कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के बेटे राहुल गांधी हमेशा कुछ न कुछ ऐसा कर बैठते हैं कि छीछालेदर होने लगती है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने तो इस बार ऐसा काम कर डाला है, जो शायद ही आज तक कभी किसी राजनेता या राजनीतिक दल ने किया हो। लोग विदेश जाने पर देश की कला-संस्कृति, सभ्यता, गौरवशाली इतिहास, रहन-सहन और खानपान का गुणगान करते हैं, लेकिन राहुल गांधी जहां भी जाते हैं, देश को बदनाम करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ते हैं।
ब्रिटेन के कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी और लंदन में एजेंडाधारी लोगों के साथ संवाद में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मुंह खोलते ही देश की किरकिरी तो कराई ही, अपने साथ पूरी कांग्रेस पार्टी की फजीहज करा ली। जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी के बाद एक राजवंश की तरह खुद को देश का भावी प्रधानमंत्री मानने वाले राहुल गांधी ने यहां एक बार फिर खुद को पप्पू साबित करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी।
विदेश में देश को बदनाम करने पर केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने भी उन्हें पप्पू करार दिया है। किरेन रिजिजू ने तो यहां तक कहा कि राहुल गांधी देश की एकता के लिए बेहद खतरनाक हो गए हैं और वह लोगों को भारत को बांटने के लिए उकसा रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि देश के लोग तो जानते हैं, लेकिन विदेशी यह नहीं जानते कि राहुल गांधी वास्तव में पप्पू हैं। रिजिजू ने कहा कि उनके मूर्खतापूर्ण बयानों पर टिप्पणी करने की कोई जरूरत नहीं है, लेकिन समस्या यह है कि उनके भारत विरोधी बयानों का भारत विरोधी ताकतों द्वारा इस्तेमाल किया जाता है।
People of India know Rahul Gandhi is Pappu but foreigners don’t know that he is actually Pappu.
And it’s not necessary to react to his Foolish Statements but the problem is that his Anti-India statements are misused by the Anti-India Forces to tarnish the image of India.— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) March 8, 2023
राहुल गांधी के बयान का एक वीडियो शेयर करते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस के स्वयंभू युवराज ने सारी हदें पार कर दी हैं। यह आदमी देश की एकता के लिए बेहद खतरनाक हो गया है। अब वह लोगों को भारत को बांटने करने के लिए उकसा रहा है। जबकि भारत के सबसे लोकप्रिय और चहेते माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का एक ही मंत्र है एक भारत श्रेष्ठ भारत।
This self declared Congress Prince has crossed all the limits. This man has become extremely dangerous for India’s unity. Now he’s provoking people to divide India. India’s most popular & loved Hon Prime Minister @Narendramodi Ji’s only mantra is ‘Ek Bharat Shreshtha Bharat’. pic.twitter.com/8LKRybLAZW
— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) March 8, 2023
आइए जानते है कि भारत जोड़ो ड्रामे के बाद ब्रिटेन पहुंचे राहुल गांधी ने किस तरह भारत को बदनाम करने की सारी हदें लांघ दी…
विदेशी सरजमीं से देश को नीचा दिखाने की शर्मनाक कोशिश
आजादी का अमृत महोत्सव वर्ष में जब देश अपनी तरक्की और विरासत पर गौरवगान कर रहा है ऐसे में राहुल गांधी देश के साथ विश्वासघात कर रहे हैं। वह विदेशी सरजमीं से देश को नीचा दिखाने की शर्मनाक कोशिश कर रहे हैं। वह कह रहे हैं भारत में लोकतंत्र खतरे में है और विदेश को इसमें हस्तक्षेप करना चाहिए। जिस कश्मीर में वह तिरंगा फहराकर लौटे हैं उसे हिंसक जगह बता रहे हैं। उनके इस तरह के बयान 140 करोड़ देशवासियों का अपमान है जिन्होंने लोकतंत्र पर भरोसा करते हुए एक बहुमत वाली सरकार को चुना है। पीएम नरेंद्र मोदी का विरोध के लिए वह भारत को नीचा दिखाते हैं, 140 करोड़ देशवासियों का अपमान करते हैं और जिस देश ने हम पर लंबे समय तक शासन किया उसी देश में जाकर उससे भारत के मामलों में दखल देने की बात करते हैं। क्या देशवासी ऐसे शख्स को माफ कर सकते है?
