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Common Man के ‘मुखौटे’ से Corruption तक: जानिए कैसे ‘घूसखोर’ बने Kejriwal शराब घोटाले में फंसे, ‘इंडिया अगेंस्ट करप्शन’ से जन्मे आम आदमी की ‘खास आदमी’ बनकर जेल जाने की पूरी कहानी

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करीब तेरह बरस पहले कमोबेश इन्हीं दिनों की बात है। देश में कांग्रेस नीत मनमोहन सरकार का ‘भ्रष्टाचार-युक्त’ शासन उफान पर था। ऐसे में एक भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन ‘इंडिया अगेंस्ट करप्शन’ खड़ा हुआ, जिसका नेतृत्व जाने-माने सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने किया। दिल्ली के जंतर-मंतर पर अन्ना हजारे 5 अप्रैल 2011 से अनशन पर बैठे। भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में अन्ना हजारे का साथ देने के लिए देशभर से लोग दिल्ली आए और इन्हीं लोगों में से एक अरविंद केजरीवाल भी था। केजरीवाल और उनकी मंडली ने धीरे-धीरे आंदोलन को हाइजैक कर लिया और ‘आम आदमी’ का स्वांग रचकर दिल्ली के मुख्यमंत्री की कुर्सी तक जा पहुंचे। इस बीच अन्ना हजारे मतभेदों के चलते केजरीवाल से अलग हो गए। ईश्वर का इंसाफ देखिए कि भ्रष्टाचार के खिलाफ ‘दिखावटी’ लड़ाई से ‘इंडिया अगेंस्ट करप्शन’ आंदोलन के जरिए सार्वजनिक जीवन में उभरे सीएम अरविंद केजरीवाल अब करोड़ों के भ्रष्टाचार के मामले में ही गिरफ्तार हुए हैं। वह भी उस संगीन शराब घोटाले के मामले में, जिसमें केजरीवाल सरकार में डिप्टी सीएम रहे मनीष सिसोदिया और सांसद संजय सिंह पहले ही जेल की सलाखों के पीछे हैं। आंदोलन की शुरुआत में केजरीवाल के साथी रहे कवि कुमार विश्वास ने सीएम की गिरफ्तारी के बाद लिखा-‘कर्म प्रधान विश्व रचि राखा। जो जस करहि सो तस फल चाखा।।’आप के 17 नेता जेल जा चुके, सिसोदिया 13 माह व जैन 23 माह से सलाखों में हैं
‘इंडिया अगेंस्ट करप्शन’ के जिस आंदोलन के जरिए आम आदमी पार्टी का जन्म हुआ, उसके सीएम समेत 17 नेता जेल जा चुके हैं। तब अन्ना हजारे आंदोलन की नींव पर राजनीतिक दल नहीं खड़ा करना चाहते थे, लेकिन केजरीवाल की राजनीतिक लिप्सा से आम आदमी पार्टी का उदय हुआ। लेकिन पार्टी और उसके नेता साल दल साल भ्रष्टाचार के दलदल में धंसते ही चले गए।
मनीष सिसोदियाः सरकार में नंबर दो और डिप्टी सीएम थे। 26 फरवरी 2023 को सीबीआई ने शराब घोटाले में गिरफ्तार किया। उन पर शराब नीति का मसौदा तैयार करने और भ्रष्टाचार के सबूत मिटाने के संगीन आरोप हैं।
सत्येंद्र जैनः ये भी केजरीवाल सरकार में स्वास्थ्य मंत्री थे। मई 2022 में हवाला में गिरफ्तार हुए। इससे भी एजेंसियों ने शराब नीति के बारे में पूछताछ की है।
संजय सिंहः आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह को ईडी ने दिनेश अरोड़ा की गवाही पर अक्टूबर 2023 में गिरफ्तार किया। संजय सिंह के जरिए ही अरोड़ा की मुलाकात मनीष सिसौदिया से हुई थी।
इनके अलावा, अमानतुल्ला खान, सोमनाथ भारती, संदीप कुमार, नरेश यादव, दिनेश मोहनिया, जगदीप सिंह, सुरिंदर सिंह, प्रकाश जरवाल समेत 14 और आप नेता जेल जा चुके हैं।शराब घोटाला के सीएम 32वें आरोपी, 2,873 करोड़ का नुकसान, 100 करोड़ ‘घूस’
दिल्ली के सबसे बड़े शराब घोटाले को इसी से समझा जा सकता है कि ईडी की पड़ताल में सामने आया है कि शराब नीति से दिल्ली सरकार को 2,873 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। आरोप है कि दक्षिण भारत के शराब कारोबारियों को फायदा पहुंचाने के लिए 136 करोड़ रुपये की लाइसेंस फीस माफ की गई थी। इसके एवज में 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली गई। ईडी का दावा है कि इसमें पूर्व मुख्यमंत्री की बेटी और बीआरएस नेता के.कविता भी शामिल थीं। ईडी उनको भी गिरफ्तार कर चुकी है। शराब घोटाले में अब तक 6 चार्जशीट दाखिल हो चुकी हैं। इस घोटाले में गिरफ्तार होने वाले केजरीवाल 32वें आरोपी हैं।

