आम आदमी पार्टी की कलई लोकसभा चुनाव से पहले ही खुलने लगी है। एक ओर आप संयोजक और सीएम केजरीवाल दिल्ली के सबसे बड़े शराब घोटाले में जेल की हवा खा रहे हैं। दूसरी ओर आम आदमी पार्टी के लोकसभा में इकलौते सांसद ने पार्टी से नाता तोड़ लिया है। पंजाब प्रदेश से आप सांसद सुशील कुमार रिंकू के भाजपा में शामिल होने के साथ ही आप का लोकसभा चुनाव से पहले ही लोकसभा से सूपड़ासाफ हो गया है। सांसद रिंकू ने यह कदम तब उठाया है, जबकि उनको आप ने जालंधर से टिकट देने की घोषणा कर दी थी। रिंकू के साथ ही जालंधर ईस्ट से आम आदमी पार्टी के विधायक शीतल अंगूरल भी बीजेपी में शामिल हो गए हैं। इधर ईडी की गिरफ्त में बंद सीएम अरविंद केजरीवाल की याचिका पर बुधवार को दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। तमाम दलीलों को सुनने के बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने केजरीवाल को राहत देने से इनकार कर दिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने ईडी से 2 अप्रैल तक जवाब मांगा है। आप को तो झटके पर झटके लग ही रहे हैं।आप जिस इंडी अलायंस में सहयोगी है, उसका कुनबा भी लोकसभा चुनाव से पहले ही बिखरने लगा है। पंजाब में तो खैर कांग्रेस और आप दोनों एक दूसरे के विरोध में हैं ही। इसके साथ ही इंडी अलायंस की पटरी बिहार और महाराष्ट्र में भी अपने सहयोगियों के साथ नहीं बैठ पा रही है।पंजाब में दो दिन में बीजेपी मजबूत, कांग्रेस-आप के सांसद भाजपा में आए
पंजाब में लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस और आप नेताओं का पाला बदलने का सिलसिला जारी है। मंगलवार को कांग्रेस के एक सांसद ने बीजेपी का दामन थाम लिया और बुधवार को आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लगा है। आम आदमी पार्टी के लोकसभा में इकलौते सांसद सुशील कुमार रिंकू और जालंधर ईस्ट से आम आदमी पार्टी के विधायक शीतल अंगूरल बीजेपी में शामिल हो गए। पंजाब में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस दोनों अलग-अलग चुनाव लड़ रही है। सुशील कुमार रिंकू पहले कांग्रेस में रह चुके हैं और उन्होंने जालंधर पश्चिम सीट से 2017 में विधानसभा चुनाव जीता था। हालांकि 2023 में जालंधर सीट पर हुए उपचुनाव में आप ने उन्हें जालंधर से प्रत्याशी बनाया था और वह पिछले एक साल से इस सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।टिकट देने के बाद भी आप के रिंकू ने लिया पार्टी को छोड़ने का फैसला
आप के दो बड़े नेताओं ने ऐसे समय में देश की सत्तारूढ़ पार्टी ज्वाइन करने का फैसला किया है जब लोकसभा चुनाव सिर पर हैं। इतना ही नहीं आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय कन्वीनर अरविंद केजरीवाल को ईडी ने आबकारी नीति मामले में गिरफ्तार कर लिया है। और वह छह दिनों की रिमांड पर हैं। बता दें कि पंजाब में लोकसभा की 13 सीटें हैं जहां आप और कांग्रेस ने अलग-अलग चुनाव लड़ने का फैसला किया है। आप ने अब तक 8 सीटों पर प्रत्याशी उतार दिए हैं जिनमें रिंकू का नाम भी शामिल था। लेकिन रिंकू और शीतल के बीजेपी में शामिल होने के बाद आम आदमी पार्टी के सारे समीकरण गड़बड़ा गए हैं।
खालिस्तान के धुर विरोधी कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू भाजपा में शामिल
अरविंद केजरीवाल को बता चुके हैं “महाठग” pic.twitter.com/5uyyhDhhJP— Panchjanya (@epanchjanya) March 26, 2024
आप विधायक अंगुरल और कांग्रेस सांसद बिट्टू भी बीजेपी में हुए शामिल
