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बिहार की सरकार में ‘चोरों के सरदार’ मंत्री सुधाकर सिंह ने भी दिया इस्तीफा,  भ्रष्टाचार और नीतीश की कार्यशैली के चलते नाराजगी बढ़ी, केवल 32 दिन में दूसरे मंत्री ने भी साथ छोड़ा

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बिहार की नई नीतीश-तेजस्वी सरकार में कृषि विभाग के मंत्री सुधाकर सिंह के उस बयान ने, जिसमें उन्होंने अपने विभाग के अफसरों को चोर और खुद को चोरों का सरदार कहा था, से बवंडर जैसी स्थिति है। दरअसल, कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने अपनी ही सरकार के अंदर विभिन्न विभागों में चल रहे भ्रष्टाचार की कलई खोल कर रख दी है। उन्होंने माप-तौल विभाग तो वसूली विभाग बताया है और कृषि को चोरों के विभाग की संज्ञा दी है। उन्होंने यह भी कहा कि आजकल बीज निगम किसानों को नकली बीज दे रहा है। यह सारी गड़बड़ियां सामने लाने और सीएम नीतीश कुमार को बताने के बावजूद वे मौन हैं। इससे नाराज होकर कृषि मंत्री ने इस्तीफा दे दिया। नई नीतीश सरकार में नाराजगी के चलते 32 दिन में यह दूसरे मंत्री का इस्तीफा है। इससे पहले मंत्री कार्तिक सिंह ने इस्तीफा दिया था।सीएम नीतीश गड़बड़ियों को ठीक करने के बजाए सुधाकर  से नाराज हो गए
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नाराजगी के बाद बिहार के कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने रविवार को मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। ये वही मंत्री हैं, जिन्होंने नीतीश बाबू के सुशासन की परतें उधेड़ते हुए कहा था कि मेरे विभाग में बहुत चोर हैं और मैं उन सभी चोरों का सरदार। सुधाकर सिंह ने दूसरे विभागों के भ्रष्टाचरण पर भी सवाल उठाए थे। सीएम गड़बड़ियों को ठीक करने के बजाए उलटे सुधाकर सिंह से नाराज हो गए। इसीलिए इस्तीफा आते ही सीएम ने तत्काल स्वीकार करते हुए राज्यपाल को अपनी अनुशंसा भेज दी है। पर्यटन मंत्री कुमार सर्वजीत को कृषि विभाग आवंटित किया गया है। जबकि पर्यटन विभाग का प्रभार डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को दिया है।

सिंह ने कृषि योजनाओं में फैले भ्रष्टाचार का सच मुख्यमंत्री के सामने रखा
दरअसल, नई नीतीश- तेजस्वी सरकार में कृषि विभाग के मंत्री सुधाकर सिंह के चोरों के सरदार वाले बयान से बवंडर जैसी स्थिति है। बताते हैं कि कैबिनेट की बैठक में एजेंडों पर बातचीत खत्म होने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सुधाकर सिंह को टोक दिया। मुख्यमंत्री का टोकना सफाई मांगना ही कहा जाएगा। फिर क्या था, इसके बाद सुधाकर ने भी दो टूक जवाब दे दिया कि विभाग में अफसरशाही हावी है। कृषि की योजनाएं जमीन पर नहीं उतर रही है। सुधाकर ने कृषि से जुड़ी कई योजनाओं का सच मुख्यमंत्री के सामने रख दिया कि किस तरह से भ्रष्टाचार फैला है। सुधाकर ने यहां तक कह दिया कि हमको जनता को जवाब देना है, किसानों को जवाब देना है। सुधाकर सिंह सूखा पर केन्द्रित मुख्यमंत्री की अगस्त और सितंबर माह की बैठक में शामिल नहीं हुए थे, लेकिन वे कैबिनेट की बैठक में आए थे।

लालू प्रसाद को भी बताया कि सरकार में अफसरशाही और भ्रष्टाचार चरम पर है
सुधाकर सिंह ने कई बार कैमरे के सामने भी कहा कि वे अपने बयान पर कायम हैं। सुधाकर सिंह ने कृषि विभाग को रद्दी विभाग बताया था। उन्होंने यह भी कहा था कि कहीं यह सब कहने की वजह से उन्हें चलता न कर दिया जाए। वे लालू प्रसाद से भी मिलने गए और वहां भी अपनी बात साफगोई से रखी। उन्होंने बताया कि सरकार में अफसरशाही और भ्रष्टाचार चरम पर है और ऐसे में काम करना मुश्किल है। जनता को हमलोग किस मुंह से जवाब देंगे! लालू प्रसाद, राबड़ी देवी के आवास में मुलाकात के बाद जब सुधाकर बाहर निकले तो फिर से कहा कि वे अपने बयान पर अडिग हैं।

बाहुबली नेता अनंत सिंह के करीबी मंत्री कार्तिक सिंह ने भी दिया था इस्तीफा
बिहार में महागठबंधन की सरकार बनते ही मंत्रिमंडल में शामिल चेहरों पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। कृषि मंत्री सुधाकर सिंह के घेरे में आने से पहले सबसे ज्यादा सवालिया निशान मंत्री कार्तिक सिंह पर लगे। कार्तिक को राजद के बाहुबली नेता अनंत सिंह का करीबी माना जाता है। मंत्री बनाए जाने के एक दिन बाद से ही उन्हें लेकर विवाद हो गया था। अपहरण के एक मामले में उन्हें 16 अगस्त को पटना की अदालत में समर्पण करना था, किंतु उसी दिन उन्होंने राजद कोटे से बिहार सरकार में मंत्री के रूप में शपथ ली थी। उसके बाद से ही भाजपा लगातार हमलावर थी। इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को कार्तिक का विभाग बदलना पड़ा। लेकिन शाम होते ही कार्तिक सिंह ने मुख्यमंत्री को अपना इस्तीफा सौंप दिया।

केवल 32 दिन में दो मंत्रियों का इस्तीफा, दोनों ही नीतीश के नए दोस्त राजद से थे मंत्री
काबिले जिक्र है कि महागठबंधन की सरकार में 32 दिन में ये दूसरे मंत्री का इस्तीफा है। दोनों ही राजद कोटे के मंत्री थे। इससे पहले 31 अगस्त को पूर्व कानून मंत्री कार्तिक सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दिया था। वो अपहरण के एक केस में कोर्ट की नजर में फरार थे। अब कृषि मंत्री ने अपना त्याग पत्र दिया है। राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कहा है कि बिहार के कृषि मंत्री ने अपना त्याग पत्र बिहार सरकार को दे दिया है। हम नहीं चाहते हैं कि अब यह लड़ाई और आगे बढ़े।

नीतीश तो तेजस्वी के जेल जाने का इंतजार और तेजस्वी को सीएम बनने की जल्दी
सुशील मोदी ने ट्वीट कर लिखा है कि बेहद कम समय में ही बिहार सरकार का दूसरा विकेट गिरा है। अभी नीतीश कुमार की और फजीहत होना बाकी है। यह लड़ाई अब जगता बाबू बनाम नीतीश कुमार की लड़ाई में बदल गई है। अगला विकेट जगता बाबू का भी हो सकता है? बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा कि बिहार में किसान परेशान है। उन्होंने कृषि विभाग के भ्रष्टाचार का मामला उठाया था। सरकार में अफसरशाही हावी है। हालात यह हैं कि नीतीश तो तेजस्वी के जेल जाने का इंतजार कर रहे हैं और तेजस्वी को मुख्यमंत्री बनने की जल्दी है।

 

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