प्रयास किया जाएगा। मुझे बहुत खुशी है कि आज इतना विराट काम आज एक ऐसे दिन हो रहा है, जिसका बहुत बड़ा महत्वपूर्ण है। आज के दिवस का हिंदुस्तान के इतिहास में भी बहुत बड़ा महत्व है, वो है देश के दो-दो महान सपूतों की जन्म जयंती। एक भारत रत्न लोकनायक जयप्रकाश नारायण, और दूसरे भारत रत्न श्री नानाजी देशमुख। स्वामित्व योजना के तहत देश के 6 राज्यों के ग्रामीणों को उनकी संपत्ति के मालिकाना हक देने के लिए प्रॉपर्टी कार्ड के वितरण कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए पीएम मोदी ने ये बातें कहीं। उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया और विभिन्न राज्यों के लाभार्थियों से भी संवाद किया।    

पीएम मोदी ने जयप्रकाश नारायण और नानाजी देशमुख का जिक्र करते हुए कहा कि इन दोनों महापुरुषों का सिर्फ जन्मदिन ही आज 11 अक्टूबर है, ऐसा नहीं है, एक ही तारीख को पड़ता है इतना ही नहीं है, बल्कि ये दोनों महापुरुष देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ, देश में ईमानदारी के लिए, देश में गरीबों का गांव का कल्याण हो इसके लिए दोनों की सोच एक थी, दोनों के आदर्श एक थे, दोनों के प्रयास एक थे। जयप्रकाश बाबू ने जब संपूर्ण क्रांति का आह्वान किया, बिहार की धरती से जो आवाज उठी, जो सपने जय प्रकाश जी ने देखे थे, जिस सपनों की ढाल बन कर के नाना जी देशमुख ने काम किया। जब नानाजी ने गांवों के विकास के लिए अपने कार्यों का विस्तार किया, तो नाना जी की प्रेरणा जयप्रकाश बाबू रहे, अब देखिए कितना बड़ा अद्भुत संयोग है। गांव और गरीब की आवाज को बुलंद करना जेपी और नानाजी के जीवन का साझा संकल्प रहा है। मैंने कहीं पढ़ा था कि जब डॉक्टर कलाम, चित्रकूट में नानाजी देशमुख से मिले, तो नानाजी ने उन्हें बताया कि हमारे यहां आसपास के दर्जनों गांव, मुकदमों से पूरी तरह मुक्त हैं। कोई कोर्ट-कचहरी नहीं है, कोई किसी के खिलाफ एफआईआर नहीं है। नानाजी कहते थे कि जब गांव के लोग विवादों में फंसे रहेंगे तो न अपना विकास कर पाएंगे और न ही समाज का। और समाज में बंटबारा ही बंटबारा गांव झगड़ता ही रहेगा, गांव दो-तीन हिस्सों में बंट जाएगा, हर कोई एक-दूसरे पर शक करेगा। मुझे विश्वास है, स्वामित्व योजना भी हमारे गांवों में अनेकों विवादों को समाप्त करने का बहुत बड़ा माध्यम बनेगी।

पीएम मोदी ने कहा कि जब संपत्ति का रिकॉर्ड होता है, उसका अधिकार मिलता है तो नागरिक का जीवन भी सुरक्षित रहता है और उसका आत्मविश्वास भी अनेक गुणा बढ़ जाता है। स्वामित्व योजना के तहत मिलने वाला प्रॉपर्टी कार्ड इसी दिशा में दलित, पीड़ित, शोषित और वंचित ग्रामीणों की भलाई के लिए उठाया गया एक बड़ा कदम है। पूरे विश्व के बड़े-बड़े एक्सपर्ट्स इस बात पर जोर देते रहे हैं कि जमीन और घर के मालिकाना हक की, देश के विकास में बहुत बड़ी भूमिका होती है। जब संपत्ति का रिकॉर्ड होता है, जब संपत्ति पर अधिकार मिलता है तो संपत्ति भी सुरक्षित रहती है, नागरिक का जीवन भी सुरक्षित रहता है, और नागरिक का आत्मविश्वास भी अनेक गुणा बढ़ जाता है। जब संपत्ति का रिकॉर्ड होता है तो निवेश के लिए, नए-नए साहस करने के लिए, आर्थिक उर्पाजन की नई योजनाएं बनाने के लिए बहुत सारे रास्ते खुलते