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एजेंडा पत्रकारों के प्रोपेगेंडा की फिर खुली पोल, मुस्लिम युवक द्वारा अनुभव शर्मा के दाह संस्कार का दावा निकला झूठा

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एजेंडा पत्रकारों और वामपंथियों के लिए कोरोना की दूसरी लहर अवसर बनकर आयी है। प्रोपेगेंडा फैलाने के लिए कोरोना महामारी का खूब इस्तेमाल किया जा रहा है। इसमें सेक्युलर गैंग भी काफी सक्रिय हो चुका है। सबसे ताजा उदाहरण कल तब देखने को मिला, जब अनुभव शर्मा का नाम लेकर एक तस्वीर वायरल हुई और दावा कर दिया गया कि उनका दाह संस्कार मोहम्मद यूनुस ने किया है। लेकिन यह दावा जल्दी ही झूठा साबित हो गया।

इस तस्वीर को एजेंडा और वामपंथी पत्रकारों में शामिल रवीश कुमार, अभिसार शर्मा, मोहम्मद जुबेर समेत कई मीडिया गिरोह के लोगों ने जमकर शेयर किया। इस तस्वीर को शेयर करते हुए कहानी तैयार की गई कि  अनुभव शर्मा की मौत कोरोन की वजह से हो गई थी। इस लिए उनके परिवार के लोग भी जब दाह संस्कार को आगे नहीं आए, तब मोहम्मद यूनुस ने उनका अंतिम संस्कार किया। इस तस्वीर को आधार बनाकर संदेश दिया गया कि धर्म की राजनीति करने वालों को कोरोना महंगा पड़ रहा है।

जब इस मामले में अनुभव शर्मा के भाई शरद शर्मा से बात की गई, तो हैरान करने वाली सच्चाई सामने आई और एजेंडा पत्रकारों की पोल खुल गई। शरद ने कहा कि उनके भाई की कोरोना से मृत्यु नहीं हुई थी। किसी ने झूठ प्रकाशित करने से पहले परिवार से सच जानने का प्रयास नहीं किया। जो पोस्ट वायरल है, उसके अनुसार मो यूनुस ने अनुभव का अंतिम संस्कार किया। वो बिलकुल झूठ है।

स्वराज्य की रिपोर्ट के अनुसार, शरद ने कहा, “मैंने अपने भाई का अपने हाथ से अंतिम संस्कार किया। मेरे समुदाय और मेरे घर के लोग वहां मौजूद थे।” उनके मुताबिक, “यूनुस फैमिली बिजनेस में ड्राइवर के तौर पर काम करते हैं और अनुभव के दोस्त भी थे, लेकिन अनुभव का दाह संस्कार सिर्फ़ मैंने ही किया है। अमर उजाला की रिपोर्ट फेक है, इसमें दिए गए बयान का सोर्स भगवान जाने कौन है। किसी ने न हमसे बात की, न यूनुस से।”

शरद ने ये भी कहा, “तस्वीर में आग पकड़ाने के लिए युनूस ‘राल (एक तरह का पाउडर)’ डालता दिख रहा है… उससे पहले, हमारे पंडितजी ने भी 5 किलो राल डाला लेकिन किसी ने उनकी तस्वीर नहीं शेयर की।” शरद के अनुसार, “वहाँ खड़ा हर व्यक्ति एकजुटता दिखा रहा था। उससे कोई समस्या नहीं है। लेकिन सच यही है कि मैंने अपने भाई का अंतिम संस्कार किया।”

शरद ने बताया कि उनके भाई को 4-5 दिन से बाजुओं में दर्द था। डॉक्टरों ने कहा कि सर्वाइकल था। वह पूछते हैं, “अगर मेरे भाई को कोरोना होता तो क्या प्रशासन इस प्रकार दाह संस्कार करने की अनुमति देता?” तस्वीर वायरल होने पर उन्होंने कहा कि वह कोई तस्वीर खींचने वाला मौका नहीं था। हमें नहीं पता किसने यूनुस की तस्वीर खींची। लेकिन मुझे मालूम है जिसने फोटो ली, उसने मेरी और मेरे परिवार की भी ली होगी।

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