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फरवरी में औपचारिक रोजगार सृजन में वृद्धि, EPFO ने 14.12 लाख नए सब्सक्राइबर्स जोड़े

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नेतृत्व में देश में कोरोना संकट काल में भी कारोबार का माहौल बेहतर बना हुआ है। मोदी सरकार की नीतियों के कारण देश में युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़े हैं। देश में रोजगार की स्थिति बेहतर हुई है और महामारी के दौरान भी कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) से जुड़ने वाले नए सदस्यों की संख्या में भारी बढ़ोतरी हुई है।

ईपीएफओ की ओर से जारी पेरोल डेटा के अनुसार ईपीएफओ ने फरवरी 2022 के दौरान कुल 14.12 लाख नए ग्राहक बनाए हैं। पेरोल डेटा के अनुसार जनवरी, 2022 के पिछले महीने की तुलना में फरवरी, 2022 में 31,826 नए ग्राहक जुड़े हैं। साल-दर-साल विवरण के अनुसार फरवरी 2022 के दौरान फरवरी 2021 की तुलना में कुल 1,74,314 नए ग्राहक बनाए गए। अक्टूबर 2021 से नए ग्राहकों की संख्या में लगातार वृद्धि हुई है।

पेरोल डेटा के अनुसार फरवरी 2022 के दौरान 22-25 वर्ष आयु- वर्ग के सबसे अधिक 3.70 लाख नए ग्राहक बने, इसके बाद 2.98 नए ग्राहकों के साथ 29-35 वर्ष के आयु- वर्ग का दूसरा स्थान है। 18-25 वर्ष आयु- वर्ग के नए ग्राहकों की संख्या माह के दौरान बनाए गए कुल ग्राहकों का 45 प्रतिशत है। यह दिखाता है कि संगठित क्षेत्र के कार्यबल में रोजगार के इच्छुक बहुत से लोग पहली बार बड़ी संख्या में शामिल हो रहे हैं।

पेरोल के आंकड़ों की राज्य-वार डेटा में महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, हरियाणा, गुजरात और दिल्ली राज्यों के प्रतिष्ठान महीने के दौरान लगभग 9.52 लाख नए ग्राहक बनाकर सबसे आगे हैं, जो कि सभी आयु समूह में कुल नए पेरोल का लगभग 67.49 प्रतिशत है।

फरवरी माह के दौरान लगभग 3.10 लाख नए महिला पेरोल जोड़े गए। फरवरी, 2022 के दौरान महिला नामांकन का हिस्सा कुल ग्राहकों की संख्या का लगभग 21.95 प्रतिशत है, जो जनवरी, 2022 के पिछले महीने की तुलना में कुल 22,402 ज्यादा है। नौकरियों की तलाश में लगे युवाओं के लिए यह खबर उनके चेहरे पर मुस्कान लाने वाली साबित हो सकती है। पहली बार नौकरी चाहने वाले बड़ी संख्या में संगठित क्षेत्र के वर्कफोर्स में शामिल हो रहे हैं। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के अनुसार वित्त वर्ष 2018-19 में 1.49 करोड़, वित्त वर्ष 2019-20 में 1.51 करोड़ और वित्त वर्ष 2020-21 में 1.15 करोड़ नए सदस्य जुड़े हैं।

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन संगठित क्षेत्र में 15,000 रुपये से अधिक का मूल वेतन पाने वाले और कर्मचारी पेंशन योजना-1995 (EPS-95) के तहत अनिवार्य रूप से नहीं आने वाले कर्मचारियों के लिए एक नई पेंशन योजना लाने पर विचार कर रहा है। वर्तमान में संगठित क्षेत्र के वे कर्मचारी जिनका मूल वेतन (मूल वेतन और महंगाई भत्ता) 15,000 रुपये तक है, अनिवार्य रूप से ईपीएस-95 के तहत आते हैं। एक अनुमान के अनुसार, पेंशन योग्य वेतन बढ़ाने से संगठित क्षेत्र के 50 लाख और कर्मचारी ईपीएस-95 के दायरे में आ सकते हैं।

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