हैं। संपत्ति का रिकॉर्ड होने पर बैंक से कर्ज आसानी से मिलता है, रोजगार-स्वरोजगार के रास्ते बनते हैं। लेकिन मुश्किल ये कि आज दुनिया में एक तिहाई आबादी के पास ही कानूनी रूप से अपनी संपत्ति का रिकॉर्ड है। पूरी दुनिया में दो तिहाई लोगों के पास ये नहीं है। ऐसे में भारत जैसे विकासशील देश के लिए बहुत जरूरी है कि लोगों के पास उनकी संपत्ति का सही रिकॉर्ड हो। और जिनके नसीब में अब बुढ़ापा आ गया है, पढ़े-लिखे नहीं हैं, बड़ी मुश्किल से जीवन गुजारा है, लेकिन अब ये आने के बाद एक नए विश्वास वाली जिंदगी उनकी शुरू होने वाली है। स्वामित्व योजना और इसके तहत मिलने वाला प्रॉपर्टी कार्ड इसी दिशा में, इसी सोच के साथ, दलित हो, पीड़ित हो, शोषित हो, वंचित हो, अनपढ़ हो, गांव में रहता हो, उनकी भलाई के लिए इतना बड़ा कदम उठाया है। प्रॉपर्टी कार्ड, गांव के लोगों को बिना किसी विवाद के प्रॉपर्टी खरीदने और बेचने का रास्ता साफ करेगा। प्रॉपर्टी कार्ड मिलने के बाद गांव के लोग अपने घर पर कब्जे की आशंका रहती थी, उससे भी मुक्त हो जाएंगे। कोई आकर के अपना हक जताएगा, झूठे कागज दे जाएगा, ले जाएगा, सब बंद। प्रॉपर्टी कार्ड मिलने के बाद गांव के घरों पर भी आप बैंक से आसान लोन ले सकते हैं, पैसे मिल सकते हैं, आपके हाथ में आ सकते हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि आज गांव के हमारे कितने ही नौजवान हैं जो अपने दम पर कुछ करना चाहते हैं। आत्म विश्वास से आत्म निर्भर बनना चाहते हैं। लेकिन घर होते हुए भी उन्हें, जमीन का टुकड़ा अपने पास होते हुए भी, कागज नहीं, सरकारी कोई दस्तावेज नहीं था, दुनिया में कोई उनकी बात मानने को तैयार नहीं था, उनको कुछ मिलता नहीं था। अब उनके लिए कर्ज प्राप्त करने का, हक के साथ मांगने का एक कागज उनके हाथ में आ गया है। अब स्वामित्व योजना के तहत ने प्रॉपर्टी कार्ड दिखाकर बैंकों से बहुत आसानी से कर्ज मिल सकता है, सुनिश्चित हुआ है। स्वामित्व पत्र का एक और लाभ गांव में नई व्यवस्थाओं के निर्माण को लेकर होने वाला है। ड्रोन जैसी नई टेक्नोलॉजी से जिस प्रकार से मैपिंग और सर्वे किया जा रहा है, उससे हर गांव का सटीक लैंड रिकॉर्ड भी बन पाएगा। और मैं जब अफसरों से बात कर रहा था। जब प्रोजेक्ट शुरू हुआ कि भई कैसा है, अनुभव क्या रहा तो मुझे अफसरों ने बताया कि गांव के अंदर जब प्रॉपर्टी के लिए ड्रोन चलाते हैं तो गांव वाले का अपने जमीन में इंटरेस्ट होना स्वाभाविक है, लेकिन सबकी इच्छा रहती थी कि हमें ऊपर से पूरा हमारा गांव दिखाइए कि हमारा कैसा दिखता है। हमारा गांव कितना सुंदर है। और हमारे अफसर कहते थे कि हमारे लिए कुछ समय तो उनका गांव ऊपर से दिखाना कंपल्सरी हो गया था। गांव के प्रति प्रेम जग जाता था। अभी तक अधिकतर गांवों में स्कूल, अस्पताल, बाज़ार या दूसरी सार्वजनिक सुविधाएं उतनी सुनियोजित नहीं हैं, जितनी होनी चाहिए। अब स्वामित्व का सही-सही पता होने से, सटीक लैंड रिकॉर्ड बनने से गांव में विकास से जुड़े कार्यों में भी ज्यादा आसानी होगी।