राहुल गांधी भारत को हमेशा क्यों दिखाते हैं कमजोर
राहुल गांधी दुनिया में एकमात्र ऐसे नेता हैं जो देश हो या विदेश अपने देश की प्रगति की बात न करके हमेशा भारत को कमज़ोर दिखाने की कोशिश करते हैं। वह चीन की तारीफों के पुल बांधते हैं लेकिन भारत के प्रति उनके मुख से नफरत ही निकलता है। लंदन में राहुल ने यही किया। यहां तक उन्होंने भारत की तुलना यूक्रेन से कर दी। उन्होंने कहा- ”जो रूस यूक्रेन में कर रहा है ठीक वही पैटर्न चीन भारत में डोकलाम और लद्दाख में दिखा रहा है। चीन ने भारत में डोकलाम और लद्दाख में अपनी सेना तैनात कर रखी है और अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख को भारत का हिस्सा मानने से इंकार करता है।” यहां सवाल उठता है कि चीन ने राहुल गांधी को ऐसा क्या दे दिया है कि वे लंदन जाकर भी भारत की प्रगति की बात करने के बजाए चीन की तारीफों के पुल बांधते हैं।
राहुल गांधी ने ली है भारत को बदनाम करने की सुपारी!
अगर आप राहुल गांधी के बयानों पर गौर करें तो उससे साफ जाहिर होता है कि वे अमेरिकी और यूरोपीय डीप स्टेट से भारत को बदनाम करने की सुपारी ले चुके हैं। भारत राष्ट्र नहीं यूनियन है, भारत में लोकतंत्र नष्ट हो गया, कश्मीर हिंसक जगह, विदेश नीति पर हमले, मीडिया पर सरकार का कब्जा आदि राहुल के बयानों पर गौर करें तो आप पाएंगे इस तरह के बयान तो देश विरोधी लोग देते हैं। अब इसके बदले उन्हें क्या मिला है या मिलेगा यह तो पता नहीं लेकिन डीप स्टेट ने राहुल को भारत का जेलेंस्की बनाने का वादा जरूर किया है।
भारत को बदनाम करने के पीछे कांग्रेस का एजेंडा क्या है?
राहुल गांधी फिलहाल एक सप्ताह के ब्रिटेन के दौरे पर हैं। इस बार उन्होंने कहा कि भारत में लोकतंत्र नष्ट किया जा रहा है लेकिन यूरोप ने इस ओर ध्यान नहीं दिया यानी हस्तक्षेप नहीं किया। इसका मतलब राहुल गांधी चाहते हैं कि विदेशी ताकतें भारत में हस्तक्षेप करें। उनकी बातों से लगता है कि भारत को बदनाम करना ही उनका एजेंडा बन गया है। देश को बदनाम करने की ये साजिश बार-बार विदेशी धरती से होती है। कभी विदेशी दोस्तों के माध्यम से कभी किसी और माध्यम से। यह अपने आप में सवाल खड़ा करती है कि कांग्रेस का एजेंडा क्या है?
राहुल पहले भी कर चुके अमेरिका के दखल की मांग, भारत की संप्रभुता को कमजोर करने का षडयंत्र
इसे विडंबना ही कहा जाएगा कि देश की सबसे पुरानी पार्टी के नेता राहुल गांधी ब्रिटिश धरती पर जाकर भारत के आंतरिक मुद्दों पर बात करते हुए विदेशी दखल की बात करते हैं। वह ऐसा पहली बार नहीं कर रहे हैं- इससे पहले उन्होंने निकोलस बर्न और अमेरिका के हस्तक्षेप की मांग की थी। और हम सभी को याद है कि कैसे कांग्रेस ने हाल ही में जॉर्ज सोरोस के वित्तपोषित आख्यान को उछाला था। यह एक बार नहीं बल्कि भारत की संप्रभुता को कमजोर करने का एक सुनियोजित पैटर्न है। इससे यह भी साबित होता है कि राहुल विदेशी ताकतों के इशारों पर खेल रहे हैं।
Summary of @RahulGandhi Ji interview in London
– India is worst country of World
– Dont give weightage to India, India is not as it's shown, No democracy, no media rights, no minority rights
– Don't invest in India, no business opportunity there, all belongs to Adani
– India… https://t.co/Fm2ZCzd7cK pic.twitter.com/cre5FuCD82
— Zeenat Rana (@izeenatrana) March 6, 2023
राहुल गांधी जैसे नागरिक पर धिक्कार है, जो भारत को दुनिया का सबसे घटिया देश बताता है
