साल 1996 में लालू यादव का नाम चारा घोटाले में आया तो बिहार में सियासी भूचाल पैदा हो गया। तमाम तरह की संभावनाओं के बीच लालू यादव ने दबाव में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। अटकलें लग रही थीं कि लालू के राजनीति सफर का अंत हो गया, लेकिन तभी लालू यादव ने राबड़ी देवी को मुख्यमंत्री बना दिया। लालू यादव की तरह दिल्ली के मुख्यमंत्री बड़े शराब घोटाले में फंसे हैं। आम आदमी पार्टी के सामने दो बड़े सवाल हैं- केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद चुनाव में पार्टी का चेहरा कौन होगा? और भ्रष्टाचार के आरोपों से पार्टी कैसे बाहर निकलेगी और इसके नुकसान की भरपाई हो सकेगी? आज हालात ये हैं कि आप पार्टी में सेकेंड लाइन में आम लोगों से जुड़ा कोई बड़ा नेता नहीं है, जिसे सामने किया जा सके। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद पार्टी इस पर विचार कर रही है कि केजरीवाल की पत्नी को पार्टी का चेहरा बनाया जाए। केजरीवाल को अगर जमानत नहीं मिलती है, तो सुनीता केजरीवाल पार्टी के लिए प्रचार कर सकती हैं।लालू, जयललिता, सोरेन ने दिया था सीएम पर दे इस्तीफा, लेकिन केजरीवाल…
लोक प्रतिनिधि अधिनियम 1951 में इस बात का कहीं उल्लेख नहीं है कि जेल जाने पर किसी जनप्रतिनिधि, मुख्यमंत्री या मंत्री को इस्तीफा देना पड़े। विधायक या सांसद जेल जाएं तो सरकारी कामकाज में बाधा नहीं पड़ती। मंत्रियों के जेल जाने पर भी उनके विभाग दूसरे मंत्रियों को दिए जा सकते हैं, लेकिन मद्रास हाईकोर्ट ने जेल जाने के बावजूद मंत्री पद से बर्खास्त नहीं करने पर राज्य सरकार की आलोचना की थी। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ED की गिरफ्तारी से पहले अपना त्यागपत्र दे दिया था। चारा घोटाले में गिरफ्तारी से पहले लालू प्रसाद यादव ने भी इस्तीफा देकर अपनी पत्नी राबड़ी को CM बना दिया था। इसी तरह जयललिता ने भी गिरफ्तारी से पहले इस्तीफा दे दिया था। लेकिन केजरीवाल से सीएम पद का मोह छूट ही नहीं रहा है। वे इस जिद पर अड़े हैं कि वे जेल से सरकार चलाएंगे। लेकिन जेल जाने के बावजूद त्यागपत्र नहीं देने से राज्य सरकार के समक्ष संवैधानिक संकट हो सकता है।जेल से सरकार चलाना आसान नहीं, राजनीति में ऐसा कोई उदाहरण भी नहीं
दरअसल, पार्टी को वन मैन शो की तरह चला रहे अरविंद केजरीवाल ने कोई सैकंड लाइनअप ही तैयार नहीं किया। मनीष सिसोदिया, संजय सिंह और सत्येंद्र जैसे कुछेक जो बड़े नेता थे, वे भी अब जेल की सलाखों के पीछे हैं। शराब घोटाले में गिरफ्तारी के बाद भी अरविंद केजरीवाल CM के पद पर हैं। पार्टी कह रही है कि वे जेल जाते हैं, तो वहीं से सरकार चलाएंगे। हालांकि पूर्व में इस तरह का कोई उदाहरण भी नहीं है, क्योंकि ये इतना आसान नहीं है। फाइलों पर साइन करने से लेकर कैबिनेट मीटिंग तक के लिए उन्हें बार-बार कोर्ट से परमिशन लेनी होगी। इसके अलावा लोकसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में न सिर्फ दिल्ली की सरकार चलाने की चुनौती है, बल्कि पार्टी को चुनाव की तैयारी भी करनी है। इसका पहला असर 22 मार्च को ही दिख गया। दिल्ली विधानसभा का विशेष सत्र अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी की वजह से स्थगित करना पड़ा।केजरीवाल के जेल जाने के बाद मजबूरी में एक्टिव हुई पत्नी सुनीता
सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद सुनीता केजरीवाल एक्टिव दिख रही हैं। दरअसल, यह उसकी मजबूरी भी है, क्योंकि आप के पास अब कोई बड़ा चेहरा है भी नहीं। इसलिए सुनीता केजरीवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट की थी। X पर सुनीता केजरीवाल की ये पोस्ट करीब एक साल बाद आई है। बीते एक साल में उन्होंने सिर्फ पार्टी और दूसरे नेताओं की पोस्ट को ही री-पोस्ट किया है। अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद उनकी पोस्ट को लेकर सोशल मीडिया पर भी चर्चा होने लगी कि सुनीता केजरीवाल पार्टी का चेहरा बन सकती हैं। केजरीवाल के जेल जाने के बाद उनकी पत्नी सुनीता दो बार कैमरे के सामने मैसेज दे चुकी हैं। वीडियो में वे उसी जगह बैठी दिख रही हैं, जहां से अरविंद केजरीवाल लोगों को मैसेज देते हैं। दिल्ली के राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि यह कदम सुनीता को पार्टी का चेहरा बनाने के लिए तो नहीं है?पति केजरीवाल को ‘भगवान’ की उपाधि दे रही हैं पत्नी सुनीता केजरीवाल
यह अलग बात है कि अपने मैसेज में सुनीता केजरीवाल भ्रष्टाचार के आरोप में जेल गए केजरीवाल को ‘भगवान’ की उपाधि दे रही हैं। उन्होंने केजरीवाल के भक्तों के कहा है कि वो आंखे बंद करके उनका ध्यान लगाएं तो वे जेल में रहते हुए भी उन्हें अपने आस-पास ही पाएंगे। मानो केजरीवाल भगवान की तरह घट-घट में समाए हुए हैं। केजरीवाल भले ही घट-घट में न समाए हों, लेकिन उनकी करतूतों के किस्से जरूर दिल्ली के कोने-कोने में सुर्खियों में हैं। दिल्ली से केजरीवाल कह रहे हैं कि उन्हें लोगों के घरों में पानी पहुंचाने की बड़ी चिंता है। दिल्ली के लोग चटखारे लेकर कर रहे हैं कि तीन बार मौका दिया। इतने सालों से सीएम बने हुए हैं। तब दिल्ली के लोगों की पानी की चिंता सिर्फ बयानों तक ही सीमित रही। अब ऐसी झूठी बयानबाजी का जिम्मा उनकी पत्नी ने ले लिया है।
जेल से सरकार चलाना गलत, फिर तो हर कोई जेल से ऑफिस चलाने लगेगा
पॉलिटिकल एक्सपर्ट मानते हैं कि ‘केजरीवाल जेल से सरकार चलाने की बात कह रहे हैं, लेकिन इससे गलत मैसेज जाएगा। फिर किसी यूनिवर्सिटी का वाइस चांसलर किसी केस में जेल चला गया, तो वो भी वहीं से ऑफिस चलाने की बात कहेगा। अपराधी भी कोर्ट से डिमांड करेंगे कि हमें भी जेल से काम करने की परमिशन दी जाए।’ दरअसल सीएम अरविंद केजरीवाल ने अबतक अपने पद से इस्तीफा नहीं दिया है। वह ईडी की कस्टडी से ही दिल्ली की सरकार चला रहे हैं। वह अब तक अपने मंत्रियों को दो निर्देश भी जारी कर चुके हैं। ऐसे में हर किसी के मन में एक सवाल उठ रहा है। क्या दिल्ली की सरकार ऐसे ही जेल से चलती रहेगी? दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने इसका साफ-साफ जवाब दे दिया कि ऐसा नहीं होगा।मैं भरोसा देता हूं कि दिल्ली की सरकार जेल से नहीं चलेगी- उप राज्यपाल
जेल से सरकार चलाने के AAP के दावे पर उप राज्यपाल वीके सक्सेना ने बुधवार को यह बड़ी बात कही। उनसे जब यह पूछा कि क्या दिल्ली की सरकार जेल से चलेगी? इस सवाल पर एलजी ने कहा कि ‘ मैं लोगों को भरोसा देता हूं कि दिल्ली की सरकार जेल से नहीं चलेगी।’ कार्यक्रम के पहले दिन एलजी ने देश में हर क्षेत्र में हो रही तरक्की का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि भारत तेजी से विकास कर रहा है। विकास की यह यात्रा आगे बढ़ती रहेगी। भारत को अब रोका नहीं जा सकता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए उप राज्यपाल ने कहा कि पीएम देश को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने पर काम कर रहे हैं। एलजी ने जन धन योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि देश में इसके तहत 50 करोड़ बैंक खाते खुले और 50 करोड़ से ज्यादा लोगों के पास अपने मोबाइल फोन हैं।