प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूं तो अपने मन की बात कार्यक्रम में अधिकतर सामाजिक बातों को महत्व देते हैं। लेकिन 25 जून को मन की बात में उन्होंने आपातकाल की 42वीं वर्षगांठ पर उस ‘काले’ दौर को भी याद किया। दरअसल ये मुद्दा जितना राजनीतिक था, उससे कहीं ज्यादा सामाजिक था। प्रधानमंत्री स्वयं भी आपातकाल के उस दौर में राजनीतिक-सामाजिक बंदिशों के भुक्तभोगी हैं। उन्होंने 21 महीनों तक देश में लगे आपातकाल की पीड़ा को झेला है। वे इस बात के गवाह हैं कि कैसे आम लोगों पर पुलिस जुल्म ढाती थी। कैसे लोगों की अभिव्यक्ति पर पाबंदी लगा दी गई थी। कैसे लाठी के जोर से लोगों के मूलभूत अधिकारों को खत्म कर दिया गया था। कैसे बेमतलब की बातों को लेकर आम लोगों को जेल में ठूंस दिया जाता था। कैसे लोकतंत्र की आत्मा पर चोट पहुंचाई गई थी।
प्रधानमंत्री ने उस दौर को स्मरण करते हुए कहा, ”1975 में 25 जून ऐसी काली रात थी जो कोई भारतवासी भुला नहीं सकता है। तब देश को जेल में बदल दिया गया था और विरोधी स्वर को दबा दिया गया था। न्याय व्यवस्था भी आपातकाल के भयावह रूप से बच नहीं पाई थी। अखबारों को तो बेकार कर दिया गया था।”
पीएम मोदी ने इस अवसर पर अटल बिहारी वाजपेयी की लिखी उस कविता का भी जिक्र किया जो उन्होंने आपातकाल के दौरान लिखी थी। दरअसल उस समय अटल बिहारी वाजपेयी भी जेल में थे, एक वर्ष पूरे होने पर उन्होंने एक कविता लिखी थी। पीएम मोदी ने इसे अपने स्वर में श्रोताओं तक पहुंचाया।
झुलसाता जेठ मास
शरद चांदनी उदास
सिसकी भरते सावन का
अंतर्घट रीत गया
एक बरस बीत गया
सींखचों में सिमटा जग
किंतु विकल प्राण विहग
धरती से अम्बर तक
गूंज मुक्ति गीत गया
एक बरस बीत गया
पथ निहारते नयन
गिनते दिन पल छिन
लौट कभी आएगा
मन का जो मीत गया
एक बरस बीत गया
पीएम मोदी ने कविता खत्म करते हुए कहा कि लोकतंत्र का भाव हमारी अमर विरासत है जिसे हमें और सशक्त करना है। लेकिन कुछ कांग्रेसियों और विरोधियों को पीएम मोदी की कही गई ये सच्चाई बर्दाश्त नहीं हुई। कुछ ने तो उस दौर के आपातकाल की तुलना मोदी सरकार के तीन साल से कर दी। कुछ ने कहा कि यहां अघोषित आपातकाल लग गया है।
What kind of cruel stone heart it is of he who wakes up, looks at newspaper, but doesn’t mention Muslims being lynched #MannKiBaat
— Sanjukta Basu (@sanjukta) June 25, 2017
There was emergency and there is emergency right now in #LynchRaj . Dare to talk about it. #MannKiBaat #Modi #BJP
— Devika Mittal (@devikasmittal) June 25, 2017
सबसे दिलचस्प प्रतिक्रिया रही कांग्रेस नेता टॉम वडक्कन की। उन्होंने कहा कि आपातकाल एक गलती थी जिसे हम स्वीकार करते हैं, लेकिन अभी तो अघोषित आपातकाल है। टॉम वडक्कन को यह पता तो होना चाहिए था कि कोई गलती 21 महीनों तक के लिए कैसे हो सकती है? क्या उन्हें नहीं पता कि किस बर्बर तरीके से विपक्षी नेताओं के साथ कांग्रेस ने व्यवहार किया था? बहरहाल वडक्कन की इस प्रतिक्रिया के बाद तो ट्विटरपर उनकी धज्जियां उड़ने लगीं। उन्हें जमकर कोसा जाने लगा। आइये देखते हैं कुछ ऐसी ही प्रतिक्रियाएं-
Yes, we remember the emergency. But, also ask him (PM) to remember that we are facing an undeclared emergency: Congress leader Tom Vadakkan
— ANI (@ANI_news) June 25, 2017
Exposing Corruption, Communal & #AntiNational face of @INCIndia by PM @narendramodi , is undeclared emergency for CONgitards. https://t.co/djig3i7ccL
— Hi (@Helll000) June 25, 2017
really then Why are U , out of jail and Speaking freely , emergency imposed by Congress PM Indira Gandhi Dhakan
— Shankar (@gorishankaryad1) June 25, 2017
Ok for 21 months u impose emergency and now u say it was a mistake. U didn’t understand mistake in those 21 months? Get a life @INCIndia
— मंथन कामदार (@manthankamdar87) June 25, 2017
Has someone forcibly vasectomized him? Are opposition leaders in jail? Even convicted Lalu is out on bail. Ah then no emergency my boy. https://t.co/fajyoWU86S
— Sir CBG (@OnlyNakedTruth) June 25, 2017
आपातकाल को काला अध्याय बताकर कांग्रेसियों के दिल में घाव दिया और फिर अटल जी की कविता का पाठ करके उसपे नमक भी छिड़क दिया। #MannKiBaat pic.twitter.com/l2Wtylt1DO
— Sone Lal Singh?? (@I_am_Singh1) June 25, 2017
After #MannKiBaat all our media house only highlightes PM’s Emergency statement not all other good statements. #Presstitutes
— AMIT BANSAL (@amit7794) June 25, 2017
There is an undeclared emergency still Tom Vadakkan is free to speak like that & their leaders in MP are able to ignite violence, how?? https://t.co/LBve8gKoTw
— shashi (@shashibpd) June 25, 2017
According to Vadakkan since @INCIndia and his leader bar waitress mafia queen Sonia is out of power , they are facing undeclared emergency
— Secular Saudagar (@LawlessRazor) June 25, 2017