सोशल मीडिया पर जीनत राना ने लिखा है- राहुल गांधी के अनुसार, भारत दुनिया का सबसे घटिया देश है। भारत को महत्व न दें, भारत जैसा दिखाया गया है वैसा नहीं है, लोकतंत्र नहीं, मीडिया अधिकार नहीं, अल्पसंख्यक अधिकार नहीं है। भारत में निवेश मत करो, वहां व्यापार का अवसर नहीं है, सब अडानी का है। भारत कायर है कमजोर है। लोकतंत्र को फिर से शुरू करने के लिए अमेरिका और यूरोप से भारत पर प्रतिबंध लगाने का अनुरोध किया। धिक्कार है हमारे देश के ऐसे नागरिकों पर।
राहुल गांधी फिलहाल एक सप्ताह के ब्रिटेन के दौरे पर हैं। वह पिछले साल भी ब्रिटेन दौरे पर गए थे जहां भारत जोड़ो यात्रा की रूपरेखा बनाई गई थी। वहां दिए उनके प्रमुख बयानों पर एक नजर-
लंदन, मार्च 2023:
लंदन में कहा- भारत यूनियन ऑफ स्टेट्स है ( भारत राष्ट्र नहीं, राज्यों का संघ है)
राहुल ने कहा कि भारत राष्ट्र नहीं है। इसके बजाय इसे राज्यों के संघ के रूप में वर्णित किया गया है। राहुल गांधी इससे पहले संसद में भी यह बात कह चुके हैं। इससे यह साफ है कि वे अप्रत्यक्ष रूप से भारत को तोड़ने की बात कर रहे हैं। जबकि संविधान के अनुच्छेद 1 में भारत को ‘यूनियन ऑफ स्टेट्स’ यानी ‘राज्यों का संघ’ बताया गया है। हालांकि, इसके संविधान को प्रकृति में संघीय बताया गया है। संविधान निर्माता डॉ. बीआर अंबेडकर के अनुसार, ‘फेडरेशन ऑफ स्टेट्स’ के बजाय ‘यूनियन ऑफ स्टेट्स’ को रखने की दो अहम वजहें हैं। पहला, इंडियन फेडरेशन यानी भारतीय संघ अमेरिकी फेडरेशन की तरह राज्यों के बीच एग्रीमेंट का नतीजा नहीं है। दूसरा, राज्यों को फेडरेशन से अलग होने का कोई अधिकार नहीं है। फेडरेशन एक यूनियन है क्योंकि यह तितर-बितर नहीं हो सकता है।
लंदन, मार्च 2023:
हमारे लोकतांत्रिक ढांचों पर ‘बर्बर हमले’ हो रहे, आवाज दबाई जा रही
राहुल गांधी ने कहा कि भारतीय लोकतांत्रिक ढांचों पर ‘बर्बर हमले’ हो रहे हैं। देश की संस्थाओं पर व्यापक हमला हो रहा है। उन्होंने कहा, ‘मीडिया, संस्थागत ढांचे, न्यायपालिका, संसद सभी पर हमले हो रहे हैं और हमें सामान्य माध्यम से लोगों के मुद्दे रखने में बहुत मुश्किल हो रही थी।’ ब्रिटेन के दौरे के तहत लंदन में मौजूद विपक्षी नेता ने पत्रकारों से कहा कि देश के लिए एक वैकल्पिक दृष्टिकोण के इर्द-गिर्द एकजुट होने और बेरोजगारी, महंगाई, धन का कुछ चुनिंदा लोगों के पास होना और महिलाओं के खिलाफ हिंसा जैसे अहम मुद्दों पर लोगों के अंदर जो गुस्सा है, उससे निजात दिलाने के लिये विपक्षी एकजुटता को लेकर बातचीत चल रही है।
लंदन, मार्च 2023:
लोकतंत्र नष्ट कर दिया गया, अमेरिका और यूरोप ने हस्तक्षेप नहीं किया
राहुल ने कहा कि अमेरिका और यूरोप सहित दुनिया के लोकतांत्रिक हिस्से यह संज्ञान लेने में नाकाम रहे हैं कि ‘लोकतंत्र का एक बड़ा हिस्सा नष्ट कर दिया गया है।’ उन्होंने कहा, ‘भाजपा चाहती है कि भारत खामोश रहे। वे चाहते हैं कि यह शांत हो… क्योंकि वे चाहते हैं कि जो भारत का है, उसे ले सकें और अपने करीबी दोस्तों को दे सकें। यही विचार है, लोगों का ध्यान भटकाना और फिर भारत की संपत्ति को तीन, चार, पांच लोगों को सौंप देना।’
लंदन, मार्च 2023:
भारत की आवाज दबा दी गई है
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने डीप स्टेट की बात करते हुए कहा कि देश के प्रमुख संवैधानिक संस्थानों पर आरएसएस का कब्जा हो गया है। भारत के लोग उन संस्थानों पर हमले देख रहे हैं जिन्होंने संवैधानिक दायरे में रहकर देश का निर्माण किया। इन संस्थानों पर अब डीप स्टेट का कब्जा है। मैं खुद को एक ऐसे व्यक्ति के रूप में देखता हूं जो भारत के उस विचार का बचाव करता है जब मैं अपने देश की आवाज को कुचला हुआ देखता हूं, तो यह मुझे परेशान करता है। मैं सोचता हूं कि मुझे क्या करना चाहिए और क्या करना चाहिए। यहां दिलचस्प बात यह है कि जो राहुल गांधी डीप स्टेट एजेंट जार्ज सोरोस की भाषा बोलते हैं, जो पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलाबल भुट्टो की भाषा बोलते हैं, जो खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह की भाषा बोलते हैं, वह व्यक्ति आरएसएस को डीप स्टेट बता रहा है। इससे बड़ा धोखा क्या हो सकता है।