पीएम मोदी ने कहा कि भारत की आत्मा गांवों में बसती है। लेकिन सच्चाई यही है कि दशकों तक गांवों को उनके नसीब पर छोड़ दिया गया। पिछले 6 वर्षों में हमने एक के बाद एक कामों को शुरू किया और उन्हें गांव-गरीब तक ले गए। अब बिना किसी भेदभाव के पूरी पारदर्शिता के साथ सबको योजनाओं का लाभ मिल रहा है। हमारे यहां हमेशा कहा जाता है कि भारत की आत्मा गांवों में बसती है। लेकिन सच्चाई यही है कि भारत के गांवों को उनके नसीब पर छोड़ दिया गया, उनके ही हाल पर छोड़ दिया। शौचालय की दिक्कत सबसे ज्यादा कहां थी भाई? गांव में थी। बिजली की परेशानी सबसे ज्यादा कहां थी? गांव में थी। अंधेरे में गुजारा किसको करना पड़ता था? गांव वालों को करना पड़ा था। लकड़ी के चूल्हे धुएं में खाना पकाने की मजबूरी कहां थी ? गांव में थी। बैंकिंग व्यवस्था से सबसे ज्यादा दूरी किसको थी ? गांव वालो को थी। इतने वर्षों तक जो लोग सत्ता में रहे, उन्होंने बाते तो बड़ी-बड़ी की, उन्होंने  गांव और गांव के गरीब को ऐसी ही मुसीबतों के साथ छोड़ दिया। मैं ऐसा नहीं कर सकता, आपके आशीर्वाद से जितना बन पड़ेगा, मुझे करना है, आपके लिए करना है, गांव के लिए करना है, गरीब के लिए करना है, दलित, पीड़ित, शोषित, वंचित के लिए करना है ताकि उनको किसी के ऊपर निर्भर ना रहना पड़े। दूसरे की इच्छा के वो गुलाम नहीं होने चाहिए। लेकिन, पिछले 6 वर्षों में ऐसी हर पुरानी कमियों को दूर करने के लिए एक के बाद एक कामों को शुरू किया और गांव तक ले गए, गरीब के घर तक ले गए। अब देश में बिना किसी भेदभाव, सबका विकास हो रहा है, पूरी पारदर्शिता के साथ सबको योजनाओं का लाभ मिल रहा है। अगर स्वामित्व जैसी योजना भी अगर पहले बन पाती ठीक है उस समय ड्रोन नहीं होगा लेकिन गांव के साथ मिल-बैठकर के रास्ते तो निकालें जा सकते थे लेकिन नहीं हुआ अगर ये हो जाता तो ना बिचौलिये होते ना रिश्वतखोरी होती ना ये दलाल होते ना ये मजबूरी होती। अब जो योजना बनी है उसकी ताकत टेक्नोलॉजी है, ड्रोन हैं। पहले ज़मीन की मैपिंग में दलालों की नजर हावी होती थी, अब ड्रोन की नज़र से मैपिंग हो रही है। जो ड्रोन ने देखा वही कागज़ पर दर्ज हो रहा है। 

पीएम मोदी ने कहा कि भारत के गांवों के लिए जितना काम पिछले 6 वर्षों में किया गया है, उतना आजादी के छह दशकों में भी नहीं हुआ। इतिहास बताता है कि गांव और गरीब को अभाव में रखना कुछ लोगों की राजनीति का आधार रहा है। हमने गरीबों को अभाव से मुक्ति का अभियान चलाया है। भारत के गांवों के लिए, गांव में रहने वालों के लिए जितना काम पिछले 6 वर्षों में किया गया है, उतना आजादी के छह दशकों में नहीं हुआ। 6 दशक तक गांव के करोड़ों लोग बैंक खातों से वंचित थे। ये खाते अब जाकर के खुले हैं। 6 दशक तक गांव के करोड़ों लोगों के घर में बिजली का कनेक्शन नहीं था। आज हर घर तक बिजली पहुंच चुकी है। 6 दशक तक, गांव के करोड़ों परिवार शौचालय से वंचित थे। आज घर-घर में शौचालय भी बन गए हैं। दशकों तक गांव का गरीब गैस कनेक्शन के लिए सोच भी नहीं सकता था । आज गरीब के घर भी गैस कनेक्शन पहुंच गया है। दशकों तक गांव के करोड़ों परिवारों के पास अपना घर नहीं था। आज गांव के करीब-करीब 2 करोड़ गरीब परिवारों को पक्के घर मिल चुके हैं और आने वाले बहुत ही कम समय में जो बचे हुए है उनको भी पक्के घर मिले इसके लिए, मैं जी-जान से लगा हुआ हूं। दशकों तक गांव के घरों में पानी घर में पानी पाइप से पानी कोई सोच नहीं सकता था,तीन-तीन किलोमीटर हमारी माताओं-बहनों को सर पर इतना बोझ उठाकर के पानी लेने जाना पड़ता था।