दिलचस्प तथ्य यह भी है कि शीतल अंगुरल वहीं है, जिन्होंने 2022 विधानसभा चुनाव में सुशील कुमार रिंकू को हराया था। हालांकि इस हार के बाद रिंकू आप में शामिल हो गए थे। शीतल अंगुरल जालंधर पश्चिम सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं। अंगुरल पेशे से राजनीतिज्ञ है और दो साल पहले ही चुनावी राजनीति में हाथ आजमाया था। बता दें कि मंगलवार को ही लुधियाना से कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू ने बड़ा फैसला लेते हुए बीजेपी ज्वाइन कर ली थी। उन्होंने कहा था कि वह पंजाब और केंद्र के बीच के गैप को पाटना चाहते हैं इसलिए बीजेपी में आए हैं।चुनाव से पहले ही इंडी अलायंस का कुनबा के दल एक-दूसरे के खिलाफ
पंजाब ही नहीं, कांग्रेस का अपने सहयोगी दलों के साथ कई अन्य राज्यों में भी सीट बंटवारे पर विवाद चरम पर है। पश्चिम बंगाल में टीएमसी ने एक भी सीट कांग्रेस के लिए नहीं छोड़ी। पंजाब में आप व केरल में सीपीएम ने गठबंधन से साफ इंकार कर दिया। इन राज्यों की 75 सीटों पर सहयोगी दल आमने-सामने चुनाव लड़ते दिख सकते हैं। इसी तरह महाराष्ट्र में प्रकाश अंबेडकर की पार्टी से पेंच उलझा हुआ है। बिहार में इंडिया गठबंधन में शामिल कांग्रेस और आरजेडी के बीच सीट बंटवारे का मामला उलझा हुआ है। सबसे पुराने सहयोगी होने के बावजूद करीब पांच सीटों को लेकर सहमति नहीं बन पा रही है। इसके चलते उम्मीदवारों के नामों की घोषणा भी अटकी हुई है। इंडिया गठबंधन से पहले यूपीए वन व टू में आरजेडी कांग्रेस का सबसे विश्वसनीय सहयोगी रहा है।
बिहार में आरजेडी और कांग्रेस के बीच पांच सीटों पर फंसा है पेंच
कहने को तो लालू प्रसाद यादव और गांधी परिवार के रिश्ते काफी मजबूत रहे हैं। इसके बावजूद सीट बंटवारे में उलझन से हर कोई हैरान है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जेडीयू के गठबंधन से बाहर होने के बाद कांग्रेस ने बिहार की करीब 15 सीटों पर चुनाव लड़ने का दावा किया था। आरजेडी इतनी सीट नहीं देना चाहती थी। कई दौर की बातचीत के बाद आरजेडी ने पहले छह और अब आठ सीटें देने का ऑफर कांग्रेस को दिया है। इनमें सासाराम, समस्तीपुर, पटना साहिब, भागलपुर, मुजफ्फरपुर/शिवहर, सुपौल, किशनगंज और पश्चिमी चंपारण सीट शामिल है। उधर, कांग्रेस पूर्णिया, औरंगाबाद, काराकाट, बक्सर और कटिहार सीट भी चाहती है। इसी तरह कटिहार से दिग्गज नेता तारिक अनवर के कांग्रेस में आने के बाद उनको यहां से उम्मीदवार बनाए जाने की चर्चा थी। चुनावी तैयारियों के लिए अनवर को पार्टी महासचिव की जिम्मेदारी भी वापस ली गई थी। इसी तरह काराकाट से लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष मीरा कुमार के पुत्र चुनाव में उतरना चाहते हैं।
महाराष्ट्र में इंडी अलायंस के दलों के बीच 8 सीटों को लेकर चल रहा विवाद
महाराष्ट्र में इंडिया गठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर खींचतान जारी है। राज्य में 5 चरणों में चुनाव होने हैं। पहले चरण में 5 सीटों पर वोट पड़ेंगे। सूत्रों के अनुसार यहां गठबंधन दलों में 8 सीटों को लेकर विवाद है। सांगली सीट को लेकर कांग्रेस और शिवसेना (उद्धव गुट) के बीच खींचतान जारी है। रामटेक, भिवंडी, बुलढाणा, मुंबई उत्तर मध्य और मुंबई दक्षिण मध्य में भी दोनों पार्टियों में मतभेद हैं। कांग्रेस रामटेक, भिवंडी और मुंबई की 2 में से एक सीट मांग रही है, जिस पर शिवसेना (यू) के नेता उद्धव ठाकरे सहमत नहीं हैं।