लंदन, मार्च 2023:
कश्मीर तथाकथित हिंसक जगह
कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कश्मीर को तथाकथित हिंसक जगह करार दिया। उन्होंने कहा कश्मीर में काफी उग्रवाद है और वह तथाकथित हिंसक जगह है।
लंदन, मार्च 2023:
पुलवामा हमले को बताया कार धमाका, शहीदों का किया अपमान
राहुल ने पुलवामा हमले में शहीदों का भी अपमान किया है। इतना ही नहीं उन्होंने पुलवामा हमले को महज एक कार में हुआ धमाका करार दिया। राहुल ने कैम्ब्रिज में अपने संबोधन में अपनी एक तस्वीर दिखाते हुए कहा कि, “इसमें मैं उस जगह पर फूल चढ़ा रहा हूं जहां पर 40 जवान एक कार धमाके में मारे गए थे।”
लंदन, मार्च 2023:
विपक्षी नेताओं के फोन में पेगासस स्पाइवेयर था
राहुल गांधी ने ये भी दावा किया कि उनके और कई अन्य विपक्षी नेताओं के फोन में पेगासस स्पाइवेयर था और गुप्तचर अधिकारियों ने खुद उन्हें फोन करके बताया था कि बातचीत करते हुए वह सावधान रहें क्योंकि उनकी बातों को रिकॉर्ड किया जा रहा है.
लंदन, मार्च 2023:
भारत जोड़ो यात्रा को दांडी यात्रा से जोड़ दिया
राहुल गांधी ने ‘भारत जोड़ो यात्रा’ निकालने के कारण के बारे में कहा ‘‘जब लोकतांत्रिक ढांचे पर हमला हो रहा है तो विपक्ष के तौर पर हमारे लिए संवाद करना बहुत मुश्किल हो जाता है। इसलिए हमने भारत की संस्कृति और इतिहास की तरफ मुड़ने का फैसला किया। आप ने दांडी यात्रा के बारे में सुना होगा जो महात्मा गांधी ने अंग्रेजों के खिलाफ निकाली थी।’’ उन्होंने कहा कि इस ‘‘भारत जोड़ो यात्रा’’ का मकसद सिर्फ दूरी तय करना नहीं था बल्कि लोगों को सुनना था। कितनी हास्यास्पद बात है कि राहुल यहां संस्कृति से जुड़ने की बात कर रहे हैं लेकिन भारत जोड़ो यात्रा में किस तरह सनातन धर्म के खिलाफ जहर उगला गया यह तो सबने देखा।
लंदन, मई 2022:
देश में मिट्टी का तेल छिड़क दिया गया है, चिंगारी की जरूरत
राहुल ने बेरोजगारी, महंगाई, अर्थव्यवसथा व अन्य मुद्दों पर कहा कि भारत अभी अच्छी स्थिति में नहीं है। भाजपा ने पूरे देश में केरोसिन छिड़क दिया है। आपको एक चिंगारी चाहिए और हम बड़ी मुसीबत में पड़ जाएंगे। मुझे लगता है कि यह विपक्ष, कांग्रेस की भी जिम्मेदारी है जो लोग, समुदायों, राज्यों और धर्मों को एक साथ लाती है। हमें माहौल को शांत करने की जरूरत है। अगर तनाव का माहौल शांत नहीं हुआ तो चीजें गलत हो सकती हैं।
लंदन, मई 2022:
रूस जो यूक्रेन में कर रहा, चीन लद्दाख में कर रहा
यूरोपीय डीप स्टेट एजेंट जार्ज सोरोस राहुल गांधी को भारत का व्लादिमीर ज़ेलेंस्की बनाना चाहते हैं। यही वजह है कि 2022 से चीन और भारत को लेकर वह विवादित बयान देते रहे हैं। राहुल गांधी ने कहा कि चीन का भारत में वही पैर्टन दिख रहा है जो रूस ने यूक्रेन में किया है। रूस जो यूक्रेन में कर रहा है कुछ उसी तरह से चीन लद्दाख में कर रहा है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार इस मुद्दे पर बात तक नहीं करना चाहती है। राहुल गांधी ने कहा कि चीन की सेनाएं लद्दाख और डोकलाम दोनों जगह डेरा डाले हुए हैं। चीनी सेना ने अभी-अभी पैंगोंग झील के ऊपर एक बड़ा पुल बनाया है। वे इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार कर रहे हैं। वे जाहिर तौर पर किसी न किसी चीज की तैयारी कर रहे हैं लेकिन सरकार इस बारे में बात नहीं करना चाहती। सरकार बातचीत को दबाना चाहती है। यह भारत के लिए शुभ संकेत नहीं है।
लंदन, मई 2022:
फंड पाने के नए तरीके तलाशने होंगे