केजरीवाल को ईडी के 10 समन, हर बार टालमटोल, दो घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तार
शराब घोटाले के मामले में केजरीवाल को पूछताछ के लिए ईडी ने नौ बार समन जारी किए, लेकिन केजरीवाल ने इन्हें गंभीरता से नहीं लिया और टालमटोल की नीति अपनाते रहे। दिल्ली में 21 मार्च 2024 को दसवें समन के बाद तेजी से घटनाक्रम बदला और केंद्रीय एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी की तरफ से दो घंटे की कड़ी पूछताछ के बाद अरविंद केजरीवाल गिरफ्तार कर लिए गए, क्योंकि उसके पहले दिल्ली हाईकोर्ट से उन्हें गिरफ्तारी पर अंतरित राहत नहीं मिली थी। केजरीवाल ऐसे पहले सीएम बन गए हैं, जो पद पर रहते हुए ही जेल गए हैं। आज गिरफ्तारी की गिरफ्तारी पर अन्ना हजारे कहते हैं- उनकी गिरफ्तारी उनके अपने कर्मों के कारण हुई है।’ अन्ना हजारे अपना गुस्सा जाहिर करते हुए कहते हैं- ‘मैं इस बात से बहुत परेशान हूं कि जो केजरीवाल मेरे साथ काम करते थे, शराब के खिलाफ आवाज उठाते थे, अब शराब नीतियां बना रहे हैं।’ईडी की टीम के वो सात सवाल जिनका सीएम केजरीवाल जवाब नहीं दे पाए!
1.सरकारी कंपनियों से लेकर शराब वितरण का काम प्राइवेट कंपनियों को क्यों दिया गया?
2) आपकी मौजूदगी में शराब कमीशन को 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत किया गया था या नहीं?
3) शराब के कमीशन को होलसेलर के लिए 5 प्रतिशत से 12 प्रतिशत बढ़ाने का आपने विरोध क्यों नहीं किया?
4) के. कविता ने शराब का कमीशन 5 प्रति बढ़ाकर 12 प्रतिशत करने का विरोध किया, उसे क्यों हटा दिया गया?
5) शराब कारोबारी समीर महेंद्रू को विजय नायर को माई बॉय बताकर पैसे देने का भरोसा करने के लिए फेसटाइम पर कहा या नहीं?
6) शराब के कमीशन को रिटेलर के लिए 185 प्रतिशत कर दिया गया, इसकी जानकारी आपको थी या नहीं?
7) आबकारी नीति की योजना किसने तैयार की थी? यह योजना किसकी थी?

सबसे बड़े शराब घोटाले में ऐसे फंसते चले गए सीएम अरविंद केजरीवाल
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ईडी ने पिछले साल 2 नवंबर को पहला समन भेजा था। ये समन प्रिवेन्शन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत जारी किया गया था। ईडी की ओर से जारी चार्जशीट में आरोप है कि जब एक्साइज पॉलिसी 2021-2022 तैयारी की जा रही थी, उस वक्त केजरीवाल, आरोपियों के संपर्क में थे। ईडी ने इस मामले में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की नेता के. कविता के अकाउंटेंट बुची बाबू के बयान भी दर्ज किए। बुची बाबू ने बयान दिया है कि के. कविता, केजरीवाल और मनीष सिसोदिया के बीच पहले से इस ‘खेल’ के बारे में बात हो चुकी थी. यही नहीं इसे लेकर कविता ने मार्च 2021 में विजय नायर से मुलाकात भी की थी। इस मामले में गिरफ्तार दिनेश अरोड़ा ने ईडी को बताया था कि उसने केजरीवाल से उनके आवास पर मुलाकात की थी। उसने बताया कि वाईएसआर कांग्रेस के सांसद मंगुटा श्रीनिवासुलु रेड्डी और केजरीवाल के बीच कई मीटिंग भी हुई थी। इसके बाद ही सीएम केजरीवाल ने दिल्ली के शराब करोबार में रेड्डी की एंट्री का स्वागत किया था।केजरीवाल और सिसोदिया ने मेरी बात नहीं मानी, इसलिए गिरफ्तार- हजारे
अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर अन्ना हजारे की पहली प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने कहा है कि केजरीवाल ने उनकी बात नहीं मानी इसलिए गिरफ्तार हो गए। उन्होंने कहा कि जब अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया उनके साथ थे तभी उन्होंने कहा था कि देश की भलाई को पहले रखना। लेकिन उन्होंने इस पर ध्यान नहीं दिया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हजारे ने कहा है कि अब वो केजरीवाल को कोई सलाह नहीं देंगे। केजरीवाल ने उनकी बात नहीं मानी। हजारे ने कहा कि उन्हें केजरीवाल की हालत पर दुख नहीं होता। बकौल हजारे उन्होंने मुख्यमंत्री बनने के बाद केजरीवाल को शराब नीति के संबंध में दो बार चिट्ठी लिखी थी। लेकिन उन्होंने हजारे की बात नहीं मानी और गिरफ्तार हो गए।

