प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार किसानों की आय बढ़ाने को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है। इसके लिए मोदी सरकार ने अपने स्तर पर कई बड़े कदम उठाए हैं। इनमें खेती की लागत में कमी लाने और उसकी उपज का उचित मूल्य दिलाने का प्रयास शामिल है। मोदी सरकार के प्रोत्साहन और किसानों की कड़ी मेहनत का परिणाम है कि कोरोना महामारी के बावजूद कृषि क्षेत्र का प्रदर्शन अन्य क्षेत्रों के मुकाबले बेहतर रहा। इसका फायदा उठाते हुए सरकार ने कृषि उत्पादों के निर्यात में वृद्धि पर जोर दिया। भारत ने 2021-22 (अप्रैल-अगस्त) में कृषि संबंधी और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के निर्यात में पिछले वर्ष की इस अवधि की तुलना में 21.8 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की। कृषि उत्पादों का समग्र निर्यात 2020 के अप्रैल-अगस्त के 6,485 मिलियन डॉलर की तुलना में 2021 के अप्रैल-अगस्त के दौरान बढ़कर 7,902 मिलियन डॉलर तक पहुंच गया। इस बढ़ोतरी को किसानों की आय बढ़ाने के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता के प्रमाण के रूप में देखा जा रहा है।
वाणिज्य मंत्रालय के तहत कार्यरत कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) द्वारा की गई पहलों ने देश को ऐसे समय में यह उपलब्धि हासिल करने में सहायता की है जब अधिकांश व्यावसायिक गतिविधियों को कोरोना महामारी की दूसरी लहर आने के बाद लगाये जाने वाले प्रतिबंधों के कारण भारी झटका लगा था। गौरतलब है कि मोदी सरकार ने कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए मार्च 2021 में ‘एक जिला, एक विशेष उत्पाद’ योजना के तहत कृषि उत्पादों की सूची बनायी थी। जिसके लिए उत्पादों की पहचान देशभर के 728 जिलों के कृषि, बागवानी, पशु, मुर्गी पालन, दूध, मत्स्य पालन, जलीय कृषि और समुद्री क्षेत्रों से की गई थी। इसका मकसद उत्पादों की कीमतों में बढ़ोतरी करना और किसानों की आय दोगुना करने की दिशा में काम करना है।
किसानों की बढ़ेगी आमदनी |
कृषि उत्पाद | निर्यात में वृद्धि |
चावल | 13.7 % |
फल-सब्जी | 6.1 % |
प्रसंस्कृत खाद्य | 41.9 % |
मोटे अनाज | 142.1% |
काजू | 28.5 % |
मांस, डेयरी, पोल्ट्री उत्पाद | 31.1 % |
कृषि उत्पादों के निर्यात में वृद्धि के लिए पहल
- विभिन्न देशों में बी2बी प्रदर्शनियों का आयोजन
- भारतीय दूतावासों की सक्रिय भागीदारी में वृद्धि
- वर्चुअल तरीके से क्रेता-विक्रेता बैठकों का आयोजन
- 220 प्रयोगशालाओं को मान्यता और उन्नयन
- अवसंरचना विकास और गुणवत्ता सुधार पर जोर
- ऑॅर्गेनिक वर्ल्ड कांग्रेस, बायोफैक इंडिया कार्यक्रम
- ट्रैसियबिलिटी सिस्टमों का विकास और कार्यान्वयन
- अंतरराष्ट्रीय व्यापार सूचना का संकलन व विश्लेषण
- ‘एक जिला, एक विशेष उत्पाद’ के लिए सूची बनाना