राहुल ने कहा कि हमें और अधिक आक्रामक रूप से उन 60 से 70 फीसदी लोगों के पास जाने की जरूरत है, जो भाजपा को वोट नहीं देते हैं और हमें इसे एक साथ करने की जरूरत है। मीडिया और संचार पर भाजपा ने कब्जा कर लिया है तो हमें मीडिया और संचार के अन्य तरीके देखने होंगे। फ़ंड को भी पाने के नए तरीके तलाशने होंगे। हमें जनआंदोलन करना होगा। ये लड़ाई है इंडिया को दोबारा पाने की। राहुल गांधी अब भी इंडिया को पाने की चाहत रखते हैं जबकि इंडिया अब भारत बनने की ओर अग्रसर है।
लंदन, मई 2022:
राहुल ने कहा- भारतीय विदेश सेवा पूरी तरह से बदल गई
भारतीय विदेश नीति के पैटर्न में आये बदलाव पर उन्होंने कहा कि मैं यूरोप के नौकरशाहों से बात कर रहा था और उन्होंने कहा कि भारतीय विदेश सेवा पूरी तरह से बदल गई है। अब वे कुछ भी नहीं सुनेंगे। वे घमंडी हैं। अब वे बस हमें बताते हैं कि उन्हें क्या आदेश मिल रहे हैं।
विदेश मंत्री जयशंकर ने दिया जवाब- राष्ट्रहित की रक्षा में विदेश सेवा बदल गई है
भारतीय की विदेश नीति पर राहुल गांधी के बयानों पर पलटवार करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारतीय विदेश सेवा बदल गई है। वे सरकार के आदेशों का पालन करते हैं। वे दूसरों के तर्कों का विरोध करते हैं। इसे अहंकार नहीं बल्कि आत्मविश्वास और राष्ट्रहित की रक्षा करना कहते हैं।
विदेशों में भारत का अपमान करना राहुल गांधी का पुराना शौक
यह कोई पहली बार नहीं है जब राहुल गांधी ने विदेश जाकर भारत सरकार और भारत के आंतरिक मुद्दों को उठाया है। इसके पहले भी वह कई बार विदेशी धरती से भारत सरकार की आलोचना कर ‘देशद्रोह’ कर चुके हैं। एक बार तो उन्होंने भारत की तुलना पाकिस्तान से कर दी थी। आइए देखते हैं विदेशी धरती से कब-कब राहुल गांधी ने क्या-क्या कहा?
2 मार्च 2023:
लंदन में कहा- भारत यूनियन ऑफ स्टेट्स है।
21 मई 2022:
लंदन में कहा- बीजेपी ने देश में मिट्टी का तेल छिड़क दिया है।
17 मार्च 2021:
ब्राउन यूनिवर्सिटी में की- गद्दाफी और सद्दाम से तुलना
12 जनवरी 2019:
दुबई में कहा- भारत में इनटॉलरेंस है
24 अगस्त 2018:
लंदन में कहा- भारत अब अच्छी स्थिति में नहीं है
मार्च 2018
मलेशिया में कहा- नोटबंदी का प्रस्ताव मैं कचरे के डिब्बे में फेंक देता
मार्च 2018
सिंगापुर में कहा- कुछ लोग चुनाव जीतने के लिए नफरत और हिंसा का सहारा ले रहे
जनवरी 2018
बहरीन में कहा- सरकार जॉब क्रिएट करने में नाकाम रही
सितंबर 2017
अमेरिका में कहा- अहिंसा की विचारधारा आज खतरे में
ब्राउन यूनिवर्सिटी, मार्च 2021:
सद्दाम हुसैन और मुअम्मर गद्दाफी भी चुनाव जीता करते थे
भारत में लोकतांत्रिक मानकों में आ रही गिरावट की अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट का हवाला देते हुए राहुल ने ब्राउन यूनिवर्सिटी के एक कार्यक्रम में आनलाइन संबोधन में कहा कि इराक के तानाशाह सद्दाम हुसैन और लीबिया के मुअम्मर गद्दाफी भी शासन में भी चुनाव हुआ करते थे। वे चुनाव जीता भी करते थे। ऐसा नहीं था कि लोग वोट नहीं करते थे, लेकिन उनके वोटों की सुरक्षा के लिए कोई संस्थागत ढांचा नहीं था। कांग्रेस नेता का यह बयान ऐसे वक्त आया है, जब उन्होंने स्वीडन की एक संस्था की रिपोर्ट का उल्लेख करते हुए कहा था कि भारत अब लोकतांत्रिक देश नहीं रहा।
दुबई, जनवरी 2019:
साढ़े चार वर्षों से भारत में असहिष्णुता है
संयुक्त अरब अमीरात के दौरे पर गए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भारत में असहिष्णुता का जिक्र कर बीजेपी पर निशाना साधा। भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए राहुल ने कहा, ‘UAE और भारत के लोगों को साथ लानेवाले मूल्य विनम्रता और सहिष्णुता हैं। विभिन्न विचारों, धर्मों और समुदायों के लिए सहिष्णुता। मुझे यह कहते हुए दुख होता है कि घर पर (भारत) साढ़े चार वर्षों से असहिष्णुता है।’