गिरफ्तारी को चैलेंज की अर्जी अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट से वापस ली
केजरीवाल को दिल्ली के कथित शराब घोटाला मामले में गिरफ्तार किया गया है। इस नीति को 2021 में लागू किया गया था। इस मामले में केजरीवाल ED के 9 समन को नजरअंदाज कर चुके थे। जिसके बाद 21 मार्च को ED ने उन्हें 10वां समन सौंपा और पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद ED केजरीवाल को स्पेशल PMLA कोर्ट में पेश करने वाली है। जहां दिल्ली के मुख्यमंत्री के हिरासत की मांग की जा सकती है। इससे पहले केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट का रूख किया था। अपनी गिरफ्तारी को चैलेंज करते हुए उन्होंने तुरंत सुनवाई की मांग की थी। सुनवाई की अर्जी स्वीकार कर ली गई, लेकिन सुनवाई होने से पहले ही केजरीवाल ने अपनी अर्जी वापस ले ली। इस मामले में ED ने अदालत में कैविएट दाखिल किया था और सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि इस मामले में कोई भी फैसला सुनाने से पहली उनकी बात सुनी जाए।कोरोना की आड़ में शराब ठेकेदारों की 144.36 करोड़ की लाइसेंस फीस माफ की
दिल्ली के करोड़ों के शराब घोटाले में यह चौथे बड़े नेता की गिरफ्तारी है। इससे पहले जांच एजेंसियां दिल्ली के उप मुख्यमंत्री रहे मनीष सिसोदिया, राज्यसभा सांसद संजय सिंह और बीआरएस नेता के.कविता को गिरफ्तार कर चुकी है। दिल्ली के सबसे बड़े घोटाले के बाबत सीबीआई और ईडी के हाथ ऐसे पुख्ता सुबूत लगे हैं, जिससे इन नेताओं का बचना मुश्किल है। सीबीआई ने दावा किया कि उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के करीबी सहयोगियों को शराब व्यापारी समीर महेंद्रू ने 5 करोड़ रुपये का भुगतान किया था। आबकारी नीति 2021-22 को तैयार करने और इसके क्रियान्वयन में भ्रष्टाचार पर अपनी प्राथमिकी में सीबीआई ने कहा है कि इंडोस्पिरिट्स के एमडी समीर महेंद्रू ने नई दिल्ली के राजेंद्र प्लेस में स्थित यूको बैंक की शाखा में राधा इंडस्ट्रीज के खाते में 1 करोड़ रुपये की रकम भेजी थी। राधा इंडस्ट्रीज का प्रबंधन दिनेश अरोड़ा कर रहे हैं, जो दिल्ली के डिप्टी सीएम सिसोदिया के करीबी सहयोगी हैं। इसके अलावा मुख्य सचिव नरेश कुमार की एलजी को सौंपी गोपनीय रिपोर्ट से यह खुलासा हुआ है कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने कोरोना की आड़ में शराब ठेकेदारों की 144.36 करोड़ रुपये की लाइसेंस फीस ही माफ कर दी।

