प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 28 अगस्त को अपने तीसरे कार्यकाल की पहली प्रगति बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में उन्होंने 7 महत्वपूर्ण परियोजनाओं की समीक्षा की। जिन परियोजनाओं की समीक्षा की गई उसमें सड़क संपर्क से संबंधित दो परियोजनाएं, दो रेल परियोजनाएं और कोयला, बिजली और जल संसाधन क्षेत्रों की एक-एक परियोजना शामिल हैं। इन परियोजनाओं की कुल लागत 76,500 करोड़ रुपये से अधिक है। यह सभी परियोजनाएं 11 राज्यों से जुड़ी हैं, जिसमें उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, झारखंड, महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात, ओडिशा, गोवा, कर्नाटक, छत्तीसगढ़ और दिल्ली शामिल हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने 44वें संस्करण की प्रगति बैठक में इस बात पर जोर दिया कि केन्द्र या राज्य स्तर पर सरकार के हर अधिकारी को इस बात के प्रति संवेदनशील होना चाहिए कि परियोजनाओं में देरी से न सिर्फ लागत बढ़ती है, बल्कि आम लोगों को परियोजनाओं से मिलने वाले लाभ से भी वंचित होना पड़ता है। उन्होंने कहा कि ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान परियोजना विकास के दौरान पर्यावरण की सुरक्षा में मदद कर सकता है।
प्रधानमंत्री ने अमृत 2.0 और जल जीवन मिशन से संबंधित सार्वजनिक शिकायतों की भी समीक्षा की। ये परियोजनाएं अन्य बातों के साथ-साथ शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की समस्याओं का समाधान करती हैं। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि पानी एक बुनियादी मानवीय जरूरत है और राज्य सरकारों को जिला स्तर के साथ-साथ राज्य स्तर पर शिकायतों का गुणवत्तापूर्ण निपटान सुनिश्चित करना चाहिए। उन्होंने जल जीवन परियोजनाओं में जहां संभव हो वहां महिला स्वयं सहायता समूहों को शामिल करने और संचालन एवं रखरखाव कार्यों में युवाओं को कुशल बनाने का सुझाव दिया। प्रधानमंत्री ने जिला स्तर पर जल संसाधन सर्वेक्षण कराने की बात दोहराई।
प्रधानमंत्री मोदी ने मुख्य सचिवों को अमृत 2.0 के तहत कार्यों की व्यक्तिगत रूप से निगरानी करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि राज्यों को शहरों की विकास क्षमता और भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए योजनाएं बनानी चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि शहरों के लिए पेयजल योजनाएं बनाते समय, शहर से लगे क्षेत्रों को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए क्योंकि समय के साथ ये क्षेत्र भी शहर की सीमा में शामिल हो जाते हैं। देश में तेजी से हो रहे शहरीकरण को देखते हुए शहरी शासन, व्यापक शहरी नियोजन, शहरी परिवहन नियोजन और नगर निगम वित्त में सुधार समय की महत्वपूर्ण मांग है।
उन्होंने कहा कि शहरों की बढ़ती ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना जैसी पहलों का लाभ उठाने की जरूरत है। प्रधानमंत्री ने यह भी याद दिलाया कि शहरीकरण और पेयजल के इन पहलुओं में से कई पर मुख्य सचिवों के सम्मेलन में चर्चा की गई थी और दी गई प्रतिबद्धताओं की समीक्षा मुख्य सचिवों द्वारा स्वयं की जानी चाहिए।
प्रधानमंत्री ने मुख्य सचिवों और सचिवों से मिशन अमृत सरोवर कार्यक्रम पर भी काम जारी रखने को कहा। उन्होंने कहा कि अमृत सरोवरों के जलग्रहण क्षेत्र को साफ रखा जाना चाहिए और जरूरत के हिसाब से ग्राम समिति की भागीदारी से इन जल निकायों की सफाई की जानी चाहिए।
Earlier today, chaired the 44th PRAGATI interaction. Reviewed development projects worth Rs. 76,500 crore spread across 11 states and UTs. The focus areas covered included AMRUT 2.0, Jal Jeevan Mission, Mission Amrit Sarovar and more.https://t.co/IJmd3HVSbe
— Narendra Modi (@narendramodi) August 28, 2024