लंदन, अगस्त 2018:
लंदन में कहा- भारत अब अच्छी स्थिति में नहीं है
राहुल गांधी ने यही बात 2018 और 2022 में कही थी। राहुल ने कहा कि भाजपा शासन में लोकतंत्र टूट चुका है। जिसके बाद भारत अब अच्छी स्थिति में नहीं है। देश में शासन के दो रूप देखने को मिल रहे हैं। एक जो असहमति करने वालों की आवाजों को कुचलता है और दूसरा वह जो सुनता है।
मलेशिया, मार्च 2018
नोटबंदी का प्रस्ताव मैं कचरे के डिब्बे में फेंक देता
मलेशिया दौर के समय राहुल गांधी ने 2016 में हुई नोटबंदी को लेकर प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा था। राहुल ने भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए कहा था कि यदि मैं प्रधानमंत्री होता और कोई मुझे नोटबंदी करने के प्रस्ताव की फाइल देता, तो मैं उसे कचरे के डिब्बे में, कमरे से बाहर या कबाड़खाने में फेंक देता।’ उन्होंने कहा, ‘मैं इस तरह इसे लागू करता, क्योंकि मेरे हिसाब से नोटबंदी के साथ ऐसा ही किया जाना चाहिए, क्योंकि यह किसी के लिए भी अच्छी नहीं है।’
सिंगापुर, मार्च 2018
कुछ लोग चुनाव जीतने के लिए नफरत और हिंसा का सहारा ले रहे
सिंगापुर के ली कुआन यी स्कूल ऑफ पब्लिक पॉलिसी के पैनल डिस्कशन में राहुल ने कहा था कि भारत की परिकल्पना ही इसमें है कि भले ही व्यक्ति किसी भी धर्म, जाति या भाषा से संबंध क्यों न रखता हो, उसे अपने घर जैसा महसूस होना चाहिए। उन्होंने कहा कि कुछ लोग चुनाव जीतने के लिए नफरत और हिंसा का सहारा ले रहे हैं। जबकि हमारा दृष्टिकोण लोगों को जोड़ने का है। राहुल ने कहा कि व्यवस्था पर और न्यायपालिका पर बहुत ही आक्रामक और संगठित हमला हो रहा है। अगर आप प्रेस से, उद्योग जगत के लोगों से बात करेंगे तो वे भी आपको बताएंगे कि हम डरा हुआ महसूस करते हैं। इसलिए आमतौर पर डर का माहौल है।
बहरीन, जनवरी 2018
सरकार जॉब क्रिएट करने में नाकाम रही
कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद राहुल गांधी पहली बार विदेश दौरे पर बहरीन पहुंचे थे। राहुल ने प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए कहा था कि देश में आज विचित्र स्थिति है। सरकार जॉब क्रिएट करने में नाकाम रही है। लोग सड़कों पर उतर आए हैं और गुस्से में दिखाई दे रहे हैं। सरकार इससे बचने के लिए जातीय व धार्मिक उन्माद पैदा करवा रही है। देश में बांटने वाली ताकतें तय कर रही हैं कि लोगों को क्या खाना चाहिए और क्या नहीं। देश में विघटन की स्थिति पैदा हो रही है। दलितों को पीटा जा रहा है, पत्रकारों को धमकाया जा रहा है।
अमेरिका, सितंबर 2017
अहिंसा की विचारधारा आज खतरे में
सितंबर 2017 में अपने दो हफ्ते के अमेरिकी दौरे के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बर्कले की यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया को संबोधित किया था। उन्होंने कहा था कि संसद को अंधेरे में रखकर नोटबंदी लाई गई, नोटबंदी से अर्थव्यवस्था में गिरावट आई। उन्होंने कहा था कि आज नफरत और हिंसा की राजनीति हो रही है। हिंसा का मतलब मुझसे बेहतर कौन जान सकता है क्योंकि इसमें मैंने अपनी दादी और पिता को खोया है। अहिंसा की विचारधारा आज खतरे में है, हालांकि यही एक ऐसी विचारधारा है जो मानवता को आगे ले जा सकती है।
When Rahul Gandhi said India is not a Nation, these are the kind of anti-India forces that he was supporting.
Khalistani speaking same language as Congress. pic.twitter.com/gYg1qWirey
— Ankur Singh (@iAnkurSingh) February 24, 2023
राहुल गांधी और खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह की भाषा एक जैसी क्यों है?