सिसोदिया के करीबी शराब लाइसेंसधारियों से एकत्रित करते थे अनुचित आर्थिक लाभ
सीबीआई के मुताबिक मनोरंजन और इवेंट मैनेजमेंट कंपनी ‘ओनली मच लाउडर’ के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) विजय नायर, पर्नोड रिकार्ड के पूर्व कर्मचारी मनोज राय, ब्रिंडको स्पिरिट्स के मालिक अमनदीप ढल तथा इंडोस्पिरिट्स के मालिक समीर महेंद्रू सक्रिय रूप से पिछले साल नवंबर में लाई गई आबकारी नीति का निर्धारण और क्रियान्वयन में अनियमितताओं में शामिल थे। एजेंसी ने आरोप लगाया कि गुरुग्राम में बडी रिटेल प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक अमित अरोड़ा, दिनेश अरोड़ा और अर्जुन पांडे, सिसोदिया के ‘करीबी सहयोगी’ हैं और आरोपी लोक सेवकों के लिए ‘शराब लाइसेंसधारियों से एकत्र किए गए अनुचित आर्थिक लाभ के प्रबंधन और स्थानांतरण करने में सक्रिय रूप से शामिल थे।

दिल्ली सरकार ने नई एक्साइज पॉलिसी में 100 प्रतिशत दुकानें निजी हाथों में सौंप दीं
दरअसल, दिल्ली सरकार के शराब घोटाले का खेल पिछले साल ही शुरू हो गया था। सरकार ने 17 नवंबर 2021 को दिल्ली में नई एक्साइज पॉलिसी लागू की। इसके तहत राजधानी में 32 जोन बनाए गए। हर जोन में 27 दुकानें खुलनी थीं। इस तरह कुल मिलाकर 849 दुकानें खोलने की नीति थी। नई नीति लागू होने से पहले तक दिल्ली में शराब की 60% दुकानें सरकारी और 40% प्राइवेट थीं, लेकिन नई नीति लागू होने के बाद 100% दुकानें निजी हाथों को सौंप दी गई। आरोप लगे तो दिल्ली सरकार ने खोखला तर्क गढ़ा कि इससे रेवेन्यू 3,500 करोड़ रुपये बढ़ने की उम्मीद है। अब 1 सितंबर से फिर से पुरानी एक्साइज पॉलिसी लागू हो जाएगी। इसके बाद शराब की दुकानें सरकारी एजेंसियां ही चलाएंगी।लाइसेंस शुल्क में छूट/कमी, बिना मंजूरी के एल-1 लाइसेंस के विस्तार में हुईं अनियमितताएं
सीबीआई के प्रवक्ता ने कहा कि शुक्रवार को मध्य दिल्ली में सिसोदिया के आधिकारिक आवास, दिल्ली, गुरुग्राम, चंडीगढ़, मुंबई, हैदराबाद, लखनऊ और बेंगलुरु सहित 31 स्थानों पर तलाशी ली गई, जिससे अब तक आपत्तिजनक दस्तावेज, विभिन्न कागजात, डिजिटल रिकॉर्ड आदि बरामद हुए हैं। प्रवक्ता ने बताया कि यह जांच में यह सामने आया है कि आबकारी नीति में संशोधन, लाइसेंसधारियों को अनुचित लाभ देने, लाइसेंस शुल्क में छूट/कमी, बिना मंजूरी के एल-1 लाइसेंस के विस्तार में अनियमितताएं की गईं। उन्होंने कहा कि यह भी आरोप लगाया गया था कि इन कृत्यों से अवैध लाभ को निजी पक्षों द्वारा संबंधित लोक सेवकों को उनके खातों की पुस्तकों में गलत प्रविष्टियां देकर बदल दिया गया था। प्राथमिकी में डिप्टी सीएम को आरोपी नंबर 1 के रूप में नामित किया गया है।मुख्य सचिव कुमार की गोपनीय रिपोर्ट पर एलजी सक्सेना की पहल पर हुआ भंडाफोड़ 
आपको बता दें कि दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और अन्य के खिलाफ ये पूरी कार्रवाई मुख्य सचिव नरेश कुमार की उस रिपोर्ट पर हो रही है, जिसमें एक्साइज पॉलिसी में गड़बड़ी होने का आरोप लगाया गया है। ये रिपोर्ट दो महीने पहले लेफ्टिनेंट गवर्नर वीके सक्‍सेना को सौंपी गई थी। मुख्य सचिव कुमार की रिपोर्ट पर एलजी ने सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। इस रिपोर्ट में GNCTD एक्ट 1991, ट्रांजेक्शन ऑफ बिजनेस रूल्स 1993, दिल्ली एक्साइज एक्ट 2009 और दिल्ली एक्साइज रूल्स 2010 के नियमों का उल्लंघन पाया गया था। सीबीआई ने अब 8 आरोपियों के खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी किया है. यानी, ये लोग अब देश छोड़कर नहीं जा सकते।