अब हर घर में पानी पहुंचेगा। आज देश के ऐसे 15 करोड़ घरों तक पाइप से पीने का पानी पहुंचाने के लिए जल जीवन मिशन चलाया जा रहा है। देश के हर गांव तक ऑप्टिकल फाइबर पहुंचाने का भी एक बहुत बड़ा अभियान भी तेजी से हो रहा है। पहले लोग कहते थे बिजली आती है, जाती है, अब लोग शिकायत करते है, मोबाइल फोन में कनेक्शन आता है, जाता है इन समस्याओं का समाधान ऑप्टिकल फाइबर में है। जहां अभाव होता है, वहां ऐसी ऐसी ताकतों का प्रभाव,ऐसी ऐसी ताकतों दबाव परेशान करके रख देता है।

पीएम मोदी ने कहा कि गांव और गरीब को अभाव में रखना कुछ लोगों की राजनीति का आधार रहा है। ये इतिहास बताता है, भूतकाल बताता है। हमनें गरीबों को अभाव से मुक्ति का अभियान चलाया है। ऐसे लोगों को लगता है कि अगर गांव, गरीब, किसान, आदिवासी ये सशक्त हो गए तो उनको कौन पूछेगा, उनकी दुकान नहीं चलेगी, कौन उनके हाथ-पैर पकड़ेगा, कौन उनके सामने आकर झुकेगा और इसलिए इनका तो यही रहा कि गांव की समस्याएं बनी की बनी रहे, लोगों की समस्याएं बनी की बनी रहे ताकि उनका काम चलता रहे और इसलिए कामों को अटकाना, लटकाना, भटकाना, यही होकर आदत हो गई थी।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आजकल इन लोगों को खेती से जुड़े जो ऐहितासिक सुधार किए गए हैं, उनसे भी दिक्कत हो रही है। वो लोग बौखलाए हुए हैं। ये बौखलाहट किसानों के लिए नहीं है खुद की दुनिया जो , अब देश समझने लगा है ना उसकी परेशानी है । पीढ़ी दर पीढ़ी, बिचौलियों, घूसखोरों, दलालों इनका तंत्र खड़ा करके जो इन्होंने अपना एक बड़ा ही, एक प्रकार से मायाजाल बनाकर रखे थे। देश के लोगों ने इनके मायाजाल को,इनके इन सभी मंसूबों को ढहाना देश की जनता ने शुरू कर दिया है। करोड़ों भारतीयों की भुजाएं जहां एक तरफ भारत के नवनिर्माण में जुटी हैं, वहीं ऐसे लोगों की सच्चाई भी उजागर कर रही हैं। देश के उन लूटने में लगे रहे लोगों को देश अब पहचानने लगा है। इसलिए ही ये लोग आजकल हर बात का आंख बंद करके बस विरोध करो गाली-गलौज करो, गंदी भाषा का प्रयोग करो ये ही कर रहे हैं, इन्हें ना गरीब की चिंता है ना गांव की चिंता है ना देश कि चिंता है, उनको हर अच्छे काम के प्रति परेशानी हो रही है।ये लोग देश के विकास को रोकना चाहते हैं। ये लोग नहीं चाहते हमारे गांव, गरीब, हमारे किसान, हमारे श्रमिक भाई-बहन भी आत्मनिर्भर बनें। आज कृषि क्षेत्र में जो सुधार हुए है उससे जिन्हें किसानों को लगता था लेकिन आज हमनें डेढ़  गुना MSP हमने करके दिखाया है वो नहीं कर पाए थे। छोटे किसानों, पशुपालकों, मछुआरों को किसान क्रेडिट कार्ड मिलने से जिनकी काली कमाई का रास्ता बंद हो गया है, उनको आज समस्या हो रही है। यूरिया की नीमकोटिंग से जिनके गैर-कानूनी तौर तरीके बंद हो गए, दिक्कत उन्हें हो रही है। किसानों के बैंक खाते में सीधा पैसा पहुंचने से जिनको परेशानी हो रही है, वो आज बेचैन हैं। किसान और खेत मजदूर को मिल रही बीमा, पेंशन ऐसी सुविधाओं से जिनको परेशानी है, उन लोगों को वो आज कृषि सुधारों का विरोध करने में लगे हुए हैं।

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