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कोरोना की दूसरी लहर से निपटने के लिए पीएम मोदी की तरफ दुनिया के देशों ने बढ़ाया मदद का हाथ

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कोरोना महामाऱी से घिरा भारत आज सबसे बड़ा संकट काल से गुजर रहा है। ऐसे में इस महामारी की दूसरी लहर से निपटने के लिए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मदद करने के लिए दुनिया के कई देशों ने सहयोग के लिए अपना हाथ आगे बढ़ाया है। जिस प्रकार कोविड-19 की पहली लहर के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिना कोई भेदभाव किए मानव कल्याण के लिए पूरी दुनिया के देशों की मदद की उसी प्रकार दुनिया के अधिकांश देशों ने पीएम मोदी की मदद करने के लिए अपना हाथ आगे बढ़ाया है। विश्व के सबसे शक्तिशाली देशों में शामिल अमेरिका और रूस के साथ अन्य देशों ने इस महामारी से निपटने के लिए बड़ी सहायता भेजी। दुनिया के कई देशों से मिल रही मदद को तत्काल वितरण की प्रक्रिया में शामिल करने के लिए मोदी सरकार ने उच्च स्तरीय अंतरमंत्रालयी समूह का गठन किया है।  

दुनिया भर के देशों ने कोरोना वायरस की दूसरी लहर से बुरी तरह प्रभावित भारत को ऑक्सीजन संकेंद्रक, वेंटिलेटर और जीवन रक्षक दवाओं समेत अत्यावश्यक चिकित्सकीय सामग्री मुहैया कराने के प्रयास तेज कर दिए। फ्रांस, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, आयरलैंड, बेल्जियम, रोमानिया, लक्समबर्ग, पुर्तगाल और स्वीडन समेत कई देशों ने भारत को मदद देने की घोषणा की है।

फ्रांस ने भारत के लिए ‘‘एकजुटता अभियान’’ की घोषणा की। इसके तहत वह कोरोना वायरस वैश्विक महामारी से लड़ने में भारत की मदद के लिए ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र, वेंटीलेटर्स और अन्य चिकित्सा सामान भेजेगा। फ्रांस के मंत्रालय ने कहा कि वह कोविड-19 महामारी से बुरी तरह प्रभावित भारत के लोगों की मदद के लिए असाधारण एकजुटता अभियान चला रहा है। मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘मंत्रालय के संकट एवं सहयोग केंद्र और भारत में फ्रांस के दूतावास द्वारा चलाए गए इस अभियान के तहत इस हफ्ते के अंत तक वायु एवं समुद्री मार्ग से चिकित्सकीय सामान की आपूर्ति की जाएगी।’’ भारत में फ्रांस के राजदूत एमैनुअल लेनिन ने कहा कि भारत और यूरोपीय संघ में मौजूद फ्रांसीसी कंपनियों के सहयोग से ‘‘बड़ा एकजुटता अभियान’’ चलाया जा रहा है। फ्रांस के विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत को की जाने वाली चिकित्सकीय आपूर्ति में आठ ऑक्सीजन जेनरेटर शामिल हैं, जिनमें से प्रत्येक में करीब 10 वर्षों के लिए 250 बिस्तर वाले अस्पताल के लिए ऑक्सीजन की अबाधित आपूर्ति की क्षमता है।फ्रांस लिक्विड मेडिकल ऑक्सिजन के पांच कंटेनर भेज रहा है, जो एक दिन में 10,000 मरीजों को ऑक्सीजन की आपूर्ति करने में सक्षम हैं। उसने बताया कि वह भारत को 28 वेंटिलेटर भी भेज रहा है। यूरोपीय संघ (ईयू) के कई सदस्य देश कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर से निपटने में मदद के लिए भारत को ऑक्सीजन संकेंद्रक और वेंटिलेटर जैसी मेडिकल सप्लाई भेज रहे हैं।

ईयू के अनुसार, नागरिक रक्षा तंत्र के तहत आयरलैंड 700 ऑक्सीजन कॉन्सनट्रेटर, एक ऑक्सीजन जेनरेटर और 365 वेंटिलेटर भारत को भेज रहा है, जबकि बेल्जियम विषाणु रोधी दवा रेमडेसिविर की 9,000 खुराक तथा स्वीडन 120 वेंटिलेटर उपलब्ध करा रहा है। रोमानिया 80 ऑक्सीजन संकेंद्रक, 75 ऑक्सीजन सिलेंडर और लग्जमबर्ग 58 वेंटिलेटर भारत भेज रहा है। पुर्तगाल रेमडेसिविर की 5,503 शीशियां तथा हर सप्ताह 20,000 लीटर ऑक्सीजन भारत भेजने की प्रक्रिया में है।

जर्मनी मोबाइल ऑक्सिजन उत्पादन प्लांट भेज रहा है, जिसे तीन महीने के लिए उपलब्ध कराया जाएगा। इसके आलावा वह 120 वेंटिलेटर और आठ करोड़ के एन-95 मास्क भेजेगा। इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और भूटान समेत कई अन्य देश भी भारत को मदद दे रहे हैं।

रूस से भेजी मेडिकल उपकरण और दवाईयों से भरे दो कार्गों प्‍लेन गुरुवार को दिल्‍ली में उतर चुके हैं, वहीं, अमेरिका भी चिकित्सा आपूर्ति की पहली खेप डिस्‍पैच कर दी है। वह शुक्रवार को शाम तक भारत पहुंच जाएगी. अमेरिका भारत को 100 मिलियन डॉलर की मेडिकल सहायता कर रहा है।

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