चीफ सेक्रेटरी की जांच में मिलीं इन सात ‘खामियां’ से आप सरकार हुई घेराबंदी  

1. मनीष सिसोदिया के निर्देश पर एक्साइज विभाग ने एयरपोर्ट जोन के एल-1 बिडर को 30 करोड़ रुपये रिफंड करने का निर्णय लिया। बिडर एयरपोर्ट अथॉरिटीज से जरूरी एनओसी नहीं ले पाया था। ऐसे में उसके द्वारा जमा कराया गया सिक्योरिटी डिपॉजिट सरकारी खाते में जमा हो जाना चाहिए था, लेकिन बिडर को वह पैसा लौटा दिया गया।
2. सक्षम अथॉरिटीज से मंजूरी लिए बिना एक्साइज विभाग ने 8 नवंबर 2021 को एक आदेश जारी करके विदेशी शराब के रेट कैलकुलेशन का फॉर्मूला बदल दिया और बियर के प्रत्येक केस पर लगने वाली 50 रुपए की इंपोर्ट पास फीस को हटाकर लाइसेंसधारकों को अनुचित लाभ पहुंचाया, जिससे सरकार को रेवेन्यू का भारी नुकसान हुआ।
3. टेंडर दस्‍तावेजों के प्रावधानों को हल्का करके L7Z (रिटेल) लाइसेंसियों को वित्‍तीय फायदा पहुंचाया गया, जबकि लाइसेंस फी, ब्‍याज और पेनाल्‍टी न चुकाने पर ऐक्‍शन होना चाहिए था।
4. सरकार ने दिल्ली के अन्य व्यवसायियों के हितों को दरकिनार करते हुए केवल शराब कारोबारियों को फायदा पहुंचाने के लिए कोविड काल में हुए नुकसान की भरपाई के नाम पर उनकी 144.36 करोड़ रुपये की लाइसेंस फीस माफ कर दी, जबकि टेंडर दस्तावेजों में ऐसे किसी आधार पर शराब विक्रेताओं को लाइसेंस फीस में इस तरह की छूट या मुआवजा देने का कहीं कोई प्रावधान नहीं था।5. सरकार ने बिना किसी ठोस आधार के और किसी के साथ चर्चा किए बिना नई पॉलिसी के तहत हर वॉर्ड में शराब की कम से कम दो दुकानें खोलने की शर्त टेंडर में रख दी। बाद में एक्साइज विभाग ने सक्षम अथॉरिटीज से मंजूरी लिए बिना नॉन कन्फर्मिंग वॉर्डों के बजाय कन्फर्मिंग वॉर्डों में लाइसेंसधारकों को अतिरिक्त दुकानें खोलने की इजाजत दे दी।
6. सोशल मीडिया, बैनरों और होर्डिंग्‍स के जरिए शराब को बढ़ावा दे रहे लाइसेंसियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। यह दिल्‍ली एक्‍साइज नियमों, 2010 के नियम 26 और 27 का उल्‍लंघन है।
7. लाइसेंस फीस में बढ़ोतरी किए बिना लाइसेंसधारकों को लाभ पहुंचाने के लिए उनका ऑपरेशनल पीरियड पहले 1 अप्रैल 2022 से बढ़ाकर 31 मई 2022 तक किया गया और फिर इसे 1 जून 2022 से बढ़ाकर 31 जुलाई 2022 तक कर दिया गया। इसके लिए सक्षम अथॉरिटी यानी कैबिनेट और एलजी से भी कोई मंजूरी नहीं ली गई। बाद में आनन फानन में 14 जुलाई को कैबिनेट की बैठक बुलाकर ऐसे कई गैरकानूनी फैसलों को कानूनी जामा पहनाने का काम किया गया। शराब की बिक्री में बढ़ोतरी होने के बावजूद रेवेन्यू में बढ़ोतरी होने के बजाय 37.51 पर्सेंट कम रेवेन्यू मिला।
शराब कारोबारियों को करोड़ों का फायदा देने के लिए नियमों को बौना साबित किया