फरवरी 2022 में राहुल गांधी ने भारतीय संसद में कहा था कि भारत सिर्फ “राज्यों का संघ” है, न कि एक राष्ट्र। जिस तरह राहुल गांधी भारत को राष्ट्र नहीं मानते उसी तरह खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह का कहना है कि वह भारत की परिभाषा नहीं मानता और पंजाब एक अलग देश है। खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह जब इस तरह की बात करता है तो यह समझ में आता है कि वह भटका हुआ युवक है और विदेशी हाथों में खेल रहा है। लेकिन राहुल गांधी भी अगर वही भाषा बोल रहे हैं तो इसका सीधा मतलब यही है कि वह भी विदेशी ताकतों के इशारे पर नाच रहे हैं। ये वही विदेशी ताकत है जो हर कीमत पर पीएम मोदी को सत्ता से बेदखल करना चाहती है क्योंकि पीएम मोदी के रहते उनकी दाल नहीं गल रही।
राहुल गांधी के मेकओवर की पटकथा 2022 में लंदन में लिखी गई
लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देजर राहुल गांधी को प्रधानमंत्री उम्मीदवार के रूप में तैयार करने के लिए मेकओवर की शुरुआत 2022 में ही हो गई थी। इसकी पटकथा मई 2022 में लंदन में लिखी गई। उस वक्त राहुल लंदन में एक कॉन्फ्रेंस ‘आइडिया फॉर इंडिया’ में हिस्सा लेने पहुंचे थे। वहां लिखी गई पटकथा के मुताबिक ही राहुल ने भारत जोड़ो यात्रा शुरू की थी जिसमें तमाम लेफ्ट लिबरल एवं देश विरोधी ताकतें, देश को बांटने की बात करने वाले, सनातन धर्म को नीचा दिखाने वाले एवं पीएम मोदी से नफरत करने वाले लोग शामिल किए गए। इसी कड़ी में बीबीसी डाक्यूमेंट्री, हिंडनबर्ग रिपोर्ट आई और भारतीय संस्थाओं पर हमले किए जा रहे हैं जिससे देश को कमजोर कर आंदोलन की आग में झोंका जा सके और भारत में यूक्रेन की तरह जेलेंस्की (राहुल गांधी) को सत्ता में बिठाया जा सके। इसके बाद विकास के पथ पर तेज रफ्तार दौड़ते भारत को चीन के साथ युद्ध में उलझाया जा सके जिससे विदेशी ताकतों के हित पूरे हो सकें।
2024 तक भारतीय संस्थाओं पर होते रहेंगे हमले, कांग्रेस और लेफ्ट लिबरल को चाहिए मुद्दा
भारत का बढ़ता कद, भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था, पीएम मोदी की देश और दुनिया में बढ़ती लोकप्रियता से अमेरिका और पश्चिमी देशों के पैरों के तले से जमीन खिसक गई है। अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA के एजेंट अमेरिकी अरबपति जार्ज सोरोस भारत को कमजोर करने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रहा है। पीएम नरेंद्र मोदी को 2024 में सत्ता से बाहर करने के लिए उसने 2022 में राहुल गांधी का लंदन में कार्यक्रम करवाया, उसके बाद भारत जोड़ो यात्रा हुई, बीबीसी डॉक्यूमेंट्री आई, भारत की एक बड़ी कंपनी अडानी समूह के खिलाफ हिंडनबर्ग रिपोर्ट आई और उसके बाद भारत की प्रमुख वीडियो वायर एजेंसी ANI के खिलाफ ईयू-डिसइन्फोलैब (Disinfolab EU) की ‘बैड सोर्सेस’ रिपोर्ट आई। इस रिपोर्ट में ANI पर प्रोपेगेंडा खबरें चलाने की अफवाह फैलाई गई। भारत को कमजोर करने के लिए अब जार्ज सोरोस गैंग भारतीय संस्थाओं को कमजोर करने की साजिश में जुट गया है।
पीएम मोदी के सामने बेवश पश्चिमी देश और अमेरिका बौखलाया
नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने से पहले अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA और पश्चिमी देश अपना हित साधने के लिए सरकार भी खरीद लेती थी और तमाम तरह की साजिश रचने में सफल हो जाती थी। इसका सबसे बड़ा उदाहरण 90 के दशक में हुए इसरो जासूसी कांड है। उस वक्त भारतीय वैज्ञानिक नंबी नारायण के नेतृत्व में भारत लिक्विड प्रोपेलेंट इंजन बनाने में सफल होने के करीब पहुंच गया था लेकिन CIA ने कांग्रेस सरकार और नेताओं को खरीद कर नंबी नारायण को जेल में डलवा दिया और भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम 20-30 साल पीछे चला गया। इसरो जासूसी कांड में जब नंबी नारायण को गिरफ्तार किया गया था तो उस वक्त केरल में कांग्रेस की सरकार थी। सीबीआई की जांच में सामने आया है कि नंबी नारायण की अवैध गिरफ्तारी में केरल सरकार के तत्कालीन बड़े अधिकारी भी शामिल थे। हाईकोर्ट में सीबीआई ने कहा कि नंबी नारायण की गिरफ्तारी संदिग्ध अंतरराष्ट्रीय साजिश का हिस्सा थी।
दुनियाभर में UPI की धाक, इसीलिए कुलबुलाए हुए हैं जार्ज सोरोस!