  • एक्साइज डिपार्टमेंट ने एयरपोर्ट जोन में L1 लाइसेंसधारी को 30 करोड़ रुपये वापस कर दिए, क्योंकि उसे एयरपोर्ट अथॉरिटी की ओर से दुकान खोलने की अनुमति नहीं मिली थी। नियमानुसार ये रकम जब्त की जानी चाहिए थी।
  • विदेशों से आने वाली बीयर पर 50 रुपये प्रति केस के हिसाब से रकम ली जाती थी। इस फैसले को बिना किसी मंजूरी के वापस ले लिया गया। इससे सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचा।
  • सिसोदिया ने कैबिनेट तक को अंधेरे में रखा। शराब कारोबारियों को लाइसेंस फीस में 144.36 करोड़ रुपये की छूट दे दी गई। इसके लिए कोरोना का बहाना बनाया गया। इस छूट के लिए कैबिनेट को लूप में नहीं रखा गया, बल्कि मंत्री स्तर पर ही फैसला ले लिया गया।
  • इतना ही नहीं, आरोप ये भी हैं कि L7Z और L1 लाइसेंसधारियों का लाइसेंस पहले 1 अप्रैल से 31 मई और फिर 1 जून से 31 जुलाई तक बढ़ा दिया गया और इसके लिए एलजी की मंजूरी भी नहीं ली गई।

FIR का फेर: मनीष के करीबियों को पांच करोड़ शराब कारोबारी समीर महेंद्रू ने दिए

  • सीबीआई की एफआईआर में 15 आरोपियों में सिसोदिया पहले नंबर पर यानी मुख्य आरोपी हैं। एजेंसी के मुताबिक, अब तक की जांच में सामने आया है कि शराब कारोबारी समीर महेंद्रू एक्साइज पॉलिसी बनाने और उसे लागू करने में हुई कथित अनियमितताओं में शामिल थे।
  • सीबीआई के मुताबिक सिसोदिया के करीबी सहयोगियों को शराब व्यापारी समीर महेंद्रू ने 5 करोड़ रुपये का भुगतान किया था।
  • यही नहीं प्राथमिकी में सिसोदिया के तीन और करीबियों- अमित अरोड़ा (बडी रिटेल प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर), दिनेश अरोड़ा और अर्जुन पांडे का नाम भी शामिल है।
  • आरोप है कि इन्होंने आरोपी सरकारी अफसरों की मदद से शराब लाइसेंसधारियों से पैसा इकट्ठा किया और उसे दूसरी जगह डायवर्ट किया।
  • सीबीआई ने आरोपियों पर आपराधिक साजिश रचने और भ्रष्टाचार से जुड़ी धाराओं में केस दर्ज किया है। इनमें तीन पूर्व सरकारी अफसर एजी कृष्णा (पूर्व एक्साइज कमिश्नर), आनंद तिवारी (पूर्व डिप्टी एक्साइज कमिश्नर) और पंकज भटनागर (पूर्व असिस्टेंट एक्साइज कमिश्नर) का नाम भी शामिल है।
  • सीबीआई की एफआईआर में कुल 15 लोगों को आरोपी बनाया गया है। जिसमें मनीष सिसोदिया, तीन पूर्व सरकारी अफसर, 9 कारोबारी और दो कंपनियों के नाम शामिल हैं।

एलजी की सीबीआई जांच की सिफारिश से केजरीवाल की गिरफ्तारी तक…

  1. एलजी की सिफारिश के बाद सीबीआई ने प्रारंभिक जांच की और 17 अगस्त को इस मामले में एफआईआर दर्ज की।
  2. सीबीआई ने दिल्ली, मुंबई और हैदराबाद सहित विभिन्न स्थानों पर तलाशी लेने के बाद 13 व्यक्तियों, दो कंपनियों और ‘अन्य अज्ञात लोकसेवकों तथा निजी व्यक्तियों’ के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की है।
  3. सीबीआई ने शुक्रवार (19 अगस्त) को सिसोदिया के घर समेत 31 जगहों पर छापेमारी की थी। इस छापेमारी में कई ऐसे दस्तावेज मिले, जिससे सिसोदिया घिरते नजर आ रहे हैं।
  4. सीबीआई ने 21 अगस्त को तीन आरोपियों को पूछताछ के लिए बुलाया था। इनसे वित्तीय लेनदेन से जुड़ी जानकारी ली गई। आरोपियों के बयान दर्ज किए गए हैं।
  5. अधिकारियों के मुताबिक तीनों आरोपियों से लगभग 12 घंटे तक पूछताछ की गई थी। कुछ आरोपियों को फिर से पूछताछ के लिए बुलाया गया है।

6. सीबीआई की छापेमारी के दौरान जब्त किए गए दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स के एग्जामिनेशन के बाद दूसरे आरोपियों को भी समन जारी किया जाएगा।

7.दिल्ली शराब लाइसेंस घोटाले की जांच के दायरे में एक दर्जन से अधिक स्टैंडअप कॉमेडियन, हैदराबाद से जुड़े शराब के थोक और खुदरा व्यापारियों का एक ग्रुप और मुंबई के समान पते वाली कॉरपोरेट संस्थाएं सीबीआई के रडार पर हैं।

8. कुछ सेवारत और पूर्व अधिकारी, सोशल मीडिया पर अति सक्रिय रहने वाले लोग, घुड़दौड़, सट्टेबाजी और ऑनलाइन गेमिंग की गतिविधियों में लगे व्यक्ति और कंपनियां भी जांच के दायरे में हैं।

9. अभी 22 अगस्त को गृह मंत्रालय बड़ी कार्रवाई करते हुए शराब घोटाले के आरोप में तत्कालीन आबकारी आयुक्त अरवा गोपी कृष्णा और डिप्टी कमिश्नर आनंद तिवारी को निलंबित कर दिया है।

10. सरकार में नंबर दो और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को 26 फरवरी 2023 को सीबीआई ने शराब घोटाले में गिरफ्तार किया। 

11. आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह को ईडी ने दिनेश अरोड़ा की गवाही पर अक्टूबर 2023 में गिरफ्तार किया। संजय सिंह के जरिए ही अरोड़ा की मुलाकात मनीष सिसौदिया से हुई थी।

12. बीआरएस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री की बेटी के. कविता को 18 मार्च 2024 को गिरफ्तार किया गया। इसके बाद केजरीवाल की गिरफ्तारी की पुख्ता जमीन तैयार हो गई।

केजरीवाल पर कोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला, ED ने मांगी 10 दिन की रिमांड
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की प्रवर्तन निदेशालय ने कोर्ट से 10 दिन की रिमांड मांगी है। गिरफ्तारी के बाद शुक्रवार को ईडी की टीम ने केजरीवाल को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया, जहां कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया है। कोर्ट में केजरीवाल की ओर से पेश वकीलों ने रिमांड प्रार्थना पत्र को खारिज करने के लिए आवेदन किया है। कोर्ट में सुनवाई के दौरान केजरीवाल की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी पेश हुए। उन्‍होंने कहा कि ईडी साबित करे कि आखिर केजरीवाल की गिरफ्तारी की जरूरत क्यों है? वहीं एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने सुनवाई के दौरान कहा कि मनीष सिसोदिया ने भी मामले में मुख्य भूमिका निभाई. बुची बाबू के ज़रिए पहले 10 करोड़ और फिर 15 करोड़ रुपये कैश ट्रांसफर किये गए। वहीं केजरीवाल की तरफ से तीन वकीलों के पेश होने पर ईडी की ओर से विरोध जताया गया।आप ने गोवा चुनाव में फंड जुटाने के लिए आबकारी नीति में किया बदलाव
ईडी ने कहा कि इस मामले में भारी संख्या में इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों को नष्ट करने का इतिहास है। इसके बावजूद ईडी ने शानदार जांच की है। ईडी की ओर से कहा गया कि अभियोजन मामले का परीक्षण किया गया है और सुप्रीम कोर्ट ने इसे बरकरार रखा है। सुप्रीम कोर्ट ने इन सभी चीजों को परखा और मनीष सिसोदिया को जमानत देने से इनकार कर दिया। जांच की कई परते हैं, हमें इस मामले में तह तक जाना है। इसीलिए केजरीवाल की रिमांड जरूरी है। ईडी ने कहा कि आरोपी यह तय नहीं करेगा कि गिरफ्तारी की जरूरत है या नहीं। यह पूरी तरीके से जांच अधिकारी के विवेक पर निर्भर करता है कि कब उसे गिरफ्तारी की जरूरत है। वहीं एएसजी ने कहा कि इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि घोटाला और धोखाधड़ी हुई है। AAP के लिए गोवा चुनाव के लिए फंड जुटाने के लिए आबकारी नीति में बदलाव किया गया।हवाला से 45 करोड़ गोवा ट्रांसफर किए, आप केंडिडेट को भी दिए
ईडी ने कोर्ट में बताया कि केजरीवाल को गिरफ्तार करने से पहले ‘ग्राउंड ऑफ अरेस्‍ट’ बता दिया गया था। वहीं, सुनवाई के दौरान एएसजी ने आरोप लगाया कि शराब नीति घोटाले के मुख्‍य साजिशकर्ता अरविंद केजरीवाल हैं। केजरीवाल ने अन्‍य नेताओं के साथ मिलकर साजिश रची थी। केजरीवाल ने ही इस भ्रष्टाचार का षड्यंत्र रचा है। ASG राजू ने बताया कि एक सरकारी गवाह दिनेश अरोड़ा ने अपने बयान में खुलासा किया कि विजय नायर के निर्देश पर उसने 31 करोड़ रुपये दिया था। एएसजी ने सुनवाई के दौरान कहा, “हवाला के जरिए 45 करोड़ रुपये गोवा ट्रांसफर किए गए। न केवल बयान, बल्कि सीडीआर से भी इसकी पुष्टि होती है। हमने मनी ट्रेल की भी जांच की है। गोवा में पैसा 4 रास्तों से आता था। आरोपों की पुष्टि गोवा में आप के एक उम्मीदवार ने भी की है। इस व्यक्ति को नकद भुगतान भी किया गया। इस मामले में अरविंद केजरीवाल ने जानबूझकर ईडी के समन की अवहेलना की है।