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल विजन से डिजिटल भुगतान के मामले में भारत दुनिया भर में सबसे आगे है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और विश्व बैंक (World Bank) तक ने यूपीआई को लेकर भारत को सराहा है। यूपीआई से होने वाले पेमेंट के आंकड़े में महीने-दर-महीने तेजी देखने को मिल रही है। इस पेमेंट सिस्टम की लोकप्रियता के चलते सरकार लगातार इसके विस्तार पर फोकस कर रही है और अब UPI वैश्विक ब्रांड के तौर पर पहचान बनाता जा रहा है। UPI करीब 50 से अधिक देशों में अपनी मौजूदगी दर्ज करा चुका है। अब UPI अमेरिका के चौखट तक पहुंच गया है और Visa एवं MasterCard को टक्कर दे रहा है। इससे जहां अमेरिका तिलमिलाया हुआ है वहीं उसके डीपस्टेट एजेंट जार्ज सोरोस कुलबुलाए हुए हैं। क्योंकि Visa और MasterCard की दुनिभायर में बादशाहत है और अरबों का बिजनेस है। लेकिन UPI जिस तेजी से दुनियाभर में बढ़ रही है उससे उनके कारोबार में कमी आई है। ऐसे में उन्हें डर है UPI कहीं Visa और MasterCard का कारोबार खत्म न कर दे।
विदेशी ताकतें भारत में चाहती है कमजोर और गठबंधन सरकार
विदेशी ताकतें और जार्ज सोरोस जैसे लोग भारत में एक कमजोर और गठबंधन सरकार को पसंद करते हैं, जिससे वे अपनी आवश्यकताओं के अनुसार उसे चला सकें। एक स्थिर, पूर्ण बहुमत वाली सरकार से वे डरते हैं और इसीलिए उसे हटाना चाहते हैं। यह एक सर्वविदित तथ्य है कि राहुल गांधी 2022 में जब ब्रिटेन में थे उसी समय सोरोस भी ब्रिटेन में था। यह डीपस्टेट का षड़यंत्र है जिसमें कांग्रेस सहित लेफ्ट लिबरल मिले हुए हैं।
देश ने मोदी को दिल में बसाया, 2024 में विदेशी ताकतों का सपना होगा चकनाचूर
जिस तरह 2014 के बाद से भारत विकास के पथ पर अग्रसर है उसे देखते हुए देशवासियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिल में बसाया है। इसकी झांकी पीएम मोदी के रोड शो में साफ देखने को मिलती है। सोशल मीडिया पर लोग कह रहे हैं भारतीय मतदाताओं को प्रभावित करने वाले ये विदेशी ताकतें और जार्ज सोरोस कौन होता है। भारतीय मतदाता निश्चित रूप से 2024 में मोदी जी को फिर से वापस लाएगा! 2024 में सोरोस और विदेशी ताकतों का सपना चकनाचूर होगा। देशों में शासन परिवर्तन के उसके मंसूबे का अंत भारत में होगा। भारत में ऐसा कुछ करने की कोशिश करना मुश्किल है। अब देश ने मोदी को दिल में बसा लिया है।
देशवासी 2024 में विदेशी ताकतों के इशारे पर नाचने वालों को सबक सिखाएंगे
जार्ज सोरोस यूक्रेन सहित कई देशों में सत्ता परिवर्तन का खेल कर चुका है और अब उसे भारत में दोहराना चाहता है। भारतीय लोगों के लिए समय आ गया है कि वे अब जागरूक हो जाएं और इन पश्चिमी अभिजात वर्ग को सबक सिखाएं जो भारतीय लोकतंत्र को नियंत्रित करना चाहते हैं। जो भारतीय लोकतंत्र को कमजोर करना चाहते हैं। जो भारत के विकास के पथ को रोकना चाहते हैं। जो आत्मनिर्भर होते भारत को फिर से दूसरों पर आश्रित देखना चाहते हैं। जो एक मजबूत भारत नहीं देखना चाहते। जो पीएम मोदी को कमजोर करना चाहते हैं। इन सभी शक्तियों को आज मुंहतोड़ जवाब देने की घड़ी आ गई है। और उन जयचंदों की पहचान करने का भी समय आ गया है जो खाते हैं देश का गाते हैं विदेशी धुन पर।