साउथ ग्रुप से 10 करोड़ और फिर 15 करोड़ रुपये कैश ट्रांसफर किये गए
कोर्ट में बताया गया कि सीएम केजरीवाल को साउथ ग्रुप से किक बैक मिली थी। ASG राजू ने कहा कि केजरीवाल ने शरत रेड्डी को विजय नायर पर भरोसा रखने को कहा था। बुची बाबू के ज़रिए पहले 10 करोड़ और फिर 15 करोड़ रुपये कैश ट्रांसफर किये गए। केजरीवाल पंजाब और गोवा चुनाव के लिए फंडिंग चाहते थे। ईडी ने कहा गोवा चुनाव में 45 करोड़ रुपये का इस्तेमाल हुआ है। अपराध की आय में न केवल 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली गई है, बल्कि रिश्वत देने वालों द्वारा कमाया गया मुनाफा भी शामिल है। यह 600 करोड़ रुपये से अधिक था। विजय नायर, केजरीवाल का दाहिना हाथ है। वह केजरीवाल के लिए कीकबैक इकट्ठा करता था। पॉलिसी लागू कराना और जो ना माने उसे धमकाने का काम करता था। एडिशनल सॉलिसिटर राजू ने कहा कि मनीष सिसोदिया ने भी मामले में मुख्य भूमिका निभाई। सिसोदिया की जमानत सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी थी। मनीष सिसोदिया ने विजय नायर को केजरीवाल के घर बुलाया और शराब नीति से जुड़े दस्तावेज दिये। साथ ही उन्‍होंने कहा कि विजय नायर केजरीवाल और के. कविता के लिए काम कर रहा था, वह साउथ ग्रुप में मिडिल मैन की भूमिका में था।

अब आगे क्या: सोरेन, सिसोदिया और सत्येंद्र ने दिया इस्तीफा, क्या केजरीवाल भी देंगे?
केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या अब वो मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देंगे? क्या अब दिल्ली को नया मुख्यमंत्री मिलने जा रहा है? इसको समझने के लिए हाल ही में झारखंड में हुए घटनाक्रम को देखा जा सकता है। झारखंड में भी दिल्ली जैसा ही मामला सामने आया था। भ्रष्टाचार से जुड़े एक मामले में ईडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को कई समन जारी किए। इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। ईडी के गिरफ्तारी के बाद हेमंत सोरेन राजभवन जाकर राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया। इसके बाद झारखंड में चंपई सोरेन ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। झारखंड के हाल ही में हुए इस राजनीतिक घटनाक्रम के बाद दिल्ली में भी संशय बढ़ गया है। लेकिन केजरीवाल के इस्तीफा को लेकर अभी तक कुछ भी साफ तौर पर नहीं कहा गया है। झारखंड के घटनाक्रम के साथ-साथ दिल्ली में भी दो ऐसे उदाहरण हैं, जिससे केजरीवाल के इस्तीफा देने का दबाव है। मनीलॉन्ड्रिंग मामले में ईडी दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री और आम आदमी पार्टी के दो नेता मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। गिरफ्तारी के बाद सिसोदिया ने उपमुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, वहीं सत्येंद्र जैन ने भी स्वास्थ्य मंत्री के पद से इस्तीफा दिया था। ऐसे में अब उनकी ही पार्टी के मुखिया की गिरफ्तारी के बाद उनके इस्तीफे की भी चर्चा काफी तेज हो गई है। विपक्षी दल भी केजरीवाल के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।

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